अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध
पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
डी. मान्यताप्राप्त उधारदाता/ निवेशक
उत्तर: नहीं, ईसीबी संबंधी सभी दिशानिर्देशों, जिनमें न्यूनतम इक्विटि धारिता से संबंधित दिशानिर्देश शामिल हैं, को केवल ईसीबी का कांट्रैक्ट बनाते समय ही नहीं बल्कि ईसीबी की पूर्ण अवधि के दौरान पूर्ण करना अपेक्षित है ।
लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)
अपडेट हो गया है: मई 28, 2021
उत्तर: बैंक टीएलटीआरओ योजना के तहत प्राप्त राशि के लिए पुनर्खरीद मार्ग के माध्यम से बेची जाने वाली प्रतिभूति को किसी अन्य निर्दिष्ट प्रतिभूति के साथ बदल सकते हैं। बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीएलटीआरओ की परिपक्वता तक उनके टीएलटीआरओ वित्तपोषण को हमेशा निर्दिष्ट प्रतिभूति द्वारा समर्थित किया जाये।
आवास ऋण
यह एक तालिका है जो ऋण पर आवधिक मूलधन और ब्याज भुगतान और किसी भी समय बकाया राशि का विवरण देती यह शून्य तक पहुंचने तक ऋण शेष की क्रमिक कमी को भी दर्शाता है। (अनुबंध देखें)
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
A. परिभाषाएं
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: एफ़डीआई तथा एफ़पीआई जिस अनुसूची के अंतर्गत निवेश किया गया है उसकी दृष्टि से agnostic है। निवेश प्रत्यक्ष है अथवा पोर्टफोलियो, को निवेश के प्रतिशत के अनुसार तय किया जाता है।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: चूंकि सीआईसी-एनडी-एसआई के लिए एक अलग आवेदन पत्र होगा, उन्हें नए सिरे से आवेदन करना होगा।
भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण
सर्वेक्षण लॉन्च का विवरण
उत्तर: यदि खाता बंद मार्च के अंत से अलग है, तो कंपनी अपने खाता बंद करने की अवधि के अनुसार सूचना की रिपोर्ट नहीं कर सकती है। ऐसे मामलों में, कंपनी के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर केवल संदर्भ अवधि, यानी पिछले मार्च और नवीनतम मार्च के लिए सूचना दी जानी चाहिए। यदि लेखा परीक्षित डेटा उपलब्ध नहीं है तो कंपनियां एफसीएस सर्वेक्षण प्रश्नावली में अनंतिम आंकड़े प्रस्तुत कर सकती हैं।
समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत
सर्वेक्षण शुरू करने का विवरण
उत्तर: यदि रिपोर्टिंग इकाई को सर्वेक्षण प्रश्नावली का सॉफ्ट-फॉर्म प्राप्त नहीं होता है, तो वे इसे आरबीआई की वेबसाइट (https://rbi.org.in/hi/web/rbi) पर ‘विनियामक रिपोर्टिंग’- → ‘रिटर्न्स की सूची’- → ‘CPIS – Survey Schedule’ [या 'फॉर्म' (होम पेज के नीचे उपलब्ध है) और उप-शीर्ष 'सर्वेक्षण'] से डाउनलोड कर सकते हैं या ईमेल: cpis@rbi.org.in पर अनुरोध भेज सकते हैं।
भारतीय मुद्रा
क) भारतीय मुद्रा/मुद्रा प्रबंधन से जुड़ी आधारभूत जानकारी
वर्तमान में रिज़र्व बैंक अहमदाबाद, बेंगलुरू, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरूवनंतपुरम स्थित 19 निर्गम कार्यालयों तथा कोच्चि स्थित एक मुद्रा तिजोरी के माध्यम से मुद्रा परिचालनों का प्रबंधन करता है। इसके अलावा, अनुसूचित बैंकों की देखरेख और प्रबंधन के अंतर्गत आने वाली मुद्रा तिजोरियों का विस्तृत नेटवर्क मुद्रा प्रबंधन संरचना का एक भाग है। निर्गम कार्यालय बैंक नोट मुद्रण प्रेसों से नए नोट प्राप्त करते हैं, और मुद्रा तिजोरियों को नए बैंकनोट विप्रेषित करते हैं। मुद्रा तिजोरियों को प्रेसों से नए बैंकनोटों का सीधा विप्रेषण भी किया जाता है।
