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प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ट. पीएसएलसी

उत्तर: गलत वर्गीकरण, यदि कोई हो, को केवल पीएसएलसी विक्रेता बैंक की उपलब्धि से कम करना होगा। पीएसएलसी खरीदार के लिए कोई जोखिम नहीं होगा, भले ही, ट्रेड किए गए पीएसएलसी की अंतर्निहित आस्ति का गलत वर्गीकरण हो जाए।

ञ) पीएसएलसी

उत्तर: मिलान किए गए प्रीमियम का वास्तविक समय पर निपटान किया जाएगा। तदनुसार, आरबीआई के साथ सहभागी बैंकों के संबंधित चालू खातों को मिलान किए गए प्रीमियम की सीमा तक डेबिट/क्रेडिट किया जाएगा।

ट. पीएसएलसी

उत्तर: ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म न्यूनतम बिक्री प्रस्ताव से खरीद प्रस्ताव के नियम का पालन करते हुए खरीद और बिक्री प्रस्ताव का मिलान करेगा और फिर उसके भीतर FIFO आधार पर मिलान करेगा। उदाहरण के लिए, एक खरीदार ने किसी विशेष पीएसएलसी प्रकार के लिए 2% प्रीमियम का भुगतान करने की पेशकश की और वही 1.5%, 1.8% और 2% पर उपलब्ध है, पोर्टल सबसे पहले 1.5% पर बिक्री सौदे के साथ मिलान करेगा और किसी भी बचे हुए यूनिट के लिए फिर 1.8% और फिर उसी क्रम में 2% की बिक्री पेशकश के साथ मिलान करेगा, बशर्ते खरीद प्रस्ताव कतार में पहले हो (खरीद प्रस्ताव की नियुक्ति के समय के आधार पर)।

उत्तर: ऑर्डर मिलान पोर्टल के माध्यम से नामरहित (अज्ञात) आधार पर किया जाएगा और खरीदार/विक्रेता प्रति‍पक्षकार का चयन नहीं कर सकते। आंशिक मिलान, बिक्री और खरीद के लिए श्रेणीवार पीएसएलसी लॉट के प्रीमियम और उपलब्धता के मिलान पर निर्भर करेगा।

उत्तर: सामान्य ट्रेडिंग का समय सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक होगा। पीएसएलसी बाजार शनिवार, रविवार, महाराष्ट्र सरकार द्वारा परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के तहत घोषित छुट्टियों को छोड़कर सभी दिनों में संचालित होता है।

ठ. प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत आगे-उधार (ऑन-लेंडिंग)

उत्तर:  प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार पर मास्टर निदेश, 2025 के पैरा 22, 23 और 24 बैंकों को पात्र प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्रों को आगे ऋण देने के लिए एचएफसी और एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एमएफआई (सोसायटी, ट्रस्ट आदि) सहित एनबीएफसी को दिए गए उनके ऋण को पीएसएल के रूप में वर्गीकृत करने की अनुमति देते हैं, जो इस क्षेत्र के लिए आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त एसआरओ के सदस्य हैं।  बैंक आगे-उधार (ऑन-लेंडिंग) देने के पीएसएल वर्गीकरण के लिए एक समान कार्यप्रणाली अपना सकते हैं, जो इस प्रकार है:

क) पीएसएल के तहत वर्गीकरण:

  • बैंक पीएसएल की संबंधित श्रेणियों में पात्र संस्थाओं को आगे उधार को वर्गीकृत कर सकते हैं। वर्गीकरण की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब संस्था ने बैंक से धनराशि प्राप्त करने के बाद अंतिम लाभार्थी को प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र ऋण वितरित कर दिया हो तथा धनराशि पीएसएल परिसंपत्तियों में निवेशित रहे।
  • पात्र संस्थाओं को बैंकों को एक लेखा परीक्षक प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा जिसमें कहा गया हो कि पोर्टफोलियो के व्यक्तिगत ऋण, जिसके लिए ऑन-लेंडिंग लाभ का दावा किया जा रहा है, का उपयोग किसी अन्य बैंक (बैंकों) से लाभ का दावा करने के लिए नहीं किया जा रहा है। साथ ही, उनको अपने आंतरिक/सांविधिक लेखा परीक्षकों के साथ-साथ आरबीआई पर्यवेक्षकों (एनबीएफसी के मामले में) को इसे सत्यापित करने हेतु सक्षम करने के लिए अपनी प्रणाली में ऐसे ऋण (ऋणों) को चिह्नित करने के लिए एक उपयुक्त प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए।

