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FAQ on Master Direction (MD) - Credit Card and Debit Card – Issuance and Conduct Directions, 2022

उत्तर: धोखाधड़ी न्यूनतमकरण तंत्र के रूप में, स्वीकृत क्रेडिट सीमा (अर्थात, ओवरलिमिट) से अधिक क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के लिए कार्डधारक की पूर्व स्पष्ट सहमति की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, कार्डधारक को कार्ड-जारीकर्ता के प्लेटफॉर्म जैसे इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग या किसी अन्य उपयुक्त माध्यम पर उपलब्ध लेनदेन नियंत्रण तंत्र के माध्यम से ओवरलिमिट के विकल्प को सक्षम या अक्षम करने का विकल्प दिया जाएगा। जब तक ओवरलिमिट सुविधा के लिए कार्डधारक से स्पष्ट सहमति प्राप्त नहीं की जाती है, तब तक ना तो कोई ओवरलिमिट प्रदान की जा सकती है ना ही ओवरलिमिट प्रभार लगाया जा सकता है।

The requirement is that the companies in the Promoter Group in which the public hold not less than 51 per cent of the voting equity shares shall hold not less than 51 per cent of the total voting equity shares of the NOFHC.[ para 2 (C) (ii) (b) of the guidelines] A company in which public holds 51 per cent need not necessarily be listed. For the purpose of these guidelines, ‘public shareholding’ implies that no person along with his relatives (as defined in Section 6 of the Companies Act, 1956) and entities in which he and / or his relatives hold not less than 50 per cent of the voting equity shares, by virtue of his shareholding or otherwise, exercises ‘significant influence’ or ‘control’ (as defined in Accounting Standard 23) over the company.
बॉण्‍ड एक ग्राम स्‍वर्ण के मूल्‍यवर्ग में तथा उसके गुणजों में होता है। निवेश की न्‍यूनतम सीमा एक ग्राम तथा अधिकतम सीमा प्रति वर्ष (अप्रैल – मार्च) में प्रत्यके व्यक्ति/ हिंदू अविभक्त परिवार के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्ट तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम है। यदि संयुक्‍त खरीद है तो यह सीमा पहले आवेदक पर लागू होगी। वार्षिक उच्चतम सीमा में सरकार द्वारा पहले विभिन्न श्रृंखलाओं में जारी बॉण्‍ड और माध्यमिक बाजार से खरीदे जाने वाले बॉण्‍ड शामिल होंगे। निवेश की सीमा में बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा जमानत के रूप में धारित बॉण्ड को शामिल नहीं किया जाएगा।

उत्तर: नहीं। इसके पीछे तर्क यह है कि फेम (कैट) संशोधन नियमावली, 2015 की अनुसूची-III के अंतर्गत चालू खाता लेनदेन जैसेकि निजी तथा कारोबारी दौरे, के लिए 2,50,000 अमेरिकी डॉलर की एलआरएस सीमा तक विप्रेषण सुविधा है जिसे एफ़एफ़एमसी द्वारा भी प्रदान किया जा सकता है। चूंकि एफ़एफ़एमसी विप्रेषकों के खाते नहीं रख सकते हैं इसलिए ऊपर दिये गए परंतुक (पूर्वोक्त परिपत्र के पैरा 5.4 में उल्लिखित किए गए अनुसार) को पूंजी खाता लेनदेन तक सीमित रखा गया है। तथापि एफ़एफ़एमसी से यह अपेक्षित है कि वे चालू खाता लेनदेन को अनुमति देते समय यह सुनिश्चित करें कि प्रचलित “अपने ग्राहक को जानिए” दिशानिर्देश तथा धन शोधन निवारण नियमावली का अनुपालन किया गया है।

उत्तर: भारतीय रिजर्व बैंक कार्ड भुगतान को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न कदम उठाता रहा है। आरबीआई ने बैंकों को सभी कार्ड लेनदेन के लिए ऑनलाइन अलर्ट भेजने के लिए अनिवार्य किया है ताकि कार्ड धारक अपने कार्ड पर होने वाले लेनदेन से अवगत हो सकें। इससे लाभ उठाने के लिए, कार्डधारकों को एसएमएस / ई-मेल अलर्ट के लिए पंजीकरण करने की सलाह दी जाती है।

सीएसजीएल जोकि ग्राहकों का सहायक सामान्य बही खाता है, सीएसजीएल का मतलब है, किसी एजेंट के ग्राहकों की ओर से एजेंट द्वारा भारतीय रि‍ज़र्व बैंक में एसजीएल खाता खोलना और उसे अनुरक्षित करना अर्थात ग्राहकों की ओर से प्रति‍भूति‍यां धारि‍ता हेतु भारतीय रि‍ज़र्व बैंक में एजेंट द्वारा दूसरा एसजीएल खाता खोला जाना । इन ग्राहकों को श्रेष्ठ प्रति‍भूतिं खातेदारों (जीएएच) के नाम से जाना जाता है । बैंककी पूर्वानुमति / विशेष अनुमतिसे ही अतिरिक्त सीएसजीएल खाता और / या श्रेष्ठ प्रति‍भूतिं खाता खोला जा सकता है ।

जबकि कंसोर्टियम करार के अनुसार प्रमुख ऋणदाता द्वारा सरफेसी कार्यवाही प्रारंभ की जा सकती है, परिपत्र में सभी कंसोर्टियम सदस्यों को पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से अपनी वेबसाइट पर कब्जे में ली गई आस्तियों का विवरण प्रदर्शित करने की आवश्यकता है, जिसमें समरूप प्रभार और कंसोर्टियम करार के अनुसार बकाया राशि और अन्य विवरण शामिल हैं।

उत्तर: यदि एमएफ कंपनी/एएमसी के पास संदर्भित अवधि के दौरान विदेशी देयता या परिसंपत्ति नहीं है, तो उस कंपनी को एमएफ सर्वेक्षण के साथ-साथ फ्लेयर पोर्टल पर एफएलए फॉर्म का ‘कुछ नहीं’ रिपोर्ट जमा करना आवश्यक है।

उत्तर: ‘चालू खाता लेनदेन’ का मतलब है पूंजीखाता लेनदेन के अलावा अन्‍य लेनदेन। उदाहरण के लिए :

  1. विदेशी व्‍यापार, अन्‍य चालू कारोबार, सेवाओ के संबंध में देय भुगतान और अल्‍प-अवधि बैंकिंग और कारोबार के सामान्‍य क्रम में क्रेडिट सुविधाएं;

  2. ऋणों पर ब्‍याज के रूप में और निवेशों से निवल आय के रूप में देय भुगतान, विदेश में रह रहे माता-पिता, पति-पत्‍नी और संतानों के निर्वाह व्‍यय के लिए धन-प्रेषण; और

  3. माता-पिता, पति-पत्‍नी और संतानों की विदेश यात्रा, शिक्षा और चिकित्‍सा देखभाल के संबंध में व्‍यय।

कृपया अनुमत चालू खाता लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनेदेन) नियमावली, 2000 को देखिए।

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से लेन-देन उसी तरह आसानी से किया जा सकता है जैसे यूपीआई या पेनाउ के माध्यम से घरेलू लेनदेन किया जाता है, और लेनदेन एक मिनट के भीतर पूरा किया जा सकता है।
जी नहीं, गैर-खाताधारक भी एक बार में ₹2,000/- मूल्य वर्ग के बैंकनोट ₹20,000/- राशि तक किसी भी बैंक शाखा में बदल सकते हैं।

