अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
हाँ, इस प्रकार के बैंकनोटों को मूल्य के लिए बदला जा सकता है ।
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
i. प्राथमिक बाजार रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म में लोग इन करने के बाद, पृष्ठ के शीर्ष पर डैशबोर्ड के बगल में 'प्राथमिक बाजार' विकल्प का चयन करें।
ii. 'नीलामी वॉच' से बोली लगाने और 'बिड एंट्री' विंडो में बोली राशि दर्ज करने के लिए प्रतिभूति का चयन करें।
iii. व्यक्ति बोली के समय या बाद में अपनी बोली का वित्तपोषण कर सकते हैं, लेकिन बोली/सदस्यता विंडो के बंद होने से पहले। आरबीआई को बोलियां प्रस्तुत करने की तारीख के अनुसार वित्त पोषित नहीं की जाने वाली बोलियां रद्द कर दी जाएंगी।
iv. बोलियों के लिए भुगतान करने के लिए, खुदरा ग्राहक ऑनलाइन पोर्टल से जुड़े भुगतान गेटवे का उपयोग करके नामित चालू खाते में धन स्थानांतरित करने के लिए यूपीआई (ट्रांसफर या ब्लॉक) और नेट बैंकिंग जैसी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
v. नीलामी परिणाम के एक भाग के रूप में प्राप्त आवंटन सूचना के आधार पर, आवंटन व्यक्तिगत निवेशकों को किया जाएगा।
vi. पूर्ण आवंटन के मामले में, प्रत्येक बोलीदाता को पूरे अंकित मूल्य का आवंटन किया जाएगा जिसके लिए बोलियां प्रस्तुत की गई थीं। आंशिक आवंटन के मामले में नीलामी में निर्धारित आंशिक आवंटन प्रतिशत के आधार पर बोलीदाता को आनुपातिक आवंटन किया जाएगा।
बिडिंग प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के सहायता खंड में उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Credit Rating
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
कुछ उपयोगी परिभाषाएँ
उत्तर: यदि रिपोर्टिंग भारतीय कंपनी भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के तहत विदेशी कंपनी के इक्विटी और/या भाग लेने वाले वरीयता शेयरों में, अर्थात संयुक्त उद्यम या विदेश में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में निवेश करती है तो इसे भारतीय कंपनी का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश माना जाता है।
नोट: एफएलए रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे के मार्गदर्शन के लिए पंजीकरण दिशानिर्देश और अनुभाग-वार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न फ्लेयर पोर्टल (https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml) के एफएक्यू अनुभाग में उपलब्ध है।
देशी जमा
III. अग्रिम
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग
उत्तर: कोई भी एंटीटी जो भारतीय रुपये में ईसीबी (विदेश में रुपया में मूल्यवर्गित बॉन्डों का निर्गम करने सहित) जुटती है, को इस प्रकार से उठाने वाली देयता को किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा देयता में परिवर्तित करने अथवा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट अथवा अन्यथा में शामिल होकर किसी प्रकार का विदेशी मुद्रा जोखिम भी उठाने की अनुमति नहीं है।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
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एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: हां। भारतीय कंपनी के लिए एफ़सी-टीआरएस भी भरना आवश्यक है।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
सभी बैंकों को पूर्ण मूल्य हेतु गंदे बैंकनोटों को बदलने तथा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत किया गया है । उन्हें गंदे/कटे-फटे नोटों के बदलने की सुविधा अपने ग्राहकों से इतर व्यक्तियों के लिए भी विस्तारित करना है।
वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं को, भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के अनुसार, कटे-फटे बैंकनोटों (जो वैध मुद्रा हैं) का अधिनिर्णय करने तथा इसके लिए मूल्य का भुगतान करने हेतु प्राधिकृत किया गया है ।
