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अप्रैल 08, 2024
दिनांक 5 अप्रैल 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@  मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 17,009.19    6.5    5.50-7.55 I. मांग मुद्रा  1,675.20    6.3    5.50-6.50 II. ट्राइपार्टी रेपो 9,518.40    6.3    6.10-6.46 III. बाज़ार रेपो 199.49    6.4    6.40-6.4 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 5,616.10    6.7

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@  मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 17,009.19    6.5    5.50-7.55 I. मांग मुद्रा  1,675.20    6.3    5.50-6.50 II. ट्राइपार्टी रेपो 9,518.40    6.3    6.10-6.46 III. बाज़ार रेपो 199.49    6.4    6.40-6.4 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 5,616.10    6.7

अप्रैल 06, 2024
उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के अध्यक्षों, निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों का सम्मेलन 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया।

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक की नई वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन का लोकार्पण

     श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर द्वारा आज भारतीय रिज़र्व बैंक की नई वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन का लोकार्पण किया गया। इस नई वेबसाइट को यूआरएल https://website.rbi.org.in का उपयोग करके या नीचे दिए गए क्यूआर कोड के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है:

     श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर द्वारा आज भारतीय रिज़र्व बैंक की नई वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन का लोकार्पण किया गया। इस नई वेबसाइट को यूआरएल https://website.rbi.org.in का उपयोग करके या नीचे दिए गए क्यूआर कोड के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है:

अप्रैल 05, 2024
दिनांक 22 मार्च 2024, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक   

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक   

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹49,70,000/- (उनचास लाख सत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹49,70,000/- (उनचास लाख सत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का पंजीकरण प्रमाण-पत्र निरस्त किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्‍नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्‍नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है।

अप्रैल 05, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्‍यम से रामगढ़िया को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 5 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-112/12.28.115/2023-24 द्वारा 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्‍यम से रामगढ़िया को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 5 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-112/12.28.115/2023-24 द्वारा 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/ सांविधिक प्रावधानों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है। बैंक ने (i) परियोजनाओं की व्यवहार्यता और आय सृजन क्षमता की समुचित जांच किए बिना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाओं की राजस्व धाराएं, ऋण चुकौती दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त थीं, अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को मियादी ऋण स्वीकृत किए थे, (ii) उक्त मियादी ऋणों का पुनर्भुगतान/ चुकौती बजटीय संसाधनों से की गई थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/ सांविधिक प्रावधानों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है। बैंक ने (i) परियोजनाओं की व्यवहार्यता और आय सृजन क्षमता की समुचित जांच किए बिना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाओं की राजस्व धाराएं, ऋण चुकौती दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त थीं, अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को मियादी ऋण स्वीकृत किए थे, (ii) उक्त मियादी ऋणों का पुनर्भुगतान/ चुकौती बजटीय संसाधनों से की गई थी।

अप्रैल 05, 2024
पाँच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण

निम्नलिखित पाँच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।

निम्नलिखित पाँच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।

अप्रैल 05, 2024
91 दिवसीय, 182 दिवसीय और 364 दिवसीय खज़ाना बिलों की नीलामी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की:      

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की:      

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़  31 मार्च 22 मार्च 29 मार्च सप्ताह वर्ष 1 2  3       

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़  31 मार्च 22 मार्च 29 मार्च सप्ताह वर्ष 1 2  3       

अप्रैल 05, 2024
सरकारी स्टॉक – नीलामी का पूर्ण परिणाम

नीलामी का परिणाम  7.33% जीएस 2026 नई जीएस 2034 7.25% जीएस 2063 I. अधिसूचित राशि ₹6,000 करोड़ ₹20,000 करोड़ ₹12,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि

नीलामी का परिणाम  7.33% जीएस 2026 नई जीएस 2034 7.25% जीएस 2063 I. अधिसूचित राशि ₹6,000 करोड़ ₹20,000 करोड़ ₹12,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि

अप्रैल 05, 2024
सरकारी स्टॉक – नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

7.33% जीएस 2026 नई जीएस 2034 7.25% जीएस 2063 I. अधिसूचित राशि ₹6,000 करोड़ ₹20,000 करोड़ ₹12,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 00.59/ 7.0711%

7.33% जीएस 2026 नई जीएस 2034 7.25% जीएस 2063 I. अधिसूचित राशि ₹6,000 करोड़ ₹20,000 करोड़ ₹12,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 00.59/ 7.0711%

अप्रैल 05, 2024
5 अप्रैल 2024 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी का परिणाम

