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भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021

अपडेट हो गया है: जनवरी 07, 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी तीन पूर्ववर्ती ओम्बड्समैन योजनाओं अर्थात् (i) बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006, (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018, और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 को 12 नवंबर 2021 की प्रभावी तिथि से एक योजना - 'रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 (योजना / आरबी-आइओएस, 2021) में एकीकृत किया। यह योजना बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों (पीएसपी) और साख सूचना कंपनियों (सीआइसी) जैसी विनियमित संस्थाओं (आरई) के ग्राहकों को एक केंद्रीकृत संदर्भ बिंदु पर अपनी शिकायतें दर्ज करने में सक्षम बनाकर भारतीय रिज़र्व बैंक में शिकायत निवारण प्रक्रिया को सरल बनाती है। इस योजना का उद्देश्य आरई की ओर से सेवा में कमी से संबंधित ग्राहक शिकायतों का त्वरित, नि:शुल्क और संतोषजनक तरीके से समाधान करना है। येअक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नआरबी-आइओएस, 2021 और संबंधित पहलुओं पर जानकारी प्रदान करते हैं।

रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 (आरबी-आइओएस, 2021/योजना) का आरंभ 12 नवंबर 2021 को किया गया था। यह भारतीय रिज़र्व  बैंक की तीन पूर्ववर्ती ओम्बड्समैन योजनाओं अर्थात् (i) बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006; (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018; और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल  योजना, 2019 को एकीकृत करती है। इन योजनाओं में क्षेत्राधिकार से संबंधित प्रतिबंधों के अतिरिक्त शिकायतों के सीमित और अलग-अलग आधार और आरई का सीमित कवरेज था। आरबी-आइओएस, 2021, आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं में कमी से संबंधित ग्राहक शिकायतों का नि:शुल्क निवारण प्रदान करती है, यदि शिकायत का समाधान ग्राहकों की संतुष्टि के अनुसार नहीं किया जाता है या आरई द्वारा 30 दिन की अवधि के भीतर जवाब नहीं दिया जाता है।

तीन मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करने के अतिरिक्त, इस योजना में अतिरिक्त आरई, नामत:, ₹50 करोड़ और उससे अधिक के जमा आकार वाले गैर-अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और साख सूचना कंपनियां भी शामिल हैं। यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक के ओम्बड्समैन प्रणाली को आधिकारिक निष्पक्षता प्रदान कर 'एक राष्ट्र एक ओम्बड्समैन' का दृष्टिकोण अपनाती है।

भारतीय रिज़र्व बैंक के एजीआर ढांचे में आरबीआई ओम्बड्समैन (आरबीआइओ), उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण कक्ष (सीईपीसी) और सीईपीडी शामिल हैं। आरबीआइओ आरबी-आइओएस, 2021 के ढांचे के तहत कार्य करते हैं। आरबी-आइओएस, 2021 के दायरे में नहीं आने वाली आरई के विरुद्ध शिकायतें सीईपीसी प्राप्त करती हैं। सीईपीडी आरबी-आइओएस के तहत अपीलीय प्राधिकारी (एए) को सहायता प्रदान करती है और अपील मामलों को संसाधित करती है।

आरबी-आइओएस, 2021 में सभी वाणिज्यिक बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), भुगतान प्रणाली प्रतिभागी, अधिकांश प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और साख सूचना कंपनियां शामिल हैं। आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शामिल की गई आरई प्रश्न 11 के तहत सूचीबद्ध हैं।

आरबीआई ओम्बड्समैन आरबीआई द्वारा नियुक्त आरबीआई का एक वरिष्ठ अधिकारी है, जिसे आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 3 (1) () के तहत परिभाषित "सेवा में कमी" के विरुद्ध आरई के ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए नियुक्त किया गया है।

सेवा में कमीका अर्थ विनियमित संस्था से वैधानिक रुप से या अन्‍यथा प्रदान करने के लिए अपेक्षित किसी भी वित्‍तीय सेवा या उससे संबंधित अन्य सेवा में कमी या अपर्याप्‍तता से है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक को वित्तीय नुकसान या क्षति हो सकती है या नहीं भी हो सकती है।

‘’उप ओम्बड्समैन’’ से आशय आरबीआई द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी से है जो शिकायतों के समाधान और कुछ शिकायतों और योजना के तहत सौंपे गए कार्यों के संचलन में आरबीआई ओम्बड्समैन (प्रश्न 4 देखें) की सहायता करता है। उप ओम्बड्समैन सुकरीकरण या समाधान या मध्यस्थता के माध्यम से शिकायतकर्ता और आरई के बीच समझौते के द्वारा और प्रश्न 24 में चर्चा के अनुसार शिकायतों का निपटान करने का प्रयास करता है।