उत्तर: नहीं।

उत्तर: लाभार्थी के खाते में क्रेडिट न होने या क्रेडिट में देरी से संबंधित शिकायतों या किसी अन्य प्रकृति की शिकायतों के मामले में, संबंधित बैंक (प्रेषण प्रारंभ करने वाला बैंक और/या एसबीआई) के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संपर्क किया जा सकता है। बैंकों के एनईएफटी सीएफसी का विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइटों पर उपलब्ध है। विवरण आरबीआई की वेबसाइट http://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2070 पर भी उपलब्ध हैं।

यदि समस्या का समाधान संतोषजनक नहीं है, तो एनईएफटी हेल्प डेस्क/ आरबीआई के संपर्क बिंदु nefthelpdeskncc@rbi.org.in पर संपर्क किया जा सकता है।

उत्तर: वर्ष के दौरान जुटाई गई हरित जमाराशि की वास्तविक राशि और ऐसे निधि के उपयोग का प्रकटीकरण ढांचे के अनुबंध 2 के अनुसार किया जाना चाहिए।

उत्तर: वास्तविक कार्ड डेटा, टोकन और अन्य प्रासंगिक विवरण टोकन सेवा प्रदाता (कार्ड भुगतान नेटवर्क या कार्ड जारीकर्ता) द्वारा सुरक्षित ढंग से संग्रहीत किए जाते हैं। टोकन अनुरोधकर्ता प्राथमिक खाता संख्या (पैन), यानी कार्ड नंबर, या कोई अन्य कार्ड विवरण संग्रहीत नहीं कर सकता है। कार्ड नेटवर्कों को सुरक्षा और संरक्षा के लिए, जो कि अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं / विश्व स्तर पर स्वीकृत मानकों के अनुरूप है, टोकन अनुरोधकर्ता को प्रमाणित कराना भी अनिवार्य है।

उत्तर: इस तरह के पुनर्भुगतान की अनुमति इस शर्त के अधीन दी जा सकती है कि कॉर्पोरेट नियोक्ता द्वारा उधारकर्ता के वेतन से राशि घटाकर ऋण चुकाया जाता है। इसके अलावा, आरई को यह सुनिश्चित करना होगा कि एलएसपी का ऐसे लेनदेन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन के प्रवाह पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चुकौती सीधे नियोक्ता के बैंक खाते से आरई को हो।

उत्तर: वैयक्तिक सुनवाई या तो भौतिक रूप से या वर्चुअल माध्यम से की जा सकती है। यद्यपि, वैयक्तिक सुनवाई के लिए उपस्थित होना या इसका विकल्प चुनना अनिवार्य नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित न रहने का विकल्प चुनता है तो वह अपनी इच्छा/ पसंद (preference) के बारे में लिखित सूचना देनी होगी। ऐसे में, शमन प्राधिकारी को प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर आवेदन पत्र का निपटान किया जाएगा। तथापि, यह नोट किया जाए कि मामले में स्वयं उपस्थित होने अथवा न होने का विकल्प देने से शमन आदेश में लगाई गई शमन राशि पर कोई असर नहीं पड़ता है, क्योंकि शमन राशि की गणना ‘निदेश- फेमा 1999 के तहत उल्लंघनों का शमन’ में निहित कम्प्यूटेशन मैट्रिक्स पर मार्गदर्शी टिप्पणी के पैरा 5.4 के आधार पर किया जाता है।

यदि कोई व्यक्ति बैंक की एक या अधिक शाखाओं में एक से अधिक जमा खाता खोलता है, उदाहरण के लिए, श्री एस.के. पंडित एक या एक से अधिक बचत/चालू खाता और एक या एक से अधिक सावधि/आवर्ती जमा खाते आदि खोलते हैं, इन सभी को एक ही क्षमता और एक ही अधिकार में धारित खाते के रूप में माना जाता है। इसलिए, इन सभी खातों में शेष राशि एकत्र की जाती है और बीमा कवर अधिकतम पांच लाख रुपये तक उपलब्ध है।

यदि श्री एस.के. पंडित बैंक की एक या एक से अधिक शाखाओं में एक फर्म के भागीदार या नाबालिग के अभिभावक या कंपनी के निदेशक या ट्रस्ट के ट्रस्टी या अपनी पत्नी श्रीमती के. ए. पंडित के साथ संयुक्त खाते के रूप में अन्य जमा खाते भी खोलते हैं, ऐसे खातों को अलग-अलग क्षमता और अलग-अलग अधिकार में माना जाता है। तदनुसार, ऐसे जमा खाते पर भी अलग से पांच लाख रुपये तक का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि स्वामित्व वाली संस्था के नाम पर रखी गई जमाराशि जहां एक जमाकर्ता एकमात्र मालिक है और उसकी व्यक्तिगत क्षमता में रखी गई जमा राशि को एकत्रित किया जाता है और बीमा कवर अधिकतम पांच लाख रुपये तक उपलब्ध है।

उदाहरण :

  बचत खाता चालू खाता मीयादी जमा खाता कुल जमाराशि बीमाकृत जमाराशि
श्री.एस.के.पंडित (व्यक्तिगत) 4,17,200 22,000 80,000 5,19,200 5,00,000
श्री.एस.के.पंडित (एबीसी एंड कं के भागीदार)   4,75,000 50,000 5,25,000 5,00,000
श्री.एस.के.पंडित (मास्टर अजित के अभिभावक) 97,800   3,80,000 4,77,800 4,77,800
श्री.एस.के.पंडित (निदेशक जे.के उद्योग लिमि.)   4,30,000 2,45,000 6,75,000 5,00,000
श्री.एस.के.पंडित (श्रीमती के.ए.पंडित के साथ संयुक्त) 87,500 4,50,000 70,000 6,07,500 5,00,000
संयुक्त खाते में रखी गई जमाराशियाँ (26 अप्रैल 2007 से संशोधित)

यदि किसी बैंक की एक अथवा उसकी कई शाखाओं में कई व्यक्तियों के एक या अधिक संयुक्त जमा खाते (बचत, चालू, आवर्ती अथवा मीयादी जमा खाता) हैं जैसे ए, बी और सी नाम के तीन व्यक्तियों के नाम से संयुक्त रूप से एक से अधिक संयुक्त जमा खाते हैं जहाँ इन सभी खातों में ये नाम इसी क्रम में प्रदर्शित हैं, तो इन सभी खातों को समान अधिकार तथा समान क्षमता वाला खाते माना जाएगा। तदनुसार, इन सभी खातों में रखी शेष राशि को रु.5 लाख तक की सीमा के अंतर्गत बीमित जमाराशि का निर्धारण करते समय जोड़/शामिल कर लिया जाएगा।

तथापि यदि व्यक्तियों द्वारा एक से अधिक संयुक्त खाते खोले जाते हैं और वहाँ इनके नाम उसी क्रम में नहीं लिखे गए हैं उदाहरण के लिए ए,बी और सी; सी, बी और ए; सी,ए और बी; ए, सी और बी अथवा व्यक्तियों के समूह में अंतर है जैसे: ए, बी और सी तथा ए, बी और डी तो इन संयुक्त खातों में रखी जमाराशि को विभिन्न क्षमता तथा विभिन्न अधिकार के अंतर्गत माना जाएगा। तदनुसार ऐसे प्रत्येक संयुक्त खाते, जहाँ पर नाम अलग क्रम में प्रदर्शित हैं अथवा अलग-अलग नाम हैं, के लिए पांच लाख रुपए तक का बीमा कवर उपलब्ध होगा।

