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बिक्री केंद्र (पीओएस) टर्मिनलों पर नकद निकासी की सुविधा

उत्तर: हां इस सुविधा के तहत, एक कार्डधारक ₹10,000 की संपूर्ण मासिक सीमा के भीतर प्रति लेनदेन ₹2,000 तक नकद निकाल सकता है।
संपूर्ण भुगतान डेटा केवल भारत में स्थित प्रणालियों में संग्रहीत किया जाएगा, यहाँ स्पष्ट किए गए मामलों को छोडकर ।
उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.4 में आयु-सीमा यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दी गई थी कि सीसीओ से जुड़ी जिम्मेदारियों को एक विशेष और मुख्य कार्य के रूप में माना जाए। उपर्युक्त सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, यदि सीसीओ के रूप में चिन्हित किया गया कोई व्यक्ति 55 वर्ष से अधिक आयु का है, भले ही वह सीसीओ के रूप में या अन्यथा, अनुपालन कार्य के साथ जुड़ा रहा/रही हो, तो 55 वर्ष की आयु सीमा को उस तारीख के रूप में लिया जा सकता है जब से वह सीसीओ के रूप में अनुपालन कार्य के साथ जुड़ा हुआ था/हुई थी; उदाहरण के रूप में, यदि सीसीओ की भूमिका के लिए चिन्हित किए गए व्यक्ति की आयु 55 वर्ष से अधिक है, लेकिन वह 55 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले अनुपालन कार्य से लगातार जुड़ा हुआ/हुई है, तो वह ऐसी नियुक्ति के लिए पात्र होगा/होगी।

एनबीएफसी सहित सभी उधार दाता संस्थाओं के सभी कृषि ऋण एक्सपोजर, जो 7 जुलाई 2016 के मास्‍टर निदेश विसविवि.केंका.प्‍लान.1/04.09.01/2016-17 (अद्यतित) के पैरा 6.1 में सूचीबद्ध प्रकार के हैं, किंतु जिसमें डेयरी, मत्स्य पालन, पशुपालन, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन और रेशम पालन जैसी संबन्धित गतिविधियां शामिल नहीं है, को समाधान ढांचे के दायरे से बाहर रखा गया है। उपर्युक्त के अनुपालन में, किसान परिवारों को दिए गए ऋण समाधान ढांचे के तहत समाधान के लिए पात्र होंगे, यदि वे समाधान ढांचे की अपवर्जन सूची की किसी अन्य शर्तों को पूरा नहीं करते हैं।

जी नहीं, 'नो फ्रील' खातों पर 24 नवंबर 2005 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि.सं. 19/13.01.000/2005-06 में निहित अनुदेशों के अधिक्रमण में बैंकों को अब अपने सभी ग्राहकों को 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' प्रदान करने के लिए 17 अगस्त 2012 के परिपत्र शबैवि.बीपीडी.परि. सं. 5/13.01.000/2012-13 द्वारा सूचित किया गया है जिसमें उसमें वर्णित प्रकार से न्‍यूनतम आम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने वर्तमान के 'नो फ्रील' खातों को'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' में परिवर्तित कर दें।

उत्तर

नहीं। नो फ्रिल खातों पर 13 दिसंबर 2005 के परिपत्र ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी.54/07.38.01/2005-06 और दिनांक 27 दिसंबर 2005 को जारी परिपत्र संख्या आरपीसीडी. सीओ. सं. आरआरबी. बीसी. 58/03.05.33(एफ)/2005-06 में निहित निर्देशों का अधिक्रमण करते हुए, बैंकों को अब 22 अगस्त 2012 के परिपत्र संख्या आरपीसीडी.सीओ.आरआरबी.आरसीबी.बीसी.सं.24/07.38.01/2012-13 के दिशानिर्देशों के अनुसार अपने सभी ग्राहकों को एक 'आधारभूत बचत बैंक जमा खाता' प्रदान करने की सूचना दी गई है, जो उसमें बताए गए अनुसार न्यूनतम सामान्य सुविधाएं प्रदान करेगा। बैंकों को मौजूदा 'नो-फ्रिल्स' खातों' को 'आधारभूत बचत बैंक जमा खातों' में बदला जाना आवश्यक है।

उत्तर: हाँ, एमडी के पैराग्राफ 7(ख) और 7(ग) के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के क्रेडिट कार्ड जारी करना संभव बनाया गया है, जिन्हें संबंधित ऋण खाते के लिए निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुरूप विभिन्न ऋण खातों में उपलब्ध सीमाओं तक पहुंचने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, बैंक से ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने वाले ग्राहक को सुविधा के अंतर्गत उपलब्ध धनराशि प्राप्त करने के लिए एक प्रकार का क्रेडिट कार्ड जारी किया जा सकता है। इस क्रेडिट कार्ड के उपयोग की शर्तें (ब्याज शुल्क, पुनर्भुगतान अनुसूची, जुर्माना, नकद निकासी सीमा आदि) ओवरड्राफ्ट सुविधा पर लागू नियमों और शर्तों के अनुरूप होंगी।