छोटे वित्त बैंक (अपने बैंकिंग व्यवसाय के प्रारम्भ से दो वर्ष तक) तथा भुगतान बैंक अपने विकल्प पर कटे-फटे तथा अपूर्ण/दोषपूर्ण नोटों को बदल सकते हैं।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
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रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
III. अग्रिम
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग
उत्तर: हां। न्यूनतम अनिवार्य हेज की शर्त है।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
प्राथमिक व्यापारियों की सूची | ||
(क) | बैंक पीडी | फोन नं. |
1. | सिटि बैंक एनए., मुंबई शाखा | (022) 40015453/40015378 |
2. | स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक | (022) 622303/22652875/22683695 |
3. | बैंक ऑफ अमरीका एन.ए. | (022) 66323040/3140/3192 |
4. | जे.पी. मॉरगन चेज़ बैंक एन.ए. | (022) 6639 3084/66392944 |
5. | एचएसबीसी बैंक | (022) 22623329/22681031/34/33 |
6. | बैंक ऑफ बड़ौदा | (022) 66363682/83 |
7. | केनरा बैंक | (022) 22800101-105/22661348 |
8. | कोटक महिद्रा बैंक लिमि. | (022) 67836107 & 66596235/ 6454 |
9. | कार्पोरेशन बैंक | (022) 22832429/22022796/ 22871054 |
10. | एचडीएफसी बैंक | (022) 66521372/9892975232 |
11. | एबीएन अमरो बैंक एन.वी. | (022) 66386132/128 |
(ख) | स्वतंत्र पीडी |
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1. | आडीबीआइ गिल्ट्स | (022) 66177900/911 |
2. | आसीआसीआइ सिक्यू. पीडी लिमि. | (022) 66377421/22882460/70 |
3. | पीएनबी गिल्ट्स लिमि. | (022) 22693315/17 |
4. | एसबीआइ डीएफएचआइ लिमि. | (022) 22610490/66364696 |
5. | एसटीसीआइपीडी लिमि. | (022) 66202261/2200 |
6. | ड्यूश सिक्यूरिटीज़ (इं.) प्रा. लिमि. | (022) 67063068/3066/67063115 |
7. | मॉरगन स्टेनले प्राइमरी डीलर प्रा. लिमि. | (022) 22096600 |
8. | नोमुरा फिक्स्ड इंकम सिक्यूरिटीज़ प्रा. लिमि. | (022) 67855111/ 67855118 |
* | बैंक पीडी वे हैं जो बैंक के भाग के रूप में पीडी कारोबार विभागीय रूप से करते हैं । | |
** | स्वतंत्र पीडी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसी) हैं जो केवल पीडी करोबार ही करते हैं । |
भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट
http://www.rbi.org.in/commonman/English/Scripts/PrimaryDealers.aspx पर प्राथमिक व्यापारियें की अद्यतनसूची उपलब्ध है ।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ(खख) में ‘जमाराशि’ शब्द की परिभाषा दी गई है। जमाराशि में जमा या ऋण या किसी अन्य प्रकार से किसी धन की प्राप्ति सम्मिलित है और सदैव मानी जाएगी परंतु इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं होगी:
i. शेयर पूंजी के रूप में जुटाई गई रकम, अथवा फर्म के साझेदारों द्वारा पंजी के लिए किया गया अंशदान;
ii. अनुसूचित बैंक, सहकारी बैंक, बैंकिंग कंपनी, राज्य वित्त निगम, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट किसी अन्य संस्था से प्राप्त राशि;
iii. सामान्य कारोबार के दौरान जमानत जमाराशि, डीलरशीप जमा, बयाना माल, संपत्ति और सेवाओं के आदेशों पर अग्रिम के रूप में प्राप्त हुई अग्रिम राशि;
iv. निगमित निकाय से इतर पंजीकृत धन उधार देने वाले से प्राप्त रकम;
v. ‘चिट’ के संबंध में अंशदान के रूप में प्राप्त राशि;
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जनता से जमा राशियों का स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 के पैरा 2(1)(xii) में जनता की जमा राशियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ (खख) के अंतर्गत परिभाषित जमाराशि, जिसमें निम्नलिखित को शामिल नहीं किया गया हो, के रूप में परिभाषित किया गया है:
ए. केन्द्र/राज्य सरकार या अन्य स्रोत से प्राप्त राशि जहां केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा चुकौती की गारंटी दी गई हो अथवा स्थानीय निकाय या विदेशी सरकार या किसी विदेशी नागरिक/ प्राधिकारी/व्यक्ति से प्राप्त कोई राशि;