रिज़र्व बैंक के हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई तथा नई दिल्ली स्थित कार्यालय (टकसाल से संबद्ध कार्यालय) टकसालों से सिक्के प्राप्त करते हैं। इसके पश्चात ये कार्यालय सिक्कों को रिज़र्व बैंक के अन्य कार्यालयों को भेजते हैं जो इन सिक्कों को मुद्रा तिजोरियों तथा छोटे सिक्का डिपो में भेजते हैं। बैंकनोट तथा सिक्कों का भंडारण मुद्रा तिजोरियों में तथा छोटे सिक्कों का भंडारण छोटे सिक्का डिपो में किया जाता है। बैंक शाखाएँ मुद्रा तिजोरियों तथा छोटे सिक्का डिपो से बैंकनोट तथा सिक्के प्राप्त करती हैं, जिनका वितरण आम जनता को किया जाता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक पुराने बैंकनोटों और सिक्कों की खरीद/बिक्री में लेन-देन नहीं करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 04 अगस्त 2021 को ” रिज़र्व बैंक ने जनता को पुराने बैंक नोटों और सिक्कों की खरीद-बिक्री के फर्जी प्रस्तावों का शिकार न के लिए आगाह किया” इस विषय पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी । यह प्रेस विज्ञप्ति हमारे वेबसाइट पर मुद्रा प्रबंधन >प्रेस विज्ञप्ति के अंतर्गत निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है।
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ट. पीएसएलसी
उत्तर: पीएसएलसी की अवधि उसके जारी होने की तारीख पर निर्भर करेगी। सभी पीएसएलसी वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च तक वैध रहेंगे और अगले दिन यानी 1 अप्रैल को समाप्त हो जाएंगे।
उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, ई-कुबेर पोर्टल पर पीएसएलसी मॉड्यूल के उपयोग के लिए कोई लेनदेन शुल्क लागू नहीं है। पीएसएलसी में ट्रेडिंग के कारण कर निहितार्थ बैंकों द्वारा लागू कर कानूनों के अनुसार निर्धारित किया जा सकता है।
उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, ई-कुबेर पोर्टल पर पीएसएलसी मॉड्यूल के उपयोग के लिए कोई लेनदेन शुल्क लागू नहीं है। पीएसएलसी में ट्रेडिंग के कारण कर निहितार्थ बैंकों द्वारा लागू कर कानूनों के अनुसार निर्धारित किया जा सकता है।
ट. पीएसएलसी
उत्तर: 'निर्यात ऋण' पीएसएलसी - सामान्य के बदले अंतर्निहित आस्तियों का एक भाग बन सकता है। हालाँकि, 'निर्यात ऋण' के बदले पीएसएलसी-सामान्य जारी करने वाला कोई भी बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि अंतर्निहित 'निर्यात ऋण' पोर्टफोलियो घरेलू बैंकों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र वर्गीकरण के लिए भी पात्र है।
आवास ऋण
आवास परियोजना के पूरा होने के चरणों के आधार पर कभी-कभी ऋण किश्तों में वितरित किया जाता है। अंतिम संवितरण लंबित होने पर, आपको केवल संवितरित ऋण के हिस्से पर ही ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है। इस ब्याज को प्री-ईएमआई ब्याज कहा जाता है। प्री-ईएमआई ब्याज हर महीने प्रत्येक संवितरण की तारीख से ईएमआई शुरू होने की तारीख तक देय होता है।
हालांकि, कई बैंक एक विशेष सुविधा प्रदान करते हैं जिससे ग्राहक उस समय तक किस्तों का चयन कर सकते हैं जो वे निर्माणाधीन संपत्तियों के लिए भुगतान करना चाहते हैं जब तक कि संपत्ति कब्जे के लिए तैयार न हो जाए। ग्राहक द्वारा ब्याज से अधिक भुगतान किया गया कुछ भी मूलधन पुनर्भुगतान की ओर जाता है। ईएमआई भुगतान जल्दी शुरू करने से ग्राहक को लाभ होता है और इसलिए वह तेजी से ऋण चुकाता है। कृपया ऋण लेने से पहले अपने बैंकर से जांच लें कि यह सुविधा उपलब्ध है या नहीं।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Definition of public deposits
विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))
धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं
उत्तर: यदि भारतीय इकाई के पास रिपोर्टिंग वर्ष के मार्च अंत तक आवक और जावक एफडीआई के संबंध में कोई बकाया निवेश नहीं है तो उन्हें एफएलए रिटर्न जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
देशी जमा
I . देशी जमा
रिटेल डायरेक्ट योजना
खाता खोलने से संबंधित प्रश्न
आरडीजी खाता खोलने के लिए निम्न दस्तावेज़ आवश्यक है
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पैन
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मोबाइल नं.
