RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

पृष्ठ
भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

FAQ DetailPage Breadcrumb

RbiFaqsSearchFilter

सामग्री प्रकार:

श्रेणी पहलू

केटेगरी

कस्टम पहलू

ddm__keyword__26256231__FaqDetailPage2Title_en_US

खोज परिणाम

FAQs on Non-competitive Bidding Facility for Dated Government Securities

Modalities for obtaining payment from clients towards the cost of securities, accrued interest, wherever applicable and commission will have to be worked out by the bank or the PD and clearly stated in the contract made for the purpose with the client.
नहीं। बैंकों को सहायता संघीय व्यवस्था के अधीन भी एक समान ब्याज दर लगाने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक सदस्य बैंक को चाहिए कि वह उधारकर्ताओं को जो ऋण सीमा प्रदान करता है उसके संबंधित हिस्से पर अपनी आधारभूत मूल उधार दर के अधीन ब्याज दर लगाए।
एनडीएस-ओएम पर पूरे किए जाने वाले ट्रेड के संबंध में पीडीओ-एनडीएस पर पुन: रिपोर्ट करना ज़रूरी नहीं है।
All regulated financial services entities of the Promoters/Promoter Group in which the Promoters/Promoter Group has ‘significant influence’ or ‘control’ (as defined in Accounting Standard 23) have to be held by a NOFHC. Regarding financial groups setting up banks, the existing NBFC must transfer all regulated financial services business to a new company and shares in that new company must be held by the NOFHC. Conversion of the NBFC into a non operating holding company would enable meeting the requirement of para 2(C)(iii) of the guidelines provided the listed non operating holding company meets the requirement of para(C)(ii)(b) of the guidelines i.e. the public hold not less than 51 percent voting equity shares in the company.

हां, बॉण्‍डों को डिमैट खातों में रखा जा सकता है। उसके लिए आवेदन में ही निश्चित अनुरोध किया जाना है।

डीमैटीरियालाइज़ेशन की प्रणाली पूर्ण होने तक इन बॉण्‍डों को भारतीय रिज़र्व बैंक की बही में रखा जाएगा। बॉण्‍ड आबंटित किए जाने के पश्चात डीमैट में परिवर्तित करने की सुविधा उपलब्ध होगी।

हां। एससी, बीएलए, एसजीएल/एससीजीएल के रुप में धारि‍त सरकारी प्रति‍भूति‍यों को गि‍रवी, दृष्टि‍बंधक अथवा ग्रहणाधि‍कार के अंतर्गत रखा जा सकता है एवं ऐसी प्रति‍भूति‍यों का धारक प्रश्न 34 मे दी गई शर्तों के अधीन इसे गिरवी रख कर ऋण प्राप्त कर सकता है । हांलांकि सरकारी प्रामि‍सरी नोट एवं धारक बांड के रुप में जारी प्रति‍भूति गि‍रवी, दृष्टि‍बंधक अथवा ग्रहणाधि‍कार के अंतर्गत नही रखी जा सकती है ।

अपीलीय खंडों के तहत बंद की गई शिकायत को खारिज करने के आरबीआई ओम्बड्समैन के अधिनिर्णय या निर्णय के विरूद्ध अपील अधिनिर्णय की सूचना प्राप्त होने या शिकायत की अस्वीकृति की तिथि के 30 दिन के भीतर दायर की जा सकती है। अपीलीय प्राधिकारी, यदि संतुष्ट है कि आवेदक के पास निर्दिष्ट समय के भीतर अपील दायर नहीं करने का पर्याप्त कारण था, तो 30 दिन से अनधिक अवधि के विस्तार की अनुमति भी दे सकता है।

उत्तर: हां, ऊपर प्रश्न 13 के उत्तर में उल्लिखित खाता खोलने के सभी तरीके, अर्थात प्रत्यक्ष मोड, ; अप्रत्यक्ष मोड और वी-सीआईपी के द्वारा ग्राहको को शामिल करना दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध हैं।

उत्तर. दो साझेदारों के बीच, एक को पीपीआई जारीकर्ता के रूप में नामित किया जाएगा जो सह-ब्रैंडेड पीपीआई से संबंधित सभी ग्राहक सेवा पहलुओं का समाधान करने के लिए जिम्मेदार होगा।
Yes. Individuals are free to use this Scheme to acquire and hold immovable property, shares or any other asset outside India without prior approval of RBI.
Yes, such requests are considered by the Special Committee on case-to-case basis. Indian companies desirous of making such investment are required to submit an application in form ODB to Reserve Bank for the purpose.

No. The bank or the PD is not permitted to build any other cost, such as funding cost, into the price. In other words, the bank or the PD cannot recover any other cost from the client other than accrued interest as indicated in Q21 and Q23 and commission(Q31)

10 अक्तूबर 2000 से, बैंकों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपने निदेशक मंडलों के अनुमोदन से दंडात्मक ब्याज लगाने के लिए पारदर्शी नीति तैयार करें। तथापि, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के तहत उधारकर्ताओं को दिए गए ऋणों के मामले में, रु 25,000/- तक के ऋणों के लिए कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लगाया जा सकता। चुकौती में चूक, वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत न करना आदि जैसे कारणों के लिए दंडात्मक ब्याज लगाया जा सकता है। तथापि, दंडात्मक ब्याज संबंधी नीति को पारदर्शिता, औचित्य, ऋणशोधन हेतु प्रोत्साहन, और ग्राहकों की वास्तविक कठिनाइयों के स्वीकृत सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (इसके बाद "बैंक" के रूप में संदर्भित) द्वारा जारी किए जाते हैं। उसके आधार पर की गई कार्रवाई और/या लिए गए निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो पीएसएस अधिनियम, 2007 द्वारा निर्देशित हो सकते है।

All regulated financial services entities of the Promoters/Promoter Group in which the Promoters/Promoter Group has ‘significant influence’ or ‘control’ (as defined in Accounting Standard 23) have to be held by a NOFHC. Regarding financial groups setting up banks, the existing NBFC must transfer all regulated financial services business to a new company and shares in that new company must be held by the NOFHC. Conversion of the NBFC into a non operating holding company would enable meeting the requirement of para 2(C)(iii) of the guidelines provided the listed non operating holding company meets the requirement of para(C)(ii)(b) of the guidelines i.e. the public hold not less than 51 percent voting equity shares in the company.
नहीं । संबद्ध सरकारी अधिसूचना के अनुसार ,सरकारी प्रति‍भूति‍ को गि‍रवी, दृष्टि‍बंधक, अथवा ग्रहणाधि‍कार के अंतर्गत रखने की सुवि‍धा, ऐसे ऋणों के लिए जो अहस्तांतरणीय है और जो समपार्श्वि‍क सुवि‍धा के पात्र नही है, उपलब्ध नहीं है ।
भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा अधिसूचित करने की तिथि से बॉण्‍डों का ट्रेड (यह नोट करें कि निक्षेपागार के पास डीमैट रूप में उपलब्ध बॉण्ड ही स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ट्रेड किया जाएगा) किया जा सकता है। सरकारी प्रतिभूति अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इन बॉण्‍डों को बेचा या हस्‍तांतरित किया जा सकता है। बॉन्डों के आंशिक अंतरण भी संभव है।