बी. इस प्रयोजन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से प्राप्त कोई राशि; अन्य
सी. अन्य कंपनी से किसी कंपनी को प्राप्त कोई राशि;
डी. आबंटन के लिए विचारधीन/लंबित शेयरों/स्टॉक/ बांडस या ऋणपत्रों में अभिदान के रूप में प्राप्त राशि या क्रय के लिए अग्रिम के रूप में प्राप्त राशि बशर्तें ऐसी राशि कंपनी के अंतर्नियमों के अंतर्गत सदस्यों को चुकायी न जानी हो;
ई. कंपनी के निदेशकों से प्राप्त राशि अथवा प्राइवेट कंपनी अथवा प्राइवेट कंपनी जो पब्लिक कंपनी बन गई हो के इसके शेयर धारकों से प्राप्त राशि;
एफ. कंपनी किसी अचल संपत्ति को अथवा स्थिति के अनुसार कंपनी के किसी अन्य संपत्ति को गरवी रखकर रक्षित ऋण अथवा बांडस जारी कर जुटाई गई राशि
एफए. एक वर्ष से अधिक समावधि में परिपक्वता वाली तथा रू 1 करोड तथा उससे अधिक न्यूनतम प्रति खरीदकर्ता वाली गैर-परिवर्तनीय ऋण पत्र को जारी कर जुटाई गई कोई राशि, बशर्तें कि बैंक द्वारा जारी दिशानिदेश के अनुसार हो;
जी. प्रवर्तकों द्वारा गैर जमानती ऋण के रूप में लायी गयी राशि;
एच. म्यूचुअल फंड से प्राप्त राशि;
आइ. संमिश्र या गौण ऋण के रूप में प्राप्त कोई राशि;
जे. किसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के निदेशक और निदेशक के रिश्तेदार से प्राप्त राशि;
के. वाणिज्यिक पत्र (कमर्शियल पेपर) जारी करके प्राप्त कोई राशि;
एल. प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा ‘बेमियादी कर्ज लिखत’ जारी कर प्राप्त कोई राशि;
एम. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनी द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर बांडस जारी कर प्राप्त कोई राशि।
इस प्रकार उपर्युक्त निदेशों में जनता की जमाराशि की परिभाषा में से उन उधार देने वालों की कतिपय श्रेणी से उगाही गई राशि को बाहर रखने की कोशिश की गई है जो स्वयं निर्णय ले सकते है।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: फॉर्म एफ़सीटीआरएस फेमा 20(आर) के अनुसार निम्नलिखित के बीच बिक्री के माध्यम से पूंजीगत लिखतों के अंतरण के लिए फ़ाइल किया जाएगा
i. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं, से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;
ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;
iii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को;
iv. भारत में निवास करने वाला व्यक्ति जिसने किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को
फेमा 20(आर) के विनियम 10(3) में निर्धारित किए गए अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखतों की बिक्री को ऐसे व्यक्ति द्वारा फॉर्म एफ़सी-टीआरएस में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।
एफ़सी-टीआरएस निम्नलिखित के लिए आवश्यक नहीं है:
i. अप्रत्यावर्तनीय आधार पर शेयर धारित करने वाले अनिवासी द्वारा भारतीय कंपनी के शेयरों का किसी निवासी को अंतरण तथा इसके विपरीत
ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं द्वारा भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं।
iii. उपहार के रूप में शेयरों का अंतरण
रिपोर्टिंग का दायित्व निवासी (अंतरणकर्ता/ अंतरिती) अथवा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण करने वाले भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्ति, जैसी स्थिति हो, का होगा। एडी बैंक के पास फॉर्म एफ़सी-टीआरएस निधियों की प्राप्ति/ विप्रेषण अथवा पूंजीगत लिखतों के अंतरण, इनमें से जो भी पहले हो, के साठ दिन के भीतर फ़ाइल किया जाना है।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के भाग III में विनिर्दिष्ट नियमों के तहत अपूर्ण नोट के मूल्य के पूर्ण मूल्य/आधे मूल्य का भुगतान किया जा सकता है, जो हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in → प्रकाशन → सामयिक खंड के तहत उपलब्ध है ।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