ख) सूचना साझा करना:

  • बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक नियंत्रण तंत्र निर्मित कर सकते हैं कि ऋण के तहत पोर्टफोलियो पीएसएल के अनुरूप है। बैंक को पात्र संस्थाओं से कम से कम निम्नलिखित जानकारी/रिकॉर्ड एकत्रित करना ही चाहिए:

लाभार्थी का नाम, मंजूर राशि, बकाया ऋण राशि, ऋण अवधि, संवितरण तिथि, पीएसएल की श्रेणी।

उत्तर: एनबीएफसी (एमएफआई के अलावा) और एचएफसी को बैंक ऋण पिछले वित्तीय वर्ष की चार तिमाहियों की औसत पीएसएल उपलब्धि के 5% की सीमा के अधीन हैं। नए बैंक के मामले में यह सीमा उसके परिचालन के पहले वर्ष के दौरान निरंतर आधार पर लागू होगी। एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एमएफआई (सोसाइटियां, ट्रस्ट, आदि), जो आरबीआई द्वारा इस क्षेत्र के मान्यता प्राप्त 'स्व-विनियामक संगठन' के सदस्य हैं, को बैंक ऋण देने के लिए निर्धारित सीमा लागू नहीं है। ऐसे एमएफआई को दिए गए बैंक ऋण को प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार, 2025 पर मास्टर निदेश में निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार पीएसएल की विभिन्न श्रेणियों के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है।

उत्तर: चूंकि दिशानिर्देश संबंधित व्यावसायिक उद्देश्यों के उचित संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए बैंक और एनबीएफसी के बीच जोखिमों और प्रतिफलों को साझा करने की अनुमति देते हैं, अतः बैंक की बहियों में प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र की आस्तियां हर समय एनबीएफसी के सहारे के बिना होनी चाहिए।

उत्तर: केवल जब बैंक समझौते के अनुसार एनबीएफसी द्वारा उत्पन्न ऋणों को अपनी बहियों में लेने के संबंध में अपने विवेकाधिकार का प्रयोग कर सकता है, तब यह व्यवस्था प्रत्यक्ष समनुदेशन लेनदेन के समान होगी। यदि करार में एनबीएफसी द्वारा उत्पन्न व्यक्तिगत ऋणों के अपने हिस्से को अपनी बहियों में लेने के लिए बैंक की ओर से एक पूर्व, अपरिवर्तनीय प्रतिबद्धता शामिल है, तो यह प्रत्यक्ष समनुदेशन लेनदेन के समान नहीं होगा।

ड. बैंकों और एनबीएफसी द्वारा सह-उधार

उत्तर: दोनों संस्थाएं अर्थात बैंक और एनबीएफसी, सह-उधार मॉडल (सीएलएम) को लागू करने के लिए अपने द्वारा निष्पादित द्विपक्षीय मास्टर करार द्वारा निर्देशित हो सकते हैं। करार, सह-उधार मॉडल के तहत एनबीएफसी द्वारा उत्पन्न किए जा सकने वाले ऋणों की संख्या और राशि पर किसी सीमा का निर्धारण कर सकता है।

उत्तर: यदि मास्टर करार में बैंक की ओर से पूर्व, अपरिवर्तनीय प्रतिबद्धता शामिल है, तो यह सूचित किया गया है कि साझेदार बैंक और एनबीएफसी को बैंक द्वारा पूर्व प्रत्याशित समुचित सावधानी के लिए उपयुक्त तंत्र स्थापित करना होगा। इस तरह की समुचित सावधानी, एनबीएफसी द्वारा ऋणों के संवितरण से पहले केवाईसी और गतिविधियों की आउटसोर्सिंग पर आरबीआई के विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करे।

