RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Commercial_Banking_Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

RBISpeechesInterviewSearchFilters

सर्च रिफाइन करें

टैग फेस्ट

टॅग

खोज परिणाम

भाषण

  • लिस्ट व्यू
  • जाली देखना
अगस्त 10, 2015
सुदृढ़ वित्तीय सेवा क्षेत्र: विकास कायम रखने की अनिवार्यताएं : एस.एस. मूंदड़ा
Good Morning to you all! I am pleased to be here this morning to speak to the delegates of this International Conference and I thank ICAI for providing me this opportunity. As you all know, the theme of this morning’s session is “Financial Services Sector- Agenda for Sustainable Growth” and as somebody who has spent his entire professional life in the banking sector - first as a commercial banker and now as a Central banker, I would speak with a particular emphasis on
श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
Good Morning to you all! I am pleased to be here this morning to speak to the delegates of this International Conference and I thank ICAI for providing me this opportunity. As you all know, the theme of this morning’s session is “Financial Services Sector- Agenda for Sustainable Growth” and as somebody who has spent his entire professional life in the banking sector - first as a commercial banker and now as a Central banker, I would speak with a particular emphasis on
जुलाई 23, 2015
नये अंतरराष्ट्रीय़ पर्यवेक्षी ढ़ांचे के अप्रत्याशित परिणाम: उभरते बाज़ार का परिप्रेक्ष्य - एस.एस.मूंदडा
Bonjour! Thank you Ms. Anne Le Lorier for your thoughts. It is my pleasure to deliver the key note address at this RBI-BdF joint Conference being hosted by Banque de France. Let me begin by thanking you and the BdF for your warmth, friendliness and cordiality. Banque de France is one of the oldest central banks in the world, set up in January 1800 by Napoléon Bonaparte with the objective of fostering renewed economic growth in the wake of the deep recession of the Rev
श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
Bonjour! Thank you Ms. Anne Le Lorier for your thoughts. It is my pleasure to deliver the key note address at this RBI-BdF joint Conference being hosted by Banque de France. Let me begin by thanking you and the BdF for your warmth, friendliness and cordiality. Banque de France is one of the oldest central banks in the world, set up in January 1800 by Napoléon Bonaparte with the objective of fostering renewed economic growth in the wake of the deep recession of the Rev
जुलाई 15, 2015
भारत में प्रतिभूतिकरण: धीमा या तीव्र ? – आर.गांधी
Financial sector’s primary role is intermediation between ultimate savers and ultimate investors. Initially, it was banks which were the intermediaries. As the financial sector evolved, other types of financial institutions came on the scene to undertake such intermediation directly, or between and among other intermediaries. A parallel development is the emergence of varieties of financial products, far removed from simple deposits and advances, delivering such inter
श्री आर. गांधी, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
Financial sector’s primary role is intermediation between ultimate savers and ultimate investors. Initially, it was banks which were the intermediaries. As the financial sector evolved, other types of financial institutions came on the scene to undertake such intermediation directly, or between and among other intermediaries. A parallel development is the emergence of varieties of financial products, far removed from simple deposits and advances, delivering such inter
जून 26, 2015
वित्तीय धोखाधडी- रोकथाम : किसी को जानने का सवाल - आर. गांधी
Ladies and Gentlemen, it’s a great pleasure for me to be amidst all of you this morning to inaugurate the conference on Financial Frauds – Risks and prevention. Introduction 2. “There are three things in the world that deserve no mercy - hypocrisy, fraud, and tyranny” - Frederick William Robertson There is no universally accepted definition for the term ‘fraud’. The laws in many countries do not define fraud; it actually needs no definition; it is as old as falsehood
श्री आर. गांधी, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
Ladies and Gentlemen, it’s a great pleasure for me to be amidst all of you this morning to inaugurate the conference on Financial Frauds – Risks and prevention. Introduction 2. “There are three things in the world that deserve no mercy - hypocrisy, fraud, and tyranny” - Frederick William Robertson There is no universally accepted definition for the term ‘fraud’. The laws in many countries do not define fraud; it actually needs no definition; it is as old as falsehood
जून 22, 2015
बैंकों में क्षमता निर्माण – आर. गांधी