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रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल के लिए, प्रति यूनिट राशि प्रतिभूति की सांकेतिक कीमत, अर्जित ब्याज और एक मार्क-अप के आधार पर होगी।
एसजीबी के लिए यह फंडिंग आरबीआई द्वारा उस विशेष मुद्दे के लिए घोषित निर्गम मूल्य पर आधारित होगी।
देशी जमा
III. अग्रिम
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
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बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग
उत्तर: उपयोगकर्ता समय-समय पर संशोधित जोखिम प्रबंधन तथा अंतर-बैंक लेनदेन पर 5 जुलाई 2016 का मास्टर निदेश देखें।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
सहकारी बैंकों सहित सभी बैंक जमाराशियां स्वीकार कर सकते हैं। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ, जिन्हें रिज़र्व बैंक द्वारा जमाराशियाँ स्वीकार करने के विशिष्ट लाइसेंस के साथ पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया है, जनता से जमाराशियाँ स्वीकार करने के लिए पात्र हैं। दूसरे शब्दों में, रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत सभी एनबीएफसीज जमाराशियाँ स्वीकार करने के लिए पात्र नहीं है, केवल वही एनबीएफसी जमाराशियाँ स्वीकार करने के लिए पात्र हैं जिनके पास जमाराशि स्वीकार करने का पंजीकरण प्रमाणपत्र है। साथ ही, ये केवल अनुमत सीमा तक ही जमाराशियाँ स्वीकार कर सकती हैं। आवास वित्त कंपनियां जिन्हें जमाराशियां जुटाने हेतु दुबारा विशेष रूप से अधिकृत किया गया है और वे कंपनियाँ जिन्हें कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम के अधीन बनाए गए ‘कंपनी जमा ग्रहण नियम’ के तहत जमाराशियाँ स्वीकार करने हेतु अधिकृत किया गया है, भी एक निश्चित सीमा तक जमाराशियाँ स्वीकार कर सकती हैं। सहकारी साख समितियाँ अपने सदस्यों से जमाराशियां स्वीकार कर सकती है किंतु आम जनता से नहीं। भारतीय रिजर्व बैंक केवल बैंको, सहकारी बैंको और एनबीएफसी द्वारा स्वीकार की गई जमाराशियों को विनियमित करता है।
अन्य संस्थाओं को सार्वजनिक जमाराशियां स्वीकार करने की वैधानिक अनुमति नहीं है। अनिगमित निकायों यथा व्यक्ति, भागीदारी कंपनियाँ और व्यक्तियों के अन्य समूहों को उनके प्रमुख व्यवसाय के रूप में जनता से जमाराशियां स्वीकार करने की मनाही है। ऐसे अनिगमित निकाय अगर वित्तीय व्यवसाय चलाते भी हों तो भी उन्हें जमाराशियां स्वीकार करने की अनुमति नहीं है।
भारत में विदेशी निवेश
II. विदेशी संविभाग (पोर्टफोलियो) निवेश
उत्तर: सेबी (एफ़पीआई) विनियमावली के अनुसार पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तथा अनिवासी / प्रवासी भारतीय, फेमा 20(आर) की अनुसूची क्रमशः 2 तथा 3 में निर्धारित व्यक्तिगत तथा कुल सीमाओं के अधीन भारत में स्टॉक एक्स्चेंज पर निवेश कर सकते हैं।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
यह विवरण हमारी वेबसाइट के इस लिंक पर उपलब्ध है : www.rbi.org.in>>मुद्रा प्रबंधन>>अधिसूचनाएं
पुराने (2009) तथा संशोधित एनआरआर (2018) का सारांश निम्नानुसार है :
नोट वापसी नियमावली – संशोधित
क्र. | पुराने एनआरआर (2009) के अनुसार |
संशोधित एनआरआर (2018) के अनुसार |
1 | रु. 20 मूल्यवर्ग तक के नोट
|
कोई परिवर्तन नहीं |
2 |
रु. 50/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट
|
रु. 50/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट
|
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Liquid Asset requirement
देशी जमा
III. अग्रिम
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
बॉण्ड संबंधी गणना के लिए महत्वपूर्ण एक्सेल कार्य
कार्य | रचनाक्रम |
1. वर्तमान मूल्य | पीवी (रेट एनपीईआर, पीएमटी, एफवी, टाइप) |
