समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश (ODI) के अंतर्गत भारतीय पार्टी द्वारा वित्तीय प्रतिबद्धता (एफसी) – सीमा का पुनर्स्थापन - आरबीआई - Reserve Bank of India
समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश (ODI) के अंतर्गत भारतीय पार्टी द्वारा वित्तीय प्रतिबद्धता (एफसी) – सीमा का पुनर्स्थापन
भारिबैंक/2014-15/117 3 जुलाई 2014 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश (ODI) के अंतर्गत भारतीय पार्टी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली 2004] (अधिसूचना) और 14 अगस्त 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 23 और 4 सितंबर 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के वर्तमान उपबंधों के अनुसार भारतीय पार्टी द्वारा स्वचालित मार्ग के तहत 14 अगस्त 2013 से पहले समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश(ओडीआई)/वित्तीय प्रतिबद्धता (एफसी) के लिए लागू सीमा को पुन: स्थापित किया जाए। तथापि, यह निर्णय लिया गया है कि एक वित्तीय वर्ष में 1 (एक) बिलियन अमरीकी डॉलर (अथवा उसकी समतुल्य) सीमा से अधिक की वित्तीय प्रतिबध्दता के मामलों में रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति लेनी आवश्यक होगी, भले ही भारतीय पार्टी की कुल वित्तीय प्रतिबध्दता स्वचालित मार्ग के तहत पात्र सीमा (अर्थात अंतिम लेखापरीक्षित तुलन पत्र के अनुसार निवल मालियत के 400% की सीमा में) में हो। 3. उक्त अधिसूचना के अन्य सभी उपबंध अपरिवर्तित बने रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) |