I appreciate CAFRAL for taking the initiative of holding this roundtable on capacity building in banks. As I am given to understand, the objective of this roundtable is to discuss the key aspects of the recommendations of the Committee on Capacity Building in Banks and Non-Bank Institutions (Chairman: Shri G. Goplalakrishna) and to formulate strategy to streamline and implement the recommendations. I also understand that the issues and challenges in implementing these
श्री आर. गांधी, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
I appreciate CAFRAL for taking the initiative of holding this roundtable on capacity building in banks. As I am given to understand, the objective of this roundtable is to discuss the key aspects of the recommendations of the Committee on Capacity Building in Banks and Non-Bank Institutions (Chairman: Shri G. Goplalakrishna) and to formulate strategy to streamline and implement the recommendations. I also understand that the issues and challenges in implementing these
मई 05, 2015
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र : उभरती चुनौतियाँ तथा आगे की रणनीति
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के प्रबंध निदेशक श्री शरद शर्मा; भारतीय रिज़र्व बैंक, कर्नाटक के क्षेत्रीय निदेशक श्री कार्थक; सीनियर बैंकर्स; देवियों और सज्जनों! मैसूर के पूर्व महाराजा महामहिम श्री नलवाड़ी कृष्णराजा वडियार के सम्मान में आयोजित इस स्मृति व्याख्यान में शुरुआती भाषण देना मेरे लिए अत्‍यंत गौरव की बात है। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर द्वारा श्री कृष्ण राजा वडियार के सम्मान में इस स्मृति व्याख्यान का आरंभ एकदम प्रासंगिक है। मैसूर रियासत के इस संत महाराजा ने अपने जीवनकाल में किसी
श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के प्रबंध निदेशक श्री शरद शर्मा; भारतीय रिज़र्व बैंक, कर्नाटक के क्षेत्रीय निदेशक श्री कार्थक; सीनियर बैंकर्स; देवियों और सज्जनों! मैसूर के पूर्व महाराजा महामहिम श्री नलवाड़ी कृष्णराजा वडियार के सम्मान में आयोजित इस स्मृति व्याख्यान में शुरुआती भाषण देना मेरे लिए अत्‍यंत गौरव की बात है। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर द्वारा श्री कृष्ण राजा वडियार के सम्मान में इस स्मृति व्याख्यान का आरंभ एकदम प्रासंगिक है। मैसूर रियासत के इस संत महाराजा ने अपने जीवनकाल में किसी
अप्रैल 20, 2015
भिन्न भिन्न बैंक : संरचना की चुनौतियां - आर गांधी
In a dynamic growth-oriented economy, the financial sector needs to keep pace with the demands of the real sector. It is crucial that the financial system is flexible and competitive to cope with multiple objectives and demands made on it by various constituents of the economy. The financial sector comes of age when it has diverse institutions, catering to different segments, ranging from retail to wholesale, micro-finance to project finance, nurturing specific sector
श्री आर. गांधी, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
In a dynamic growth-oriented economy, the financial sector needs to keep pace with the demands of the real sector. It is crucial that the financial system is flexible and competitive to cope with multiple objectives and demands made on it by various constituents of the economy. The financial sector comes of age when it has diverse institutions, catering to different segments, ranging from retail to wholesale, micro-finance to project finance, nurturing specific sector
मार्च 23, 2015
बैंकर–उधारकर्ता परस्‍पर प्रभाव : सहक्रियाएं तथा चुनौतियाँ
बीसीएसबीआई के अध्यक्ष श्री ए सी महाजन; एसोचैम नैशनल काउंसिल फॉर बैंकिंग एंड फाइनेंस के अध्यक्ष श्री एम नरेंद्र; एपीएएस एलएलपी के प्रबंध निदेशक श्री अश्विन पारेख; मंच पर उपस्थित अन्य पदाधिकारीगण; बैंकिंग जगत के साथियों; एसोचैम के सदस्यगण; प्रिंट तथा इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण; देवियो और सज्जनो ! सर्वप्रथम मैं इस मुद्दे पर चर्चा आयोजित करने के लिए एसोचैम को बधाई देता हूँ, जो बैंकिंग उद्योग के लिए बहुत ही प्रासंगिक और समसामयिक है। बढ़ते हुए एनपीए के मद्देनजर बैंको
श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
बीसीएसबीआई के अध्यक्ष श्री ए सी महाजन; एसोचैम नैशनल काउंसिल फॉर बैंकिंग एंड फाइनेंस के अध्यक्ष श्री एम नरेंद्र; एपीएएस एलएलपी के प्रबंध निदेशक श्री अश्विन पारेख; मंच पर उपस्थित अन्य पदाधिकारीगण; बैंकिंग जगत के साथियों; एसोचैम के सदस्यगण; प्रिंट तथा इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण; देवियो और सज्जनो ! सर्वप्रथम मैं इस मुद्दे पर चर्चा आयोजित करने के लिए एसोचैम को बधाई देता हूँ, जो बैंकिंग उद्योग के लिए बहुत ही प्रासंगिक और समसामयिक है। बढ़ते हुए एनपीए के मद्देनजर बैंको
मार्च 03, 2015
साख सूचना साझा करने के लिए नई नीतिगत पहल - आर गांधी

श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।

पृष्ठभूमि

2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।

श्री आर. गांधी, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।

पृष्ठभूमि

2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।

श्रेणी पहलू

केटेगरी

Custom Date Facet

श्रेणी पहलू

केटेगरी

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RBIPageLastUpdatedOn

पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 06, 2024