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रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

सीएसजीएल, यानी घटकों की सहायक सामान्य लेजर खाता, इसका अर्थ है ऐसे एजेंट के घटकों की ओर से एक एजेंट द्वारा आरबीआई के साथ खोला गया और रखा गया प्रतिभूति खाता, अर्थात आरबीआई के साथ एक एजेंट द्वारा अपने घटकों की ओर से प्रतिभूतियों को रखने के लिए खोला गया खाता। घटकों को गिल्ट खाता धारकों (जीएएचएस) के रूप में जाना जाता है।

देशी जमा

IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम

हाँ. बैंक कंपनियों को एक वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए प्रत्याशित इक्विटी प्रवाह /निर्गम और अपरिवर्तनिय डिबेंचर, बाह्य वाणिज्यिक उधार, ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीदों से प्राप्त होने वाली राशि तथा / या विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के रूप में प्राप्त होने वाली निधि को ध्यान में रखते हुए ‘ब्रिज लोन’ स्वीकृत कर सकते हैं, बशर्ते बैंक इस बात से संतुष्ट हो कि उधारकर्ता कंपनी ने उपर्युक्त संसाधन /निधि जुटाने के लिए पक्की व्यवस्था की है। बैंक द्वारा स्वीकृत ब्रिज लोन पूंजी बाजार में बैंक के एक्सपोज़र की 5 प्रतिशत की निर्धारित उच्चतम सीमा के भीतर होगा।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या पैसा भविष्य में आभूषणों की आपूर्ति के लिए बतौर अग्रिम लिया जा रहा है या पैसा ब्याज के साथ वापस करने के वादे के साथ लिया गया है। ज्वैलरी शॉप द्वारा करार की अवधि के अंत में आभूषणों की आपूर्ति के लिए किस्तों में पैसा लेना जमाराशि लेना नहीं है। उसे जमाराशियां तभी माना जायेगा यदि ज्वैलरी शॉप द्वारा प्राप्त पैसे की वापसी के समय मूलधन के साथ-साथ ब्याज देने का वादा भी किया गया हो।

भारत में विदेशी निवेश

IV. रिपोर्टिंग में विलंब

उत्तर: विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत रिपोर्टिंग संबंधी मास्टर निदेश में रिपोर्टिंग अपेक्षाओं को निर्धारित किया गया है।

भारतीय मुद्रा

ड़) जाली नोट/जालसाजी

भारतीय रिज़र्व बैंक काफी मात्रा में नकद राशि संभालने वाले व्यक्तियों, जैसे बैंकों/उपभोक्ता मंचों/व्यापारिक संगठनों/शैक्षणिक संस्थानों/पुलिस पेशेवरों, के लिए बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं की प्रामाणिकता संबंधी प्रशिक्षण सत्र आयोजित करता है । इन प्रशिक्षण सत्रों के अतिरिक्त, बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं से संबंधित जानकारी बैंक की वेबसाइट https://rbi.org.in/hi/web/rbi/rbi-kehta-hai/know-your-banknotes पर भी उपलब्ध है ।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Repayment of matured deposits

An NBFC accepts deposits under a mutual contract with its depositors. In case a depositor requests for pre-mature payment, Reserve Bank of India has prescribed Regulations for such an eventuality in the Non-Banking Financial Companies Acceptance of Public Deposits (Reserve Bank) Directions, 1998. However, premature repayment of deposits is the sole discretion of the company concerned. In other words, if the company agrees to pre-pay deposits at the request of the depositor, the depositor and the company are deemed to have mutually agreed to amend the terms of contract. On the above analogy, if a company intends to pre-pay deposits, it can seek the consent of the depositors for such pre-mature repayment and if the depositors agree, a company can do so. It does not involve prior approval of RBI so long as the provisions relating to minimum period regarding repayment of deposits are not violated.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

हां, प्रतिभूतियों को किसी रिश्तेदार/मित्र/पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति को उपहार में दिया/हस्तांतरित किया जा सकता है। बांड को सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 और सरकारी प्रतिभूति विनियम, 2007 के प्रावधानों के अनुसार स्थानांतरित किया जाएगा।

देशी जमा

IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम

शेयरों, डिबेंचरों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बांडों की जमानत पर व्यक्तियों को स्वीकृत ऋण / अग्रिम, यदि प्रतिभूति भैतिक रूप में हो तो 10 लाख रुपये और यदि प्रतिभूति ‘अमूर्त’ रूप में हो तो 20 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आइपीओ) में अभिदान के लिए व्यक्ति को 10 लाख रुपये तक अधिकतम वित्त स्वीकृत किया जा सकता है। परंतु, बैंक को अन्य कंपनियों के आइपीओ में निवेश के लिए कंपनियों को वित्त उपलब्ध नहीं करना चाहिए। बैंक कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (इएसओपी) के अंतर्गत कर्मचारियों को अपनी कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए शेयरों के क्रय मूल्य के 90 प्रतिशत या 20 लाख रुपये, इनमें जो भी कम हो, तक अग्रिम स्वीकृत कर सकते हैं। आइपीओ में अभिदान के लिए व्यक्तियों को ऋण देने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को वित्त उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए। आइपीओ में अभिदान के लिए बैंक द्वारा स्वीकृत ऋणों / अग्रिमों को पूंजी बाजार का एक्सपोज़र मानना चाहिए।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

ऐसे अनिगमित निकाय, यदि जनता से जमाराशियां लेते हुए पाए जाते है तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा एनबीएफसी के किसी भी अनिगमित निकाय से संबद्ध होने को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। यदि एनबीएफसी भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम का उल्लंघन करते हुए जमाराशियां स्वीकार करने वाली किसी प्रोप्राइटरशिप/भागीदारी फर्म से जुड़ाव रखती है, तो उसके खिलाफ आपराधिक कानून या जमाकर्ता हित संरक्षण (वित्तीय संस्थाओं में) अधिनियम, यदि राज्य सरकार द्वारा पारित हो, के तहत अभियोग चलाया जा सकता है।

भारत में विदेशी निवेश

IV. रिपोर्टिंग में विलंब

उत्तर: फेमा, 1999 के तहत जारी की गई अधिसूचना के आधार पर विदेशी निवेश किया जा सकता है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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