यह फंक्शन बट्टे की दी हुई दर से भविष्य में किए जाने वाले भुगतानों की श्रृंखला के वर्तमान मूल्य जानने के लिए प्रयोग में लाया जाता है ।
रेट - प्रत्येक अवधि की ब्याज दर है ।
एनपीईआर - एक वर्ष में भुगतान अवधियों की कुल संख्या है ।
पीएमटी - प्रत्येक अवधि में किया गया भुगतान है तथा वार्षिकी की अवधि में परिवर्तित नहीं हो सकती ।
एफवी - भविष्य में होने वाला मूल्य है अथवा अंतिम भुगतान के बाद आप नकदी शेष लेना चाहें । यदि एफवी को हटा दिया जाए तो उसे 0 माना जाएगा (उदाहरणार्थ किसी ऋण का भविष्य में होने वाला मूल्य 0 है) ।
टाइप - 0 अथवा 1 संख्या है और ये निर्दिष्ट करते हैं कि भुगतान कब देय है ।
टाइप का अर्थ | यदि भुगतान देय है |
0 अथवा छोड़ दिया | अवधि के अंत में |
1 | अवधि के आरंभ में |
उदाहरण - तीन वर्ष के लिए प्रत्येक वर्ष के बाद 100 रु. के वर्तमान मूल्य को 9% की ब्याज दर से, इसका मूल्य निम्नानुसार होगा ।
रेट - 9% अथवा 0.09; एनपीईआर-3 (3 वर्ष); पीएमटी-100; एफवी-0 क्योंकि तीन वर्ष के बाद शेष शून्य होगा ; टाइप-0 (अवधिके अंत में) उत्तर - 253.13 होगा ।
2. भविष्य में होने वाला मूल्य | एफवी (रेट, एनपीईआर, पीएमटी, पीवी, टाइप) |
इस फंक्शन का प्रयोग दी गई ब्याज दर पर किए गए निवेशों की श्रृंखला के भविष्य में मूल्य की गणना के लिए किया जाता है ।
दर - प्रत्येक अवधिक के लिए ब्याज दर है ।
एनपीईआर - एक वर्ष में भुगतान अवधियों की कुल संख्या है ।
पीएमटी - प्रत्येक अवधि में किया गया भुगतान है तथा वार्षिकी की अवधि में परिवर्तित नहीं हो सकती । विष्टि रूप से पीएमटी में मूलधन और ब्याज होता है पर अन्य कोई शुल्क या कर नहीं होते । यदि पीएमटी को हटा दिया जाए तो पीवी तर्क को शामिल किया जाना चाहिए ।
पीवी - वर्तमान मूल्य है या एकमुश्त राशि है अर्थात अभी भविष्य में किए जाने वाले भुगतानों की श्रृंखला। यदि पीवी को हटा दिया जाए तो उसे 0 माना जाएगा(जीरो) और पीएमटी तर्क को शामिल किया जाना चाहिए ।
टाइप - 0 अथवा 1 संख्या है और ये निर्दिष्ट करते हैं कि भुगतान कब देय है । यदि टाइप हटा दिया जाए तो यह 0 माना जाए ।
उदाहरण - प्रत्येक वर्ष अदा किए गए 100 रु. के भविष्य मूल्य की तीन वर्ष के लिए 9% की ब्याज दर गणना करने पर मूल्य निम्नानुसार होगा :
दर - 9% अथव 0.09, एनपीईआर-3 (3 वर्ष); पीएमटी-100; पीवी-0; क्योंकि शुरु में कोई एकमुश्त भुगतान नही है; टाइप-1 (अवधि के शुरु होने पर) उत्तर 357.31 होगा ।
3. कूपन दिवस | COUPDAYBS (समायोजन, परिपक्वता, अवधिकता, आधार) |
यह फंक्शन कूपन अवधि के शुरु से अंत तक दिनों की संख्या की गणना के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसमें समायोजन तारीख होती है ।
समायोजन प्रतिभूति की समायोजन तारीख होती है । प्रतिभूति समायोजन तारीख, जारी की तारीख के बाद की तारीख होती है जब प्रतिभूति क्रेता को बेची जाती है ।
परिपक्वता प्रतिभूति की परिपक्वता की तारीख होती है । परिपक्वता तारीख वह होती है जिस दिन प्रतिभूति की अवधि समाप्त होती है ।
आवधिकता का अर्थ प्रति वर्ष कूपन भुगतानों की संख्या है । वार्षिक भुगतान के लिए आवधिकता=1; अर्धवार्षिकी के लिए, आवधिकता=2; तिमाही के लिए आवधिकता=4 ।
आधार प्रयोग के लिए गणना के आधार पर दिनों की गिनती होगा । दिवस की गणना की परंपरा नीचे दर्शाए अनुसार उपलब्ध कराई जाए ।
आधार | दिनों की गिनती का आधार | आधार | दिनों की गिनती का आधार |
0 अथवा हटाया गया | यूएस (एनएएसडी) 30/360 | 3 | वास्तविक 365 |
1 | वास्तविक/वास्तविक | 4 | यूरोपियन 30/360 |
2 | वास्तविक/360 |
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|
उदाहरण - 2 फरवरी 2019 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूति जिसकी समायोजन तारीख 27 मई 2009; फार्मूला मूल्य निम्नानुसार होगा :
परिपपक्वता 2/2/2019; समायोजन-25/5/2009/आवधिकता-2 (छमाही कूपन) और आधार 4 (दिन गिनने की परंपरा 30/360)
परिणाम 180 होगा (कूपन अवधि में कूपन दिनें की सं.)
