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विदेशों में रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करना

भा.रि.बैंक/2016-17/316
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 47

7 जून 2017

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक

महोदया/महोदय,

विदेशों में रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करना

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान दिनांक 29 सितंबर 2015 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.17 के पैराग्राफ संख्या 3, 4 तथा 5, दिनांक 13 अप्रैल 2016 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.60 के पैराग्राफ संख्या 2, 3, 4 तथा 5 तथा दिनांक 16 फरवरी 2017 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.31 के पैराग्राफ संख्या 2 तथा विदेशों में रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड जारी करने के ढांचे के अंतर्गत उपलब्ध उधार के मार्ग, मान्यताप्राप्त उधरदाता, तथा समग्र लागत आदि से संबंधित प्रावधानों पर समय-समय पर संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, प्राधिकृत व्यापारियों तथा प्राधिकृत व्यापारियों से इतर व्यक्तियों द्वारा विदेशी मुद्रा में उधार लेने एवं उधार देने से संबंधित 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.05 के पैराग्राफ 3.2, 3.3.1, 3.3.3 तथा 3.3.4 की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. विदेशों में रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड (मसाला बॉण्ड्स) जारी करने के लिए निर्धारित ढांचे की समीक्षा करने पर तथा ईसीबी ढांचे के विभिन्न तत्वों को सुसंगत बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि पात्र भारतीय एंटिटियों द्वारा इन बॉण्ड्स को जारी करते हुए उधार लेने के प्रत्येक प्रस्ताव की विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई द्वारा जांच की जाएगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि मसाला बॉण्ड्स की परिपक्वता अवधि, समग्र लागत सीमा तथा मान्यताप्राप्त उधारदाता (निवेशक) से संबंधित प्रावधानों में निम्नानुसार संशोधन किया जाए:

  1. परिपक्वता अवधि: प्रति वर्ष भारतीय रुपए के समतुल्य 50 मिलियन अमरीकी डॉलर की राशि तक जारी किए गए मसाला बॉण्ड्स के लिए न्यूनतम 3 वर्ष की तथा प्रति वर्ष भारतीय रुपए के समतुल्य 50 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक राशि तक जारी किए गए बॉण्ड्स के लिए न्यूनतम 5 वर्ष की मूल परिपक्वता अवधि होनी चाहिए।

  2. समग्र लागत सीमा: ऐसे बॉण्ड्स के लिए समग्र लागत सीमा समान परिपक्वता वाली भारत सरकार की प्रतिभूतियों के प्रचलित प्रतिफल से 300 बेसिस पॉइंट्स अधिक होगी।

  3. मान्यताप्राप्त निवेशक: मास्टर निदेश के पैरा 3.3.3 के प्रावधानों के अंतर्गत निवेशक के रूप में अनुमत एंटिटिज लेकिन जो आईएनडी-एएस 24 में दिए गए अर्थ के अनुसार संबंधित पार्टी नहीं हैं।

3. ऊपर उल्लिखित दिनांक 29 सितंबर 2015, दिनांक 13 अप्रैल 2016 तथा 16 फरवरी 2017 के परिपत्रों के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं।

4. रुपया-मूल्यवर्गीकृत बॉण्ड्स जारी करने से संबंधित संशोधित अनुदेश / किए गए परिवर्तन इस परिपत्र को जारी करने की तारीख से प्रभावी होंगे।

5. इन परिवर्तनों को दर्शाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए 01 जनवरी 2016 को जारी मास्टर निदेश सं.05 के संबंधित पैराग्राफों को तदनुसार अद्यतन किया जा रहा है।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय

(जे. के पाण्डेय)
मुख्य महाप्रंबधक

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