5 अप्रैल 2024 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर)  नीलामी का परिणाम अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹करोड़ में)

5 अप्रैल 2024 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर)  नीलामी का परिणाम अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹करोड़ में)

अप्रैल 05, 2024
दिनांक 5 अप्रैल 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 5 अप्रैल 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:     

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 5 अप्रैल 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:     

अप्रैल 05, 2024
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार; (ii) विनियमन; तथा (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार; (ii) विनियमन; तथा (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

अप्रैल 05, 2024
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2024-25 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 3-5 अप्रैल 2024

On the basis of an assessment of the current and evolving macroeconomic situation, the Monetary Policy Committee (MPC) at its meeting today (April 5, 2024) decided to: Keep the policy repo rate under the liquidity adjustment facility (LAF) unchanged at 6.50 per cent.

Consequently, the standing deposit facility (SDF) rate remains unchanged at 6.25 per cent and the marginal standing facility (MSF) rate and the Bank Rate at 6.75 per cent.

On the basis of an assessment of the current and evolving macroeconomic situation, the Monetary Policy Committee (MPC) at its meeting today (April 5, 2024) decided to: Keep the policy repo rate under the liquidity adjustment facility (LAF) unchanged at 6.50 per cent.

Consequently, the standing deposit facility (SDF) rate remains unchanged at 6.25 per cent and the marginal standing facility (MSF) rate and the Bank Rate at 6.75 per cent.

अप्रैल 05, 2024
गवर्नर का वक्तव्य: 5 अप्रैल 2024

इस सप्ताह की शुरुआत में 1 अप्रैल को, हमने भारतीय रिज़र्व बैंक का 90 वां स्मरणोत्सव मनाया। इस प्रतिष्ठित संस्थान की यात्रा का भारतीय अर्थव्यवस्था के उद्भव से गहरा संबंध है। इन नौ दशकों के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटीं: रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण (1949), योजना युग, बैंक राष्ट्रीयकरण, युद्ध, सूखा, ब्रेटन वुड्स प्रणाली का पतन, तेल के झटके, भुगतान संतुलन की अनिश्चित स्थिति और उसके बाद के बाजार सुधार, एशियाई और वैश्विक वित्तीय संकट , टेपर टैंट्रम और अंततः कोविड-19 महामारी और हाल के वर्षों की भू-राजनीतिक शत्रुताएँ। इस यात्रा के दौरान, भारतीय वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाने में, अपनी विकासात्मक और विनियामक भूमिकाओं को मिलाकर, रिज़र्व बैंक हमेशा सबसे आगे रहा। ऐसा करते हुए इसने अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी और व्यावसायिकता के साथ निर्वहन किया है।

इस सप्ताह की शुरुआत में 1 अप्रैल को, हमने भारतीय रिज़र्व बैंक का 90 वां स्मरणोत्सव मनाया। इस प्रतिष्ठित संस्थान की यात्रा का भारतीय अर्थव्यवस्था के उद्भव से गहरा संबंध है। इन नौ दशकों के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटीं: रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण (1949), योजना युग, बैंक राष्ट्रीयकरण, युद्ध, सूखा, ब्रेटन वुड्स प्रणाली का पतन, तेल के झटके, भुगतान संतुलन की अनिश्चित स्थिति और उसके बाद के बाजार सुधार, एशियाई और वैश्विक वित्तीय संकट , टेपर टैंट्रम और अंततः कोविड-19 महामारी और हाल के वर्षों की भू-राजनीतिक शत्रुताएँ। इस यात्रा के दौरान, भारतीय वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाने में, अपनी विकासात्मक और विनियामक भूमिकाओं को मिलाकर, रिज़र्व बैंक हमेशा सबसे आगे रहा। ऐसा करते हुए इसने अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी और व्यावसायिकता के साथ निर्वहन किया है।

अप्रैल 05, 2024
दिनांक 4 अप्रैल 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 535,900.83 6.47 5.10-7.55 I. मांग मुद्रा 10,983.68 6.44 5.10-6.55 II. ट्राइपार्टी रेपो 334,596.75 6.45 6.26-6.55 III. बाज़ार रेपो 189,442.40 6.51 6.00-6.65 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 878.00 6.72 6.60-7.55

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 535,900.83 6.47 5.10-7.55 I. मांग मुद्रा 10,983.68 6.44 5.10-6.55 II. ट्राइपार्टी रेपो 334,596.75 6.45 6.26-6.55 III. बाज़ार रेपो 189,442.40 6.51 6.00-6.65 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 878.00 6.72 6.60-7.55

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 16, 2024