अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारत में विदेशी निवेश
IV. रिपोर्टिंग में विलंब
उत्तर: विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत रिपोर्टिंग संबंधी मास्टर निदेश में रिपोर्टिंग अपेक्षाओं को निर्धारित किया गया है।
भारतीय मुद्रा
ड़) जाली नोट/जालसाजी
भारतीय रिज़र्व बैंक काफी मात्रा में नकद राशि संभालने वाले व्यक्तियों, जैसे बैंकों/उपभोक्ता मंचों/व्यापारिक संगठनों/शैक्षणिक संस्थानों/पुलिस पेशेवरों, के लिए बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं की प्रामाणिकता संबंधी प्रशिक्षण सत्र आयोजित करता है । इन प्रशिक्षण सत्रों के अतिरिक्त, बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं से संबंधित जानकारी बैंक की वेबसाइट https://rbi.org.in/hi/web/rbi/rbi-kehta-hai/know-your-banknotes पर भी उपलब्ध है ।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Repayment of matured deposits
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारत में विदेशी निवेश
IV. रिपोर्टिंग में विलंब
उत्तर: फेमा, 1999 के तहत जारी की गई अधिसूचना के आधार पर विदेशी निवेश किया जा सकता है।
भारतीय मुद्रा
https://websitedxp1.rbi.org.in/en/group/rbi/~/control_panel/manage?p_p_id=com_liferay_journal_web_portlet_JournalPortlet&p_p_lifecycle=0&p_p_state=maximized&p_p_mode=view&_com_liferay_journal_web_portlet_JournalPortlet_keywords=%22F%29+COINS%22&_com_liferay_journal_web_portlet_JournalPortlet_folderId=0&_com_liferay_journal_web_portlet_JournalPortlet_status=0&p_p_auth=eBnXQMEq
च) सिक्के
वर्तमान में भारत में 50 पैसे, एक रुपया, दो रुपये, पाँच रुपये, दस रुपये तथा बीस रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा रहे हैं । 50 पैसे तक के सिक्कों को “छोटे सिक्के” कहा जाता है तथा एक रुपया और इससे अधिक के सिक्कों को “रुपया सिक्का” कहा जाता है । सिक्का निर्माण अधिनियम, 2011 के तहत ₹1000 तक के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा सकते हैं ।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Prudential Norms
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
नहीं। एनएसडीएल/सीडीएसएल वाले डीमेट खाते में धारिता आरडीजी खाते में धारिता से अलग होती है। एक ही समय में दोनों खातों को बनाए रख सकते हैं।
देशी जमा
IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारतीय मुद्रा
च) सिक्के
30 जून 2011 से, दिनांक 20 दिसंबर 2010 के राजपत्र अधिसूचना सं 2529 के तहत पच्चीस (25) पैसे के सिक्कों को संचलन से बाहर कर दिया गया है और इसलिए अब ये वैध मुद्रा नहीं हैं । 25 पैसे से कम मूल्यवर्ग के सिक्के बहुत पहले संचलन से वापस ले लिए गए थे । सिक्का निर्माण अधिनियम, 2011 के तहत भारत सरकार द्वारा ढाले गए तथा समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचलन के लिए जारी अन्य सभी मूल्यवर्गों के विभिन्न आकार, विषय-वस्तु (थीम) तथा रूपरेखा (डिजाइन) के सिक्के वैध मुद्रा के रूप में जारी हैं।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Prudential Norms
- Each category of quoted investments is to be valued scrip-wise. Category of investment means the different types of securities under each head viz. equity shares, preference shares, debentures, bonds and Government securities. Only quoted investments can be classified as long term or current investments. The long term investments are allowed to be valued as per AS-13 of the ICAI but the current investments are required to be valued at their market price. However, the NBFCs have been permitted under Prudential Norm Directions, the facility of block valuation method for accounting for the investments. The net of depreciation and the appreciation in the value of the current quoted investments, is only required to be charged to the Profit and Loss Account of the current year. The appreciation in the value of current investments in any category cannot be booked as profit. The concept of block valuation is explained below :
Example No. 1
Name of the scrip | Market value | Book value | Difference (+)/(-) | |
A | 200 | 150 | (+) 50 | |
B | 210 | 180 | (+) 30 | |
C | 180 | 240 | (-) 60 | |
D | 240 | 300 | (-) 60 |
Total appreciation Rs. 80/-
Total depreciation Rs. 120/-
Net depreciation Rs. 40/- to be charged to Profit and Loss | |
Account as per provisions for |
Example No. 2
Name of the scrip | Market value | Book value | Difference (+)/(-) | |
A | 150 | 200 | (-) 50 | |
B | 180 | 210 | (-) 30 | |
C | 240 | 180 | (+) 60 | |
D | 300 | 240 | (+) 60 |
Total appreciation Rs. 120/-
Total depreciation Rs. 80/-
Net appreciation Rs. 40/- to be ignored.
This appreciation in the value of equity shares cannot be adjusted against the depreciation in the value of any other category of securities.
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
V. दान
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
E. जमाकर्ता संरक्षण संबंधी मामले
एनबीएफसी द्वारा जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी कुछ महत्वपूर्ण विनियम निम्नानुसार हैं:
-
एनबीएफसीज को 12 महीने की न्यूनतम अवधि तथा 60 महीने की अधिकतम अवधि के लिए जनता से जमाराशियां स्वीकार करने/उनका नविकरण करने की अनुमति है। वे मांग पर प्रतिदेय जमाराशियां स्वीकार नहीं कर सकते।
-
एनबीएफसीज भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए गए उच्चतम दर से अधिक ब्याज दर प्रस्तावित नहीं कर सकते। मौजूदा उच्चतम दर 12.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। ब्याज का भुगतान/संयोजन ऐसी अंतरालों पर किया जाए जो कि मासिक अंतरालों से कम नहीं हैं।
-
एनबीएफसीज जमाकर्ताओं को उपहार/प्रोत्साहन अथवा कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दे सकते।
-
एनबीएफसीज के पास कम-से-कम निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग होना चाहिए।
-
एनबीएफसीज के पास रखी गई जमाराशियों का बीमा नहीं होता है।
-
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एनबीएफसीज द्वारा उनके पास रखी गई जमाराशियों की वापसी की गारंटी नहीं दी जाती है।
-
जमाराशियों की मांग करनेवाली कंपनी द्वारा जारी किए गए आवेदन फॉर्म में कंपनी संबंधी कतिपय अनिवार्य प्रकटीकरण किए जाने हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022