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ई-मेल पता
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आपके हस्ताक्षर की स्कैन प्रति
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बैंक खाता विवरण (रद्द चेक अपलोड करके या मैन्युअल रूप से पोर्टल पर विवरण दर्ज करके)
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मोबाइल नंबर के साथ लिंक आधार नंबर
इसके अलावा, आपको अपने ग्राहक को जाने (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक पता प्रमाणपत्र प्रदान करना पड़ सकता है। निम्नलिखित दस्तावेजों को पता प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार किया जाता है - पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आधार, नरेगा जॉब कार्ड राज्य सरकार द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र जिसमें आपका नाम और पता हो।
दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध
पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
डी. मान्यताप्राप्त उधारदाता/ निवेशक
उत्तर: भारतीय बैंक प्राथमिक बाज़ार में विदेशों में निर्गमित आरडीबी में अभिदान नहीं कर सकते लेकिन विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुपालन की शर्त के अधीन अरैंजर/ हामीदार/ बाज़ार निर्माता/ व्यापारी हो सकते हैं।
लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)
उत्तर: टीएलटीआरओ योजना के तहत अधिग्रहीत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों के संबंध में जारीकर्ताओं द्वारा पुनर्खरीद के कारण एचटीएम से बिक्री को आरबीआई मास्टर परिपत्र डीबीआर सं.बीपी.बीसी.6/21.04.141/2015-16, दिनांक 1 जुलाई, 2015 के पैरा 2 में निर्धारित प्रकटीकरण सीमा से छूट दी गई है।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं
नहीं। आवास वित्त कंपनियां, मर्चेंट बैंकिंग कंपनियां, स्टॉक एक्सचेंजेस, स्टॉक ब्रोकिंग/सब ब्रोकिंग का कारोबार करने वाली कंपनियां, वेंचर कैपिटल कंपनियां, निधि कंपनियां, बीमा कंपनियां तथा चिट फंड कंपनियां एनबीएफसीज है परंतु कुछ शर्तों के अधीन इन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-झ(क) के तहत पंजीकरण से छूट प्राप्त है।
आवास वित्त कंपनियां राष्ट्रीय आवास बैंक से विनियमित होती है, मर्चेंट बैंक/वेंचर कैपिटल फंड कंपनी/स्टॉक–एक्सचेंज़/स्टॉक ब्रोकर/सब-ब्रोकर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से विनियमित होती है तथा बीमा कंपनियां भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आइआरडीए) द्वारा विनियमित होती है। इसी प्रकार, निधि कंपनियां, चिट फंड कंपनियां कार्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से विनियमित होती है। ऐसी कंपनियां जो वित्तीय कारोबार करती है तथा अन्य विनियामकों से विनियमित होती है ऐसी कंपनियों अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक से उसकी विनियामक आवश्यकताएं पर विशिष्ठ छूट प्राप्त है ताकि दोहरे विनियमन को टाला जा सके।
यह भी उल्लेख किया जाता है कि बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ(च)(iii) के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में अधिसूचित किया गया है। रू 100 से कम परिसंपत्ति आकार वाली कोर निवेश कंपनी तथा रू 100 करोड़ तथा उससे अधिक परिसंपत्ति आकार वाली कंपनियां परंतु जो सार्वजनिक निधि नही लेती है, उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण से छूट प्राप्त है।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: एक बार एफ़डीआई बन जाने पर वह सदा के लिए एफ़डीआई बनी रहेगी।
भारतीय मुद्रा
ख) बैंकनोट
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 26 के अनुसार, बैंकनोट के मूल्य का भुगतान करने हेतु बैंक उत्तरदायी है । जारीकर्ता होने के कारण, मांग किए जाने पर यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देय है ।
बैंकनोट पर मुद्रित वचन खंड, अर्थात “मैं धारक को ... रुपये अदा करने का वचन देता हूँ”, बैंक की ओर से बैंकनोट धारक के प्रति देयता को दर्शाता है ।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: इनमें स्थावर संपदा या अन्य अचल संपत्तियां शामिल होंगी जो किसी कंपनी के प्रभावी कामकाज के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इसमें गैर-समूह कंपनियों में अन्य वित्तीय निवेश/ऋण शामिल नहीं होने चाहिए।
भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण
सर्वेक्षण लॉन्च का विवरण
