RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

81337771

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पटना पर मौद्रिक दंड लगाया

12 जून 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पटना पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जून 2023 के आदेश द्वारा दि बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पटना (बैंक) पर निम्नलिखित के लिए 60.20 लाख (साठ लाख और बीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है:

  1. बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धाराओं 24(3), 26 और 27(1) तथा बैंककारी विनियमन (सहकारी समितियां) नियम, 1966 (बीआर नियम) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए;

  2. भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के “राज्य/जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (एसटीसीबी/डीसीसीबी) में ग्राहक सेवा” संबंधी निदेशों, दोनों बीआर अधिनियम के अंतर्गत जारी, के अननुपालन के लिए;

  3. प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 [सीआईसी (आर) अधिनियम] के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता" संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए; और

  4. बीआर अधिनियम की धारा 27(3) के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा जारी "ऑफ-साइट निगरानी प्रणाली – विवरणी का संशोधन" संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए।

यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) और सीआईसी (आर) अधिनियम की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान, बैंक (i) प्रभावी पहचान और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्टिंग के एक भाग के रूप में किसी भी मजबूत सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने; (ii) निर्धारित समय-सीमा के भीतर सांविधिक विवरणी प्रस्तुत करने; (iii) निर्धारित समय-सीमा के भीतर ऑफ-साइट निगरानी प्रणाली विवरणी प्रस्तुत करने; (iv) सभी चार साख सूचना कंपनियों को डेटा प्रस्तुत करने; और (v) बोर्ड की ग्राहक सेवा समिति गठित करने, बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित ग्राहक शिकायत निवारण नीति स्थापित करने और अपनी शाखाओं में अपने ग्राहकों/घटकों की शिकायतों के लिए कोई रजिस्टर रखने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि सांविधिक प्रावधानों और निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उक्त सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक और नाबार्ड द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/392

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?