उदाहरण:

खाता (i)
(बचत अथवा चालू खाता)
पहला खाता धारक - "ए"
दूसरा खाता धारक - "बी"
अधिकतम बीमित राशि रु.5 लाख तक
खाता (ii) पहला खाता धारक - "ए"
दूसरा खाता धारक - "सी"
अधिकतम बीमित राशि रु.5 लाख तक
खाता (iii) पहला खाता धारक - "बी"
दूसरा खाता धारक - "ए"
अधिकतम बीमित राशि रु.5 लाख तक
बैंक की ‘एक्स’ शाखा में खाता (iv) पहला खाता धारक - "ए"
दूसरा खाता धारक - "बी"
तीसरा खाताधारक – “सी”
अधिकतम बीमित राशि रु.5 लाख तक
खाता (v) पहला खाता धारक - "बी"
दूसरा खाता धारक - "सी"
तीसरा खाताधारक – “ए”
अधिकतम बीमित राशि रु.5 लाख तक
खाता(vi) (आवर्ती अथवा मीयादी जमा) पहला खाता धारक - "ए"
दूसरा खाता धारक - "बी"
इस खाते को खाता (i) के साथ जोड़ दिया जाएगा।
बैंक की ‘वाई’ शाखा में खाता (vii) पहला खाता धारक - "ए"
दूसरा खाता धारक - "बी"
तीसरा खाताधारक – “सी”
इस खाते को खाता (iv) के साथ जोड़ दिया जाएगा।
खाता (viii) पहला खाता धारक - "ए"
दूसरा खाता धारक - "बी"
तीसरा खाताधारक – “डी”
अधिकतम बीमित राशि रु.5 लाख तक

दिनांक 6 मई 2010 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.79/06.02.31/2009-10 के अनुसार, बैंकों को आदेश दिया गया है कि एमएसई क्षेत्र में इकाइयों को 10 लाख तक दिए गए ऋणों के मामलों में संपार्श्विक जमानत स्वीकार न करें।

वर्तमान में, भारतीय रिजर्व बैंक के ओम्बड्समैन (ओआरबीआईओ) के कार्यालय संपूर्ण भारत में 22 स्थानों से कार्य कर रहे हैं। हालांकि, शिकायतकर्ताओं को आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी निर्दिष्ट ओआरबीआईओ से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से सीधे ऑनलाइन दर्ज की गई शिकायतें, शिकायत पंजीकृत होने के बाद निवारण हेतु विभिन्न आरबीआई ओम्बड्समैन को स्वचालित रूप से आवंटित की जाती हैं। भौतिक और ईमेल शिकायतों को संसाधित किया जाता है और शिकायतकर्ता से अधिक जानकारी / विवरण प्राप्त करने के बाद, यदि उपलब्ध नहीं है, तो आगे की प्रक्रिया के लिए सीएमएस में दर्ज किया जाता है।

उत्तर: हां, यदि आवश्यक हो तो इस प्रकार से जमाराशियों तथा धनवापसी की स्वीकृति चालू खाता लेनदेन के अंतर्गत कवर होगी तथा इसे फेमा की दृष्टि से किसी प्रतिबंध के बिना मुक्त रूप से किया जा सकेगा।

उत्‍तर: जी, नहीं। ई₹ वॉलेट खोलने/रखने के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि आवश्यक नहीं है।

हालाँकि परिपत्र में दंडात्मक शुल्क के लिए कोई ऊपरी लिमिट/सीमा निर्धारित नहीं की गई है, आरई को दंडात्मक शुल्कों पर अपने बोर्ड अनुमोदित नीति तैयार करते समय, यह ध्यान में रखना चाहिए कि दंडात्मक शुल्क लगाने का उद्देश्य अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना पैदा करना है और ऐसे शुल्कों का उपयोग राजस्व वृद्धि लिखत के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। तदनुसार, दंडात्मक शुल्क की मात्रा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के गैर-अनुपालन के साथ 'उचित' और 'अनुरूप' होनी चाहिए।

उत्तर. पैरा 10.2 के संदर्भ में, यदि घरेलू मीयादी जमाराशि (टीडी) परिपक्व होती है और उसकी राशि अदायगी नहीं होती है, बैंक में अदावी धन की राशि पर बचत खाते के लिए लागू ब्याज दर अथवा परिपक्व मीयादी जमाराशि पर अनुबंधित ब्याज दर लागू होगी, जो भी कम हो।

उत्तर: हाँ। यदि कंपनी/एलएलपी/स्वामित्व फर्म की संदर्भ अवधि के दौरान निर्यात आय नहीं है, लेकिन यह पहले थी, तो उन्हे आईटीईएस सर्वेक्षण के वर्तमान दौर के लिए NIL सर्वेक्षण प्रश्नावली प्रस्तुत करनी होगी।

उत्तर: कार्ड जारी करने वाले बैंक के एटीएम में किए गए लेन-देन को ऑन-अस लेनदेन कहा जाता है। कार्ड जारी करने वाले बैंक से इतर बैंक के एटीएम पर अथवा किसी डबल्यूएलए पर किया गया लेन-देन ऑफ-अस लेनदेन कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि बैंक ए द्वारा जारी कार्ड का उपयोग बैंक ए के एटीएम में किया जाता है तो यह ऑन-अस लेनदेन है; यदि बैंक ए द्वारा जारी कार्ड का उपयोग डब्लूएलए या बैंक बी के एटीएम में किया जाता है, तो यह एक ऑफ-अस लेनदेन है।

उत्तर: नहीं। भारत में स्थित एडी बैंक एक ही देश के विभिन्न बैंकों के लिए कई विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोल सकते हैं।

उत्तर. नहीं। तथापि, यदि ग्राहक आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्ष्यित परिदान) अधिनियम, 2016 (2016 का 18) की धारा 7 के तहत अधिसूचित किसी भी योजना का कोई लाभ अथवा सब्सिडी प्राप्त करना चाहता है, तो ग्राहक को आधार संख्या प्रदान करनी होगी। ग्राहक अन्य मामलों में, आधार संख्या स्वेच्छा से प्रदान कर सकता है।

उत्तर: नहीं। एमटीजीडी/एलटीजीडी का नवीनीकरण 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है।

विनियामक की आरएस रूपरेखा, जिसके अधिकार क्षेत्र में उत्पाद की प्रमुख/बहुसंख्यक विशेषताएँ शामिल हैं, आईओआरएस के अंतर्गत 'प्रमुख विनियामक (पीआर)' होगा। वह विनियामक/विनियामकों, जिसके अधिकार क्षेत्र में उत्पाद की प्रमुख विशेषता के अलावा अन्य विशेषताएँ आती हैं, आईओआरएस के अंतर्गत 'सहयोगी नियामक (एआर)' होगा।

उत्तर. हां, पीपीआई की नकद लोडिंग की सीमा ₹50,000/- प्रति माह है, जो पीपीआई की समग्र सीमा के अधीन है (एक तरह के लघु पीपीआई के मामले अनुमति नहीं है)। इलेक्ट्रॉनिक/ऑनलाइन माध्यमों से पीपीआई को लोड करने की सीमा पीपीआई की समग्र सीमा के अधीन है।

दिनांक 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार अधिसूचना में अधिसूचित प्रकार से बीएसबीडीए-छोटा खाता निम्‍नलिखित शर्तों पर होंगे :