अपीलीय प्राधिकारी, अपील और संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के बाद, निम्नानुसार कार्य कर सकता है:

  1. अपील को खारिज कर सकता है; या
  2. अपील की अनुमति देते हुए आरबीआई ओम्बड्समैन के अधिनिर्णय/आदेश को रद्द कर सकता है; या
  3. ओम्बड्समैन को मामला नए सिरे से निपटान हेतु इन निदेशों के साथ, जो अपीलीय प्राधिकारी आवश्यक या उचित समझे, वापस भेजा जा सकता है; या
  4. ओम्बड्समैन के अधिनिर्णय/आदेश को संशोधित कर, ऐसे संशोधित आदेश या अधिनिर्णय को प्रभावी करने के लिए आवश्यक निदेश दे सकता है; या
  5. कोई अन्‍य आदेश, जो उसे उचित लगे, पारित कर सकता है।

इसके अतिरिक्त, अपीलीय प्राधिकारी के आदेश का प्रभाव आरबीआई ओम्बड्समैन द्वारा पारित निर्णय या शिकायत को खारिज करने वाले आदेश जैसा ही होगा।

उत्तर: विनियमित संस्थाओं की ग्राहक स्वीकृति नीति के परिणामस्वरूप आम जनता को बैंकिंग/वित्तीय सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा, विशेष रूप से उन लोगों को, जो वित्तीय या सामाजिक रूप से वंचित हैं, जिनमें दिव्यांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) भी शामिल हैं। केवाईसी के आवेदन/केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के आवेदन को अस्वीकार करने का निर्णय स्वचालित नहीं होगा और अस्वीकृति पर ऐसे निर्णयों की समीक्षा इस प्रयोजन के लिए अधिकृत आरई के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

The company will have to make an application to the Reserve Bank of India in form ODI along with necessary documents under the Normal Route.
जहां तक डीआइसीजीसी गारंटी फीस का प्रश्न है, बैंकों को यह विवेकाधिकार दिया गया है कि वे, कमजोर वर्ग के अग्रिमों को छो?कर रु.25,000/- से अधिक के अग्रिमों के मामले में गारंटी शुल्क स्वयं वहन करें या संबंधित उधारकर्ता पर गारंटी फीस डालें ? रु. 25,000/- तक के और कमजोर वर्ग को दिए सभी अग्रिमों के मामले में डीआइसीजीसी गारंटी फीस बैंकों को वहन करनी चाहिए।
Yes. Individuals are free to open, hold and maintain foreign currency accounts with a bank outside India for making remittances under the Scheme without the prior approval of RBI. The account can be used for putting through any transaction connected with or arising from remittances under the Scheme.
PDs and banks will furnish information relating to the Scheme to the Reserve Bank of India as and when called for. RBI can also review the guidelines. If and when the guidelines are revised, RBI will notify the modified guidelines.December 15, 2001

उत्तर. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों द्वारा जारी पूर्ण-केवाईसी पीपीआई, फेमा के तहत अनुमत चालू खाता लेनदेनों, अर्थात वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए, सीमा-पार जावक लेनदेनों में उपयोग किए जा सकते हैं। यह सुविधा केवल पीपीआई धारक के स्पष्ट अनुरोध पर ही सक्षम की जाएगी।

लेनदेन की सीमाएं:

ए. प्रति लेनदेन सीमा 10,000/- से अधिक नहीं होगी।

  • ए. प्रति लेनदेन सीम ₹10,000/- से अधिक नहीं होगी।

  • बी. प्रति माह सीमाा ₹50,000/- से अधिक नहीं होगी।

अनुमत लेनदेन:

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के तहत अनुमत चालू खाता लेनदेन, अर्थात इस तरह के लेनदेनों को नियंत्रित करने वाले मौजूदा मानदंडों के अनुपालन के अधीन वस्तुओं और सेवाओं की खरीद।

लेनदेन जिनकी अनुमति नहीं है:

  • ए. उदारीकृत विप्रेषण योजना के अंतर्गत कोई सीमा-पार जावक निधि अंतरण और/अथवा विप्रेषण के लिए।

  • बी ऑनलाइन व्यापारियों के खाते की प्रीफंडिंग।

सरकारी प्रति‍भूति‍यों पर गि‍रवी भारतीय रि‍ज़र्व बैंक या इसका एजेंट अंकि‍त कर सकता है ,जोकि उस प्रतिभूति का रिकार्ड रखता हो । जैसे कि बीएलए एवं एसजीएल जि‍सका रि‍कार्ड व लेखा भारतीय रि‍ज़र्व बैंक रखता है, गि‍रवी भारतीय रि‍ज़र्व बैंक की बही में अंकि‍त की जाएगी एवं एजेंसी बैंकों द्वारा जारी बीएलए या सीएसजीएल में धारि‍त प्रति‍भूति के लि‍ए संबंधि‍त एजेंसी बैंक या सीएसजीएल खाता धारक गि‍रवी अंकि‍त करेंगे ।
All regulated financial services entities of the Promoters/Promoter Group in which the Promoters/Promoter Group has ‘significant influence’ or ‘control’ (as defined in Accounting Standard 23) have to be held by a NOFHC. Regarding financial groups setting up banks, the existing NBFC must transfer all regulated financial services business to a new company and shares in that new company must be held by the NOFHC. Conversion of the NBFC into a non operating holding company would enable meeting the requirement of para 2(C)(iii) of the guidelines provided the listed non operating holding company meets the requirement of para(C)(ii)(b) of the guidelines i.e. the public hold not less than 51 percent voting equity shares in the company.
बॉन्ड के नामिती/नामितियों को अपने दावे के साथ संबन्धित प्राप्त करने वाले कार्यालय से संपर्क करना होगा। सरकारी प्रतिभूतियाँ विनियमन 2007 के अध्याय 3 के साथ सरकारी प्रतिभूतियाँ अधिनियम के प्रावधान के अनुसार नामित/नामितियों के दावों को देखा जाएगा। नामांकन न होने की दशा में, निष्पादक या मृतक होल्डरकर्ता के प्रबन्धकों या आगामी प्रमाणपत्र होल्डरकर्ता के दावे (भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के भाग 10 के अंतर्गत जारी) को प्राप्त करने वाले कार्यालय/ निक्षेपागार को प्रस्तुत करना होगा। यह भी नोट किया जाए कि उपर्युक्त प्रावधान मृतक अवयस्क निवेशक पर भी लागू है। इन मामलों में, बॉन्ड का हकदार सरकारी प्रतिभूतियाँ अधिनियम, 2006 में बताये गए मानदंड को पूरा कर रहे व्यक्ति के पास होगा और आवश्यक नहीं है कि यह नैसर्गिक अभिभावक को मिले।