उत्तर: जिन कंपनियों के पास विदेशी तकनीकी सहयोग (FTC) समझौतों के साथ-साथ आंतरिक FDI है, वे इस सर्वेक्षण में भाग ले सकती हैं।
समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत
सीपीआईएस में भाग लेते समय याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
उत्तर: रिपोर्टिंग संस्थाओं को सर्वेक्षण प्रश्नावली भरने और जमा करने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं का पालन करना चाहिए:
i. कंपनी को नवीनतम सर्वेक्षण प्रश्नावली का उपयोग करना चाहिए, जो किसी भी मैक्रो को शामिल किए बिना .xls प्रारूप में है।
ii. कंपनी को नीचे दिए गए चरणों का पालन करके Excel 97-2003 वर्कबुक अर्थात, .xls प्रारूप में में सर्वेक्षण प्रश्नावली को सेव करना चाहिए:
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Office Button / File पर जाए → Save As → Save As type
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“Excel 97-2003 Workbook” चुने और Save the survey schedule in .xls प्रारूप में सर्वेक्षण प्रश्नावली को सेव करें।
iii. कंपनी से अनुरोध है कि सर्वेक्षण प्रश्नावली प्रस्तुत करते समय किसी Macro को शामिल न करें।
iv. किसी अन्य प्रारूप (.xls प्रारूप के अलावा) में प्रस्तुत सर्वेक्षण कार्यक्रम को सिस्टम द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा।
v. सुनिश्चित करें कि सर्वेक्षण प्रश्नावली में दी गई सभी सूचनाएं पूर्ण हैं और कोई सूचना छूटी नहीं है।
vi. आवश्यक विवरण भरने के बाद, उत्तरदाता संस्थाओं को सर्वेक्षण प्रश्नावली में मौजूद घोषणा को भरना होता है, जो यह सत्यापित करने में मदद करता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करने से पहले इकाई द्वारा दर्ज की गई जानकारी की पुन: पुष्टि की जाती है। यह डेटा प्रविष्टि त्रुटियों, छूटे हुए डेटा और अन्य त्रुटियों से बचने में मदद करता है।
भारतीय मुद्रा
ख) बैंकनोट
वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 और सिक्का अधिनियम, 2011 के अंतर्गत क्रमश: बैंक नोटों और सिक्कों को जारी किया जाता है। इन अधिनियमों के प्रावधान रुपये/सिक्के के किसी मानक मूल्य का उल्लेख नहीं करते हैं। कागजी मुद्रा और सिक्कों से संबंधित पूर्ववर्ती वैधानिक प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया है।
इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26 के अनुसार, प्रत्येक बैंक नोट भारत में किसी भी स्थान पर उसमें व्यक्त राशि के भुगतान या उक्त राशि के लिए कानूनी निविदा होगा और केंद्र सरकार द्वारा इसकी गारंटी दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त , किसी बैंक नोट के मूल्य की वापसी भारतीय रिजर्व बैंक (नोट वापसी) नियम, 2009 [भारतीय रिजर्व बैंक (नोट वापसी) संशोधन नियम, 2018 द्वारा संशोधित] के अनुसार निर्धारित और वापस की जाएगी, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए “नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा” पर मास्टर निर्देश के संदर्भ के साथ देखा जाए।
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ट. पीएसएलसी
उत्तर: 20 से कम शाखाओं वाले विदेशी बैंकों को निर्यात के अलावा अन्य क्षेत्रों को उधार देने के अपने 8% लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएसएलसी सामान्य को खरीदने की अनुमति नहीं है। हालांकि, ऐसे बैंकों को उक्त हेतु पीएसएलसी कृषि, पीएसएलसी सूक्ष्म उद्यम और पीएसएलसी लघु और सीमांत किसान को खरीदने की अनुमति है।ी
आवास ऋण
आवास ऋण के लिए प्रतिभूति आमतौर पर संपत्ति का पहला बंधक होता है, आमतौर पर स्वत्व विलेख जमा करने के माध्यम से। बैंक कभी-कभी आवश्यकता पड़ने पर अन्य संपार्श्विक प्रतिभूति भी मांगते हैं। कुछ बैंक मार्जिन/डाउन पेमेंट (आस्ति निर्माण में कर्जदारों का योगदान) को बनाए रखने/बनाने पर भी जोर देते हैं
आपके बैंक को सौंपी गई संपार्श्विक सुरक्षा जीवन बीमा पॉलिसियां हो सकती हैं, जिसका सरेंडर मूल्य ऋण राशि के एक निश्चित प्रतिशत पर निर्धारित होता है, सॉल्वेंट गारंटरों से गारंटी, शेयरों/प्रतिभूतियों की गिरवी और केवीपी/एनएससी आदि जैसे निवेश जो आपके बैंकर के लिए स्वीकार्य हैं। बैंकों को आपसे यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता होगी कि संपत्ति का शीर्षक किसी भी प्रकार के भार से मुक्त हो। (यानी, कोई मौजूदा बंधक, ऋण या मुकदमेबाजी नहीं होनी चाहिए, जिससे संपत्ति के शीर्षक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना हो)।
लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)