  1. ऐसे खातों में कुल क्रेडिट एक वर्ष में एक लाख रूपए से अधिक न हो।

  2. खातों में अधिकतम शेष किसी भी समय पचास हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  3. किसी महीने में नकद आहरणों और अंतरणों के रूप में कुल नामे (डेबिट) दस हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  4. सामान्‍य केवाइसी औपचारिकताएं पूरी किए बिना विदेशी प्रेषण (रेमिटेंस) छोटे खातों में जमा (क्रेडिट) नहीं किया जा सकेगा।

  5. छोटे खाते प्रारंभ में 12 महीनों की अवधि के लिए वैध होते हैं जिन्‍हें यदि व्‍यक्ति आधिकारिक रूप से वैध प्रलेख के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रस्‍तुत करें तो और 12 महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

  6. छोटे खाते बैंकों की केवल सीबीएस सहबद्ध शाखाओं में ही अथवा ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों को पूरा किए जाने की व्‍यक्ति द्वारा (मैन्‍युअली)निगरानीकरनासंभवहै।

Ans : It is the responsibility of the user institution to communicate to the beneficiary the details of credit that is being afforded to his / her account, indicating the proposed date of credit, amount and related particulars of the payment. Destination banks have been advised to ensure that the pass books / statements given to the beneficiary account holders reflect particulars of the transaction / credit provided by the ECS user institutions. The beneficiaries can match the entries in the passbook / account statement with the advice received by them from the User Institutions. Many banks also give mobile alerts / messages to customers after credit of such funds to accounts.

  • आईआईबी सरकारी प्रतिभूति होगी और जी-सेक में विभिन्न वर्गों के पात्र निवेशक, आईआईबी में भी निवेश करने के लिए पात्र होंगे।

  • एफ़आईआई आगामी आईआईबी में निवेश के लिए पात्र होंगे बशर्ते जी-सेक में उनके निवेश के लिए सीमा है (वर्तमान में यूएस डॉलर 25 बिलियन)।

सिस्‍टम रिज़र्व बैंक के स्‍वामित्‍व में है। ग्राहकों के लिए कोई प्रभार नहीं है। लेकिन चूंकि सभी सौदे सीसीआइएल द्वारा गारंटीकृत होते हैं और उनका निपटान किया जाता है, इसलिए प्राथमिक व्‍यापारियेां को निपटान प्रभार देने होंगे और अपने ग्राहकों की ओर से सीसीआइएल के पास पर्याप्‍त मार्जिन जमा कराने होंगे।

उत्तर: आईडीएफ-एनबीएफसी न्यूनतम 5 वर्ष की परिपक्वता अवधि के रुपये या डॉलर मूल्यवर्ग के बांड जारी करके संसाधन जुटाएंगे। आईडीएफ-एमएफ, एमएफ की इकाइयों को जारी करके संसाधन जुटाएंगे।

एडीएफ के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए कुल समय उस क्लस्टर पर निर्भर करेगा जिसमें बैंक दृष्टिकोण पत्र में दी गई कार्यप्रणाली के अनुसार प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी परिपक्वता का आकलन करने के बाद खुद को रखता है। तथापि, यह उम्मीद की जाती है कि उन्नत आईटी सिस्टम और कम्प्यूटरीकृत वातावरण में काम करने का अनुभव रखने वाले बैंक सबसे कम समय में, यहां तक ​​​​कि 2-3 महीने में भी एडीएफ को लागू करेंगे। सामान्य तौर पर, बैंकों को कम से कम संभव समय सीमा के भीतर उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
उ. ईसीएस क्रेडिट देने वाली संस्था को इससे कई लाभ हैं: • प्रशासनिक व्यवस्था, मुद्रण, प्रेषण और कागज लिखतों के समाधान में होने वाली बचत ईसीएस क्रेडिट नहीँ अपनाने की स्थिति में प्राप्त नहीं होती. • पारगमन में लिखतों के खोने/ चोरी होने और धोखाधड़ीपूर्ण नकदीकरण होने की संभावना नहीं है.• दक्ष भुगतान माध्यम जिसमें निर्धारित दिनांक को हिताधिकारियों को क्रेडिट मिलना सुनिश्चित है.•लागत कम है.
हाँ। बैंकों को यह अधिकार है कि वे कट ऑफ तिथि को जमा राशि में से अपनी देय राशि का समायोजन कर सकते हैं। जमा बीमा ऐसी देय राशियों के समायोजन के बाद उपलब्ध है।

उत्तर: हाँ । उपर्युक्त प्रश्न 10 में उल्लिखित लेनदेन को छोड़कर। तथापि, म्यांमार के साथ किए जाने वाले व्यापार लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के अतिरिक्त किसी भी मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में निपटान किया जा सकता है। श्रीलंका के साथ किए जाने वाले व्यापारिक लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति अगली सूचना जारी किए जाने तक दी गयी है। साथ ही, 1 जुलाई 2016 से ‘यूरो’ में किए गए व्यापारिक लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति अगली सूचना जारी किए जाने तक दी गयी है।

Travellers are allowed to purchase foreign currency notes/coins only up to USD 2000. Balance amount can be taken in the form of traveller’s cheque or banker’s draft. Exceptions to this are (a) travellers proceeding to Iraq and Libya can draw foreign exchange in the form of foreign currency notes and coins not exceeding US$ 5000 or its equivalent; (b) travellers proceeding to the Islamic Republic of Iran, Russian Federation and other Republics of Commonwealth of Independent States can draw entire foreign exchange released in form of foreign currency notes or coins.

उत्तर: लाभार्थी की पहचान के आवश्यक तत्व हैं:

लाभार्थी का नाम
लाभार्थी की शाखा का नाम
लाभार्थी के बैंक का नाम
लाभार्थी का खाता प्रकार
लाभार्थी का खाता संख्या
लाभार्थी की शाखा आईएफएससी
प्रेषक और लाभार्थी कानूनी इकाई पहचानकर्ता (पात्र लेनदेन के लिए)

वर्तमान में, एडी श्रेणी-I बैंकों, एडी श्रेणी-II और संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों (एफएफएमसी) के माध्यम से विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा में निर्दिष्ट ट्रैवेलर्स चेक का भारतीय रुपये में अदला-बदली संभव है। इसके अलावा, एडी श्रेणी-I बैंक, एडी श्रेणी- II और एफएफएमसी विदेशी मुद्रा की खरीद करने के लिए फ्रैंचाइज़ी (जिन्हें एजेंट के रूप में भी जाना जाता है) नियुक्त कर सकते हैं।

उत्तर: विदेशी मुद्रा में व्यापार करने के लिए प्राधिकृत बैंक आईडीसी जारी कर सकते हैं जिनका प्रयोग निवासी द्वारा उसके विदेश में दौरे के दौरान नकदी आहरण के लिए या किसी व्यापारिक स्थापना के भुगतान के लिए किया जा सकता है । आईडीसी प्रयोग केवल चालू खाता लेनदेनों के लिए अनुमत है और इन कार्डों के प्रयोग एलआरएस सीमा के भीतर किया जाएगा।

प्राधिकृत डीलर बैंक विदेश में निजी / कारोबारी यात्रा पर जा रहे निवासियों को स्टोर वैल्यू कार्ड/चार्ज कार्ड/स्मार्ट कार्ड जारी कर सकते हैं जो विदेशी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भुगतान करने और एटीएम टर्मिनलों से नकदी निकालने के लिए प्रयोग किए जाते हैं । ऐसे कार्ड जारी करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमती आवश्यक नहीं है। तथापि, ऐसे कार्डों का प्रयोग अनुमत चालू खाता लेनदेनों तक सीमित है और इन कार्डों के प्रयोग एलआरएस सीमा के अधीन होगा।

भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के साथ या विदेश में किसी बैंक के साथ, जैसा कि वर्तमान विदेशी मुद्रा विनियमों के अधीन अनुमत है, विदेशी मुद्रा खाते रखने वाले निवासी व्यक्ति, विदेशी बैंकों तथा अन्य विख्यात एजेंसियों से आईसीसी प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। भारत में या विदेश में, कार्ड पर प्रभार, कार्डधारक के विदेशी मुद्रा खाते (खातों में रखी निधियों में से या भारत से, केवल बैंक के माध्यम से जहां कार्ड धारक का चालू या बचत खाता है, से विप्रेषण, यदि कोई हो, में से दिए जा सकते हैं । इस प्रयोजन के लिए विप्रेषण विदेश में कार्ड जारी करने वाली एजेंसी को सीधे भी भेजा जा सकता है, और किसी अन्य पार्टी को नहीं । यह भी स्पष्ट किया जाता है कि लागू ऋण सीमा कार्ड जारी करने वाले बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण सीमा होगी । इस सुविधा के अधीन रिज़र्व बैंक द्वारा कोई विप्रेषण, यदि कोई हो की मौद्रिक सीमा निर्धारित नहीं की गई है । ऐसे व्यक्ति के भारत के बाहर दौरे पर होते समय उसके द्वारा अपने व्यय के भुगतान के लिए किए गए आईसीसी के प्रयोग पर एलआरएस सीमा लागू नहीं होगी।

विभिन्न प्रयोजनों से विदेश यात्रा के लिए आईसीसी/आईडीसी का उपयोग किया जा सकता है तथा विदेशी जर्नल के लिए अभिदान, इंटरनेट अभिदान नीआदि के लिए व्यक्तिगत भुगतान करने के लिए भि किया जा सकता है। तथापि लाटरी टिकट, प्रतिबंधित पत्रिकाओं, आदि की खरीद जैसी फेम(कैट) संशोधन नियमावली, 2015 की अनुसूची 1 में निर्दिष्ट प्रतिबंधित लेनदेन के लेई आईसीसी/आईडीसी के प्रयोग की अनुमति नहीं है।

नेपाल तथा भूटान में विदेशी मुद्रा में भुगतान करने के लिए इन लिखतों के प्रयोग की अनुमति नहीं है ।

प्रतिभूतियों की लागत, जहां भी लागू हो उपार्जित ब्याज़ और कमीशन ग्राहकों से प्राप्त करने के तौर तरीके फेसिलिटेटर द्वारा तैयार किया जाना चाहिए और इस प्रयोजन के लिए ग्राहक के साथ निष्पादित करार में इसे स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए।
No. The Banking Ombudsman does not charge any fee for filing and resolving customers’ complaints.
नहीं। चूँकि यह धनराशि अवयस्क बच्चे की संपत्ति है न कि बैंक के कर्मचारी की, अत: अतिरिक्त ब्याज नहीं दिया जा सकता।
Yes, capitalization of export proceeds is permitted subject to compliance of certain guidelines. i.e. the exports have not remained outstanding beyond the stipulated period of realisation etc.
The foreign exchange acquired for any purpose has to be used within 60 days of purchase. In case it is not possible to use the foreign exchange within the period of 60 days it should be surrendered to an authorised dealer.

These FAQs are issued by the Reserve Bank of India (hereinafter referred to as “Bank”) for information and general guidance purposes only. The Bank will not be held responsible for actions taken and / or decisions made on the basis of the same. For clarifications or interpretations, if any, one may be guided by the relevant circulars, guidelines and notifications issued from time to time by the Bank.

The bank or PD through whom the investor bids will obtain and keep on record an undertaking to the effect that the investor is making only a single bid.Auction Process

उत्तर: हां, भुगतान और निपटान प्रणाली (पीएसएस) अधिनियम, 2007 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राधिकार प्राप्त करने की आवश्यकता है।

सीटीएस के तहत भौतिक चेक प्रस्तुतकर्ता बैंक में रखे जाते हैं और भुगतान करने वाले बैंकों में नहीं जाते हैं। ग्राहक की इच्छा के मामले में, बैंक विधिवत प्रमाणित / अधिप्रमाणित चेकों की छवियां प्रदान कर सकते हैं। तथापि, यदि कोई ग्राहक वास्तविक चेक देखना / प्राप्त करना चाहता है, तो इसे प्रस्तुतकर्ता बैंक से प्राप्त करना होगा, जिसके लिए उसके बैंक से अनुरोध करना होगा। इस उद्देश्य के लिए लागत / प्रभार का एक तत्व भी शामिल हो सकता है। कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, चेक को ट्रंकेट करने वाले प्रस्तुतकर्ता बैंकों को 10 साल की अवधि के लिए भौतिक लिखतों (चेकों) को संरक्षित करने की आवश्यकता होती है।

  • प्राधिकृत बैंक एसबीआई एवं एसोसिएट, राष्ट्रीयकृत बैंक, एचडीएफ़सी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक हैं।

उत्तर

जैसा कि भारत सरकार की 16 दिसंबर, 2010 की अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित किया गया है, बीएसबीडीए-लघु खाते निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे:

i. ऐसे खातों में कुल जमा एक वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

ii. खाते में अधिकतम शेष राशि किसी भी समय पचास हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

iii. नकद निकासी और अंतरण के माध्यम से कुल डेबिट राशि एक महीने में दस हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

iv. सामान्य केवाईसी औपचारिकताओं को पूरा किए बिना विदेशी प्रेषण को छोटे खातों में जमा नहीं किया जा सकता है

v. छोटे खाते शुरू में 12 महीने की अवधि के लिए वैध होते हैं, जिसे एक और 12 महीने की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है, यदि व्यक्ति द्वारा आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज़ के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रदान किया जाता है।

vi. छोटे खाते केवल बैंकों की सीबीएस से जुड़ी शाखाओं में या ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों की पूर्ति की मैन्युअल रूप से निगरानी करना संभव हो।

अमरीकी डॉलर से अन्य अनुमत विदेशी मुद्राओं में जुटाई गई एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों के लिए, बैंक स्वैप करने के लिए पात्र समतुल्य अमरीकी डॉलर की राशि का अभिकलन स्वैप सौदा करने के दिन प्रचलित बाज़ार दर में उनका रूपान्तरण करके करे। बैंक रूपान्तरण करने के संबंध में एक सुसंगत नीति का पालन करें और इस प्रकार के रूपांतरणों के लिए जिस क्रियाविधि का पालन क्यी अगया है उसका एक समुचित प्रलेख (ऑडिट ट्रेल) रखें।

उत्तर. आरटीजीएस का उपयोग करते हुए निधि अंतरण लेनदेन करते समय निम्नलिखित को सुनिश्चित किया जाना चाहिए -

  • आरंभिक और गंतव्य बैंक शाखाएं आरटीजीएस नेटवर्क का हिस्सा हैं।

  • लाभार्थी का विवरण जैसे कि लाभार्थी का नाम, खाता संख्या और खाता प्रकार, लाभार्थी बैंक शाखा का नाम और आईएफएससी प्रेषक के पास उपलब्ध होना चाहिए।

  • लाभार्थी की खाता संख्या प्रदान करने में अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए, क्योंकि आरटीजीएस लेनदेन की प्रक्रिया के दौरान, आरटीजीएस प्रेषण निर्देश / संदेश में प्रदान की गई खाता संख्या के आधार पर ही ग्राहक के खाते में क्रेडिट दिया जाएगा।