4. ईयरप्रैक | ईयरप्रैक (आरंभ-तारीख, समाप्ति-तारीख, आधार) (अवशेष परिपक्वता प्राप्त करने के लिए) |
इस फंक्शन का प्रयोग प्रतिभूति की अवशिष्ट परिपक्वता वर्षों में जाने के लिए किया जाता है ।
आरंभ - तारीख वह तारीख हे जो आरंभ की तारीख बताती है ।
समाप्ति - तारी वह तारीख है जो अंत की तारीख बताती है ।
आधार प्रयोग के आधार पर दिनों की संख्या का स्वरूप है ।
उदाहरण - 6 फरवरी 2019 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूति के लिए 27 मई 2009 को वर्षों में अवशिष्ट परिपक्वता की गणना निम्नानुसार होगी :
आरंभ की तारीख - 27 मई 2009, अंत की तारीख 2/2/2019, आधार-4
परिणाम 9.68 वर्ष होगा ।
5. मूल्य | मूल्य (समायोजन, परिपक्वता, दर, प्रतिफल, शोधन, आवधिकता, आधार) |
इस फंक्शन का प्रयोग आवधिक ब्याज देने वाली प्रतिभूति का मूल्य जानने के लिए किया जाता है ।
समायोजन प्रतिभूति की समायोजन तारीख है ।प्रतिभूति समायोजन की तारीख वह तारीख होती है जिस तारीख को निधि और प्रतिभूति का आदान-प्रदान होता है ।
परिपक्वता प्रतिभूति की परिपक्वता की तारीख है । परिपक्वता तारीख वह तारीख है जब प्रतिभूति की अवधि समाप्त होती है ।
दर प्रतिभूति की वार्षिक कूपन दर है ।
प्रतिफ्ल प्रतिभूति की वार्षिक प्रतिफल है ।
शोधन प्रत्येक 100 रु. के अंकित मूल्य पर प्रतिभूति का शोधन मूल्य है ।
आवधिकता का अर्थ प्रति वर्ष कूपन भुगतानों की संख्या है । वार्षिक भुगतान के लिए आवधिकता=1; अर्धवार्षिकी के लिए, आवधिकता=2; तिमाही के लिए आवधिकता=4 ।
आधार प्रयोग के आधार पर दिन गिनने का स्वरूप है ।
उदाहरण - 6.05% 2019, 2 फरवरी 2019 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूति है । 1 जून 2009 को द्वितीयक बाजार में इसकी प्रतिफल 6.68% है । समायोजन तारीख 2 जून 2009 है । मूल्य फार्मूला में इसका मूल्य निम्नानुसार होगा ।
समायोजन - 2/6/2009; परिपक्वता-2/2/2009; दर 6.05%; प्रतिफल-6.68%; शोधन-100 (अंकित मूल्य); आवधिकता - 2 (छमाही कूपन); आधार-4
परिणाम 95.55 प्रतिशत होगा ।
6. प्रतिफल | प्रतिफल (समायोजन, परिपक्वता, दर, पीआर, शोधन, आवधिकता, आधार) । |
इस फंक्शन का प्रयोग प्रतिभूति का मूल्य दिए जाने पर प्रतिभूति की परिपक्वता पर प्रतिफल निकालने के लिए किया जाता है ।
समायोजन - प्रतिभूति की समायोजन तारीख है । प्रतिभूति समायोजन की तारीख वह तारीख होती है जिस तारीख को निधि और प्रतिभूति का अदान-प्रदान होता है ।
परिपक्वता - प्रतिभूति की परिपक्वता की तारीख है । परिपक्वता तारीख वह तारीख है जब प्रतिभूति की अवधि समाप्त होती है ।
दर - प्रतिभूति की वार्षिक कूपन दर है ।
पीआर - प्रति 100 रु. के अंकित मूल्य का प्रतिभूति मूल्य
शोधन - प्रत्येक 100 रु. के अंकित मूल्य पर प्रतिभूति का शोधन मूल्य है ।
आवधिकता का अर्थ प्रति वर्ष कूपन भुगतानों की संख्या है । वार्षिक भुगतान के लिए आवधिकता=1; अर्धवार्षिकी के लिए, आवधिकता=2; तिमाही के लिए आवधिकता=4 ।
आधार - प्रयोग के आधार पर दिन गिनने का स्वरूप है ।
ऊपर दिए गए उसी उदाहरण को लेते हुए तथा 95.55 रु. के मूल्य पर प्रतिफल का परिणाम 6.68% होगा ।
7. अवधि | अवधि (समायोजन, परिपक्वता, कूपन, प्रतिफल, आवधिकता, आधार) । |
इस फंक्शन का प्रयोग प्रतिभूति की अवधि वर्षों की संख्या में जानने के लिए किया जाता है ।
समायोजन प्रतिभूति की समायोजन तारीख है । प्रतिभूति समायोजन की तारीख वह तारीख होती है जिस तारीख को निधि और प्रतिभूति का अदान-प्रदान होता है ।
परिपक्वता - प्रतिभूति की परिपक्वता की तारीख है । परिपक्वता तारीख वह तारीख है जब प्रतिभूति की अवधि समाप्त होती है ।
कूपन - प्रतिभूति की वार्षिक कूपन दर है ।
प्रतिफल - प्रतिभूति की वार्षिक प्रतिफल है ।
आवधिकता का अर्थ प्रति वर्ष कूपन भुगतानों की संख्या है । वार्षिक भुगतान के लिए आवधिकता=1; अर्धवार्षिकी के लिए, आवधिकता=2; तिमाही के लिए आवधिकता=4 ।
आधार प्रयोग के आधार पर दिन गिनने का स्वरूप है ।
उदाहरण - 6.05% 2019, 2 फरवरी 2019 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूति है । 1 जून 2009 को द्वितीयक बाजार में इसकी प्रतिफल 6.68% है । समायोजन तारीख 2 जून 2009 है । अवधि फार्मूला में मूल्य निम्नानुसार होगा । समायोजन-2-6-2009; परिपक्वता-2-2-2019; दर-6.05%; प्रतिफल-6.68%; आवधिकता-2 (छमाही कूपन); आधार-4
परिणाम 7.25 वर्ष होगा ।