टीएलटीआरओ 2.0 से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Definition of public deposits
देशी जमा
I . देशी जमा
रिटेल डायरेक्ट योजना
खाता खोलने से संबंधित प्रश्न
विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))
धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं
उत्तर: यदि किसी इकाई को केवल शेयर आवेदन की राशि प्राप्त हुई है और नवीनतम वित्तीय वर्ष के मार्च अंत तक कोई विदेशी प्रत्यक्ष निवेश या ओवरसीज़ प्रत्यक्ष निवेश बकाया नहीं है तो उसे एफएलए रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं है।
दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध
पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
डी. मान्यताप्राप्त उधारदाता/ निवेशक
उत्तर: नहीं। प्राधिकृत व्यापारी (एडी) बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं/ विदेश स्थित अनुषंगी कंपनियों अथवा कोई अन्य अनुमत कंपनियों को छोड़कर भारत के निवासी व्यक्तियों का इस ढांचे के अंतर्गत पात्र एंटिटियों के उधारों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष एक्सपोजर नहीं है। साथ ही दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले उधार ढांचे/ साधन स्थापित करने से वे फेमा के अंतर्गत निर्धारित दंडात्मक कार्रवाई के लिए पात्र होंगे।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
प्रतिभूतियों का लेन-देन करते समय शहरी सहकारी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए । शहरी सहकारी बैंकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन पर दिशनिर्देशों को 1 जुलाई 2009 के मास्टर परिपत्र यूबीडी.बीपीडी(पीसीबी).एमसी.सं.12/16.20.000/2009-10 में कूटबद्ध किया गया है जिसे समय-समय पर अद्यतन किया जाता है । यह परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट में "अधिसूचनाएँ" के अंतर्गत मास्टर परिपत्र खण्ड में में देखा जा सकता है । शहरी सहकारी बैंकों द्वारा ध्यान में रखे जाने वाले दिशानिर्देशों में उनके निदेशक मंडल द्वारा विधिवत अनुमोदित एक निवेश नीति तैयार करने से संबंधित है जिसमें नीति के उद्देश्य, प्राधिकरण और सौदों के लिए प्रक्रिया, ब्रोकरों के माध्यम से लेन-देन, ब्रोकरों का पैनल तैयार करना तथा वार्षिक आधार पर उसकी समीक्षा तथा प्रत्येक ब्रोकर के माध्यम से लेन-देन के लिए विवेकपूर्ण सीमा निर्धारण इत्यादि को परिभाषित किया गया हो ।
करने योग्य अथवा न करने योग्य महत्वूपर्ण बातें नीचे बॉक्स 1 में प्रस्तुत हैं ।
सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार के लिए करने योग्य तथा न करने योग्य बातें करने योग्य बातें
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कारोबारी और बैक अप कार्यों को अलग-अलग करना । क्रय-विक्रय और लेन-देन के बारे में निर्णय करने वाले अधिकारी समायोजन तथा लेखांकन के लिए उत्तरदायी अधिकारियों से अलग होने चाहिए ।
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सभी लेन-देनों की निगरानी यह देखने के लिए करना कि सुपुर्दगी उसी दिन हो जाए । निधि खाते और निवेश खाते का समायोजन उसी दिन कार्य समाप्ति से पहले होना चाहिए ।
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प्राप्त/जारी एसजीएल फार्मों का रिकार्ड रखना ताकि उनकी आंतरिक नियंत्रण प्रणाली/भारतीय रिजर्व बैंक निरीक्षकों/अन्य लेखा परीक्षकों को जांच करने में सुविधा हो ।
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एक अनुसूचित वाणिज्य बैंक (एससीबी), प्राथमिक व्यापारी (पीडी) अथवा एक वित्तीय संस्था (एफआइ) को लेन-देनों के लिए प्रतिपक्ष रखें ।
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प्रतिपक्षों के साथ प्रत्यक्ष सौदों को वरीयता दें ।
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प्रतिभूतियाँ रखने के लिए सीएसजीएल/गिल्ट खातों का उपयोग करें तथा ऐसे खाते उसी बैंक में रखें जहाँ नकदी खाता अनुरक्षित किया हो ।
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सभी लेन-देनों के लिए सुपुर्दगी बनाम लेन-देन पर जोर दें ।
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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आयोजित प्राथमिक नीलामी में भारत सरकार की प्रतिभूतियों के अभिग्रहण के लिए गैर स्पर्धी बोली सुविधा का लाभ लें ।
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यदि सौदा ब्रोकर के माध्यम से किया जा रहा है तो तो उसकी भूमिका दोनों पक्षों को सौदा करने के लिए लाने तक ही सीमित रखें ।
