माइक्रो फाइनेंस गतिविधियों में संलग्न माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों हेतु स्वचालित मार्ग के अंतर्गत बाह्य वाणिज्यिक उधार - आरबीआई - Reserve Bank of India
माइक्रो फाइनेंस गतिविधियों में संलग्न माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों हेतु स्वचालित मार्ग के अंतर्गत बाह्य वाणिज्यिक उधार
भारिबैंक/2012-13/346 20 दिसंबर 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माइक्रो फाइनेंस गतिविधियों में संलग्न माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.3/ 2000-आरबी द्वारा अधिसूचित बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित, समय-समय पर यथा संशोधित, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 तथा समय-समय पर यथा संशोधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 5, 25 अप्रैल 2005 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 40 और19 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 59 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. यह निर्णय लिया गया है कि 19 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.59 में यथा विनिर्दिष्ट मौजूदा दिशानिर्देश अगली समीक्षा तक लागू बने रहेंगे। 3. हेजिंग: माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं(कंपनियों)/गैर सरकारी संगठनों द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार पूरी तरह से हेज (Hedge) किए जाएंगे। नामित प्राधिकृत व्यापारी यह सुनिश्चित करेगा कि उधार का आहरण करते समय उधारकर्ता के विदेशी मुद्रागत एक्स्पोजर पूरी तरह से हेज (Hedge) किये गये हों। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) एवं 11(1) के अंतर्गत और किसी विधि के अधीन अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीया, (रश्मि फौजदार) |