इसके अलावा, पैरा 7(ग) के माध्यम से कार्ड जारीकर्ताओं को उनकी क्रेडिट कार्ड नीति में परिकल्पित व्यावसायिक क्रेडिट कार्ड डिजाइन करने के लिए पर्याप्त लचीलापन प्रदान किया गया है। हालाँकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बैंक नकद क्रेडिट/ऋण खातों के लिए डेबिट कार्ड जारी नहीं कर सकते हैं।

उत्तर: डीईए निधि में जमा की गई राशि बैंकों (वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों) के साथ रखे गए किसी भी जमा खाते में क्रेडिट शेष है, जिसे जमाकर्ता द्वारा 10 साल अथवा उससे अधिक समय से संचालित नहीं किया गया है, अथवा 10 वर्षों से अथवा उससे अधिक दावा न की गई कोई शेष राशि है और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (ए) बचत बैंक जमा खातें;
(बी) सावधि अथवा मीयादी जमा खातें;
(सी) संचयी/आवर्ती जमा खातें;
(डी) चालू जमा खातें;
(ई) किसी भी रूप अथवा नाम में अन्य जमा खाते;
(एफ) नकदी ऋण खातें;
(जी) बैंकों द्वारा उचित विनियोजन उपरांत ऋण खाते;
(एच) साख पत्र/गारंटी आदि जारी करने अथवा किसी प्रतिभूति जमाराशि के बदले मार्जिन राशि;
(आई) बकाया टेलीग्राफिक अंतरण, मेल ट्रांसफर, मॉंग ड्राफ्ट, भुगतान आदेश, बैंकर्स चेक, विविध जमाराशियां खाते, उनका खाते, अंतर-बैंक समाशोधन समायोजन, असमायोजित राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण(एनईएफटी) क्रेडिट शेष और ऐसे अन्य अस्थायी खाते, स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) लेनदेन, आदि के कारण असंगत क्रेडिट शेष ;
(जे) बैंकों द्वारा जारी किए गए किसी भी प्रीपेड कार्ड में शेष बची शेष राशि, परंतु यात्री चेक अथवा अन्य समान लिखतों के खिलाफ बकाया राशि नहीं, जिनकी कोई परिपक्वता अवधि नहीं है;
(के) मौजूदा विदेशी मुद्रा विनियमों के अनुसार विदेशी मुद्रा को रुपये में बदलने के उपरांत बैंकों द्वारा रखी गई विदेशी मुद्रा जमा से रुपये में लाभ; और (एल) ऐसी अन्य राशियाँ जो रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट की जा सकती हैं।

उत्तर: नहीं। 04 मार्च 2024 तक, 30 बैंक उद्गम (UDGAM) पोर्टल का हिस्सा हैं, और वे आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) निधि में लगभग 90% अदावी जमा (मूल्य के संदर्भ में) को कवर करते हैं। इन बैंकों की सूची UDGAM के होम पेज (https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login) और आरबीआई की  दिनांक 05 अक्टूबर 2023 को जारी प्रेस विज्ञप्ति (https://rbi.org.in/web/rbi/-/press-releases/money-market-operations-as-on-december-15-2023) पर उपलब्ध है। शेष बैंक भी इसमें शामिल होने की प्रक्रिया में हैं।

उत्तर. एनबीएफसी के लिए स्केल-आधारित विनियमों (एसबीआर) के अंतर्गत, कोई भी एनबीएफसी-आईएफसी मिडिल लेयर या अपर लेयर में हो सकती है (और बेस लेयर में नहीं), जैसा भी मामला हो। कोई एनबीएफसी-आईएफसी जिस लेयर में आएगी, उसके आधार पर एक्सपोज़र सीमाएँ नीचे दी गई हैं:

  मिडिल लेयर में एनबीएफसी-आईएफसी के लिए एक्सपोजर सीमा (टियर 1 पूंजी के % के रूप में) बड़े एक्सपोज़र फ्रेमवर्क के अनुसार अपर लेयर में एनबीएफसी-आईएफसी के लिए एक्सपोज़र सीमा (पात्र पूंजी आधार के % के रूप में)
एकल उधारकर्ता 30% 25%
(बोर्ड की मंजूरी के साथ अतिरिक्त 5%)
उधारकर्ताओं का एकल समूह 50% 35%

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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