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मई 22, 2024
विदेशी मुद्रा आवर्त आंकड़े: 2 अप्रैल – 5 अप्रैल 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 अप्रैल – 5 अप्रैल 2024  तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्‍यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए।            

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 अप्रैल – 5 अप्रैल 2024  तक की अवधि के लिए विदेशी मुद्रा में दैनिक व्‍यापारी और अंतर-बैंक लेनदेन दर्शाने वाले आंकड़े आज जारी किए।            

मई 22, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की 608वीं बैठक

भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की 608वीं बैठक आज मुंबई में गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता में आयोजित की गई।


बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की, जिसमें संभावना के लिए जोखिम भी शामिल हैं। बोर्ड ने अप्रैल 2023-मार्च 2024 के दौरान रिज़र्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष 2023-24 के लिए रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट तथा वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी। भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए गठित विशेषज्ञ समिति (अध्यक्ष: डॉ. बिमल जालान) की अनुशंसा के अनुसार 26 अगस्त 2019 को रिज़र्व बैंक द्वारा अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर वर्ष (2023-24) के लिए अंतरणीय अधिशेष निकाला गया है। समिति ने अनुशंसा की थी कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के अंतर्गत जोखिम प्रावधानीकरण को भारतीय रिज़र्व बैंक के तुलन पत्र के 6.5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में बनाए रखा जाए।    

भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की 608वीं बैठक आज मुंबई में गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता में आयोजित की गई।


बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की, जिसमें संभावना के लिए जोखिम भी शामिल हैं। बोर्ड ने अप्रैल 2023-मार्च 2024 के दौरान रिज़र्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष 2023-24 के लिए रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट तथा वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी। भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए गठित विशेषज्ञ समिति (अध्यक्ष: डॉ. बिमल जालान) की अनुशंसा के अनुसार 26 अगस्त 2019 को रिज़र्व बैंक द्वारा अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर वर्ष (2023-24) के लिए अंतरणीय अधिशेष निकाला गया है। समिति ने अनुशंसा की थी कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के अंतर्गत जोखिम प्रावधानीकरण को भारतीय रिज़र्व बैंक के तुलन पत्र के 6.5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में बनाए रखा जाए।    

मई 22, 2024
खजाना बिल: नीलामी का पूर्ण परिणाम

नीलामी का परिणाम     91 दिवसीय    182 दिवसीय     364 दिवसीयI.    अधिसूचित राशि    ₹4000 करोड़    ₹4000 करो₹4000 करोड़II.    प्राप्‍त प्रतिस्पर्धी बोलियां(i) संख्‍या    96    85    110(ii) राशि    ₹32087.930 करोड़    ₹11060.390 करोड़    ₹18336.740 करोड़III.    कट-ऑफ मूल्‍य/ प्रतिफल    98.3200    96.6208    93.4557(परिपक्वता प्रतिफल:6.8536%)(परिपक्वता प्रतिफल:7.014%)(परिपक्वता प्रतिफल:7.0218%)

नीलामी का परिणाम     91 दिवसीय    182 दिवसीय     364 दिवसीयI.    अधिसूचित राशि    ₹4000 करोड़    ₹4000 करो₹4000 करोड़II.    प्राप्‍त प्रतिस्पर्धी बोलियां(i) संख्‍या    96    85    110(ii) राशि    ₹32087.930 करोड़    ₹11060.390 करोड़    ₹18336.740 करोड़III.    कट-ऑफ मूल्‍य/ प्रतिफल    98.3200    96.6208    93.4557(परिपक्वता प्रतिफल:6.8536%)(परिपक्वता प्रतिफल:7.014%)(परिपक्वता प्रतिफल:7.0218%)

मई 22, 2024
24 मई 2024 को ₹29,000 करोड़ की सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री के लिए हामीदारी नीलामी

भारत सरकार ने 24 मई 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री ( निर्गम / पुनर्निर्गम ) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार , प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी ( पीडी ) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता ( एमयूसी ) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी ( एसीयू ) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं :

भारत सरकार ने 24 मई 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री ( निर्गम / पुनर्निर्गम ) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार , प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी ( पीडी ) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता ( एमयूसी ) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी ( एसीयू ) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं :

मई 22, 2024
91 दिवसीय, 182 दिवसीय और 364 दिवसीय खज़ाना बिल की नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्‍य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्‍य और कट-ऑफ मूल्‍य पर निहित प्रतिफल 98.3200 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.8536%) 96.6208 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0140%) 93.4557 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0218%) IV. स्‍वीकृत कुल अंकित मूल्‍य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़   

