ग्राहकों के केवाईसी विवरणों का आवधिक अद्यतनीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
ग्राहकों के केवाईसी विवरणों का आवधिक अद्यतनीकरण
5 जनवरी 2023 ग्राहकों के केवाईसी विवरणों का आवधिक अद्यतनीकरण भारतीय रिज़र्व बैंक ने ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने के लिए उपलब्ध तकनीकी विकल्पों को ध्यान में रखते हुए, समय-समय पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के अंतर्गत निर्धारित ढांचे और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के भीतर केवाईसी संबंधी निर्देशों को युक्तिसंगत बनाने के उपाय किए हैं। मई 2021 में केवाईसी (पुनः केवाईसी) के आवधिक अद्यतन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया था (केवाईसी पर आरबीआई मास्टर निदेश की धारा 38)। 2. वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि केवाईसी जानकारी में कोई संशोधन नहीं होता है, तो एकल ग्राहक से इस आशय की एक स्व-घोषणा पुनः केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। बैंकों को सूचित किया गया है कि वे एकल ग्राहक को इस तरह की स्व-घोषणा की सुविधा विभिन्न गैर-आमने-सामने चैनलों यथा पंजीकृत ईमेल-आईडी, पंजीकृत मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल (जैसे ऑनलाइन बैंकिंग / इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल एप्लिकेशन), पत्र, आदि, के माध्यम से बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता के बिना प्रदान करें। इसके अलावा, यदि केवल पते में परिवर्तन होता है, तो ग्राहक इनमें से किसी भी चैनल के माध्यम से संशोधित/अद्यतन पता प्रस्तुत कर सकते हैं, जिसके बाद बैंक दो महीने के भीतर घोषित पते का सत्यापन करेगा। 3. चूंकि बैंकों को अपने अभिलेख को अद्यतन और प्रासंगिक रखने के लिए समय-समय पर समीक्षा और अद्यतन करना अनिवार्य है, कुछ मामलों में एक नई केवाईसी प्रक्रिया/दस्तावेज़ीकरण करना पड़ सकता है, जिसमें बैंक अभिलेख में उपलब्ध केवाईसी दस्तावेज़ आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों की वर्तमान सूची (अर्थात पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार संख्या होने का प्रमाण, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र) के अनुरूप नहीं हैं या जहां पहले प्रस्तुत किए गए केवाईसी दस्तावेज की वैधता समाप्त हो गई हो, जैसे मामले शामिल हैं। ऐसे मामलों में, बैंकों को ग्राहक द्वारा प्रस्तुत केवाईसी दस्तावेजों / स्व-घोषणा की प्राप्ति- सूचना प्रदान करने की आवश्यकता होती है। 4. जैसा कि केवाईसी पर मास्टर निदेश की धारा 18 में प्रदान किया गया है, नई केवाईसी प्रक्रिया बैंक शाखा में जाकर, या वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) (जहां भी बैंकों द्वारा इसे सक्षम किया गया है) के माध्यम से की जा सकती है। 5. बैंकों के एकल ग्राहकों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे (ए) पुनः केवाईसी (जैसे पैरा 2 में उल्लिखित विभिन्न गैर-आमने-सामने चैनलों के माध्यम से स्व-घोषणा प्रस्तुत करना) पूरा करने के लिए अपने बैंक से उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें; अथवा (बी) बैंक शाखा में जाकर या वी-सीआईपी के माध्यम से दूरस्थ रूप से केवाईसी पूरा करें। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2022-2023/1500 |