विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 माल के आयात हेतु अग्रिम विप्रेषण - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 माल के आयात हेतु अग्रिम विप्रेषण - उदारीकरण
भारिबैंक/2010-11/493 29 अप्रैल 2011 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । (एडी श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 106, 17 सितंबर 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.15 तथा 21 अगस्त 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 09 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिनके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंकों से अपेक्षित है कि यदि अग्रिम विप्रेषण की राशि 100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से अधिक हो तो वे इस संबंध में भारत से बाहर के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बैंक से बिना किसी शर्त, अप्रतिसंहरणीय अतिरिक्त साख पत्र (एल सी) अथवा गारंटी अथवा भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक से गारंटी प्राप्त करें जो भारत से बाहर के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बैंक की प्रति गारंटी के बदले जारी की गई हो । 2. क्रियाविधि में और उदारता लाने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है कि आयातकों (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकार के विभाग/उपक्रम को छोड़कर जहां 100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से अधिक के अग्रिम विप्रेषण के लिए बैंक गारंटी की आवश्यकता वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से हटायी गई हो) के लिए 100,000 अमरीकी डॉलर की उपर्युक्त सीमा तुरंत प्रभाव से बढ़ाकर 200,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य कर दी गयी है । 3. जहां प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक अपनी आंतरिक बोर्ड अनुमोदित नीति के आधार पर आयातक के पूर्व वसूली रिकार्ड तथा वास्तविकता से संतुष्ट हैं वहां 5,000,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य तक के अग्रिम विप्रेषण के लिए अतिरिक्त साख पत्र (एल सी)/बैंक गारंटी की आवश्यकता हटाने की सुविधा सहित 21 अगस्त 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 09 में निहित सभी अन्य अनुदेश यथावत् बने रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया (मीना हेमचंद्र) |