8. संशोधित अवधि | संशोधित अवधि (समायोजन, परिपक्वता, कूपन, प्रतिफल, आवधिकता, आधार) । |
इस फंक्शन का प्रयोग प्रतिभूति की संशोधित अवधि जानने के लिए किया जाता है ।
समायोजन - प्रतिभूति की समायोजन तारीख है । प्रतिभूति समायोजन की तारीख वह तारीख होती है जिस तारीख को निधि और प्रतिभूति का अदान-प्रदान होता है ।
परिपक्वता - प्रतिभूति की परिपक्वता की तारीख है । परिपक्वता तारीख वह तारीख है जब प्रतिभूति की अवधि समाप्त होती है ।
कूपन - प्रतिभूति की वार्षिक कूपन दर है ।
प्रतिफल - प्रतिभूति की वार्षिक प्रतिफल है ।
आवधिकता का अर्थ प्रति वर्ष कूपन भुगतानों की संख्या है । वार्षिक भुगतान के लिए आवधिकता=1; अर्धवार्षिकी के लिए, आवधिकता=2; तिमाही के लिए आवधिकता=4 ।
आधार - प्रयोग के आधार पर दिन गिनने का स्वरूप है ।
ऊपर दिए अनुसार वही उदाहरण लेते हुए एक्सेल फंक्शन में उक्त अवधि और मूल्य देते हुए फार्मूले का परिणाम 7.01 होगा ।
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
जे. रिपोर्टिंग
उत्तर: किसी ईसीबी के संबंध में कोई ड्रा-डाउन है तो वह रिज़र्व बैंक से एलआरएन मिलने के बाद ही किया जाना चाहिए। एल आर एन प्राप्त करने के लिए उधारकर्ताओं को विधिवत रूप से प्रमाणित फार्म ईसीबी निदेशक, भुगतान संतुलन सांख्यिकीय प्रभाग, सांख्यिकीय और सूचना प्रबंध विभाग (डीएसआईएम), भारतीय रिज़र्व बैंक, बांद्रा–कुर्ला काम्प्लेक्स, मुंबई – 400051 को प्रस्तुत करेगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि फॉर्म ईसीबी में ईसीबी की सभी शर्तें सही ढंग से रिपोर्ट की गई हैं तथा कोई कॉलम खाली नहीं रखा गया है (ऐसे कॉलम जो उधार पर लागू नहीं होते हैं अथवा जिनके समक्ष “कुछ नहीं” जानकारी देनी है, को भी उचित रूप से शामिल किया जाए)। ईसीबी के मानदंडों में परिवर्तन फिर वे स्वचालित मार्ग के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I के अनुमोदन से हो अथवा अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से हो, संशोधित फार्म ईसीबी में यथाशीघ्र लेकिन परिवर्तन किये जाने के अधिकतम सात दिनों के भीतर डीएसआईएम को रिपोर्ट की जानी चाहिए। संशोधित फार्म ईसीबी प्रस्तुत करते समय पत्र में उन परिवर्तनों का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए । ईसीबी कए लिए फॉर्म ईसीबी के संबंध में रिपोर्टिंग दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर फेमा के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
सभी एनबीएफसी जमाराशि स्वीकार करने के लिए पात्र नहीं होती है। केवल वे एनबीएफसी जिसे बैंक द्वारा विशेष रूप से प्राधिकृत किया गया है तथा जिन्हे निवेश ग्रेड रेटिंग हैं, वे अपने निवल स्वाधिकृत निधि के डेढ गुणा (1½) तक जमाराशि स्वीकार /धारण कर सकते हैं। सभी मौजूदा बगैर रेटिंग प्राप्त एएफसीज जिन्हें जमाराशि स्वीकार करने की अनुमति प्राप्त है, उन्हें 31 मार्च 2016 तक अपनी रेटिंग करनी होगी। ऐसी एएफसीज जिन्हें 31 मार्च 2016 तक रेटिंग प्राप्त नहीं होती उन्हें उसके बाद मौजूदा जमाराशियों का नवीनीकरण अथवा नयी जमाराशि स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। इस बीच की अवधि के लिए अर्थात 31 मार्च 2016 तक, बगैर रेटिंग प्राप्त एएफसीज अथवा वे जिन्हें सब-इंवेस्टमेंट रेटिंग प्राप्त है, वे केवल परिपक्वता पर अपनी मौजूदा जमाराशि का नवीनीकरण कर सकती है तथा नयी जमा राशि स्वीकार नहीं कर सकती, जब तक उन्हें इंवेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग प्राप्त नहीं हो जाता।
तथापि, सार्वजनिक नीति के मामले में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय लिया है कि केवल बैंक सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार कर सकते है इसलिए जमाराशि स्वीकार करने वाली किसी नई एनबीएफसी को वर्ष 1997 के बाद से कोई पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।
वर्तमान में, एनबीएफसी 12.5% का अधिकतम ब्याज दर दे सकती है। ब्याज का भुगतान अथवा चक्रवृद्धि अंतराल, मासिक अंतराल से कम नहीं होना चाहिए। एनबीएफसी को न्यूनतम 12 महिनों और अधिकतम 60 महिनों के लिए नई सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करने /नवीनीकरण करने की अनुमति है। एनबीएफसीज को मांग पर देय जमाराशि स्वीकार करने की अनुमति नहीं है।