उत्तर : हाँ, ईईएफसी खाते में शेष राशियों की हेजिंग की जा सकती है। खाताधारकों द्वारा फारवर्ड बेची गयी शेष राशियां डिलिवरी के लिए अलग से रखी जानी हैं। तथापि, संविदाएं रोल-ओवर की जा सकती हैं।

हाँ। बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपने नोस्ट्रो खाते में क्रेडिट दिखाई देने की तारीख से ग्राहकों के खाते में वास्तविक रूप से क्रेडिट दिए जाने तक की समयावधि के लिए मूल्य-तारीख संकल्पना के आधार पर चेक की राशि पर ब्याज अदा करें। ग्राहक के खातों में जमा की गई राशि पर कम से कम बचत बैंक दर पर गणना करके ब्याज का भुगतान किया जाएगा।

उत्तर. आवेदन शुल्क के रूप में 10,000/-(लागू जीएसटी के अलावा) रुपये की राशि जमा करना आवश्यक है, जो प्राधिकरण के लिए आवेदन के साथ नकद या चेक या भुगतान आदेश या डिमांड ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर द्वारा रिज़र्व बैंक के पक्ष में जमा किया जा सकता है। शुल्क इलेक्ट्रॉनिक मोड में भी जमा किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए आप ईमेल भेज सकते हैं।

प्राधिकरण के लिए आवेदन का फॉर्म और तरीका /documents/87730/30842423/PSSR23022022d57d6e9afaf44d97b9ed577d9d1c7c2b.pdf पर उपलब्ध है।

जी हां, जमा हेतु भुगतान एक बार में एक से अधिक रूपों के संयोग में किया जा सकता है। फिर भी जमा का प्रभावी तारीख उगाही के बाद बैंक को कुल राशि प्राप्त होने पर होगा।
The compensation amount, if any, which can be awarded by the NBFC Ombudsman, for any loss suffered by the complainant, is limited to the amount arising directly out of the act or omission of the NBFC or rupees one million, whichever is lower.

उत्तर: हाँ।

उत्तर. हां। ऐसे गैर-बैंक पीएसपी के लिए यह अपेक्षित होगा कि वे अपने नियमित भुगतानों का निर्वहन करने के लिए आरबीआई के साथ रखे गए अपने चालू खाते से वाणिज्यिक बैंकों के साथ बनाए गए चालू खातों में धन अंतरित करें। इस प्रयोजन हेतु आरबीआई के चालू खाते का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (बैंकों) के साथ निलंब खाते/खातों के रखरखाव पर जारी मौजूदा निर्देश लागू रहेंगे। कार्ड नेटवर्क को उनकी निपटान गारंटी और संबंधित गतिविधियों के लिए आरबीआई चालू खाते का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

The compensation amount, if any, which can be awarded by the Ombudsman, for any loss suffered by the complainant, is limited to the amount arising directly out of the act or omission or commission of the System Participant, or two million rupees whichever is lower. The compensation shall be over and above the disputed amount.
उत्तर. वसूली संबंधी शिकायतों के लिए एक समर्पित निवारण तंत्र रखने का उद्देश्य यह है कि इन शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए। उन्हें अन्य शिकायतों (जैसे संचालन संबंधी मुद्दों) की तरह मानने से कार्रवाई में देरी हो सकती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वसूली संबंधी शिकायतों के लिए एक अलग निवारण तंत्र अनिवार्य किया जा रहा है। आरई मौजूदा ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र का पुनर्गठन/ पुनर्निर्माण कर सकते हैं ताकि वसूली संबंधी शिकायतों की पहचान की जा सके और उनका तुरंत समाधान किया जा सके।

कार्यांन्वित की जाने वाली वैसी परियोजनाएं जिसमें डीसीसीओ का स्थगन शामिल है, उनकी पुनर्रचना समाधान ढ़ांचे के दायरे से बाहर है। दिनांक 1 जुलाई 2015 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी. 2/21.04.048/2015-16 के पैरा 4.2.15 और दिनांक 7 फरवरी 2020 के बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.33/21.04.048/2019-20 और उधारदाता संस्थाओं की विशिष्ट श्रेणी पर लागू अन्य प्रासंगिक अनुदेशों में निहित विनियमों में पहले ही डीसीसीओ के संशोधन और इसके परिणामस्वरूप पुनर्रचना माने बिना पुनर्भुगतान शेड्यूल में बदलाव की अनुमति है, जो इंफ्रास्ट्रचर परियोजना के मामले में अधिकतम चार वर्ष और गैर-इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के मामले में अधिकतम दो वर्ष है (वाणिज्यिक स्थावर संपदा एक्सपोजर सहित)। उक्त के अलावा, स्वामित्व में बदलाव के मामले में परियोजना का डीसीसीओ और दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है जो उपर्युक्त अनुदेशों में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन होगा।

उत्तर: कार्डधारक की क्रेडिट सीमा के उपयोग की गणना करने और ओवरलिमिट प्रभार लगाने के उद्देश्य से क्रेडिट कार्ड पर ब्याज या कोई शुल्क/प्रभार शामिल नहीं किया जाएगा।

भारतीय रि‍ज़र्व बैंक के खाते में धारि‍त प्रति‍भूति‍यों के धारक को सीएसजीएल खाता धारक समझा जाएगा । परंतु ग्राहकों /श्रेष्ठ प्रति‍भूति खातेदार धारक उसमें धारि‍त सरकारी प्रति‍भूति के लाभ प्राप्त करनेवाले स्वामी के रुप में, सभी प्रकार के लाभ, सीएसजीएल खाता धारक से दावा करने के लि‍ए पात्र होगा और सीएसजीएल खाते में धारि‍त सरकारी प्रति‍भूति‍यों के संबंध में सभी दायि‍त्व के अधीन होगा ।
The requirement is that the companies in the Promoter Group in which the public hold not less than 51 per cent of the voting equity shares shall hold not less than 51 per cent of the total voting equity shares of the NOFHC.[ para 2 (C) (ii) (b) of the guidelines]

हां, परिवार के प्रत्‍येक सदस्‍य के नाम बॉण्‍ड खरीदे जा सकते हैं बशर्ते वे प्रश्‍न क्रमांक 4 में परिभाषित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।

उत्तर: भारत में जारी किए गए सभी कार्डों पर किए गए सीपी और सीएनपी लेनदेनों को प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) के साथ सुरक्षित किया गया है। प्रमाणीकरण का यह अतिरिक्त कारक किसी भी रूप में हो सकता है जिनमें से कुछ सामान्य रूप हैं पिन, डाइनेमिक वन टाइम पासवर्ड, स्टैटिक कोड इत्यादि। जहां विदेशी मुद्रा का बहिर्वाह किया जाना हो वहाँ प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) की आवश्यकता नहीं होती है। इसी तरह से एनएफ़सी कांटैक्टलेस टेक्नोलोजी का प्रयोग करते हुए कार्ड प्रेजेंट लेनदेन के मामले में (एटीएम पर किए गए लेनदेन के मामलों को छोड़कर) 5,000/- रुपये तक के अधिकतम मूल्य के लेनदेनों को प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) की आवश्यकता के बिना अनुमति प्रदान की गई है बशर्ते इसकी विशेष अनुमति ग्राहक से ली गई हो और ईएमवी मानकों का अनुपालन किया जाए।

