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समुद्रपारीय (ओवरसीज़) निवेश - उदारीकरण

भारिबैंक/2009-10/376
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.45

01 अप्रैल 2010

सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदय/महोदया

समुद्रपारीय (ओवरसीज़) निवेश - उदारीकरण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान 03 जून 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.48 के पैरा 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार, भारतीय कंपनियों को स्वचालित मार्ग के तहत, आयल  क्षेत्र में समुद्र पारीय अनिगमित संस्थाओं में भारतीय कंपनी की निवल मालियत (नेटवर्थ) के 400प्रतिशततकनिवेशकेलिएअनुमतिदीगयीथी।

2. उदारीकरण को और आगे बढ़ाने के एक उपाय के रूप में, भारत सरकार से परामर्श कर अब यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय कंपनियों को स्वचालित मार्ग के तहत, सह-स्वामित्व आधार पर सबमरीन केबल सिस्टम्स निर्माण करने तथा उसके रखरखाव के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय परिचालकों के साथ सहायता संघ में सहभागी होने के लिए अनुमति दी जाए । तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक समुद्र पारीय प्रत्यक्ष निवेश के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा प्रेषण के लिए अनुमति यह सुनिश्चित करने के बाद दें कि भारतीय कंपनी ने इंटरनैशनल लाँग डिस्टॅन्स सर्विसेज स्थापित करने, लगाने, परिचालन और रखरखाव के लिए दूरसंचार विभाग, दूरसंचार और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय, भारत सरकार से आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किया है और इस प्रकार के निवेश अनुमोदित करनेवाले बोर्ड के प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति भी प्राप्त की है । तदनुसार, सहायता संघ में निवेश करनेवाली भारतीय संस्थाओं द्वारा ये लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक को 1 जून 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.68 में निर्धारित फॉर्मेट में  रिपोर्ट किये जाएं और प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों द्वारा युनिक पहचान संख्या के आबंटन के लिए 24 फरवरी 2010 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 36 के अनुसार रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट किये जाएं ।

3. इस प्रकार के सभी निवेश समय समय पर यथा संशोधित 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)विनियमावली,2004  ] के विनियम 15 (iii) में निर्धारित किये गये अनुसार रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का पालन होना चाहिए।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को अवगत कराएं।

5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999का42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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