भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में आया है कि अनैतिक तत्व, किसी न किसी रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उपयोग करके जनता को धोखा देने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे धोखेबाजों द्वारा अपनाई गई विभिन्न कार्यप्रणालियों का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:
- लुभाने वाले तरीके: धोखेबाज़, भारतीय रिज़र्व बैंक के नकली लेटर हेड और नकली ईमेल पते का इस्तेमाल करते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के कर्मचारी के रूप में प्रतिरूपण करते हैं, और लोगों को लॉटरी जीतने, निधि अंतरण, विदेशी मुद्रा विप्रेषण, सरकारी योजनाएं आदि जैसे फर्जी प्रस्तावों के साथ लुभाते हैं। लक्षित पीड़ितों को मुद्रा प्रसंस्करण शुल्क, अंतरण/ धन विप्रेषण/ प्रक्रिया प्रभार आदि के रूप में पैसे देने के लिए मजबूर किया जाता है। एक और तरीका जो हमारे संज्ञान में आया है, वह है लघु/ मध्यम व्यवसायों को धोखेबाजों द्वारा सरकारी/ भारतीय रिज़र्व बैंक अधिकारियों के रूप में संपर्क किया जाता है और आकर्षक भुगतान के वादे के साथ सरकारी संविदा या योजना की आड़ में "सुरक्षा जमाराशि" का भुगतान करने के लिए कहा जाता है।
- भयभीत करने वाले तरीके: पीड़ितों से आईवीआर कॉल, एसएमएस, ईमेल इत्यादि के जरिए संपर्क किया जाता है, जिसमें धोखेबाज़, भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी बनकर उनके बैंक खातों को फ्रीज/ ब्लॉक/ निष्क्रिय करने की धमकी देते हैं और उन्हें कतिपय व्यक्तिगत विवरण, खाता/ लॉगिन विवरण/ कार्ड की जानकारी, पिन, ओटीपी इत्यादि साझा करने के लिए सहमत/ मजबूर करते हैं या संचार में दिए गए लिंक का उपयोग करके कतिपय अनधिकृत/ असत्यापित एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए कहते हैं। धोखेबाजों द्वारा स्वयं को सरकारी एजेंसियों/ भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी बताकर पीड़ितों को अवैध सामान और वस्तुएं भेजने या प्राप्त करने और संदिग्ध बैंकिंग लेनदेन, धन-शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), जालसाज़ी इत्यादि में शामिल होने के लिए भयभीत करने के मामले भी हमारे संज्ञान में आए हैं। साइबर अपराधियों द्वारा “ब्लैकमेल” और “डिजिटल गिरफ्तारी” की घटनाओं पर सामने आने वाली विभिन्न रिपोर्टें भी बैंक के संज्ञान में है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक की फर्जी आधिकारिक मान्यता: भारतीय रिज़र्व बैंक को संस्थाओं के कतिपय वेबसाइटों और ऐप्स जैसे अनधिकृत डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स और अन्य कथित वित्तीय सेवा प्रदाताओं का पता चला है, जो धोखाधड़ीपूर्वक भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ एनबीएफसी, डिजिटल ऋणदाता ऐप, भुगतान प्रणाली परिचालक आदि के रूप में पंजीकृत होने का दावा करते हैं।
उपरोक्त के मद्देनज़र, भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नलिखित दोहराता है:
- भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में किसी व्यक्ति/ कंपनी/ न्यास के नाम पर कोई खाता नहीं रखता है, जिसमें धन संवितरण के लिए धन रखा जाता हो। यह व्यक्तियों के लिए खाते भी नहीं खोलता है या न ही उन्हें उन खातों में धन जमा करने के लिए कहता है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक लॉटरी धनराशि, आदि के प्रदान करने की सूचना देने वाले ईमेल नहीं भेजता है, या न ही लॉटरी जीतने या विदेश से प्राप्त धनराशि के फर्जी प्रस्ताव की जानकारी देने के लिए कोई एसएमएस, पत्र या ईमेल भेजता है।
- साइबर अपराधियों द्वारा सरकारी एजेंसियों/ भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी बनकर किए गए कॉल, ईमेल और अन्य संचार से सावधान रहें, जो किसी लुभावने ऑफर या चिंताजनक मुद्दे के बहाने धन अंतरण के लिए कहते हैं।
- खाता लॉगिन विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियां, कार्ड की जानकारी, पिन, पासवर्ड, ओटीपी आदि को अज्ञात व्यक्तियों या एजेंसियों के साथ साझा न करें। इसके अलावा, इस तरह के विवरण को असत्यापित/ अनधिकृत वेबसाइटों या एप्लिकेशन के माध्यम से साझा नहीं किया जाना चाहिए। यदि उन्हें ऐसा कोई अनुरोध प्राप्त होता है, तो ग्राहकों से अनुरोध है कि वे अपने बैंक/ शाखा से संपर्क करें।
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी संस्थाओं की सूची बैंक की वेबसाइट (https://rbi.org.in) पर अपलोड की गई है। जनता को सूचित किया जाता है कि वे किसी अन्य वेबसाइट या ऐप द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक की फर्जी आधिकारिक मान्यता के झांसे में न आएं।
जनता को सूचित किया जाता है कि वे ऐसे लोगों/ संस्थाओं से प्राप्त संचार पर जवाब न दें तथा ऐसी घटनाओं की सूचना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें। (पुनीत पंचोली) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/998
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