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समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – युक्तिकरण/स्पष्टीकरण

भारिबैंक/2013-14/220
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30

4 सितंबर 2013

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – युक्तिकरण/स्पष्टीकरण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 14 अगस्त 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 23 और समय-समय पर यथा संशोधित 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 की ओर आकृष्ट किया जाता है। इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक को प्राधिकृत व्यापारियों और भारतीय कंपनियों सहित विभिन्न स्टेक होल्डरों से पृच्छाएं (प्रश्न) प्राप्त हो रही हैं। ऐसी सभी पृच्छाओं को समेकित किया गया है और इस परिपत्र के अनुबंध में उत्तरों/स्पष्टीकरणों के साथ उन्हें दिया गया है।

2. यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भारतीय पार्टी की निवल मालियत की स्वचालित मार्ग के तहत पूर्ववर्ती 400 प्रतिशत की सीमा के अनुपालन में 14 अगस्त 2013 को अथवा उसके पहले की गयी सभी वित्तीय प्रतिबद्धताएं जारी रखने की अनुमति रहेगी। दूसरे शब्दों में, ऐसे निवेश वापस लेने अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक का अनुमोदन लेने की शर्त के तहत नहीं होंगे।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान उक्त अधिसूचना के विनियम 6 के उपबंधों की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिनके अनुसार किसी भारतीय पार्टी द्वारा वित्तीय प्रतिबद्धता की सीमा (संप्रति निवल मालियत के 100 प्रतिशत) भारतीय पार्टी के ईईएफसी खाते अथवा भारतीय पार्टी द्वारा एडीआर/जीडीआर से जुटायी गई राशि से निधीयित (funded) वित्तीय प्रतिबद्धताओं पर, अब तक की भाँति, लागू नहीं होगी।

4. इसके अलावा, यह निर्णय लिया गया है कि समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वर्तमान बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भारतीय पार्टी द्वारा लिए गए पात्र बाह्य वाणिज्यिक उधार द्वारा निधीयित (funded) वित्तीय प्रतिबद्धताओं के लिए भारतीय पार्टी की निवल मालियत की 400 प्रतिशत की सीमा को बरकरार रखा जाए।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें ।

6. उक्त अधिसूचना में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किये जाएंगे।

7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(सी. डी. श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक: अनुबंध


[4.9.2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज)
परिपत्र सं. 30 का अनुबंध]

समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश के संबंध में स्पष्टीकरण

क्र.

पृच्छा (प्रश्न)

उत्तर/स्पष्टीकरण

  1.  

क्या भारतीय पार्टी 14 अगस्त 2013 को [अर्थात ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 23 के जारी होने की तारीख] अथवा उससे पहले स्थापित/अर्जित जेवी/ डब्ल्यूओएस में नयी वित्तीय प्रतिबद्धताएं कर सकती हैं ?

कोई भारतीय पार्टी स्वचालित मार्ग के अंतर्गत संशोधित 100 प्रतिशत की सीमा तक ही मौजूदा जेवी/ डब्ल्यूओएस (भारत से बाहर स्टेप डाउन/सहायक कंपनियों की स्थापना/अर्जन के प्रयोजन सहित) में नयी वित्तीय प्रतिबद्धताएं कर सकती है। 100 प्रतिशत की उच्चतम सीमा से अधिक वित्तीय प्रतिबद्धता के लिए अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति लेनी आवश्यक होगी।

  1.  

यदि 14 अगस्त 2013 को अथवा उससे पूर्व किसी भारतीय पार्टी द्वारा नयी वित्तीय प्रतिबद्धताएं 400 प्रतिशत की पूर्ववर्ती सीमा तक हों तो क्या करना होगा? क्या ऐसे मामलों में वर्तमान परिपत्र के उपबंध लागू होंगे?

किसी वर्तमान जेवी/ डब्ल्यूओएस के लिए पहले किए गए वित्तीय समझौते/की गयी वित्तीय प्रतिबद्धता के मामले में स्वचालित मार्ग के अंतर्गत पूर्ववर्ती 400 प्रतिशत की सीमा लागू रहेगी। विप्रेषण की अनुमति देने से पहले इनकी सच्चाई/प्रामाणिकता सुनिश्चित करने का दायित्व नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक का होगा। प्राधिकृत व्यापारी बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक को ऐसे मामलों की कार्योत्तर रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करेंगे।

  1.  