हाँ। योजना के तहत शिकायतकर्ता द्वारा किसी भी स्तर पर शिकायत वापस ली जा सकती है। शिकायत वापस लेने के लिए शिकायतकर्ता शिकायत प्रबंध प्रणाली पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) पर लॉग ऑन कर ‘शिकायत ट्रैक करें’ टैब पर जा सकता है।

उत्तर: केवाईसी पर एमडी के पैरा 16 और 23 के तहत प्रत्यक्ष मोड में ग्राहक को शामिल करने के लिए हस्ताक्षर के स्थान पर अंगूठे के निशान को स्वीकार करने का प्रावधान पहले ही निर्धारित किया जा चुका है।

उत्तर. बैंक और गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ता, जो प्राधिकृत सीमा-पार प्रिंसिपल (ओपी) के भारतीय एजेंट हैं, को आरबीआई की मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत आवक विप्रेषण के लाभार्थियों को पूर्ण-केवाईसी पीपीआई जारी करने की अनुमति है। इसका अर्थ यह है कि इस गतिविधि को करने वाली संस्था को एक प्राधिकृत पीपीआई जारीकर्ता के साथ-साथ एमटीएसएस (विदेशी मुद्रा विभाग, आरबीआई द्वारा प्राधिकृत) के तहत एक भारतीय एजेंट होना चाहिए।

व्यक्तिगत आवक एमटीएसएस विप्रेषण से 50,000/- तक की राशि को लाभार्थियों को जारी किए गए पीपीआई में लोड अथवा पुनः लोड करने की अनुमति है। 50,000/- से अधिक की किसी भी एकल लेनदेन राशि का भुगतान बैंक खाते में जमा करके किया जाएगा।

The facility under the Scheme is in addition to those already available under Foreign Exchange Management (Current Account Transactions) Rules, 2000.
Partnership firms engaged in providing professional services, such as chartered accountancy, legal practice and related services, information technology and entertainment software related services and medical and healthcare services are eligible for investment abroad on an automatic basis by filing form ODA with the AD without prior approval of the Reserve Bank up to an amount of US$ 1 million. Partnership firms, which do not conform to the above parameters, are required to obtain specific approval of the Reserve Bank by filing an application in form ODI (to the extent applicable).
1 अप्रैल 2002 से, कृषि अग्रिमों (अल्पावधि ऋणों और अन्य संबद्ध कार्यकलापों सहित) के मामले को छो?कर ऋणों और अग्रिमों पर बैंक मासिक अंतराल पर ब्याज लगा रहे हैं। कृषि अग्रिमों के मामले में मौजूदा प्रणाली जारी है।
एससी, बीएलए एवं एसजीएल /सीएसजीएल के रुप में सरकारी प्रति‍भूति‍यों के धारक नि‍वेशक आटोमेटि‍क रि‍डम्पशन सुवि‍धा प्राप्त कर सकते है जबकि नि‍वेशक ने अपना बैंक खाता वि‍वरण आरबीआई या इसके एजेंट को दि‍या है, तो देय ब्याज एवं परि‍पक्वता राशि सीधे उसके खाते में जमा कर दी जाएगी और उसे भौति‍क रुप से प्रतिभूति का डि‍स्चार्ज प्रस्तुत नहीं करना पड़ेगा ( इन एफ़एक्यू के अंत मे इसके लिए एक आदर्श फार्मेट दिया गया है )। हालांकि बैंक खाते के वि‍वरण आरबीआई या एजेंसी बैंक को न देने पर नि‍वेशक को परि‍पक्वता राशि पाने के लि‍ए भौति‍क डि‍स्चार्ज प्रस्तुत करना होगा ।
All regulated financial services entities of the Promoters/Promoter Group in which the Promoters/Promoter Group has ‘significant influence’ or ‘control’ (as defined in Accounting Standard 23) have to be held by a NOFHC. Regarding financial groups setting up banks, the existing NBFC must transfer all regulated financial services business to a new company and shares in that new company must be held by the NOFHC. Conversion of the NBFC into a non operating holding company would enable meeting the requirement of para 2(C)(iii) of the guidelines provided the listed non operating holding company meets the requirement of para(C)(ii)(b) of the guidelines i.e. the public hold not less than 51 percent voting equity shares in the company.
हां, धारिता के कुछ अंश को एक ग्राम के गुणजों में भुनाया जा सकता है।

योजना निम्न लिंक पर उपलब्ध है - https://rbi.org.in/documents/87730/38689832/RBIOS2021_12112021.pdf

उत्तर: निष्क्रिय खाता वह बचत/चालू खाता है जिसमें दो वर्ष से अधिक अवधि तक कोई 'ग्राहक प्रेरित लेनदेन' नहीं हुआ हो। निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए, ग्राहक अपनी केवाईसी जानकारी/डेटा को आरई की घरेलू/गैर-घरेलू शाखा में तथा वी-सीआईपी के माध्यम से भी अपडेट कर सकता है, बशर्ते बैंक द्वारा वी-सीआईपी की सुविधा प्रदान की गई हो। बैंक, केवाईसी पर मास्टर निदेश में दिए गए केवाईसी दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के बाद ही निष्क्रिय खातों को सक्रिय करेंगे।


1 निष्क्रिय खाते को बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमा- संशोधित अनुदेश पर दिनांक 1 जनवरी 2024 के परिपत्र विवि.एसओजी (एलईजी).आरईसी/64/09.08.024/2023-24 में परिभाषित किया गया है।

उत्तर. नहीं, जब पीपीआई में निधियों को लोड किया जाता है तो क्रेडिट के विभाजन की अनुमति नहीं है। चूंकि लेनदेन की राशि ₹50,000/- से अधिक है, इसलिए पूरी राशि को बैंक खाते में जमा करना होगा।
The investing firm will have to be the member of the respective all-India professional organisation / body and the investment amount should not exceed US$ 1 million. or its equivalent in one financial year.
Remittance cannot be made directly or indirectly to Bhutan, Nepal, Mauritius or Pakistan. The facility is also not available for making remittances directly or indirectly to countries identified by the Financial Action Task Force (FATF) as ‘non-co-operative Countries or Territories' viz., Cook Islands, Egypt, Guatemala, Indonesia, Myanmar, Nauru, Nigeria, Phillippines and Ukraine. Further, remittance under the facility cannot be made to individuals and entities identified as posing significant risk or committing acts of terrorism as advised to banks by RBI from time to time.
किसी अनुसूचित बैंक द्वारा, अन्य बातों के साथ-साथ उनके अपने कर्मचारियों को दिये गये या नवीकृत ऋणों या अग्रिमों या अन्य वित्तीय सुविधा पर, बैंकों द्वारा मंजूर अग्रिमों संबंधी ब्याज दर निदेश लागू नहीं होंगे। जहाँ बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा अपने ग्राहकों (अर्थात् संबंधित बैंक के स्टाफ सदस्य) को उधार देने हेतु गठित को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटियों को बैंक अग्रिम प्रदान करता है, वहाँ ऐसे अग्रिमों पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ब्याज दर निदेश लागू नहीं होंगे।
हां, यदि परि‍पक्वता राशि 1 लाख से अधि‍क है, तो नि‍वेशक को पेन (PAN) की जानकारी अग्रि‍म रुप से प्रस्तुत करना होगी, ताकि वह देय ति‍थि पर परि‍पक्वता राशि ब्याज सहि‍त अपने खाते मे सीधे प्राप्त कर सके ।

राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्‍ड के संदर्भ में आम जनता के प्रश्नों को प्राप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक अलग ई मेल आईडी सृजित की है। निवेशक अपने प्रश्न इस ई मेल आईडी पर भेज सकते हैं।

All regulated financial services entities of the Promoters/Promoter Group in which the Promoters/Promoter Group has ‘significant influence’ or ‘control’ (as defined in Accounting Standard 23) have to be held by a NOFHC. Regarding financial groups setting up banks, the existing NBFC must transfer all regulated financial services business to a new company and shares in that new company must be held by the NOFHC. Conversion of the NBFC into a non operating holding company would enable meeting the requirement of para 2(C)(iii) of the guidelines provided the listed non operating holding company meets the requirement of para(C)(ii)(b) of the guidelines i.e. the public hold not less than 51 percent voting equity shares in the company.

हाँ। शिकायतकर्ता आरबीआई के सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.inपर लॉग ऑन कर फीडबैकटैब के तहत अपनी प्रतिक्रिया साझा कर सकते हैं। आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शिकायत निवारण में और अधिक सुधार के लिए आरबीआई में इस फीडबैक का विश्लेषण किया जाता है।

उत्तर: 'निष्क्रिय खातों' को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बैंक को अपनी सभी शाखाओं में केवाईसी अद्यतन करने की सुविधा उपलब्ध करानी होगी, और यदि खाताधारक द्वारा अनुरोध किया जाता है तो बैंक, वीडियो-ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) के माध्यम से केवाईसी अद्यतन की सुविधा उपलब्ध कराएगा, बशर्ते कि बैंक द्वारा वी-सीआईपी की सुविधा प्रदान की गई हो।

उत्तर. नकद निकासी लेनदेन सहित वॉलेट में डेबिट से जुड़े सभी वॉलेट लेनदेनों की अनुमति केवल 2एफए के माध्यम से सत्यापन द्वारा ही दी जाती है। पीपीआई कार्ड (भौतिक अथवा आभासी) के लिए एएफए अपेक्षाएं वही होंगी जो डेबिट कार्ड के लिए आवश्यक हैं। पीपीआई-एमटीएस और गिफ्ट पीपीआई के तहत जारी किए गए पीपीआई के लिए 2एफए/एएफए अनिवार्य नहीं है।
A partnership firm which fulfills the conditions stipulated under the automatic route may make the investment without prior approval and submit a report containing the following details through an authorised dealer with in 30 days of making such investments –Name and full address and registration of partnership.Full details of investment abroad.Date and amount of remittance/amount of capitalisation of fees/other entitlements due.Name and address of the foreign concern together with its line of activities.Identification number (if already allotted by the Reserve Bank)
The individual will have to designate a branch of an AD through which all the remittances under the Scheme will be made. He has to furnish an application-cum-declaration in the specified format regarding the purpose of the remittance and declare that the funds belong to him and will not be used for purposes prohibited or regulated under the Scheme.
नहीं।
भारतीय रि‍ज़र्व बैंक कि‍सी भी एजेंट या एसजीएल/सीएसजीएल खाता धारक से जानकारी मांग सकता है या उनकी जांच कर सकता है । इसके अलावा भारतीय रि‍ज़र्व बैंक इन्हें या कि‍सी भी ऐसे व्यक्ति जो कि सरकारी प्रति‍भूति‍यों के व्यवहार में शामि‍ल हो, को नि‍र्देश जारी कर सकता है ।
A. Under all circumstances at least 51 per cent of the voting equity shares of the NOFHC shall be held by companies in the Promoter Group, in which public shareholding is not less than 51 percent.[para 2 (C) (ii) (b) of the guidelines]

ऑनलाइन पोर्टल (https://cms.rbi.org.in ) दो भाषाओं अर्थात हिंदी और अंग्रेजी में शिकायत दर्ज करने में सक्षम बनाता है। हालांकि, शिकायत के तथ्यों/विवरण को विवरण बॉक्स में 2,000 वर्णों तक किसी भी भाषा में टाइप, कॉपी और पेस्ट किया जा सकता है। भौतिक और ईमेल शिकायतें किसी भी भाषा में दर्ज की जा सकती हैं।

उत्तर. सभी पीपीआई के मामले में न्यूनतम वैधता अवधि पीपीआई में अंतिम लोडिंग/पुनः लोडिंग की तारीख से एक वर्ष की होगी। तथापि, पीपीआई जारीकर्ता लंबी वैधता के साथ पीपीआई जारी करने के लिए स्वतंत्र हैं। पीपीआई जारी करते समय जारीकर्ता स्पष्ट रूप से ग्राहक को पीपीआई की वैधता अवधि की समाप्ति के बारे में अवगत कराएंगे।
Partnership firms, which are not eligible under the Automatic Route, are required to make an application in form ODI to the Reserve Bank for necessary approval.
The investor is free to book profit or loss abroad and to invest abroad again. He is under no obligation to repatriate the funds sent abroad.
नहीं।

यदि कोई व्यक्ति कि‍सी सरकारी प्रति‍भूति‍ का अपने पक्ष में हक पाने अथवा कि‍सी अन्य व्यक्ति को यह हक दि‍लाने के लि‍ए मि‍थ्यावचन करता है, तो वह, अधिकतम 6 माह तक कारावास या जुर्माना या दोनों का पात्र होगा । इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति सरकारी प्रतिभूति अधि‍नि‍यम के प्रावधानों या इसमे अंतर्गत जारी कि‍सी वि‍नि‍यम, अधि‍सूचना या नि‍र्देश का उल्लंघन करता है या एसजीएल/सीएसजीएल खातो को खोलने और जारी रखने के नियम और शर्तो का उल्लंघन करता है ,तो भारतीय रि‍ज़र्व बैंक उसे 5 लाख रूपए का दंड लगा सकता है और यदि ऐसा उल्लंघन जारी रहता है, तो आगे प्रति दि‍न 5 हजार रुपए के हि‍साब से उल्लंघन जारी रहने तक दंड लगा सकता  है ।

A. Non-voting equity shares are not a part of the guidelines, but are subject to relevant laws/ SEBI guidelines. Non-voting capital will not be reckoned for the purpose of calculation of promoter shareholding in the NOFHC/ bank.

