भुगतान प्रणालियों का मांग-पर प्राधिकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भुगतान प्रणालियों का मांग-पर प्राधिकरण
15 अक्टूबर 2019 भुगतान प्रणालियों का मांग-पर प्राधिकरण भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 जनवरी 2019 को अपनी वेबसाइट पर नई खुदरा भुगतान प्रणालियों के प्राधिकार पर एक नीति पत्र जारी किया था और वहां आम जनता से टिप्पणियों को आमंत्रित किया था। व्यक्तियों, सार्वजनिक और निजी संस्थाओं, संस्थानों और उद्योग संघों से टिप्पणियां / प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर, 07 अगस्त 2019 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषणा की गई थी कि नवाचार और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए साथ ही जोखिम के विविधीकरण से लाभान्वित होने के लिए, रिज़र्व बैंक भारत बिल भुगतान परिचालन इकाई (बीबीपीओयू); ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरइडीएस); और वाईट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) के लिए, इच्छुक संस्थाओं को जो प्लेटफॉर्म का कार्य करने/ संचालित करने/ के लिए इच्छुक है, ‘मांग पर’ प्राधिकरण के लिए अनुदेश जारी करेगा। 2. तदनुसार, निम्नलिखित संस्थाओं के लिए मांग- पर प्राधिकरण देने का निर्णय लिया गया है : i. भारत बिल भुगतान परिचालन इकाई (बीबीपीओयू)। ii. ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरइडीएस)। iii. वाईट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) 3. उपरोक्त खुदरा भुगतान प्रणालियों में से प्रत्येक के लिए पूंजी और अन्य आवश्यकताएं अनुलग्नक में दी गई हैं। 4. खुदरा भुगतान प्रणाली के लिए केवाईसी आवश्यकताएं बैंकिंग विनियमन विभाग (डीबीआर), भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए आपके ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर मास्टर निर्देशों के अनुसार होंगी। 5. भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को विभिन्न खुदरा भुगतान प्रणालियों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करनी चाहिए। 6. प्राधिकरण (क) प्रस्ताव के गुणों और (ख) रिजर्व बैंक के उस सेगमेंट में अतिरिक्त संस्थाओं के लिए क्षमता आकलन के आधार पर दिया जाएगा। 7. प्राधिकरण के लिए आवेदन निम्नलिखित को प्रस्तुत किए जाएं: मुख्य महाप्रबंधक (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/953 |