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जून 26, 2024
21 जून 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 14 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 जून 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 14 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 जून 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 14 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

जून 25, 2024
भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी), मार्च 2024

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]। मुख्य बातें जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आईआईपी: भारत पर अनिवासियों के निवल दावे 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर मार्च 2024 के अंत तक 361.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों में, भारत में विदेशी स्वामित्व वाली आस्तियों (31.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में उच्चतर वृद्धि (38.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) दर्ज की गई, जिसके कारण तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में गिरावट आई (तालिका 1)।

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]। मुख्य बातें जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आईआईपी: भारत पर अनिवासियों के निवल दावे 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर मार्च 2024 के अंत तक 361.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों में, भारत में विदेशी स्वामित्व वाली आस्तियों (31.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में उच्चतर वृद्धि (38.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) दर्ज की गई, जिसके कारण तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में गिरावट आई (तालिका 1)।

जून 25, 2024
मार्च 2024 के अंत में भारत का बाह्य ऋण

मार्च 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट[1]) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। मार्च 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें मार्च 2024 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में अपने स्तर से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 1)। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे येन, यूरो और एसडीआर[2]  की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में मार्च 2023 के अंत में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में मार्च 2024 के अंत में 48.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। मार्च 2024 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाले) 541.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में इसके स्तर से 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक मूल परिपक्वता वाले) की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत में 20.6 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.5 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि की तुलना में अल्पावधि ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में घटकर 19.0 प्रतिशत (मार्च 2023 के अंत में 22.2 प्रतिशत) हो गया।

मार्च 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट[1]) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। मार्च 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें मार्च 2024 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में अपने स्तर से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 1)। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे येन, यूरो और एसडीआर[2]  की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में मार्च 2023 के अंत में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में मार्च 2024 के अंत में 48.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। मार्च 2024 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाले) 541.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में इसके स्तर से 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक मूल परिपक्वता वाले) की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत में 20.6 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.5 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि की तुलना में अल्पावधि ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में घटकर 19.0 प्रतिशत (मार्च 2023 के अंत में 22.2 प्रतिशत) हो गया।

जून 24, 2024
अप्रैल- मार्च 2023-24 के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर चौथी तिमाही, अर्थात्, जनवरी-मार्च 2023-24 के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर, 2023-24 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं: सारणी 1: विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत * (बिलियन अमेरिकी डॉलर) मदें 2022-23 2023-24 I. चालू खाता शेष -67.1 -23.3 II. पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक) 57.9 87.0 क. विदेशी निवेश (i+ii) 22.8 53.9 (i) प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 28.0 9.8 (ii) पोर्टफोलियो निवेश -5.2 44.1 जिसमें से:

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर चौथी तिमाही, अर्थात्, जनवरी-मार्च 2023-24 के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के आधार पर, 2023-24 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं: सारणी 1: विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में परिवर्तन के स्रोत * (बिलियन अमेरिकी डॉलर) मदें 2022-23 2023-24 I. चालू खाता शेष -67.1 -23.3 II. पूंजी लेखा (निवल राशि) (क से च तक) 57.9 87.0 क. विदेशी निवेश (i+ii) 22.8 53.9 (i) प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 28.0 9.8 (ii) पोर्टफोलियो निवेश -5.2 44.1 जिसमें से:

जून 24, 2024
2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2023-24 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्‍तुत किए गए हैं। 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं • भारत के चालू खाता शेष में 2023-24 की चौथी तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.0 प्रतिशत) का घाटा और एक वर्ष पूर्व [अर्थात 2022-23 की चौथी तिमाही] 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया था।

चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2023-24 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्‍तुत किए गए हैं। 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं • भारत के चालू खाता शेष में 2023-24 की चौथी तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.0 प्रतिशत) का घाटा और एक वर्ष पूर्व [अर्थात 2022-23 की चौथी तिमाही] 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया था।

जून 21, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 16 जून 7 जून 14 जून सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 7480 28204 7994 -20209 514 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 16 जून 7 जून 14 जून सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 7480 28204 7994 -20209 514 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

जून 21, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग सेवाओं में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (आईटीबीएस) सर्वेक्षण: 2023-24 की शुरुआत की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग सेवाओं में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (आईटीबीएस) पर सर्वेक्षण के 2023-24 दौर की शुरूआत की। वर्ष 2006-07 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला सर्वेक्षण, भारतीय बैंकों की विदेशों में कार्यरत शाखाओं/सहायक संस्थाओं/ संयुक्त उद्यमों और विदेशी बैंकों की भारत में कार्यरत शाखाओं/सहायक संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो ग्राहकों से वसूल किए जाने वाले सुस्पष्ट/ अंतर्निहित शुल्क/कमीशन पर आधारित है। 

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग सेवाओं में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (आईटीबीएस) पर सर्वेक्षण के 2023-24 दौर की शुरूआत की। वर्ष 2006-07 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला सर्वेक्षण, भारतीय बैंकों की विदेशों में कार्यरत शाखाओं/सहायक संस्थाओं/ संयुक्त उद्यमों और विदेशी बैंकों की भारत में कार्यरत शाखाओं/सहायक संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो ग्राहकों से वसूल किए जाने वाले सुस्पष्ट/ अंतर्निहित शुल्क/कमीशन पर आधारित है। 

जून 21, 2024
रिज़र्व बैंक का भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस पोर्टल – URL में बदलाव

रिज़र्व बैंक के ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई)’ पोर्टल के यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) डोमेन एड्रेस को आज (21 जून 2024) कारोबार की समाप्ति से https://data.rbi.org.in के रूप में बदला जा रहा है। मौजूदा URL, अर्थात्, https://dbie.rbi.org.in और https://cimsdbie.rbi.org.in भी नए URL https://data.rbi.org.in पर लेकर जाएँगे।

रिज़र्व बैंक के ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई)’ पोर्टल के यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) डोमेन एड्रेस को आज (21 जून 2024) कारोबार की समाप्ति से https://data.rbi.org.in के रूप में बदला जा रहा है। मौजूदा URL, अर्थात्, https://dbie.rbi.org.in और https://cimsdbie.rbi.org.in भी नए URL https://data.rbi.org.in पर लेकर जाएँगे।

जून 19, 2024
आरबीआई बुलेटिन – जून 2024

रिज़र्व बैंक ने आज जून 2024 के लिए मासिक बुलेटिन जारी किया। बुलेटिन में तीन भाषण, तीन आलेख और वर्तमान सांख्यिकी शामिल हैं। तीन आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्टॉक और निधियों का प्रवाह 2021-22; और III. भारत का प्रत्यय बीमा @60: पुनरावलोकन और संभावना।

रिज़र्व बैंक ने आज जून 2024 के लिए मासिक बुलेटिन जारी किया। बुलेटिन में तीन भाषण, तीन आलेख और वर्तमान सांख्यिकी शामिल हैं। तीन आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्टॉक और निधियों का प्रवाह 2021-22; और III. भारत का प्रत्यय बीमा @60: पुनरावलोकन और संभावना।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 23, 2024

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