उत्तर:विधिवत भरे हुए और वैध एमएफ सर्वेक्षण प्रश्नावली (Excel आधारित) को mf@rbi.org.in पर भेजने के बाद, एमएफ कंपनी को सिस्टम जनरेटेड पावती प्राप्त होगी। इस संबंध में अलग से कोई मेल नहीं भेजा जाएगा। यदि पावती में कुछ त्रुटि का उल्लेख किया गया है, तो प्रतिवादी को उल्लेखित त्रुटि को सुधार कर फॉर्म को फिर से जमा करना होगा। सुधार के बाद, कंपनी को एक सफल प्रसंस्करण पावती प्राप्त करनी चाहिए।

यूपीआई-पेनाउ लिंकेज लेनदेन में, उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत "विदेश में रिश्तेदारों का भरण-पोषण" और "उपहार" के उद्देश्य से केवल व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) प्रेषण की अनुमति है, और निर्धारित एलआरएस सीमा लागू होगी।
खातों में इन नोटों को बिना किसी पाबंदी के जमा किया जा सकता है। ₹2,000/- मूल्य वर्ग के बैंकनोट बैंक खातों में जमा किए जा सकते हैं और उसके बाद इस जमा की गई राशि में से नकदी की आवश्यकता के अनुसार निकाला जा सकता है।

उत्तर: नहीं। भारत और नेपाल के बीच सीमा पार लेनदेन को संभालने के लिए बैंकों / गैर-बैंकों के बीच द्विपक्षीय व्यवस्था आईएनआरएफ योजना के दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आती है। आईएनआरएफ योजना विशेष रूप से नेपाल को इस तरह के प्रेषण के लिए एनईएफटी पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करती है और इस तरह सभी एनईएफटी सक्षम बैंक-शाखाएँ पहले से ही इस योजना के अंतर्गत आती हैं।

उत्तर: 01 जून 2023 के बाद भारत में जुटाई गई हरित जमाराशि की ढांचे के प्रावधानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, विदेशी बैंक हरित जमाराशि पर एक सामान्य वैश्विक नीति बना सकते हैं।

उत्तर: अनुमत प्रयोजन मुद्रा-युग्‍म पर निर्भर होते हैं यथा विदेशी मुद्रा – भारतीय रुपया (एफसीवाई – आईएनआर) और विदेशी मुद्रा – विदेशी मुद्रा (एफसीवाई – एफसीवाई)।

  • एफसीवाई – आइएनआर फोरेक्‍स डेरिवेटिव लेनदेन करने के प्रयोजन से अनुमत प्रयोजन (उदाहरण के लिए – यूएसडी-आईएनआर फॉरवर्ड, फ्यूचर्स, आप्‍शन, आदि) : विनिमय दर जोखिम से बचाव (हेजिंग) करने हेतु।

  • एफसीवाई – एफसीवाई फोरेक्‍स डेरिवेटिव लेनदेन के प्रयोजन से अनुमत प्रयोजन (उदाहरण के लिए ईयूआर–यूएसडी फॉरवर्ड, फ्यूचर्स, आप्‍शन, आदि) : प्रयोजन की दृष्टि के कोई प्रतिबंध नहीं।


ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। बैंक की गई कार्रवाइयों और/या उसके आधार पर लिए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।

उत्तर: नहीं, ग्राहक यह चुन सकता है कि उसके कार्ड को टोकनाइज किया जाए या नहीं।

उत्तर: नहीं पाकिस्तान तथा मॉरीशस में चालू खाता लेनदेन के लिए विप्रेषण करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

जिनकी पहचान वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने समय-समय पर असहयोगी देशों एवं क्षेत्रों के रूप में की है उन देशों में तथा जिन व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण बेहद जोखिम वालों के रूप में की गई हो तथा जिसके बारे में रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अलग से सूचित किया हो उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विप्रेषण भेजने की अनुमति भी नहीं है।

उत्तर: गैर-पीएसएल ऋण के लिए आरई के बीच सह-ऋण व्यवस्था के लिए छूट को इस शर्त के अधीन बढ़ाया जा सकता है कि सह-उधार लेनदेन में आरई के अलावा किसी तीसरे पक्ष का किसी भी समय धन के प्रवाह पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं होना चाहिए।

उत्तर: डीएलजी प्रदान करने वाली आरई अपनी पूंजी से बकाया डीएलजी की पूरी राशि की कटौती करेगी।

उत्तर: हाँ! आवेदक वैयक्तिक सुनवाई के लिए उपस्थित रहने हेतु अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को केवल उचित लिखित प्राधिकार-पत्र के साथ प्राधिकृत कर सकता है। यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक की ओर से उपस्थित होने वाला व्यक्ति उल्लंघन के स्वरूप और उससे संबंधित विषय से भली भाँति परिचित हो। हालांकि, रिज़र्व बैंक व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आवेदक द्वारा किसी प्रतिनिधि को भेजने/ विधि विशेषज्ञ/ कंसल्टैंट, आदि को साथ लाने के बजाय उसे स्वयं उपस्थित होने के लिए प्रोत्साहित करता है क्योंकि शमन तो स्वयं स्वीकार किए गए उल्लंघनों का ही किया जाता है।

उत्तर: हां, कोई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अथवा कोई विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक, यदि भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (सेबी) के संबंधित विनियमों के अंतर्गत सेबी में पंजीकृत हैं तो वह विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के प्रावधानों के अनुसार निवेश के प्रयोजन से ब्याज-रहित विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है तथा ऐसे खाते को धारित किए रख सकता है।

उत्‍तर: वर्तमान में, ई₹ वॉलेट खोलना उपयोगकर्ता के बचत खातों से जुड़ा हुआ है। यह लिंकेज उपयोगकर्ता को बिना किसी परेशानी के ऑनबोर्डिंग की सुविधा प्रदान करता है और अलग से केवाईसी की आवश्यकता को खत्म करता है। फीडबैक और उभरते उपयोग के मामलों के आधार पर, उपयोगकर्ता ऑन-बोर्डिंग के नए मॉडल का अन्वेषण भी किया जा रहा है।

उत्तर. इन अनुदेशों के पैरा 5 के साथ पढ़े गए पैरा 13 के संदर्भ में, एक मृत व्यक्ति जमा धारक अथवा दो या अधिक संयुक्त जमा धारकों के नाम पर उपलब्ध परिपक्व जमा पर ब्याज की दर, जहां एक जमा धारक की मृत्यु हो गई है, उस व्यापक नीति के अनुसार होगी जिसे निदेशक मण्डल या मण्डल की किसी समिति, जिसे शक्तियाँ हैं, द्वारा उचित रूप से अनुमोदित किया गया है।

उत्तर: संदर्भ अवधि के दौरान कुल इनवॉइस मूल्य मूल रूप से भारतीय रुपये (आईएनआर) में होना चाहिए (जिसमें अनुषंगी(यों)/एसोसिएट(एस) के बिलिंग भी शामिल होनी चाहिए।

आरबी-आइओएस, 2021 के तहत आरबीआई की निम्न आरई शामिल हैं:

  1. बैंक: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंक, अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और गैर-अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जिनकी जमा राशि पिछले वित्‍तीय वर्ष के लेखा-परीक्षित तुलन-पत्र की तारीख को रुपए 50 करोड और उससे अधिक है;
  2. आरबीआई के पास पंजीकृत एनबीएफसी : सभी गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां (आवास वित्‍त कंपनियों को छोडकर) जो () जमा स्‍वीकारने हेतु प्राधिकृत हैं; या () पिछले वित्तीय वर्ष के  लेखा-परीक्षित तुलन-पत्र की तारीख को ₹100 करोड़ और उससे अधिक की आस्ति आकार के साथ ग्राहक इंटरफ़ेस है;