उत्तर: बैक-टू-बैक आधार का तात्पर्य यह है कि ऋण पहले एनबीएफसी द्वारा खोले जाएंगे और फिर बाद में बैंक ऋण खाते खोलेगा।

उत्तर: बैंक और एनबीएफसी इस पहलू पर उनके बीच निष्पादित मास्टर करार के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।

ढ. कमी की गणना

उत्तर: उपलब्धि में कमी/अधिकता की गणना वित्तीय वर्ष की प्रत्येक तिमाही के लिए की जाती है। वर्ष के लिए कमी/अधिकता की गणना सभी चार तिमाहियों के लिए कमी/अधिकता का साधारण औसत लेकर की जाती है। समग्र पीएसएल लक्ष्य या किसी भी निर्धारित उप-लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के मामले में, बैंक को नाबार्ड/सिडबी/मुद्रा/एनएचबी के पास रखी गई निर्दिष्ट निधि में योगदान करना होता है।

आवास ऋण

सुनिश्चित करें कि आपको प्रदान किए जा रहे दस्तावेज़ रंगीन फोटोकॉपी नहीं हैं। धोखाधड़ी करने के अन्य तौर-तरीकों के लिए इंटरनेट की जाँच करें और संपत्ति पर स्पष्ट शीर्षक सुनिश्चित करें। अपने बैंक जैसे प्रामाणिक स्रोतों से ही सलाह लें।

सही शीर्षक धारक का पता लगाने के लिए और अगर यह किसी फाइनेंसर के पास गिरवी है, तो नो एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी दस्तावेज़ अद्यतित हैं, सभी टैक्स दस्तावेज़ प्राप्त करें।

लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)

टीएलटीआरओ 2.0 से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर: बैंकों को निवेश में लचीलापन प्रदान करने के लिए, यह शर्त टीएलटीआरओ 2.0 के तहत प्राप्त धन के लिए लागू नहीं होगी।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Exemptions to the companies not accepting public deposits

The prudential norms relating to income recognition, accounting standards, asset classification, provisioning against bad and doubtful debts are the norms which have a bearing on disclosure of true and fair picture of the financial health of the NBFC. These companies normally borrow from other corporate bodies as also from banks and financial institutions. These are also the companies which may commence accepting public deposits at short notice. It is necessary that their Balance Sheets on which all the lenders would rely should be transparent and clean, else these companies would be able to inflate their profits and conceal the decline in the value of their investments as also unprovided NPAs. Such companies might turn out to be potential defaulters in servicing their borrowings from the financial system. The exemptions from capital adequacy and credit/ investment concentration norms have been given because public deposits are not involved.

रिटेल डायरेक्ट योजना

खाता खोलने से संबंधित प्रश्न

हाँ।

विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))

धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)

भारतीय एजेंट को एमटीएसएस ढांचे के अंतर्गत परिचालन करने के लिए संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति आवश्यक है। साथ ही समुद्रपारीय प्रिन्सिपल को भुगतान प्रणाली प्रारम्भ/ परिचालित करने के लिए भुगतान तथा निपटान प्रणाली अधिनियम (PSS एक्ट) 2007 के प्रावधानों के अंतर्गत भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक से आवश्यक ऑथोराइजेशन प्राप्त करना होगा।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं

उत्तर: यदि किसी इकाई ने नवीनतम वित्तीय वर्ष में 'कोई नया एफडीआई और/या ओडीआई (समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश) प्राप्त नहीं किया है, लेकिन उस वित्तीय वर्ष के मार्च अंत में बकाया एफडीआई और/या ओडीआई है, तो उसे हर साल 15 जुलाई तक एफएलए रिटर्न में 31 मार्च की अपनी बकाया स्थिति जमा करना आवश्यक है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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