समष्टि स्तर: आरबीआई आरबी-आइओएस, 2021 और संबंधित मामलों पर विभिन्न माध्यमों से जागरूकता उत्पन्न करता है जिसमें निम्न शामिल हैं:

  1. आरबीआई कहता हैटैग लाइन के साथ जागरूकता अभियानों का आयोजन किया गया जो आरबीआई की वेबसाइट https://website.rbi.org.in/en/web/rbi/rbi-kehta-hai/sachet-portal पर मौजूद है।
  2. जागरूकता संबंधी संदेश आरबीआई की वेबसाइट के साथ-साथ सीएमएस पोर्टल पर भी अपलोड किए गए हैं। इनमें मोबाइल ऐप/यूपीआई/क्यूआर कोड आदि का उपयोग करके धोखाधड़ी सहित साइबर अपराध संबंधी जागरूकता शामिल है।
  3. अनाधिकृत संस्थाओं द्वारा जमा राशि के अवैध संग्रह संबंधी जागरूकता संदेश सचेत पोर्टल https://website.rbi.org.in/en/web/rbi/rbi-kehta-hai/sachet-portal. पर होस्ट किए गए।
  4. विभिन्न मल्टीमीडिया चैनलों में संदेश प्रसारित किए गए, जिसमें प्राइम टाइम के दौरान प्रसारित संदेश भी शामिल हैं।
  5. आरबीआई ने दो पुस्तिकाएं जारी की हैं। एक धोखेबाजों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामान्य कार्यप्रणाली और विभिन्न वित्तीय लेनदेन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर 'बी (ए) वेयर'नामक पुस्तिका है और दूसरी 'राजू और चालीस चोर', जिसमें ऐसी चालीस कहानियां शामिल हैं, जो धोखेबाजों द्वारा अपनाए जाने वाले विभिन्न धोखाधड़ी के तरीकों की झलक दिखाती है और इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए क्या करें और क्या करें के बारे में सरल उपाय प्रदान करती है।
  6. सभी बैंक अपने ग्राहकों को बार-बार एसएमएस/ईमेल भेजते हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी के तौर-तरीकों और इस तरह की धोखाधड़ी से खुद को बचाने के लिए ग्राहक की ओर से बरती जाने वाली आवश्यक सावधानी का विवरण दिया जाता है
  7. क्या करें और क्या करें की सूची आरबीआई की वेबसाइट पर टिकर के रूप में प्रकाशित की गई है।

उपर्युक्त के अलावा आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों, वित्तीय साक्षरता केन्द्रों (सीएफएल / एफएलसी) द्वारा आयोजित विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम, विशिष्ट जागरूकता कार्यक्रम, टाउन हॉल कार्यक्रम का आयोजन और आरबीआई ओम्बड्समैन कार्यालयों के माध्यम से विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर सूचना/संदेशों का प्रदर्शन नियमित रूप से किया जा रहा है।  ओम्बड्समैन स्पीक का आयोजन मार्च माह में और उसका दोहराव अक्टूबर माह में प्रतिवर्ष किया जाता है

उत्तर. एक वर्ष की लगातार अवधि के लिए बिना किसी वित्तीय लेनदेन वाले पीपीआई को पीपीआई धारक को नोटिस भेजने के बाद निष्क्रिय किया/माना जाएगा। सत्यापन और लागू समुचित सावधानी के बाद ही इसे फिर से सक्रिय किया जा सकता है।
It will be in order for individual partners to hold shares for and on behalf of the firm in overseas JV/WOS provided the entire funding for the investment is done by the firm and if the host country regulations or operational requirements warrant such holding.
Once a remittance is made for an amount upto USD 25,000 during the calendar year, he would not be eligible to make any further remittances under this route, even if the proceeds of the investments have been brought back into the country.
किसी बैंक का निधि आधारित और निधीतर आधारित दोनों सहित, पूंजी बाजार में सभी प्रकार का कुल एक्सपोज़र, जिसमें इक्विटी शेयरों में प्रत्यक्ष निवेश, परिवर्तनीय बांडों और डिबेंचरों तथा इक्विटी उन्मुख पारस्परिक निधियों के यूनिट, इक्विटी शेयरों (आइपीओ सहित), में निवेश के लिए व्यक्तियों को शेयरों की जमानत पर दिए अग्रिमों, बांडों और डिबेंचरों, इक्विटी उन्मुख पारस्परिक निधियों के यूनिट और शेयर दलालों को दिए ज़मानती तथा बेज़मानती अग्रिम और शेयर दलालों एवं बाजार के सहभागियों की ओर से जारी गारंटियां शामिल हैं, पिछले वर्ष के 31 मार्च के कुल बकाया अग्रिमों (वाणिज्य पत्र सहित) के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। पूंजी बाजार में एक्सपाज़र पर उच्चतम सीमा की गणना के लिए, शेयरों में संबंधित बैंक के प्रत्यक्ष निवेश की गणना संबंधित शेयरों के लागत मूल्य पर की जाएगी।
हां, सरकारी प्रति‍भूति होने से यह सुवि‍धा उपरोक्त प्रश्न संख्या 17,18,19,20,21 एवं 22 में स्पष्ट कि‍ए अनुसार उपलब्ध है ।
The entities/individuals belonging to the Promoters/Promoter Group, which would participate in the voting equity shares of the NOFHC, would have to provide theMemorandum and Articles of Association, financial statements for past ten years and IT returns for last three years, as appropriate, at the time of submission of their application. The last available financial statements in respect of other Group entities, which do not participate in the voting equity shares of the NOFHC will also have to be furnished. The details of the Promoters’ direct and indirect interest in various entities/companies/industries and details of credit/other facilities availed by the Promoters/Promoter Group would be required of all entities. [ para 3 of Annex II to the guidelines]

 असफल या 'विफल' लेनदेन के कारण बड़ी संख्या में ग्राहकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने 20 सितंबर 2019 को  प्राधिकृत भुगतान प्रणालियों का उपयोग करते हुए विफल हुए लेनदेन के लिए टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) और ग्राहक क्षतिपूर्ति को सुसंगत बनाने हेतु एक परिपत्र जारी किया। जिसमें असफल लेनदेन के मामले में धन को वापस करने के लिए टीएटी निर्धारित है। इसके अलावा, यदि विनियमित संस्था की ओर से धन वापस करने में  में देरी होती है तो परिपत्र में इस हेतु एक क्षतिपूर्ति तंत्र भी निर्धारित किया गया है। परिपत्र का विवरण निम्न लिंक पर उपलब्ध है: https://website.rbi.org.in/hi/web/rbi/-/notifications/harmonisation-of-turn-around-time-tat-and-customer-compensation-for-failed-transactions-using-authorised-payment-systems-11693