I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्‍य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्‍य और कट-ऑफ मूल्‍य पर निहित प्रतिफल 98.3200 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.8536%) 96.6208 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0140%) 93.4557 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0218%) IV. स्‍वीकृत कुल अंकित मूल्‍य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़   

मई 22, 2024
22 मई 2024 को आयोजित 2-दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी का परिणाम

अवधि 2-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 71,830 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 71,830 कट ऑफ दर (%) 6.51 भारित औसत दर (%) 6.63 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत लागू नहीं 

अवधि 2-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 71,830 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 71,830 कट ऑफ दर (%) 6.51 भारित औसत दर (%) 6.63 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत लागू नहीं 

मई 22, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक 22 मई 2024 को चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत 2-दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा

वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 22 मई 2024, बुधवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 75,000 2 पूर्वाह्न 11:30 बजे से मध्याह्न 12:00 बजे 24 मई 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।

वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 22 मई 2024, बुधवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 75,000 2 पूर्वाह्न 11:30 बजे से मध्याह्न 12:00 बजे 24 मई 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।

मई 22, 2024
दिनांक 21 मई 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@  मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 528,731.85 6.72 4.50-7.50 I. मांग मुद्रा 13,262.43 6.76 5.10-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 351,544.90 6.72 6.50-6.80 III. बाज़ार रेपो 162,818.52 6.72 4.50-7.00 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 1,106.00 6.94 6.90-7.50

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@  मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 528,731.85 6.72 4.50-7.50 I. मांग मुद्रा 13,262.43 6.76 5.10-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 351,544.90 6.72 6.50-6.80 III. बाज़ार रेपो 162,818.52 6.72 4.50-7.00 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 1,106.00 6.94 6.90-7.50

मई 21, 2024
आरबीआई बुलेटिन – मई 2024

रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का मई 2024 अंक प्रकाशित किया। बुलेटिन में तीन भाषण, चार आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। चार लेख हैंः I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. विकेन्द्रीकृत वित्त: वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव; III. भारतीय रिज़र्व बैंक का मुद्रा स्वैप: जीएफएसएन में भूमिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना; IV. भारत में उपभोक्ता विश्वास: एक क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य। अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावना कमजोर हो रही है क्योंकि मुद्रास्फीति की गिरावट बाधित हो रही है,जिससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि धैर्यहीन निवेशक जोखिम से विमुख हो रहे हैं। एक बढ़ता आशावाद यह है कि भारत लंबे समय से प्रतीक्षित आर्थिक टेक-ऑफ के मार्ग पर है। हाल ही के संकेतक सकल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं। खाद्येतर व्यय को ग्रामीण व्यय की बहाली में तेजी द्वारा बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल 2024 के रीडिंग में देखी गई हेडलाइन मुद्रास्फीति में मामूली कमी, इस आशा की पुष्टि करती है कि लक्ष्य के साथ संरेखण की असमान और मध्यम गति चल रही है।

रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का मई 2024 अंक प्रकाशित किया। बुलेटिन में तीन भाषण, चार आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। चार लेख हैंः I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. विकेन्द्रीकृत वित्त: वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव; III. भारतीय रिज़र्व बैंक का मुद्रा स्वैप: जीएफएसएन में भूमिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना; IV. भारत में उपभोक्ता विश्वास: एक क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य। अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावना कमजोर हो रही है क्योंकि मुद्रास्फीति की गिरावट बाधित हो रही है,जिससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि धैर्यहीन निवेशक जोखिम से विमुख हो रहे हैं। एक बढ़ता आशावाद यह है कि भारत लंबे समय से प्रतीक्षित आर्थिक टेक-ऑफ के मार्ग पर है। हाल ही के संकेतक सकल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं। खाद्येतर व्यय को ग्रामीण व्यय की बहाली में तेजी द्वारा बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल 2024 के रीडिंग में देखी गई हेडलाइन मुद्रास्फीति में मामूली कमी, इस आशा की पुष्टि करती है कि लक्ष्य के साथ संरेखण की असमान और मध्यम गति चल रही है।

मई 21, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 मई 2024 के आदेश द्वारा नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों तथा 'धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर मास्टर परिपत्र' के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 मई 2024 के आदेश द्वारा नोएडा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों तथा 'धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर मास्टर परिपत्र' के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 28, 2024