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अनुमोदित ब्रोकरों की सूची रखें । माध्यस्थों के रूप में काम करने के लिए एनएसई अथवा बीएसई अथवा ओटीसीईआइ के पास पंजीकृत ब्रोकरों का ही उपयोग करें ।
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प्रत्येक अनुमोदित ब्रोकर के लिए समग्र उच्चतर संविदा सीमा के रूप में वर्ष के दौरान किए जाने वाले कुल लेन-देनों की 5% सीमा रखें । कारोबार के ऐसे भाग को केवल एक या कुछ ब्रोकरों के माध्यम से नहीं करना चाहिए जो अनुपात के अनुरूप न हो ।
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सीएसजीएल खाता धारक के पास अनुरक्षित एसजीएल खाते या गिल्ट खाते में डीमैट रूप में ही सरकारी प्रतिभूतियों को रखा जाए और लेन-देन किया जाए ।
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केवल एक गिल्ट अथवा डीमैट खाता खोलें ।
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जिस अनुसूचित वाणिज्य बैंक अथवा राज्य सहकारी बैंक के पास गिल्ट खाता अनुरक्षित है, उसी बैंक में प्रतिभूतियों के लेन-देन के लिए निधि खाता खोला जाए ।
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लेन-देन करने से पहले बिक्री के लिए गिल्ट खाते में पर्याप्त प्रतिभूतियाँ तथा क्रय के लिए नामित निधि खाते में पर्याप्त निधि उपलब्धता सुनिश्चित करें ।
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अनुमतिप्राप्त गैर एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश के लिए विवेकपूर्ण सीमा का पालन करें (राष्ट्रीयकृत बैंकों के बॉण्ड, सूचीबद्ध न की गई प्रतिभूतियाँ, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के सूचीबद्ध न किए गए शेयर तथा निजी रूप से जारी की गई ऋण प्रतिभूतियाँ) ।
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निदेशक मंडल को कम से कम माह में एक बार सभी निवेश लेन-देनों को ध्यान से पढ़ना चाहिए ।
न करने योग्य बातें
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किसी भी ब्रोकिंग फर्म अथवा अन्य मध्यस्थों से सीधे आधार पर कोई क्रय/विक्रय लेन-देन न करें ।
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समायोजन प्रक्रिया में ब्रोकरों का प्रयोग न करें अर्थात निधि का समायोजन और प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी केवल प्रति-पक्ष से सीधे ही करनी चाहिए ।
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मुद्रा और प्रतिभूति बाजारों में अपनी ओर से लेन-देन करने के लिए किसी भी स्थिति में ब्रोकरों/मध्यस्थों को मुख्तारनामा अथवा अन्य कोई प्राधिकार न दें ।
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किसी भी ब्रोकर के साथ भौतिक रूप से सरकारी प्रतिभूतियों का लेन-देन न करें ।
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सहकारी क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य किसी कंपनी अथवा निकाय द्वारा जारी गैर एसएलआर प्रतिभूतियों में (अर्थात कार्पोरेट बॉण्डों इत्यादि) लगातार निवेश न करें ।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: जब तक कि संस्था में विदेशी शेयर धारिता उतनी ही रहती है और उक्त क्षेत्र को अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत लाए जाने के बाद कोई कॉर्पोरेट कार्रवाई नहीं की गई है तब तक अनुमोदन आवश्यक नहीं है।
भारतीय मुद्रा
ख) बैंकनोट
भारत में वर्तमान में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500, तथा ₹2000* मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किए जाते हैं । इन नोटों को बैंकनोट कहा जाता है, क्योंकि ये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। ₹2 तथा ₹5 मूल्यवर्ग के नोटों का मुद्रण बंद कर दिया गया है तथा इन मूल्यवर्गों के सिक्के बनाए जा रहे हैं क्योंकि इन बैंक नोटों का मुद्रण तथा सेवा पर किया जाने वाला खर्च इनके जीवनकाल के आनुषंगिक नहीं था । यद्यपि, पूर्व में जारी किए गए इस तरह के बैंकनोट अभी भी संचलन में पाए जाते हैं तथा ये बैंकनोट वैध मुद्रा बने हुए हैं । ₹1 के नोट समय-समय पर भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं तथा पूर्व में जारी किए गए नोटों सहित इस प्रकार के नोट लेन-देन के लिए वैध मुद्रा बने हुए हैं ।
*₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट अभी भी वैध मुद्रा हैं। अधिक जानकारी के लिए 01 सितंबर 2023 के प्रेस विज्ञप्ति का संदर्भ लें (https://rbi.org.in/hi/web/rbi/-/press-releases/withdrawal-of-%E2%82%B92000-denomination-banknotes-status-56301).