आरबी-आइओएस, 2021 ने प्रक्रियाओं को सरल बनाया है, भौतिक और ईमेल शिकायतों की प्राप्ति को केंद्रीकृत किया है, इसके दायरे में और अधिक आरई को लाया गया है, शिकायतों के सीमित आधार और ओम्बड्समैन के क्षेत्राधिकार के अंतर को समाप्त कर दिया है और अब सेवा में कमी से संबंधित सभी शिकायतों को आरबी-आइओएस के तहत शामिल किया गया है।  शिकायतकर्ता आरई के विरुद्ध सीएमएस पोर्टल https://cms.rbi.org.in/  पर 24x7 ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या सीआरपीसी को ईमेल / भौतिक रूप में अपनी शिकायत भेज सकते हैं (प्रश्न 16 देखें) उन्नत सीएमएस पोर्टल के साथ आरबी-आइओएस से शिकायतकर्ता को प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ निम्नानुसार हैं:

  1. सीएमएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में सरलीकरण;
  2. सीएमएस पोर्टल/सीआरपीसी पर शिकायत देश में कहीं से भी दर्ज की जा सकती है, चाहे शिकायतकर्ता, आरई या इसमें शामिल शाखा का पता कुछ भी हो;
  3. देश में कहीं से भी भौतिक/ईमेल शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक पता और एक ईमेल;
  4. ऑनलाइन शिकायत के पंजीकरण पर शिकायतकर्ता को स्वचालित पावती;
  5. शिकायत की स्थिति हेतु रीयल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा;
  6. एक राष्ट्र एक ओम्बड्समैनदृष्टिकोण से सुविधा.
  7. सीएमएस पर ही अतिरिक्त दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा;
  8. शिकायत के निर्णय/समापन की सूचना देने वाला विस्तृत पत्र;
  9. आरबीआई द्वारा प्रदान किए गए निवारण के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाइन और स्वैच्छिक प्रतिपुष्टि प्रस्तुत करने की सुविधा।

भौतिक माध्यम (पत्र/डाक) से शिकायत प्राप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक, चंडीगढ़ में केंद्रीकृत प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र (सीआरपीसी) स्थापित किया गया है। सीआरपीसी इन शिकायतों की प्रारंभिक जांच और उन्हें संसाधित करता है, उन्हें सीएमएस पर अपलोड करता है, जिसे बाद में निवारण हेतु आरबीआई ओम्बड्समैन (ओआरबीआइओ) या सीईपीसी के कार्यालयों को आवंटित किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया प्रश्न 15 और 16 देखें।

आरबीआई का संपर्क केंद्र एक ऐसा मंच है जहां शिकायतकर्ता आरबीआई के वैकल्पिक शिकायत निवारण (एजीआर ) तंत्र से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आरबीआई तक पहुंच सकता है, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया या सहायता प्राप्त कर सकता है और आरबीआई के पास दर्ज शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है। टोल फ्री नंबर #14448 पर इंटरेक्टिव स्वर प्रतिसाद प्रणाली (इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम - आईवीआरएस) 24x7 उपलब्ध है, जबकि अंग्रेजी और हिंदी तथा दस क्षेत्रीय भाषाओं (असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, मलयालम, ओडिया, पंजाबी, तेलुगु और तमिल) में संपर्क केंद्र कर्मियों से बात करने की सुविधा सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक (राष्ट्रीय छुट्टियों को छोड़कर सभी कार्यदिवस) उपलब्ध है।

नहीं, संपर्क केंद्र के माध्यम से शिकायतें दर्ज नहीं की जा सकती हैं, लेकिन संपर्क केंद्र सीएमएस पोर्टल पर या भौतिक माध्यम से शिकायत दर्ज करने में शिकायतकर्ता की सहायता कर सकता है। यह आरबीआई द्वारा स्थापित वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र के बारे में स्पष्टीकरण/ विवरण भी प्रदान करेगा।

