आरबीआई/2014-15/532 डीसीबीआर.बीपीडी(पीसीबी/आरसीबी)परि.सं.24/14.01.062/2014-15 1 अप्रैल 2015 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/ राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदया / महोदय, अपने ग्राहक को जानिएदिशानिर्देश – स्वामित्व प्रतिष्ठान के खाते कृपया अपने ग्राहक को जानिए मानक पर 01 जुलाई 2014 के हमारे मास्टर परिपत्र शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी) मा.परि.सं.16/12.05.001/2014-15 का अनुच्छेद 2.5(ii) और 1 जुलाई 2014 आरपीसीडी का मास्टर परिपत्र आरआरबी.आरसीबी. एएमएल.बीसी.2/07.51.018/2014-15 का अनुच्छेद 2.5(vi) देखें, तथा हमारे 29 सितंबर 2009 का परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.केंका.एनएसबी1/11/12.03.000/2009-10 तथा 12 मई 2010 का परिपत्र आरपीसीडी.केंका.आरएफ़. एएमएल.बीसी. सं.83/07.40.00/2009-10 देखें जिसमें एकल स्वामित्व फर्म द्वारा बैंक खाते खोलने के संबंध में मानदंड निर्धारित किए गए थे तथा इस संदर्भ में उसके बाद जारी परिपत्रों को भी देखें। 2. रिजर्व बैंक को एकल स्वामित्व वाली फर्मों के खाते खोलते समय कुछ मामलों में गतिविधि के सबूत के रूप में दो दस्तावेज प्रस्तुत करने की अपेक्षा के पालन में आने वाली कठिनाइयां बताते हुए अभ्यावेदन प्राप्त होते रहे हैं। यह संभव है कि कतिपय प्रकार की गतिविधियों में ऐसे दो दस्तावेज प्रस्तुत करने में वास्तविक कठिनाई होती हो। इसलिए, ऐसे मामलों में एकल स्वामित्व फर्मों के बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया को सहज बनाने की दृष्टि से मामले की समीक्षा की गई है। डिफ़ाल्ट नियम यह है कि स्वामित्व फर्म द्वारा मास्टर परिपत्र में सूचीबद्ध किए गए दस्तावेजों में से कोई भी दो दस्तावेज गतिविधि के साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराए जाने चाहिए। तथापि, जहां बैंक इस बात से संतुष्ट हों कि ऐसे दो दस्तावेज प्रस्तुत करना संभव नहीं है, ऐसे मामलों में गतिविधि के साक्ष्य के रूप में केवल एक दस्तावेज स्वीकार करने का विवेकाधिकार उनके पास होगा। तथापि, ऐसे मामलों में बैंक को संपर्क-स्थल का सत्यापन करना होगा तथा ऐसी जानकारी प्राप्त करनी होगी, जो फर्म के अस्तित्व को स्थापित करने, पुष्टि करने तथा स्वयं को आश्वस्त करने के लिए अपेक्षित हो कि स्वामित्व फर्म के पते पर जाकर कारोबारी गतिविधि का सत्यापन किया गया है। 3. यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि केवाईसी मानक पर जारी 1 जुलाई 2014 के हमारे मास्टर परिपत्र शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी) मा.परि.सं.16/12.05.001/2014-15 के पैरा 2.5 (ii) और 1 जुलाई 2014 को जारी आरपीसीडी आरआरबी.आरसीबी.एएमएल.बीसी.2/07.51.018/2014-15 का अनुच्छेद 2.5(vi) में दर्शाई गई पंजीकरण प्राधिकारियों की सूची केवल उदाहरण के रूप में है, और इसलिए इसमें किसी संविधि के अंतर्गत शामिल व्यावसायिक निकाय द्वारा स्वामित्व फर्म के नाम पर जारी किए गए कारोबारी लाइसेंस/ प्रमाणपत्र को स्वामित्व फर्म की गतिविधि को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज के रूप में शामिल किया गया है। 4. शसबैं/ एसटीसीबी/ डीसीसीबी उपर्युक्त अनुदेशों के प्रकाश में अपनी केवाईसी नीति में संशोधन करें तथा उसका कड़ाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें। भवदीया, (सुमा वर्मा) प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |