प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को निदेश - निर्यातकों, आयातकों और वस्तु(मर्चेंटिंग) व्यापारियों को सहूलियत प्रदान करने तथा उन पर अनुपालन बोझ को कम करने संबंधी उपाय
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दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में किए गए घोषणा के अनुसार, निर्यातकों, आयातकों और वस्तु व्यापारियों को परिचालनगत सहूलियत प्रदान करने और उन पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिए मौजूदा निदेशों में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं: (क) मर्चेंटिंग ट्रेड लेनदेन (एमटीटी) वैश्विक व्यापार संबंधी अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय व्यापारियों को अपने एमटीटी को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 अक्तूबर 2025 को ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र संख्या 11 जारी किया, जिसमें एमटीटी के मामले में विदेशी मुद्रा परिव्यय की समयावधि को चार महीने से बढ़ाकर छह महीने करने का निर्णय लिया गया है। (ख) निर्यातकों और आयातकों पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिए लदान (शिपिंग) बिलों और प्रविष्टि पत्रों को बंद करने की प्रक्रिया को सरल बनाना
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1225 |