उत्तर. यदि किसी भी कारण से योजना समाप्त हो रही है अथवा आरबीआई द्वारा इसे बंद करने का निर्देश दिया गया है, तो ऐसे पीपीआई के धारकों को पीपीआई में पड़ी बकाया राशि को भुनाने की अनुमति दी जाएगी।
The remittances can be in any currency equivalent to USD 25,000 in a calendar year.
नहीं। बैंकों पर शेयरों की शॉर्ट सेल करने का प्रतिबंध है।
Indian parties which have majority share holding in a foreign entity abroad are required to seek specific approval of Reserve Bank of India for setting up of a second generation company in case:the foreign entity has been in operation for a period of less than two years; orthe Indian party has not repatriated the amount of dividends, fees and royalties due to it from the foreign entity; orproceeds of exports to the foreign entity have not been realised in accordance with the Foreign Exchange Management (Export of Goods and Services) Regulations, 2000; oradditional capital contribution is required from India.
The entities/individuals belonging to the Promoters/Promoter Group, which would participate in the voting equity shares of the NOFHC, would have to provide theMemorandum and Articles of Association, financial statements for past ten years and IT returns for last three years, as appropriate, at the time of submission of their application. The last available financial statements in respect of other Group entities, which do not participate in the voting equity shares of the NOFHC will also have to be furnished. The details of the Promoters’ direct and indirect interest in various entities/companies/industries and details of credit/other facilities availed by the Promoters/Promoter Group would be required of all entities. [ para 3 of Annex II to the guidelines]
जी हां, उपरोक्त राहत/बचत बांड धारकों को आटोमेटि‍क रि‍डम्पशन सुवि‍धा अर्थात परि‍पक्वता राशि‍ तथा ब्याज को देय तिथि पर सीधे उसके खाते में जमा करने की सुविधा, बिना कोई भौतिक डिस्चार्ज प्रस्तुत किए और आरबीआई या एजेंसी बैंक के कार्यालय मे जाए बिना, प्रश्न क्र.36 एवं 37 में दि‍ए गए स्पष्टीकरण के अंतर्गत उपलब्ध है ।

ग्राहकों को अपने खातों में हुए किसी भी अनधिकृत लेनदेन का पता चलते हुए उसकी सूचना तुरंत बैंक को देनी चाहिए। सूचना देने में देरी होने से पैसे वापस मिलने की संभावना कम हो जाती है।

अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में ग्राहकों की देयता को सीमित  करने के संबंध में आरबीआई के  06 जुलाई, 2017 के संदर्भ में शून्य देयता वहां उत्पन्न होगी यदि:

  1. बैंक की ओर से अंशदायी धोखाधड़ी/ लापरवाही/ कमी है (इस पर ध्यान दिए बगैर कि ग्राहक द्वारा लेनदेन को रिपोर्ट किया गया है या नहीं)
  2. अन्य पक्ष द्वारा उल्लंघन जहां तो बैंक की ओर से कमी हुई हो, ही ग्राहक की ओर से, बल्कि प्रणाली में ही कहीं कमी हो, और ग्राहक अनधिकृत लेनदेन के संबंध में बैंक से सूचना प्राप्त होने के तीन कार्य दिवसों के भीतर बैंक को सूचित कर देता है।

ग्राहक की सीमित देयता

कोई ग्राहक निम्नलिखित मामलों में अनधिकृत लेनदेन के कारण होने वाले नुकसान के लिए उत्तरदायी होगा:

  1. ऐसे मामले जिनमें हानि किसी ग्राहक की लापरवाही के कारण हुई है, जैसे जहां उसने भुगतान संबंधी गोपनीय जानकारी साझा की है, वहां ग्राहक को सम्पूर्ण नुकसान तब तक वहन करना होगा जब तक कि अनधिकृत लेनदेन के संबंध में बैंक को सूचित किया जाए। अनधिकृत लेनदेन की सूचना प्राप्ति के बाद होने वाला कोई भी नुकसान बैंक द्वारा वहन किया जाएगा।
  2. ऐसे मामले जिनमें अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की जवाबदेही तो बैंक की हो, ही ग्राहक की, बल्कि कहीं--कहीं प्रणाली की ही हो, और जहां इस प्रकार की लेनदेन की सूचना बैंक को देने में ग्राहक की ओर से विलम्ब (बैंक से सूचना प्राप्ति के बाद चार से सात कार्य दिवस का) हो, वहां ग्राहक की प्रति लेनदेन देयता परिपत्र में दिए अनुसार सीमित होगी।
उत्तर. भुगतान करते समय पीपीआई को डेबिट करने की सीमा तक विफल/वापस किए गए/अस्वीकृत/रद्द लेनदेनों के मामले में संबंधित पीपीआई पर धन वापसी तुरंत लागू की जाएगी; भले ही निधियों के इस तरह के उपयोग के परिणामस्वरूप ये उस तरह के पीपीआई के प्रकार/श्रेणी के लिए निर्धारित की गई सीमा से अधिक हो जाती हों।
The stipulation that investors could invest in equities of overseas listed firms that hold at least 10% in a listed Indian firm which was made in terms of our A.P.(DIR Series) Circular No.66 dated January 13, 2003 continues as an additional facility. Under the current Liberalised Remittance Scheme, no such stipulation has been made.
विद्युत प्रभारों का भुगतान, सीमा शुल्क, किराये पर खरीद /पट्टा किराया किस्तों, प्रतिभूतियों की बिक्री और अन्य प्रकार के वित्तीय निभाव से संबंधित बिलों की बैंकों को बट्टे पर भुनाई नहीं करनी चाहिए।
The shares of a JV/WOS can be pledged as a security for availing fund based or non-fund based facility for the concerned entity or for the JV/WOS from an authorised dealer/ public financial institution in India.

इन बांडस के निवेशकों को संचयी / गैर संचयी ब्याज भुगतान का वि‍कल्प होता है । कम्यूलेटि‍व बांड में परि‍पक्वता के समय मूल के साथ ब्याज भुगतान दिया जाता है । नॉन कम्यूलेटि‍व बांड में ब्याज अर्धवार्षि‍क अंतराल पर भुगतान कि‍या जाता है ।  यदि नि‍वेशक नि‍रंतर आय चाहता है तो वह गैर संचयी का वि‍कल्प चुनें । ब्याज, ब्याज वारंट (रजि‍स्टर्ड पोस्ट द्वारा) या ईसीएस सुवि‍धा से भुगतान कि‍या जाता है, जि‍सके लि‍ए नि‍वेशक के बैंक खाते की जानकारी भारतीय रि‍ज़र्व बैंक या एजेंसी बैंक से ईसीएस फार्म प्राप्त कर प्रस्तुत करना होता है (इस एफ़एक्यू के अंत मे आदर्श फार्मेट दिया गया है ) ।

A. The NOFHC has to be wholly owned by a single Promoter/Promoter Group ( as per the definition given in the Annex I to the guidelines) and the pattern of shareholding would be as per the provisions laid down at para 2 ( C ) ( ii ) & ( iii) of the guidelines. Two or more separate Groups cannot combine together to set up a NOFHC.