नए जेवी/डब्ल्यूओएस की स्थापना/का अर्जन, जिसके लिए 14 अगस्त 2013 को अथवा उससे पूर्व संविदा की गयी है/ करार किया गया है, क्या तत्संबंध में नए 100% अथवा वर्तमान 400% की सीमा संबंधी निर्देश लागू होंगे?

इस मामले में भी ऊपर क्रमांक 2 के समक्ष दी गई छूट लागू होगी अर्थात स्वचालित मार्ग के अंतर्गत निवल मालियत के 400% तक की सीमा लागू रहेगी और प्राधिकृत व्यापारी बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक को इसकी कार्योत्तर रिपोर्टिंग तत्काल करेगा।

  1.  

14 अगस्त 2013 को अथवा उससे पूर्व स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100 प्रतिशत/अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत वर्तमान 400 प्रतिशत के जेवी/ डब्ल्यूओएस में वित्तीय प्रतिबद्धता के लिए प्राधिकृत व्यापारी/ रिज़र्व बैंक को पहले ही प्रेषित आवेदनपत्र की स्थिति क्या होगी?

14 अगस्त 2013 को अथवा उससे पूर्व रिज़र्व बैंक अथवा/और प्राधिकृत व्यापारी बैंक को प्राप्त सभी आवेदन पत्रों पर रिज़र्व बैंक अथवा/और प्राधिकृत व्यापारी बैंक द्वारा 14 अगस्त 2013 से पहले लागू दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

  1.  

नये जेवी/डब्ल्यूओएस के लिए 100 प्रतिशत की सीमा की गणना किस प्रकार होगी? क्या भारतीय पार्टी द्वारा पहले किए गए निवेश भी इस 100 प्रतिशत की सीमा में परिगणित किए जाएंगे अथवा नहीं?

हाँ, इस संलग्नक में दिए गए उत्तरों/ स्पष्टीकरणों के अंतर्गत/के अनुसार इनकी गणना की जाएगी।

  1.  

क्या किसी भारतीय पार्टी द्वारा किसी अन्य भारतीय पार्टी के वर्तमान समुद्रपारीय जेवी/डब्ल्यूओएस में नयी वित्तीय प्रतिबद्धता (वर्तमान स्टेक के अंतरण अथवा नये अंशदान द्वारा) 100 प्रतिशत सीमा में शामिल होगी?

हाँ। यह नयी भारतीय पार्टी द्वारा नयी वित्तीय प्रतिबद्धता मानी जाएगी और वह स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100 प्रतिशत की संशोधित सीमा के भीतर होनी चाहिए।

  1.  

परिपत्र के पैरा 3 में "भारत सरकार" शब्द विनिर्दिष्ट किए गए हैं। इसे दृष्टिगत रखते हुए कि नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों /ओवीएल/ ओआईएल द्वारा समुद्रपारीय निवेश के सभी प्रस्ताव भारत सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं होते हैं, क्या स्वचालित मार्ग के अंतर्गत बिना किसी सीमा के सभी प्रस्तावों के पात्र बनने के लिए भारत सरकार के अनुमोदन की आवश्यकता होगी?

"भारत सरकार" शब्द को "सक्षम प्राधिकारी" के रूप में पढ़ा जाएगा। निवेश-राशि के आधार पर सक्षम अधिकारी में (1) संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम का निदेशक बोर्ड, (2) सचिवों की अधिकारप्राप्त समिति; और (3) आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमिटी शामिल हैं, जैसा कि 18 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 59 के पैरा 2 में निर्दिष्ट किया गया है।

नोट: 14 अगस्त 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 23 एवं इस परिपत्र के प्रयोजन हेतु भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय निवेश का अर्थ, समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 2 (एफ) में यथा निर्धारित भारतीय पार्टी की कुल वित्तीय प्रतिबद्धता से है और इसमें ईक्विटी, ऋण, कार्पोरेट गारंटी अथवा बैंक गारंटी [संपार्श्विक अथवा भारतीय पार्टी द्वारा समर्थित गारंटी], निष्पादन गारंटी (निष्पादन गारंटी के 50 प्रतिशत तक), चल और अचल परिसंपत्तियों पर प्रभार, शेयरों को गिरवी रखना, आदि शामिल है।

संबंधित प्रेस प्रकाशनी

4 सितंबर 2013

रिज़र्व बैंक हाल ही में संशोधित समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश संबंधी दिशानिर्देशों के संबंध में स्पष्टीकरणों की घोषणा करता है

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