अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: भारतीय कंपनी में वे सभी संस्थाएं हैं जो कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 1(4) के अंतर्गत कवर की गई हैं।
भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण
कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ
उत्तर: भारतीय कंपनी जिसने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, जानकारी हस्तांतरण, पेटेंट के उपयोग, ब्रांड नाम आदि के मामले में एक विदेशी संस्था के साथ एक समझौता किया है, तो इस प्रकार के समझौते को विदेशी तकनीकी सहयोग (एफटीसी) के रूप में माना जाता है।
समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत
सीपीआईएस के तहत क्या रिपोर्ट करें?
उत्तर: संविभागीय निवेश परिसंपत्तियों को संदर्भ अवधि के अंत में मार्क टू मार्केट आधार पर, प्रतिभूतियों के प्रकारों जैसे इक्विटी प्रतिभूतियां, अल्पावधि ऋण प्रतिभूतियां (एक वर्ष की मूल परिपक्वता के साथ) और दीर्घकालिक ऋण प्रतिभूतियां (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता के साथ) और जारीकर्ता के निवास का देश, में ब्योरेवार रिपोर्ट किया जाना आवश्यक है।
भारतीय मुद्रा
ख) बैंकनोट
वर्ष 1938 में मुद्रित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अब तक का उच्चतम मूल्यवर्ग का नोट ₹10000 का था, जिसे जनवरी 1946 में विमुद्रीकृत कर दिया गया । वर्ष 1954 में ₹10000 का नोट पुन: प्रारम्भ किया गया । इन नोटों को 1978 में विमुद्रीकृत कर दिया गया ।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: नहीं, उन्हें केवल एनबीएफसी के रूप में कारोबार जारी रखने, पूंजी पर्याप्तता और क्रेडिट/निवेश मानदंडों के समेकन के संबंध में सांविधिक लेखा परीक्षक प्रमाणपत्र जमा करने के मानदंडों से छूट दी गई है।
आवास ऋण
लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)
टीएलटीआरओ 2.0 से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर: टीएलटीआरओ 2.0 योजना को अधिसूचित करने वाली 17 अप्रैल 2020 को जारी प्रेस विज्ञप्ति संख्या 2237/2019-2020 की शर्तों के अनुसार, योजना के तहत प्राप्त कुल निधियों का कम से कम 50 प्रतिशत 500 करोड़ रुपये और उससे नीचे की संपत्ति के आकार के छोटे एनबीएफसी द्वारा जारी निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में 500 करोड़ रुपये और 5000 करोड़ रुपये और एमएफआई के बीच संपत्ति के आकार के मध्य आकार के एनबीएफ़सी में अभिनियोजित किया जाना आवश्यक है। इस योजना का उद्देश्य किसी भी तरलता तनाव और / या बाजार की पहुंच में बाधा डालना वाली बाधाओं को दूर करना है, जिनका सामना इन छोटी और मध्यम आकार की संस्थाओं को करना पड़ सकता है। इन संस्थाओं की निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में बैंकों के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि बैंक प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लक्ष्य / उप-लक्ष्य निर्धारित करने के उद्देश्य से समायोजित गैर-खाद्य बैंक ऋण (एएनबीसी) की गणना से एचटीएम श्रेणी में रखी गई ऐसी प्रतिभूतियों के अंकित मूल्य को बाहर कर सकते हैं। यह छूट केवल टीएलटीआरओ 2.0 के तहत प्राप्त धन पर लागू होती है।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Net owned fund
देशी जमा
I . देशी जमा
विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))
धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)
रिटेल डायरेक्ट योजना
नो योर कस्टमर (केवाईसी) से संबन्धित प्रश्न
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं
उत्तर: ओडीआई के लिए एफएलए रिटर्न और वार्षिक कार्यनिष्पादन रिपोर्ट (एपीआर) दो अलग-अलग रिटर्न हैं और इसकी निगरानी आरबीआई के दो अलग-अलग विभागों द्वारा की जाती है। अतः यदि आपकी इकाई के लिए ये दोनों लागू हैं, तो आपको दोनों रिटर्न जमा करने होंगे। एपीआर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया आरबीआई की वेबसाइट पर Master Direction – Reporting under Foreign Exchange Management Act, 1999 देखें।
दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध
पेटीएम पेमेंट्स बैंक वॉलेट
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
ई. औसत परिपक्वता अवधि
उत्तर: नहीं।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: विदेशी निवेश के प्रतिशत की गणना पूर्णतः डायल्यूटेड आधार पर अर्थात कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन के निर्गम के समय की जानी चाहिए।.
भारतीय मुद्रा
ख) बैंकनोट
भारत में बैंकनोट मुद्रित करने के लिए वर्तमान में प्रयोग में लाया जाने वाला कागज 100% रूई (कॉटन) का उपयोग करके बनाया जाता है ।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: हां, जैसा कि वे आरबीआई द्वारा विनियमित हैं, उन्हें वित्तीय क्षेत्र में निवेश करने के लिए गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस) से एनओसी की आवश्यकता होगी। हालांकि, गैर-वित्तीय क्षेत्र में निवेश करने वाले पंजीकृत सीआईसी को गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस), आरबीआई से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। उसे ऐसे निवेश के 30 दिनों के भीतर विभाग को ऐसे निवेश की सूचना देनी होगी।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022