बैंकों में ग्राहक सेवा पर दिनांक 1 जुलाई, 2015 के मास्टर परिपत्र के तहत, बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे पर्याप्त जगह, उचित फर्नीचर, पीने के पानी की सुविधा प्रदान करने पर विशेष ध्यान देते हुए शाखाओं द्वारा बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति बनाएं जिसमें पेंशनरों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों आदि को विशिष्ट महत्व दिया जाए। इसके अतिरिक्त, बैंकों को सलाह दी जाती है कि शाखा स्तरीय ग्राहक सेवा समिति में वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने को प्राथमिकता प्रदान की जाए। 

विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य - दिनांक 4 अक्तूबर 2017 वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बैंकिंग सुविधा के तहत बैंकों के लिए जारी दिनांक 9 नवंबर, 2017 के परिपत्र के अनुसार यह आवश्यक है कि वे निम्नलिखित विशेष प्रावधानों के साथ समुचित प्रणाली तैयार करें:

 

  1. वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समर्पित काउंटर/ प्राथमिकता - बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे स्पष्टतः पहचान-योग्य समर्पित काउंटर अथवा वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों सहित दिव्यांग व्यक्तियों को प्राथमिकता देने वाले काउंटर उपलब्ध कराएं।

  1. जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में आसानी - बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि जब पेंशन वितरित करने वाले बैंक की किसी शाखा में, गृहेतर (नॉन-होम) शाखा सहित, कोई जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाता है, तो उसे प्राप्तकर्ता शाखा द्वारा ही सीबीएस में तुरंत अद्यतन/ अपलोड किया जाता है, ताकि पेंशन राशि जमा होने में किसी भी प्रकार के विलम्ब से बचा जा सके।

  1. चेक बुक सुविधा - बैंक चेक बुक प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों सहित किसी भी ग्राहक के स्वयं उपस्थित होने पर जोर नहीं देंगे।

 

  1. खाते की स्थिति में स्वतः परिवर्तन - बैंकों को सूचित किया जाता है कि पूर्णतः केवाईसी-अनुपालित खाते बैंक के अभिलेखों में उपलब्ध जन्म-तिथि के आधार परवरिष्ठ नागरिक खातोंमें स्वतः परिवर्तनीय बनाए जाएं।

  1. फार्म 15 जी/एच फाइल करने में आसानी - बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों को वर्ष में एक बार (बेहतर हो अप्रैल माह में) फार्म 15 जी/एच प्रदान करें, ताकि वे निर्धारित समय के भीतर उक्त को, जहां भी लागू हो, प्रस्तुत कर सकें।

  1.  दरवाजे पर (डोर-स्टेप) बैंकिंग - बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे ऐसे ग्राहकों के परिसर / आवास पर बुनियादी बैंकिंग सेवाएं, जैसे कि रसीद देकर नकदी और लिखत प्राप्त करना, खाते से आहरण के हिसाब से नकदी की सुपुर्दगी, डिमांड ड्राफ्ट की सुपुर्दगी, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) दस्तावेज और जीवन प्रमाण-पत्र की प्रस्तुति आदि के लिए ठोस प्रयास करें।

अस्वीकरण - ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नआरबीआई द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन के उद्देश्य हेतु जारी किए गए हैं, जिन्हें किसी भी कानूनी कार्यवाही में उद्धृत नहीं किया जा सकता है और इसका कोई कानूनी उद्देश्य नहीं होगा। इसे कानूनी सलाह या कानूनी राय के रूप में मानने का इरादा नहीं है। इनके आधार पर किए गए कार्यों और / या निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। पाठकों से अनुरोध किया जाता है कि वे स्पष्टीकरण या व्याख्या, यदि कोई हो, के लिए आरबी-आइओएस, 2021 और रिज़र्व बैंक और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों / अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हों।

The Scheme does not restrict such transactions, provided the transactions are within the limit of USD 25,000 per calendar year and is otherwise in order.
गैर-बैंकिंग गैर-वित्तीय कंपनियों की सार्वजनिक जमाराशि योजनाओं के अंतर्गत बैंकों द्वारा अपनी निधियों के निवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है, परंतु ऐसी कंपनियों की सार्वजनिक जमाराशि योजना में किया गया निवेश बैंकों द्वारा अपने तुलनपत्र में तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अंतर्गत भेजी गयी विवरणियों में ऋण/अग्रिम के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
Disinvestment of holding in a JV/WOS abroad requires prior approval of the Reserve Bank of India for which the holder will have to submit an application furnishing the reasons /justifications for such disinvestment along with a Chartered Accountant’s valuation certificate, latest audited financial statements of the JV/WOS, Board Resolution approving the disinvestment and Chartered Accountant’s certificate regarding position of dues of the WOS and total amount to be received by parent company on disinvestment.

उत्तर. किसी अन्य भुगतान लिखत का उपयोग करके विफल/वापस किए गए/अस्वीकृत/रद्द किए गए लेनदेनों के मामले में धन वापसी को पीपीआई में क्रेडिट नहीं किया जाना चाहिए।

प्रश्न 31 में दि‍ए गए स्पष्टीकरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूति पर भुगतान किए गए ब्याज पर 1 जून 1997 से कोई टीडीएस नही काटा जाएगा । हालांकि‍ वि‍त्त अधि‍नि‍यम 2007 एवं भारत सरकार की अधि‍सूचना क्र. एफ 4 (10) W & M/2003 दि‍नांक 31/05/2007 के अनुसार 1 जून 2007 से 8% बचत ( करयोग्य ) बांड, 2003 में वि‍त्तीय वर्ष में 10000 से ज्यादा ब्याज पर स्त्रोत पर कर की कटौती की जाएगी । तदनुसार 8% बचत बांड 2003 (कर योग्य) को छोड़कर अन्य राहत/बचत बांड पर टीडीएस की कटौती नहीं की जाती है ।
A. A Group which does not have any company or which will not be able to have a company with public shareholding of not less than 51 per cent cannot apply for banking licence, since at least 51 per cent of the voting equity shares of the NOFHC have to be held by companies in the Promoter Group, in which public hold not less than 51 per cent of the voting equity shares. If the Promoter Group has a company in which public holding is not less than 51 per cent, at least 51 per cent of the voting equity shares of the NOFHC is required to be held by that company. It is not necessary that all Group companies in which public shareholding is not less than 51% should be shareholders of the NOFHC [para 2 (C) (ii)(b) of the guidelines].