वर्तमान में, भारतीय रिजर्व बैंक के ओम्बड्समैन (ओआरबीआईओ) के कार्यालय संपूर्ण भारत में 22 स्थानों से कार्य कर रहे हैं। हालांकि, शिकायतकर्ताओं को आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी निर्दिष्ट ओआरबीआईओ से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से सीधे ऑनलाइन दर्ज की गई शिकायतें, शिकायत पंजीकृत होने के बाद निवारण हेतु विभिन्न आरबीआई ओम्बड्समैन को स्वचालित रूप से आवंटित की जाती हैं। भौतिक और ईमेल शिकायतों को संसाधित किया जाता है और शिकायतकर्ता से अधिक जानकारी / विवरण प्राप्त करने के बाद, यदि उपलब्ध नहीं है, तो आगे की प्रक्रिया के लिए सीएमएस में दर्ज किया जाता है।

आरबी-आइओएस, 2021 के तहत आरबीआई की निम्न आरई शामिल हैं:

  1. बैंक: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंक, अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और गैर-अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जिनकी जमा राशि पिछले वित्‍तीय वर्ष के लेखा-परीक्षित तुलन-पत्र की तारीख को रुपए 50 करोड और उससे अधिक है;
  2. आरबीआई के पास पंजीकृत एनबीएफसी : सभी गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां (आवास वित्‍त कंपनियों को छोडकर) जो () जमा स्‍वीकारने हेतु प्राधिकृत हैं; या () पिछले वित्तीय वर्ष के  लेखा-परीक्षित तुलन-पत्र की तारीख को ₹100 करोड़ और उससे अधिक की आस्ति आकार के साथ ग्राहक इंटरफ़ेस है;


    नोट: कोर इन्वेस्टमेंट कंपनियों’, ‘इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड-गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’, ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों-इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियों’, कंपनियां जो रेजल्यूशन या समापन / परिसमापन में हैं, या आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य एनबीएफसी को आरबी-आइओएस के दायरे से बाहर रखा गया है।

  3. प्रणाली प्रतिभागी: सभी भुगतान प्रणाली प्रतिभागी - बैंक और गैर-बैंक - को आरबी-आइओएस,    2021   के तहत शामिल किया गया है। ये इकाइयां पूर्वदत्‍त भुगतान लिखत (पीपीआई) जारी करती     हैं और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी)/तत्काल सकल निपटान (आरटीजीएस) / तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस)/यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई)/भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस)/भारत क्यूआर कोड/अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा (यूएसएसडी) का उपयोग कर *99# मोबाइल लेनदेन सेवा /आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस)         आदि का उपयोग करके लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं।

     

  4. iv. साख सूचना कंपनियां: कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) में परिभाषित सभी साख सूचना कंपनियां जिन्हें साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (2005 का 30) की धारा 5 की उप-धारा (2) के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
    आरबी-आइओएस के अंतर्गत शामिल की गई संस्थाओं की सूची को समय-समय पर अद्यतन किया जाता है, यह https://cms.rbi.org.in/cms/assets/Documents/RBIO_English_Portal.pdf  पर उपलब्ध है।

     

आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शामिल नहीं की गई आरई से संबंधित शिकायतों को समाधान के लिए आरबीआई के उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण कक्षों (सीईपीसी) (वर्तमान में 30 आरबीआई कार्यालयों में स्थित) को अग्रेषित किया जाता है। ऐसी शिकायतें पोर्टल पर या प्रश्न 16 में दिए गए पते पर भी दर्ज की जा सकती हैं। शिकायत दर्ज करते समय उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर शिकायतकर्ता को एसएमएस और -मेल के माध्यम से इसकी सूचना दी जाएगी।

नीचे दिए गए प्रश्न 14 के तहत सूचीबद्ध शिकायतों को छोड़कर, आरई की ओर से 'सेवा में कमी' से संबंधित सभी शिकायतों को आरबी-आइओएस, 2021 के तहत संचलित किया जाता है। आरबी-आइओएस, 2021 के अनुसार सेवा में कमीका अर्थ विनियमित संस्था से वैधानिक रुप से या अन्‍यथा प्रदान करने के लिए अपेक्षित किसी भी वित्‍तीय सेवा या उससे संबंधित अन्य सेवा में कमी या अपर्याप्‍तता से है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक को वित्तीय नुकसान या क्षति हो सकती है या नहीं भी हो सकती है।

कतिपय शिकायतें जिन्हें निम्नलिखित विभिन्न कारणों से अस्वीकार्य शिकायतों के रूप में वर्गीकृत किया गया है, आरबी-आइओएस, 2021 के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।

