Press Releases - Research and Data - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला के अंतर्गत “भारत में पशुधन और मुर्गी पालन मुद्रास्फीति: दूध, मुर्गी पालन मांस और अंडों का एक अध्ययन” शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया है। इस पेपर के सह-लेखक श्यामा जोस, मनीष कुमार प्रसाद, सबर्नी चौधरी, बिनोद बी. भोई, विमल किशोर, हिमानी शेखर और अशोक गुलाटी हैं।
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला के अंतर्गत “भारत में पशुधन और मुर्गी पालन मुद्रास्फीति: दूध, मुर्गी पालन मांस और अंडों का एक अध्ययन” शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया है। इस पेपर के सह-लेखक श्यामा जोस, मनीष कुमार प्रसाद, सबर्नी चौधरी, बिनोद बी. भोई, विमल किशोर, हिमानी शेखर और अशोक गुलाटी हैं।
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 22-सितंबर-2023 06- सितंबर -2024* 20- सितंबर -2024* 22- सितंबर -2023 06- सितंबर -2024* 20- सितंबर -2024* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 238947.16 298116.19 305242.17 241286.78 302401.77 309870.91** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 195119.20 128865.30 134120.98 195203.10 129153.89 134244.47 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 70559.31 23518.75 22914.77 70625.00 23846.90 23226.77
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 22-सितंबर-2023 06- सितंबर -2024* 20- सितंबर -2024* 22- सितंबर -2023 06- सितंबर -2024* 20- सितंबर -2024* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 238947.16 298116.19 305242.17 241286.78 302401.77 309870.91** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 195119.20 128865.30 134120.98 195203.10 129153.89 134244.47 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 70559.31 23518.75 22914.77 70625.00 23846.90 23226.77
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर माइबोर बेंचमार्क संबंधी समिति (अध्यक्ष: श्री आर. सुब्रमणियन) की रिपोर्ट जारी की। समिति का गठन देश में रुपया ब्याज दर बेंचमार्क, विशेष रूप से मुंबई अंतरबैंक एकमुश्त दर (एमआईबीओआर) के उपयोग की समीक्षा करने और नए बेंचमार्क में बदलाव की आवश्यकता की जांच करने के लिए किया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर माइबोर बेंचमार्क संबंधी समिति (अध्यक्ष: श्री आर. सुब्रमणियन) की रिपोर्ट जारी की। समिति का गठन देश में रुपया ब्याज दर बेंचमार्क, विशेष रूप से मुंबई अंतरबैंक एकमुश्त दर (एमआईबीओआर) के उपयोग की समीक्षा करने और नए बेंचमार्क में बदलाव की आवश्यकता की जांच करने के लिए किया गया था।
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर “भारत में मौद्रिक नीति संचारण और श्रम बाज़ार” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन का सह-लेखन चेतन घाटे, सताद्रु दास, देवज्योति मजूमदार, श्रीरूपा सेनगुप्ता और सत्यार्थ सिंह ने किया है।
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर “भारत में मौद्रिक नीति संचारण और श्रम बाज़ार” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन का सह-लेखन चेतन घाटे, सताद्रु दास, देवज्योति मजूमदार, श्रीरूपा सेनगुप्ता और सत्यार्थ सिंह ने किया है।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अपने समसामयिक पत्रों का खंड 44, संख्या 2, 2023 जारी किया, जो उसके स्टाफ-सदस्यों के योगदान द्वारा तैयार की गई एक शोध पत्रिका है। इस अंक में तीन आलेख और तीन पुस्तक समीक्षाएं हैं। आलेख: 1. सीमा पार पूंजी प्रवाह और अचानक रुकावटें: उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं से सीख यह पत्र तीन दशकों (1992 की पहली तिमाही से 2022 की पहली तिमाही तक) की अवधि को शामिल करते हुए, उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) पर जोर देते हुए, सीमा पार पूंजी प्रवाह में विकसित गतिकी की जांच करता है। यह पत्र पूंजी प्रवाह प्रतिवर्तन के प्रमुख प्रकरणों, विशेष रूप से “अचानक रुकावट” का विवरण प्रदान करता है, और विश्लेषण से पता चलता है कि सकल और निवल प्रवाह के संदर्भ में जीएफ़सी की अवधि ईएमई के लिए एकमात्र प्रमुख अचानक रुकावट का प्रकरण है।