भारत में विदेशी निवेश
III. अन्य प्रतिभूतियों में निवेश
उत्तर: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक(एफ़पीआई), अनिवासी भारतीय(एनआरआई), प्रवासी भारतीय(ओसीआई), विदेशी केंद्रीय बैंक,बहुदेशीय विकास बैंक दीर्घकालिक निवेशक, जैसे, सोवरिन वेल्थ फंड (एसडब्ल्यूएफ), बहुदेशीय एजंसियां, एन्डाउमन्ट फंड, इन्श्योरन्स फंड तथा पेंशन फंड, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड दीर्घकालिक निवेशक में पंजीकृत हैं, अधिसूचना सं. फेमा 20 की अनुसूची 5 में विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार अन्य प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
भुगतान योग्य नहीं पाए जाने पर बैंकनोटों को प्राप्तकर्ता बैंक अपने पास रखते हैं तथा उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजा जाता है जहां इन्हें नष्ट कर दिया जाता है ।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Liquid Asset requirement
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
III. अग्रिम
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
जे. रिपोर्टिंग
उत्तर: उधारकर्ताओं को वास्तविक ईसीबी लेनदेनों की रिपोर्ट सही तथा पूर्ण रूप में विधिवत रूप से प्रमाणित फॉर्म ईसीबी 2 में एडी श्रेणी -I बैंक के माध्यम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट आवधिकता के अनुसार डीएसआईएम को प्रस्तुत करनी है। फॉर्म ईसीबी 2 में से कोई भी स्तम्भ खाली नहीं रखा जाएगा (ऐसे स्तम्भ जो कि उधार पर लागू नहीं हैं अथवा जिनके समक्ष “कुछ नहीं” सूचना देनी है को भी पर्याप्त रूप से शामिल किया जाना चाहिए) । फॉर्म ईसीबी 2 संबंधित महीने के समाप्त होने के बाद सात कामकाजी दिनों के भीतर डीएसआईएम के पास पहुँच जानी चाहिए। ईसीबी के मानदंडों में यदि कोई परिवर्तन किया जाता है तो उन्हें भी फॉर्म ईसीबी-2 में शामिल किया जाना चाहिए। फॉर्म ईसीबी-2 के संबंध में रिपोर्टिंग दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किए जाने जिसमें रिपोर्टिंग की आवधिकता का पालन करने में की गई चूक शामिल है, पर फेमा के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई कि जा सकती है।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारत में विदेशी निवेश
III. अन्य प्रतिभूतियों में निवेश
उत्तर: “विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक (FVCI)” अर्थात ऐसा निवेशक जो भारत से बाहर स्थापित और निगमित है और वह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक) विनियमावली, 2000 के तहत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत है।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
कटे-फटे/फटे नोटों को बदलने के लिए दिशानिर्देश “नोटों व सिक्कों को बदलने की सुविधा” के संबंध में दिनांक 01 अप्रैल 2025 के हमारे मास्टर परिपत्र डीसीएम (एनई) सं.जी-5/08.07.18/2025-26 में उपलब्ध हैं जो हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in में कार्य-वार साइटें > मुद्रा प्रबंधन > अधिसूचनाएं के अंतर्गत उपलब्ध हैं । भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) के अनुसार कटे-फटे नोटों को सभी बैंक शाखाओं में बदला जा सकता है ।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Liquid Asset requirement
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
जे. रिपोर्टिंग
उत्तर: नहीं। यदि ईसीबी की शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, तो संशोधित फॉर्म ईसीबी (पूर्व का फॉर्म 83) फ़ाइल करना आवश्यक नहीं है।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारत में विदेशी निवेश
III. अन्य प्रतिभूतियों में निवेश
उत्तर: सेबी में पंजीकृत विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक(एफ़वीसीआई) फेमा 20 (आर) की अनुसूची 7 में निर्धारित शर्तों के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) अधिनियम, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के तहत क्षतिग्रस्त बैंकनोट के मूल्य का आकलन करते समय क्रम संख्या अथवा अन्य विनिर्दिष्ट विशेषता की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति निर्णय का आधार नहीं है ।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022