  1. ऐसी शिकायतें जो संबंधित विनियमित संस्था को लिखित रूप में प्रस्तुत किए बिना सीधे ओम्बड्समैनके पास दर्ज की गई हो;
  2. ऐसी शिकायतें जो आरई के पास दर्ज की गई हैं, लेकिन आरई के पास शिकायत दर्ज करने की तारीख से 30 दिन की अवधि समाप्त नहीं हुई है, सिवाय उन शिकायतों के जिनके लिए शिकायतकर्ता को आरई से जवाब मिला है, और वह जवाब से संतुष्ट नहीं है;
  3. शिकायतकर्ता को विनियमित संस्था से शिकायत का उत्तर प्राप्त होने के एक वर्ष के बाद या, जहां उत्तर प्राप्‍त नहीं हुआ है तो शिकायत की तारीख से एक वर्ष और 30 दिन के  बाद ओम्बड्समैनके पास शिकायत दर्ज की गई है;
  4. जिन शिकायतों को ओम्बड्समैन/सीईपीसी द्वारा पहले ही निपटाया जा चुका है या जो समान कार्रवाई कारण और राहत के लिए आरबीआईओ के पास प्रक्रियाधीन/लंबित हैं (चाहे उसी शिकायतकर्ता से या एक या अधिक शिकायतकर्ताओं से प्राप्त हुआ हो);
  5. आरई के वाणिज्यिक निर्णय से संबंधित शिकायतें। उदाहरणत: ऋण प्रदान करना;
  6. विक्रेता और आरई के बीच किसी भी विवाद से संबंधित शिकायतें;
  7. अन्य अधिकारियों को संबोधित शिकायतें और सीधे ओम्बड्समैन को संबोधित नहीं है;
  8. आरई प्रबंधन या अधिकारियों के विरुद्ध सामान्य शिकायतें;
  9. ऐसे विवाद से संबंधित शिकायतें जिनमें आरई द्वारा प्रारंभ की गई कार्रवाई वैधानिक या कानून का प्रवर्तन करने वाले प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन में है;
  10. ऐसी शिकायतें जिनमें सेवा में कथित कमी आरबीआई द्वारा विनियमित होने वाली संस्था से संबंधित है;
  11. आरई के बीच विवादों से संबंधित शिकायतें;
  12. आरई के कर्मचारी-नियोक्ता संबंध से जुड़े किसी भी विवाद से संबंधित शिकायतें;
  13. किसी न्‍यायालय, अधिकरण या मध्यस्थ या अन्‍य किसी मंच या प्राधिकरण के पास लंबित है या निपटाई गई है या उसके गुणागुण पर किसी न्‍यायालय, अधिकरण या मध्‍यस्‍थ या अन्‍य किसी मंच या प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई की गई है, चाहे वह एक ही शिकायतकर्ता से या एक या अधिक शिकायतकर्ताओं के साथ, या एक या अधिक संबंधित पक्षों से प्राप्त हुई हो या नहीं;
  14. ऐसी शिकायतें जो अपमानजनक या तुच्छ या तंग करने वाली प्रकृति की हों;
  15. ऐसे दावों के लिए शिकायतें परिसीमा अधिनियम, 1963 के अनुसार निर्धारित समयावधि के समाप्त होने के बाद दर्ज की गई हो;
  16. अपूर्ण विवरण वाली शिकायतें और वे शिकायतें जो प्रकृति में विशिष्ट / कार्रवाई योग्य नहीं हैं;
  17. अधिवक्ता के माध्यम से दर्ज शिकायतें (सिवाय इसके कि अधिवक्ता स्वयं व्यथित व्यक्ति हो);
  18. सुझाव देने या मार्गदर्शन या स्पष्टीकरण मांगने की प्रकृति की शिकायतें।

अपनी शिकायत के निवारण के लिए शिकायतकर्ता को सबसे पहले संबंधित आरई से संपर्क करना होगा। यदि शिकायत दर्ज होने के उपरांत 30 दिन की अवधि के भीतर आरई जवाब नहीं देती है या शिकायत को पूर्णत: / आंशिक रूप से अस्वीकार करती है या यदि शिकायतकर्ता आरई द्वारा दिए गए जवाब / समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो शिकायतकर्ता आरबी-आइओएस, 2021 के तहत अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। 

आरई के पास शिकायत दर्ज कराए बिना या आरई से कोई जवाब प्राप्त नहीं होने पर शिकायत दर्ज करने के उपरांत 30 दिन की अवधी समाप्त होने से पूर्व आरबीआई ओम्बड्समैन से संपर्क करने पर शिकायत आरबी-आइओएस, 2021 के तहत  अस्वीकार्य हो जाएगी।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शिकायतकर्ता को विनियमित संस्था से शिकायत का उत्तर प्राप्त होने के एक वर्ष के भीतर या, जहां कोई उत्तर प्राप्‍त नहीं हुआ है तो आई को दिए अभ्यावेदन की तारीख से एक वर्ष और 30 दिन के भीतर ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज की जानी चाहिए।