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं
एनबीएफसी को इस तरह वर्गीकृत किया गया हैं - ए) जमाराशियाँ स्वीकार करने वाली और जमाराशियाँ स्वीकार न करने वाली बी) जमाराशियाँ स्वीकार न करने वाली एनबीएफसी उनके आकार से, प्रणालीबद्ध रूप से महत्वपूर्ण और जमाराशियाँ स्वीकार न करने वाली अन्य एनबीएफसी (एनबीएफसी-एनडीएसआई और एनबीएफसी-एनडी) और सी) वे जिस प्रकार की गतिविधि करती हैं। इस व्यापक वर्गीकरण के भीतर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विभिन्न प्रकार निम्नानुसार हैं:
I. आस्ति वित्त कंपनी (एएफसी): एएफसी एक ऐसी कंपनी है, जो एक वित्तीय संस्था है, जो अपने प्रमुख व्यवसाय के रूप में, मोटर वाहन, ट्रैक्टर, खराद मशीन, जनरेटर सेट, भू-स्थान-परिवर्तन और सामग्री हैंडलिंग उपकरण, स्वयम-शक्ति पर चलती बिजली और सामान्य प्रयोजन की औद्योगिक मशीनों, जो कि उत्पादक/आर्थिक गतिविधियों को सहायता देते हैं, का वित्तपोषण करती है। इस उद्देश्य के लिए प्रमुख व्यवसाय को, वास्तविक/भौतिक, आर्थिक गतिविधि-समर्थक, परिसंपत्तियों के वित्तपोषण का राशिकृत कारोबार और उससे उत्पन्न होने वाली आय क्रमशः इसकी कुल संपत्ति और कुल आय के 60% से कम नहीं है, में परिभाषित किया गया है।
II. निवेश कंपनी (आईसी): निवेश कंपनी एक ऐसी कंपनी है, जो एक वित्तीय संस्था है, जो अपने प्रमुख व्यवसाय के रूप में, प्रतिभूतियों के अधिग्रहण करती है।
III. ऋण कंपनी: ऋण कंपनी एक ऐसी वित्तीय संस्था है, जो अपने प्रमुख व्यवसाय के रूप में, अपने खुद को छोड़कर अन्य गतिविधियों के लिए ऋण या अग्रिम वित्त उपलब्ध करती है, लेकिन इसमे आस्ति वित्त कंपनी शामिल नहीं।
IV. इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी): आईएफसी एक ऐसी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी है जो क) बुनियादी सुविधाओं के ऋण में अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 75 प्रतिशत रखती है। ख) इसके पास न्यूनतम निवल स्वाधिकृत 300 करोड़ रुपये का निधि होता है। ग) इसकी न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग 'ए' या समकक्ष होती है। घ) और सीआरएआर 15% होता है।
V. प्रणालीगत महत्वपूर्ण कोर निवेश कंपनी (सीआईसी-एनडी-एसआई): सीआईसी-एनडी-एसआई ऐसी एनबीएफसी है, जो शेयरों और प्रतिभूतियों के अधिग्रहण का व्यवसाय, निम्न शर्तों को पूरा करके करती हैं:-
(ए) यह इक्विटी शेयर, अधिमान शेयर, ऋण या समूह की कंपनियों में ऋण में निवेश के रूप में अपनी कुल परिसंपत्तियों का कम से कम 90% रखती है;
(बी) समूह कंपनियों में इक्विटी शेयर में निवेश (ऐसी लिखतों सहित, जो निर्गम की तिथि से 10 वर्ष से अनधिक अवधि के भीतर अनिवार्यतः परिवर्तनीय इक्विटी शेयरों में परिवर्तित) अपनी कुल परिसंपत्तियों का कम से कम 60% गठन करती हैं;
\(सी) यह विलयन या विनिवेश के प्रयोजन के लिए ब्लॉक बिक्री माध्यम को छोड़कर, समूह कंपनियों में शेयर, ऋण या कर्ज के रूप में अपने निवेश में व्यापार नहीं करती है;
(डी) यह, बैंक जमाराशि में निवेश, मुद्रा बाजार लिखत, सरकारी प्रतिभूतियाँ, समूह कंपनियों की ओर से जारी गारंटियाँ या समूह कंपनियों के कर्ज निर्गमों के लिए ऋण और निवेश को छोड़कर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 45-झ(क) और 45झ(च)में उल्लेखित किसी भी अन्य वित्तीय गतिविधि में क्रियाशील नहीं है।
(ई) इसकी परिसंपत्ति 100 करोड रुपये या ऊपर है और
(एफ) यह सार्वजनिक निधि को स्वीकार करती है।
VI. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड: गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (आईडीएफ-एनबीएफसी): आईडीएफ-एनबीएफसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में पंजीकृत कंपनी है, जो बुनियादी परियोजनाओं के लिए लंबी अवधि का ऋण सुकर करती है। आईडीएफ-एनबीएफसी न्यूनतम 5 साल की परिपक्वता अवधि के रुपया या डॉलर के अंकित बांडस के निर्गम के माध्यम से संसाधन जुटाती है। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) आईडीएफ-एनबीएफसी को प्रायोजित कर सकती है।
VII. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - सूक्ष्म वित्त संस्था (एनबीएफसी-एमएफआई): एनबीएफसी-एमएफआई जमाराशि न लेने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है, जिसकी अपनी परिसंपत्ति के कम से कम 85% परिसंपत्ति, विशेषक परिसंपत्ति के रूप में होती है और जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करती है:
ए. एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा ग्रामीण उधारकर्ता को वितरित ऋण जिसकी वार्षिक आय 1,00,000 रुपये से अनधिक हो या शहरी या अर्ध-शहरी उधारकर्ता को वितरित ऋण जिसकी आय रुपये 1,60,000 से अनधिक हो।
बी. पहले चक्र में ऋण की राशि रुपये 50,000 से अनधिक हो और बाद के चक्र में 1,00,000 रुपये से अनधिक हो;
सी. उधारकर्ता को वितरित कुल ऋण 1,00,000 रुपये से अधिक न हो;
डी. रुपये 15,000 से अधिक की ऋण की राशि के लिए पूर्व भुगतान बिना दंड के साथ ऋण की अवधि 24 महीने से कम नहीं होनी चाहिये;
इ. संपार्श्विक के बिना ऋण दिया जा रहा हो;
एफ. आय सृजन के लिए दिए गए ऋणों की कुल राशि, एमएफआई द्वारा दिए गए कुल ऋण के 50 प्रतिशत से कम नहीं हो;
जी. उधारकर्ता के विकल्प पर, ऋण, साप्ताहिक पाक्षिक या मासिक किश्तों पर प्रतिदेय हो;
VIII. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-कारक/फैक्टर्स (एनबीएफसी-फैक्टर्स): एनबीएफसी-फैक्टर जमाराशि न लेने वाली एनबीएफसी है, जो फैक्टरिंग के प्रमुख कारोबार में लगी है। फैक्टरिंग कारोबार में वित्तीय परिसंपत्तियां, अपनी कुल परिसंपत्तियों के कम से कम 50 प्रतिशत होनी चाहिए और उसकी आय, फैक्टरिंग कारोबार से मिली आय सकल आय के 50 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।
IX. बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनी (एमजीसी) - एमजीसी ऐसी वित्तीय संस्था है, जिसके कारोबार का कम से कम 90% बंधक (मार्गेज) गारंटी कारोबार से है या सकल आय के कम से कम 90% बंधक (मार्गेज) गारंटी कारोबार से है और निवल स्वाधिकृत निधि 100 करोड़ रुपये है।
X. एनबीएफसी - नॉन-ऑपरेटिव फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी (NOFHC) एक ऐसी वित्तीय संस्था है, जिसके माध्यम से प्रमोटर/प्रमोटर समूह को एक नया बैंक स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी। यह एक पूर्ण स्वामित्व वाली नॉन -ऑपरेटिव फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी (NOFHC) है, जो नियामक निर्धारण के तहत बैंक के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित की जाने वाली या अन्य वित्तीय क्षेत्र के नियामकों से नियमित अन्य सभी वित्तीय सेवा कंपनियों को अपने अधीन रखेगी।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: हालांकि ऐसे खातों को इस तथ्य के मद्देनजर ध्यान में रखा जा सकता है कि तुलन पत्र की तारीख के बाद के घटनाक्रम को भी ध्यान में रखा जाता है, सीआईसी-एनडी-एसआई सहित सभी एनबीएफसी को अनिवार्य रूप से वर्ष के 31 मार्च को अपने खातों को अंतिम रूप देना होगा, और इस आंकड़े के आधार पर वार्षिक लेखापरीक्षा प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण
सर्वेक्षण लॉन्च का विवरण
उत्तर: यदि कंपनी के पास सर्वेक्षण संदर्भ अवधि के दौरान कोई FTC नहीं है, तो उन्हें फॉर्म के भाग I और II को भरकर FCS सर्वेक्षण का सर्वेक्षण कार्यक्रम प्रस्तुत करना होगा।
समन्वित संविभागीय निवेश सर्वेक्षण - भारत
सीपीआईएस के तहत क्या रिपोर्ट करें?
उत्तर: भारत में सभी शाखाओं/कार्यालयों को शामिल करते हुए, इकाई स्तर पर एक समेकित डेटा प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ट. पीएसएलसी
उत्तर: बैंक अपनी आवश्यकतानुसार पीएसएलसी खरीद सकता है। इसके अतिरिक्त, किसी बैंक को पिछले वर्ष की पीएसएल उपलब्धि के 50 प्रतिशत तक, ऋण पुस्तिकाओं में अंतर्निहित किए बिना, पीएसएलसी जारी करने की अनुमति है। यह श्रेणीवार लागू है। तिमाही और वार्षिक प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र रिटर्न की रिपोर्टिंग करते समय पीएसएलसी की शुद्ध/निवल स्थिति (पीएसएलसी खरीद – पीएसएलसी बिक्री) पर विचार किया जाना चाहिए। तथापि, अंतर्निहित परिसंपत्तियों का पता लगाने के संबंध में, 31 मार्च तक बैंक को बकाया प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र पोर्टफोलियो तथा जारी और खरीदे गए पीएसएलसी के योग के माध्यम से प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र लक्ष्य को पूरा करना होगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022