लिस्ट देखें - आरबीआई - Reserve Bank of India
क्रम सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ मूल्य (₹)/ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष) 1. असम 900 900 7.19 10 2. बिहार 2000 2000 7.15 10 3. गुजरात 1500 1500 7.11 09 4. हरियाणा 1000 1000 7.16 13 5. जम्मू और कश्मीर 400 400 7.14 27
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 37,953 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 37,953 कट ऑफ दर (%) 6.51 भारित औसत दर (%) 6.52 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 24 दिसंबर 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 22,091.46 6.60 5.50-6.80 I. मांग मुद्रा 717.15 6.14 5.50-6.80 II. ट्राइपार्टी रेपो 20,948.65 6.62 6.26-6.75 III. बाज़ार रेपो 425.66 6.35 6.01-6.70 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
भारत सरकार ने निम्नलिखित विवरण के अनुसार ₹32,000 करोड़ की अधिसूचित राशि के लिए तीन दिनांकित प्रतिभूतियों की बिक्री (निर्गम/ पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। क्र. सं. प्रतिभूति चुकौती की तारीख अधिसूचित राशि (₹ करोड़) भारत सरकार की विशिष्ट अधिसूचना नीलामी की तारीख भुगतान की तारीख 1 नई जीएस 2031 30 दिसंबर 2031 10,000 एफ़ सं. 4(3)-बी (डब्ल्यू एंड एम)/ 2024 दिनांकित 23 दिसंबर 2024 27 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) 30 दिसंबर 2024 (सोमवार) 2 6.92% जीएस 2039 18 नवंबर 2039 12,000 3 7.09% जीएस 2054 5 अगस्त 2054 10,000 कुल 32,000
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा श्री लक्ष्मी महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों के पास जमाराशि रखना’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.60 लाख (एक लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा श्री जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, हलोल, जिला पंचमहल, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों के पास जमाराशि रखना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि थासरा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, थासरा, जिला खेड़ा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘अग्रिमों का प्रबंधन– शहरी सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि चणस्मा कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, चणस्मा, जिला पाटण, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम राशि’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा श्री धंधुका जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, धंधुका, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 02, 2025