रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब
परिचय
हाल के दिनों में, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) सहित विश्व में कई केंद्रीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने इनोवेशन हब स्थापित किए हैं। सतत नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए, एक संस्थागत सेटअप के माध्यम से इसे पोषित करना आवश्यक है और तदनुसार, 06 अगस्त 2020 के विकास और नियामक नीतियों पर अपने मौद्रिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार रिज़र्व बैंक ने रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) की स्थापना की है। संस्थागत सेट-अप के माध्यम से वित्तीय नवोन्मेष को सतत प्रोत्साहित करने और पोषण करने के लिए ₹100 करोड़ के प्रारंभिक पूंजी योगदान के साथ, आरबीआईएच को कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया है। हब का एक स्वतंत्र बोर्ड है, जिसके अध्यक्ष श्री सेनापति (क्रिश) गोपालकृष्णन हैं और आरबीआईएच का मार्गदर्शन करने के लिए सदस्य के रूप में उद्योग और शिक्षा जगत के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। आरबीआईएच का उद्देश्य एक ऐसा परितंत्र बनाना है जो कम आय वाली आबादी के लिए वित्तीय सेवाओं और उत्पादों तक पहुंच को बढ़ावा देने पर केंद्रित हो।
हब का उद्देश्य प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर और एक ऐसा वातावरण तैयार करके वित्तीय क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देना है जो नवोन्मेष को सहज करेगा और बढ़ावा देगा। यह एक ऐसा परितंत्र बनाने की दिशा में प्रयास करेगा जो वित्तीय सेवाओं और उत्पादों तक पहुंच को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाएगा। यह फिनटेक शोध को बढ़ावा देने एवं नवोन्मेषियों और स्टार्ट-अप के साथ जुड़ाव को सहज बनाने लिए आवश्यक आंतरिक बुनियादी ढांचे का भी विकास करेगा। साथ ही, आरबीआईएच वित्तीय क्षेत्र के संस्थानों, प्रौद्योगिकी, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करेगा और वित्तीय नवोन्मेषों से संबंधित विचारों के आदान-प्रदान और प्रोटोटाइप के विकास के प्रयासों का समन्वय करेगा।
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