अस्वीकरण - ये ‘अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न’ आरबीआई द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन के उद्देश्य हेतु जारी किए गए हैं, जिन्हें किसी भी कानूनी कार्यवाही में उद्धृत नहीं किया जा सकता है और इसका कोई कानूनी उद्देश्य नहीं होगा। इसे कानूनी सलाह या कानूनी राय के रूप में मानने का इरादा नहीं है। इनके आधार पर किए गए कार्यों और / या निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। पाठकों से अनुरोध किया जाता है कि वे स्पष्टीकरण या व्याख्या, यदि कोई हो, के लिए आरबी-आईओएस, 2021 और रिज़र्व बैंक और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों / अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हों।


1 अधिनिर्णय की सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर शिकायतकर्ता द्वारा स्वीकृति प्रस्तुत की जानी चाहिए।

Banks including those not having operational presence in India are required to obtain prior approval from Reserve Bank for soliciting deposits for their foreign/overseas branches or for acting as agents for overseas mutual funds or any other foreign financial services company.
An Indian Party will have to comply with the following: -receive share certificates or any other documentary evidence of investment in the foreign entity to the satisfaction of the Reserve Bank within six months, failing which an application for extension of time citing reasons for non-receipt will have to be made to the Reserve Bank.repatriate to India, all dues receivable from the foreign entity, like dividend, royalty, technical fees etc., within 60 days of its falling due, or such further period as the Reserve Bank may permit.submit to the Reserve Bank every year within 60 days from the date of expiry of the statutory period as prescribed by the respective laws of the host country for finalisation of the audited accounts of the Joint Venture/Wholly Owned Subsidiary outside India an Annual Performance Report in form APR in respect of each Joint Venture or Wholly Owned Subsidiary outside India set up or acquired by the Indian party. This APR should inevitably be accompanied byCopies of FIRCs in support of inward remittances on account of dividend, royalty, etc.Audited Financial Statements of the overseas venture.CA’s certificate in support of realization of export proceeds.A note on the working of the JV/WOS during the previous year highlighting the ups and downs, reasons for non-performance, etc. in monetary terms. In case the promoter company is unable to submit APRs within the stipulated time, an application on the due date should be made to the Reserve Bank of India seeking extension, giving reasons for the same.

बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बांड के आबंटन पत्र निम्नलिखित शर्तों के अधीन खरीद सकते हैं -

  1. अंतर बैंक लेनदेन को छो?कर सभी लेनदेन केवल मान्यता प्राप्त शेयर बाज़ारों और पंजीकृत दलालों के माध्यम से किए जाने चाहिए।
  2. बांड खरीदते समय बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे प्रतिभूति का स्पष्ट हक मिलता है तथा द्वितीयक बाजार में उस प्रतिभूति का क्रय-विक्रय किया जा सकता है।
  3. इस प्रकार का लेनदेन करने के लिए बैंक को बोर्ड के अनुमोदन से अपना आंतरिक दिशानिर्देश निर्धारित करना चाहिए।

उत्तर. पीपीआई जारीकर्ता एक औपचारिक, सार्वजनिक रूप से प्रकट ग्राहक शिकायत निवारण ढांचा लागू करेंगे, जिसमें ग्राहकों की शिकायतों को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी, एस्केलेशन मैट्रिक्स और शिकायत समाधान के लिए टर्न-अराउंड-टाइम शामिल हैं। ढांचे में, कम से कम, निम्नलिखित शामिल होंगे:

ए. सरल भाषा में पीपीआई जारीकर्ता की ग्राहक सुरक्षा और शिकायत निवारण नीति की जानकारी का प्रसार;

बी. पीपीआई जारीकर्ता के ग्राहक सेवा संपर्क विवरण का स्पष्ट उल्लेख, जिसमें वेबसाइट, मोबाइल ऐप और कार्ड पर शिकायत निवारण के लिए नोडल अधिकारी का विवरण शामिल है;

सी. पीपीआई जारीकर्ता के एजेंटों द्वारा उचित साइनेज और ऊपर (बी) के अनुसार ग्राहक सेवा संपर्क विवरण का प्रदर्शन;

डी. ग्राहक द्वारा दर्ज शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा के साथ-साथ दर्ज की गई शिकायतों के लिए विशिष्ट शिकायत संख्या प्रदान करना;

ई. किसी भी ग्राहक शिकायत का शीघ्रता से समाधान करने के लिए कार्रवाई शुरू करना, प्राथमिकता देते हुए 48 घंटों के भीतर और ऐसी किसी शिकायत के प्राप्त होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इसका समाधान करने का प्रयास करना;

एफ. वेबसाइट / मोबाइल ऐप पर पीपीआई जारीकर्ता के प्राधिकृत / नामित एजेंटों (नाम, एजेंट आईडी, पता, संपर्क विवरण, आदि) की विस्तृत सूची प्रदर्शित करना; तथा

जी. पीपीआई से संबंधित वेबसाइट/मोबाइल ऐप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के उत्तर उपलब्ध कराएं।

हां, अन्य सरकारी प्रति‍भूति की तरह राहत /बचत बांड के लि‍ए यह सुवि‍धा प्रश्न 33 एवं 34 में दि‍ए गए स्पष्टीकरण के अधीन प्राप्त है । भारत सरकार ने 7% बचत बांड 2002, 6.5% बचत बांड, 2003 (कर मुक्त) एवं 8% बचत (कर योग्य) बांड 2003 में संशोधन की अधि‍सूचना जारी कर 19 अगस्त 2008 से अनुसूचि‍त बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लि‍ए गि‍रवी, दृष्टि‍बंधक या ग्रहणाधि‍कार के अंतर्गत इन बांडस को संपार्श्वि‍क के रुप में रखने की अनुमति प्रदान की है । हालांकि ऐसी सुवि‍धा केवल बांड धारकों को ही प्राप्त है, न कि तीसरे पक्षों को ।
A. No. No non-resident shareholder, directly or indirectly, individually or in group through subsidiary, associate or joint venture will be permitted to hold 5 per cent or more in the paid up voting equity capital of the bank for a period of 5 years from the commencement of the business of the bank. [ para 2 (F) of the guidelines ]
उत्तर. पीपीआई जारीकर्ता पीपीआई धारकों को कम से कम पिछले 6 महीनों के लिए खाता विवरण सृजित करने / प्राप्त करने का विकल्प प्रदान करेंगे। खाता विवरण में, कम से कम, लेनदेन का दिनांक, डेबिट / क्रेडिट राशि, निवल शेष राशि और लेनदेन का विवरण जैसे विवरण प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, पीपीआई जारीकर्ता कम से कम 10 लेनदेनों के लिए पूर्व लेनदेन का विवरण प्रदान करेंगे।
It has been decided in public interest that all banks, both Indian and foreign, including those not having an operational presence in India, should seek prior approval from Reserve Bank for the schemes being marketed by them in India to Indian residents either for soliciting foreign currency deposits for their foreign/overseas branches or for acting as agents for overseas mutual funds or any other foreign financial services company.
Reserve Bank takes a serious view on non-submission of such reports and can take such measures against the delinquent company as it deems fit including reference to Enforcement Directorate.
ऋणों /अग्रिमों की प्रतिभूति के रूप में बैंकों द्वारा स्वीकृत शेयरों /डिबेंचरों /बांडों का मूल्य निर्धारण मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर किया जाना चाहिए।
मृतक एकमात्र /संयुक्त बांड धारक के मामले में राहत /बचत बांड के उत्तराधि‍कारी नि‍र्धारि‍त करने की सरलीकृत प्रक्रि‍या प्रश्न 16 पर दी गई है ।

Web Content Display (Global)

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

हमारा ऐप इंस्टॉल करने के लिए QR कोड स्कैन करें