    नोट: कोर इन्वेस्टमेंट कंपनियों’, ‘इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड-गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’, ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों-इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियों’, कंपनियां जो रेजल्यूशन या समापन / परिसमापन में हैं, या आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य एनबीएफसी को आरबी-आइओएस के दायरे से बाहर रखा गया है।

  3. प्रणाली प्रतिभागी: सभी भुगतान प्रणाली प्रतिभागी - बैंक और गैर-बैंक - को आरबी-आइओएस,    2021   के तहत शामिल किया गया है। ये इकाइयां पूर्वदत्‍त भुगतान लिखत (पीपीआई) जारी करती     हैं और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी)/तत्काल सकल निपटान (आरटीजीएस) / तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस)/यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई)/भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस)/भारत क्यूआर कोड/अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा (यूएसएसडी) का उपयोग कर *99# मोबाइल लेनदेन सेवा /आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस)         आदि का उपयोग करके लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं।

     

  4. iv. साख सूचना कंपनियां: कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) में परिभाषित सभी साख सूचना कंपनियां जिन्हें साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (2005 का 30) की धारा 5 की उप-धारा (2) के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
    आरबी-आइओएस के अंतर्गत शामिल की गई संस्थाओं की सूची को समय-समय पर अद्यतन किया जाता है, यह https://cms.rbi.org.in/cms/assets/Documents/RBIO_English_Portal.pdf  पर उपलब्ध है।

     

उत्तर: हाँ, दिनांक 01 नवंबर 2014 से बैंक को अपने बचत खाता धारकों को निम्नलिखित अनुसार कुछ न्यूनतम मुफ्त लेनदेन अवश्य उपलब्ध कराने होंगे:

  • किसी भी स्थान पर बैंक के स्वयं के एटीएम में लेनदेन (ऑन अस लेनदेन): बैंकों को अपने बचत बैंक खाता धारकों को एक महीने में न्यूनतम पाँच लेनदेन (वित्तीय और गैर वित्तीय दोनों को मिलाकर) अवश्य मुफ्त देने चाहिए, चाहे एटीएम किसी भी स्थान में क्यों न हो।

  • मेट्रो शहरों में किसी अन्य बैंक के एटीएम (ऑफ अस लेनदेन) पर किए जाने वाले लेनदेन: छ: मेट्रो शहरों में उदाहरणार्थ मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू और हैदराबाद में स्थित एटीएम के मामले में बैंकों को अपने बचत बैंक खाता धारकों को एक महीने में न्यूनतम तीन मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेनों सहित) अवश्य प्रदान करने चाहिए।

  • गैर –मेट्रो स्थानों पर किसी अन्य बैंक के एटीएम पर लेनदेन: अन्य स्थानों पर बैंकों को बचत बैंक खाता धारकों को अन्य बैंक के एटीएम पर एक महीने में न्यूनतम पाँच मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेनों सहित) अवश्य प्रदान करने चाहिए।

उत्तर: दो व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाजार द्वारा निर्धारित की जाएगी।

चूंकि जीएसटी से संबंधित निर्देश केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा जारी किए जाते हैं, इसलिए इस संबंध में सीबीआईसी द्वारा जारी अनुदेश और स्पष्टीकरण, यदि कोई हो, लागू होगा।

उत्तर. आरई की किसी शाखा/कार्यालय द्वारा एक बार किया गया केवाईसी सत्यापन, उसी आरई की किसी अन्य शाखा/कार्यालय में खाते के स्थानांतरण के लिए मान्य होगा, बशर्ते कि संबंधित खाते का पूर्ण केवाईसी सत्यापन किया गया हो और उसमें आवधिक अद्यतनीकरण की आवश्यकता न हो।

उत्तर: एसटीबीडी (1-3 वर्ष) के तहत जमा केवल विनिर्दिष्ट समय सीमा के लिए किया जा सकता है। इस जमाराशि को बाद में परिपक्वता पर नवीनीकृत किया जा सकता है।

एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार और सिडबी ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि न्यास (सीजीटीएमएसई) की स्थापना की है ताकि एमएसई क्षेत्र में संपार्श्विक/तृतीय पक्ष गारंटी की आवश्यकता के बिना ऋण के प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि ऋणदाता को परियोजना की व्यवहार्यता को महत्व देना चाहिए और वित्तपोषित परिसंपत्तियों की प्राथमिक जमानत पर ऋण सुविधा को सुरक्षित करना चाहिए। क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएस) ऋणदाता को आश्वस्त करती है कि यदि कोई एमएसई इकाई, जिसने संपार्श्विक-मुक्त ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया है, ऋणदाता को अपनी देनदारियां चुकाने में विफल रहता है तो गारंटी ट्रस्ट ऋणदाता को चूक की बकाया राशि के 75-90 प्रतिशत तक नुकसान की भरपाई करेगा। सीजीटीएमएसई ₹ 10 करोड़ तक की ऋण सुविधा के लिए कवर प्रदान करेगा, जिसे उधार देने वाली संस्थाओं द्वारा बिना किसी संपार्श्विक प्रतिभूति और/ या तीसरे पक्ष की गारंटी के दिया गया है। गारंटी कवर का लाभ उठाने के लिए सीजीटीएमएसई द्वारा गारंटी और वार्षिक सेवा शुल्क प्रभारित किया जाता है। कृपया अधिक जानकारी के लिए कृपया www.cgtmse.in को देखें।

प्रमुख विशेषता का मूल्यांकन दो कारकों के आधार पर किया जाता है:

  • मौजूदा वित्तीय उत्पादों (जैसे, ऋण, जमा, बीमा, पेंशन उत्पाद) में वृद्धि का प्रकार।

  • परीक्षण प्रक्रिया के दौरान उत्पाद के लिए मांगी गई छूट की संख्या, जिसमें बाद वाले को अधिक महत्व दिया गया।

यदि छूट की आवश्यकता होगी तो पी.आर./ए.आर. द्वारा मामले-दर-मामले आधार पर विचार किया जाएगा तथा इस संबंध में लिया गया निर्णय बाध्यकारी एवं अंतिम होगा।

उत्तर. दोनों प्रकार के लघु पीपीआई में न्यूनतम विवरण एक समान हैं और ये इस प्रकार हैं:

ए. वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से सत्यापित मोबाइल नंबर; तथा

बी. केवाईसी पर आरबीआई के मास्टर निदेश में इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किसी भी अनिवार्य दस्तावेज अथवा आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी) अथवा किसी भी नाम से सूचीबद्ध इस तरह के किसी भी दस्तावेज में नाम और विशिष्ट पहचान /पहचान संख्या की स्व-घोषणा। अनिवार्य दस्तावेज/ओवीडी की वर्तमान सूची में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड, आधार संख्या होने का प्रमाण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र शामिल हैं।

बुनियादी बचत बैंक जमा खाते में नि:शुल्‍क उपलब्‍ध सेवाएं हैं - नकदी जमा करना तथा नकद आहरण, इलेक्‍ट्रानिक भुगतान माध्‍यमों के जरिए अथवा बैंक शाखाओं तथा एटीएम में चेक जमा करने / चेकों की वसूली के स्‍वरूप में 'प्राप्ति' / धन का जमा (क्रेडिट)।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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