शिकायत निम्नलिखित किसी भी तरीके से दर्ज की जा सकती है:

  1. ऑनलाइनआरबीआई की शिकायत प्रबंध प्रणाली (सीएमएस) पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से।
  2. योजना के अनुबंध में निर्दिष्ट फार्म में केंद्रीकृत प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र, 4थी मंजिल, भारतीय रिज़र्व बैंक, सेक्टर-17, सेंट्रल विस्टा, चंडीगढ़ – 160017 को भौतिक रूप से पत्र या पोस्ट के माध्यम से।
  3. पूर्ण विवरण के साथ शिकायतें (कृपया नीचे प्रश्न 17 देखें) crpc@rbi.org.in को ईमेल द्वारा भेजी जा सकती हैं

शिकायतकर्ता को निम्नलिखित विवरण उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है:  

  1. शिकायतकर्ता का नाम, आयु और लिंग;
  2. व्यक्तिगत -मेल आईडी, मोबाइल नंबर (सूचना प्राप्त करने के लिए अनिवार्य), और लैंडलाइन नंबर (यदि उपलब्ध हो) के साथ शिकायतकर्ता का पूरा डाक पता;
  3. विनियमित संस्‍था जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है की शाखा या कार्यालय का नाम और पूरा पता;
  4. लेन-देन की तारीख और विवरण, शिकायतकर्ता की खाता संख्या, डेबिट या क्रेडिट कार्ड संख्या के विवरण सहित शिकायत उत्पन्न होने के पूरे तथ्य, इस हद तक कि वे शिकायत की विषय वस्तु के लिए प्रासंगिक हैं;
  5. शिकायत के निवारण के लिए आरई को प्रस्तुत अभ्यावेदन और आरई से प्राप्त उत्तर, यदि कोई हो, की तारीख और विवरण;
  6. शिकायतकर्ता को हुई हानि की प्रकृति और सीमा; और,
  7. मांगी गई राहत; साथ ही
  8. यह घोषणा कि आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 10 के अनुसार शिकायत अस्वीकार्य नहीं है। 

नोट: शिकायतकर्ता को शिकायत के साथ, शिकायत का समर्थन करने वाले प्रासंगिक दस्तावेजों की प्रतियां भी प्रस्तुत करनी होंगी।

शिकायत के सफलतापूर्वक पंजीकृत हो जाने के बाद, उसे एक शिकायत संख्या प्रदान की जाती है। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत दर्ज करते समय उपलब्ध करवाए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस और ईमेल आईडी पर -मेल के माध्यम से इस शिकायत संख्या को दर्शाने वाली एक पावती भेजी जाती है। शिकायत की स्थिति को लिंक: https://cms.rbi.org.in के  माध्यम से मोबाइल नंबर और शिकायत संख्या (मोबाइल पर प्राप्त) का उपयोग करके देखा जा सकता है।

शिकायतकर्ता टोल-फ्री नंबर 14448 के माध्यम से सीआरपीसी, चंडीगढ़ के संपर्क केंद्र से भी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है।

हाँ, शिकायतकर्ता के अधिकृत प्रतिनिधि (अधिवक्ता के अतिरिक्त) के माध्यम से शिकायत दर्ज की जा सकती है। ऐसी शिकायतें योजना में निर्धारित प्रपत्र में अधिकार-पत्र के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए {जिसमें प्रतिनिधि का विवरण अर्थात् नाम, पता, मोबाइल नंबर (सूचना प्राप्त करने के लिए अनिवार्य) और ई-मेल हो}।

निवारण की गति कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे मामले की जटिलता, आरई द्वारा दस्तावेजों को समय पर प्रस्तुत करना, ओम्बड्समैन कार्यालयों में शिकायतों की मात्रा आदि।

हालांकि, नई प्रणाली के तहत, सीएमएस शिकायतकर्ता और आरई को तत्काल सूचनाएं भेजता है और दोनों पक्षों के लिए सभी शिकायत संबंधी संचार के लिए एकल बिंदु संदर्भ के रूप में कार्य करता है, जिससे अनुचित देरी को रोका जा सकता है। अन्य सभी बातें समान रहने पर, सभी विवरणों के साथ सीधे सीएमएस पर दर्ज की गई शिकायतों का तेजी से निवारण होता है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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