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अपने समसामयिक पत्रों का खंड 44, संख्या 2, 2023 जारी किया, जो उसके स्टाफ-सदस्यों के योगदान द्वारा तैयार की गई एक शोध पत्रिका है। इस अंक में तीन आलेख और तीन पुस्तक समीक्षाएं हैं। आलेख: 1. सीमा पार पूंजी प्रवाह और अचानक रुकावटें: उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं से सीख यह पत्र तीन दशकों (1992 की पहली तिमाही से 2022 की पहली तिमाही तक) की अवधि को शामिल करते हुए, उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) पर जोर देते हुए, सीमा पार पूंजी प्रवाह में विकसित गतिकी की जांच करता है। यह पत्र पूंजी प्रवाह प्रतिवर्तन के प्रमुख प्रकरणों, विशेष रूप से “अचानक रुकावट” का विवरण प्रदान करता है, और विश्लेषण से पता चलता है कि सकल और निवल प्रवाह के संदर्भ में जीएफ़सी की अवधि ईएमई के लिए एकमात्र प्रमुख अचानक रुकावट का प्रकरण है।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जून 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]. जून 2024 के अंत में भारत की आईआईपी की मुख्य विशेषताएं:
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जून 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]. जून 2024 के अंत में भारत की आईआईपी की मुख्य विशेषताएं:
सितंबर 2024 माह के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं। मुख्य बातें: ऋण दरें: • एससीबी के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) अगस्त 2024 में 9.41 प्रतिशत (जुलाई 2024 में 9.40 प्रतिशत) रही।
सितंबर 2024 माह के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं। मुख्य बातें: ऋण दरें: • एससीबी के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) अगस्त 2024 में 9.41 प्रतिशत (जुलाई 2024 में 9.40 प्रतिशत) रही।
अगस्त 2024 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीयसेवाव्यापार (मिलियन अमेरिकी डॉलर) माह प्राप्तियां (निर्यात) भुगतान (आयात) अप्रैल– 2024 30,179 (17.1) 16,749 (20.0) मई– 2024 29,614 (9.7) 16,863 (6.2) जून– 2024 28,673 (3.2) 15,128 (-3.1) जुलाई– 2024 30,580 (16.6) 15,903 (15.7) अगस्त– 2024 30,340 (5.7) 16,423 (8.8) नोट: (i) जुलाई-अगस्त के आंकड़े अनंतिम हैं, जबकि अप्रैल-जून के आंकड़े 2024-25 की पहली तिमाही के भुगतान संतुलन के आंकड़ों का उपयोग करके आनुपातिक आधार पर संशोधित किए गए हैं; तथा (ii) कोष्ठक में आंकड़े पिछले वर्ष के इसी माह के आंकड़ों की संवृद्धि दर हैं जिन्हें भुगतान संतुलन सांख्यिकी के आधार पर संशोधित किया गया है।
अगस्त 2024 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीयसेवाव्यापार (मिलियन अमेरिकी डॉलर) माह प्राप्तियां (निर्यात) भुगतान (आयात) अप्रैल– 2024 30,179 (17.1) 16,749 (20.0) मई– 2024 29,614 (9.7) 16,863 (6.2) जून– 2024 28,673 (3.2) 15,128 (-3.1) जुलाई– 2024 30,580 (16.6) 15,903 (15.7) अगस्त– 2024 30,340 (5.7) 16,423 (8.8) नोट: (i) जुलाई-अगस्त के आंकड़े अनंतिम हैं, जबकि अप्रैल-जून के आंकड़े 2024-25 की पहली तिमाही के भुगतान संतुलन के आंकड़ों का उपयोग करके आनुपातिक आधार पर संशोधित किए गए हैं; तथा (ii) कोष्ठक में आंकड़े पिछले वर्ष के इसी माह के आंकड़ों की संवृद्धि दर हैं जिन्हें भुगतान संतुलन सांख्यिकी के आधार पर संशोधित किया गया है।
जून 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। जून 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें • जून 2024 के अंत में, भारत का विदेशी ऋण 682.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो मार्च 2024 के अंत के स्तर से 13.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक है (तालिका 1)।
जून 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। जून 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें • जून 2024 के अंत में, भारत का विदेशी ऋण 682.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो मार्च 2024 के अंत के स्तर से 13.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक है (तालिका 1)।
अगस्त 2024 महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।
अगस्त 2024 महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 03, 2024