शाखा प्राधिकरण नीति - छूट - सामान्य अनुमति के अंतर्गत टियर 2 शाखाएं खोलना - आरबीआई - Reserve Bank of India
शाखा प्राधिकरण नीति - छूट - सामान्य अनुमति के अंतर्गत टियर 2 शाखाएं खोलना
आरबीआई/2011-12/283 29 नवंबर 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय शाखा प्राधिकरण नीति - छूट - सामान्य अनुमति के अंतर्गत टियर 2 शाखाएं खोलना कृपया उपर्युक्त विषय पर मौद्रिक नीति 2011-12 की दूसरी तिमाही समीक्षा के पैराग्राफ 77 से 80 देखें (उद्धरण संलग्न)। ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों मे बैंकिंग की पैठ बढ़ाने के लिए देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को 01 दिसंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 65/22.01.001/2009-10 के माध्यम से टियर 3 से टियर 6 केंद्रों (2001 की जनगणना के अनुसार 49,999 तक जनसंख्या वाले) तथा उत्तर-पूर्व राज्यों एवं सिक्किम के ग्रामीण, अर्ध-शहरी तथा शहरी केंद्रों में प्रत्येक मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुमति के बिना ही शाखाएं खोलने की अनुमति दी गई थी, बशर्ते वे तत्संबंधी सूचना दें। 2. बैंकिंग पैठ तथा वित्तीय समावेशन के उद्देश्यों को तेजी से बढ़ाने तथा मार्च 2012 तक 2000 से अधिक जनसंख्या वाले और उसके बाद कुछ समय में क्रमिक रूप से सभी गांवों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलने की गति में लगातार तेजी लाने की आवश्यकता को देखते हुए देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को इस क्रम में 15 जुलाई 2011 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 24/22.01.001/2011-12 के माध्यम से सूचित किया गया था कि उन्हें अपनी वार्षिक शाखा विस्तार योजना (एबीईपी) तैयार करते समय एक वर्ष के दौरान खोले जाने के लिए प्रस्तावित शाखाओं की संख्या की 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित (टियर 5 तथा टियर 6) केंद्रों अर्थात् वे केंद्र जहाँ ग्राहक आधारित बैंकिंग लेनदेन के लिए किसी अनुसूचित वाणिज्य बैंक की कोई भवन स्थित शाखा नहीं है, को आबंटित करना चाहिए। 3. चूंकि भौगोलिक आबंटन में और अधिक एकरूपता सुनिश्चित करने की जरूरत लगातार बनी हुई है इसलिए बैंकों को इस प्रकार की शाखाएं खोलने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। तदनुसार, अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधावाले जिलों के टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित प्रत्येक शाखा के लिए, जिसमें बैंकिंग सुविधा रहित केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित ऐसी ग्रामीण शाखाओं को शामिल नहीं किया गया है जो अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों में स्थित हो सकती हैं, किसी टियर 1 केंद्र में एक अतिरिक्त शाखा खोलने के लिए प्राधिकार दिया जायेगा । 4. इन कदमों के कारण टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में खोली गई शाखाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। तथापि, यह पाया गया है कि टियर 2 केंद्रों में शाखा विस्तार अपेक्षित रफ्तार से नहीं हुआ है। टियर 2 केंद्रों पर उच्चतर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को टियर 2 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 50,000 से 99,999 तक की जनगणना वाले) में प्रत्येक मामले में रिज़र्व बैंक से अनुमति लिए बिना अपनी शाखाएं खोलने की अनुमति दी जाएगी बशर्ते वे तत्संबंधी सूचना दें। अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले ज़िलों के टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित प्रत्येक शाखा के लिए, जिसमें बैंकिंग सुविधा रहित केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित ऐसी ग्रामीण शाखाओं को शामिल नहीं किया गया है जो अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों में स्थित हो सकती हैं, किसी टियर 1 केंद्र में एक अतिरिक्त शाखा खोलने के लिए प्राधिकार के रूप में दिए गए प्रोत्साहन को टियर 2 केंद्रों तक भी बढ़ाया जाए। तदनुसार, अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से टियर 6 केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित प्रत्येक शाखा के लिए जिसमें बैंकिंग सुविधा रहित केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित ऐसी ग्रामीण शाखाएं शामिल नहीं होंगी जो अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों में स्थित हो सकती हैं, टियर 1 में एक अतिरिक्त शाखा खोलने के लिए प्राधिकार दिया जाएगा। 5. टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में शाखाएं खोलने के लिए बैंकों को सामान्य अनुमति देने के परिणामस्वरूप 27 जनवरी 2011 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 78/22.01.001/ 2010-11 के माध्यम से ऐसे केंद्रों में प्रशासनिक कार्यालयों तथा केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) खोलने के लिए भी देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को सामान्य अनुमति दी गई थी। अब चूंकि टियर 2 केंद्रों में भी शाखाएं खोलने के लिए बैंकों को सामान्य अनुमति दी गयी है इसलिए देशी वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को टियर 3 से टियर 6 केंद्रों के साथ-साथ टियर 2 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 50,000 से 99,999 जनसंख्या वाले) में भी प्रत्येक मामले में रिज़र्व बैंक से अनुमति लिए बिना प्रशासनिक कार्यालय तथा केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) खोलने की अनुमति दी जाएगी बशर्ते वे तत्संबंधी सूचना दें। 6. टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में शाखाएं खोलने के लिए बैंकों को दी गई सामान्य अनुमति को 23 जुलाई 2010 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 27/22.01.001/2010-11 के माध्यम से इन केंद्रों में मोबाइल शाखाएं परिचालित करने पर भी लागू किया गया था। तथापि, चूंकि मोबाइल शाखाएं परिचालित करने का विचार मूल रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आया था, अत: टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में मोबाइल शाखाएं परिचालित करने के लिए दी गई सामान्य अनुमति को बढ़ाकर टियर 2 केंद्रों में मोबाइल शाखाओं के परिचालन पर लागू नहीं किया जाएगा। 7. टियर 1 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 100000 तथा उससे अधिक जनसंख्या वाले केंद्र) में देशी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा शाखाएं खोलने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति लेने की अपेक्षा बनी रहेगी। टियर 1 केंद्रों में शाखाएं खोलने के लिए प्राधिकार सामान्यत: टियर 2 से टियर 6 केंद्रों तथा उत्तर-पूर्व राज्यों एवं सिक्किम के ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं शहरी केंद्रों में खोले जाने के लिए प्रस्तावित शाखाओं की कुल संख्या से अधिक नहीं होगा। भारतीय रिज़र्व बैंक ऐसा प्राधिकार जारी करते समय इस बात को ध्यान में रखेगा कि क्या एक वर्ष के दौरान खोली जाने वाली कुल शाखाओं की कम-से-कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में खोली जाने के लिए प्रस्तावित हैं। साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक विनियामक और पर्यवेक्षी अनुकूलता और वित्तीय समावेशन, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र तथा ग्राहक सेवा आदि के क्षेत्र में बैंकों के कार्य-निष्पादन के समीक्षात्मक मूल्यांकन पर भी विचार करेगा। 8. अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय (दीपक सिंघल) अनुलग्नक : यथोपरि 2011-12 के मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा के पैराग्राफ 77, 78, 79 और 80 शाखा प्राधिकरण नीति - छूट 77. ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में बैंकिंग की पहुंच की आवश्यकता को देखते हुए देशी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को दिसम्बर 2009 में टियर 3 से टियर 6 केंद्रों (2001 की जनगणना के अनुसार 49,999 की जनसंख्या वाले क्षेत्रों) में तथा रिपोर्टिंग के अधीन पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम के ग्रामीण, अर्धशहरी और शहरी केंद्रों में सामान्य अनुमति से शाखाएं खोलने की अनुमति दी गयी। जुलाई 2011 में उन्हें यह आदेश दिया गया कि वे वर्ष के दौरान खोले जानेवाली प्रस्तावित शाखाओं का कम से कम 25 प्रतिशत गैर-बैंकिंग केंद्रों (टियर 5 और टियर 6 अर्थात 2001 के जनगणना के अनुसार 9,999 तक जनसंख्या वाले क्षेत्र) को आबंटित करें जिससे कि मार्च 2012 तक 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके, और इसके बाद आने वाले समय में सभी गांवों तक इस सेवा को पहुंचाया जा सके। हालांकि, पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम को छोड़कर, जहां शाखा खोलने की सामान्य अनुमति दी गयी है, टियर 1 और टियर 2 केंद्रों में शाखा खोलने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्व प्राधिकार प्राप्त करना आवश्यक है। 78. इन उपायों से टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में नई शाखाएं खोलने की संख्या में तेजी आयी। हालांकि टियर 2 केंद्रों में आशानुरूप शाखा विस्तार करने की गति नहीं आयी। टियर 2 केंद्रों में बैंकिंग सेवाओं को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव है कि:
79. देशी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) के लिए टियर 1 केंद्रों में (2001 की जनगणना के अनुसार 1,00,000 और इससे ऊपर की जनसंख्या वाले क्षेत्र) शाखाएं खोलने की रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति की आवश्यकता को जारी रखा गया है। ऐसे प्राधिकरण को जारी करते वक्त अन्य बातों के अलावा रिज़र्व बैक यह भी ध्यान में रखेगा कि वर्ष के दौरान खोली जानेवाली शाखाओं में से कम से कम 25 प्रतिशत शाखाएं गैर-बैंकिंग क्षेत्रों में प्रस्तावित है या नहीं। 80. इस संबंध में दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। |