आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - स्पष्टीकरण
आरबीआई/2021-2022/158 15 फरवरी, 2022 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित), भुगतान बैंकों को छोड़कर महोदया/महोदय आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - स्पष्टीकरण कृपया 12 नवंबर, 2021 के परिपत्र डीओआर.एसटीआर.आरईसी.68/21.04.048/2021-22 ('परिपत्र') के माध्यम से आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंडों के संबंध में जारी स्पष्टीकरण देखें। 2. स्पष्टीकरण हेतु हमें प्राप्त कतिपय प्रश्नों के संदर्भ में निम्नानुसार सूचित किया जाता है: (i) परिपत्र में स्पष्ट की गई 'आउट ऑफ ऑर्डर' की परिभाषा ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में दिये जा रहे सभी ऋण उत्पादों पर लागू होगी, जिसमें वे सुविधाएं भी शामिल हैं जो व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं हैं और/या जिनमें केवल ब्याज की चुकौती ही जमा की जाती है। (ii) सीसी/ओडी खाते की 'आउट ऑफ ऑर्डर' स्थिति के निर्धारण के लिए 'पिछली 90 दिनों की अवधि' में वह दिन शामिल होगा जिसके लिए कार्य-समाप्ति प्रक्रिया चल रही है। (iii) किसी उधार देने वाली संस्था से एक से अधिक ऋण सुविधा प्राप्त उधारकर्ताओं के मामले में, सभी ऋण सुविधाओं से संबंधित ब्याज और मूलधन की संपूर्ण बकाया राशि की चुकौती किए जाने पर ही ऋण खातों को अनर्जक आस्ति से मानक आस्ति की श्रेणी में उन्नयित किया जाएगा । (iv) यह परिपत्र सीआरआईएलसी (CRILC) को सूचना की रिपोर्टिंग से संबंधित आवश्यकताओं में कोई बदलाव नहीं करता है, जो संबंधित संस्थाओं1 के लिए मौजूदा निर्देशों के अनुसार जारी रहेंगी। (v) यह परिपत्र किसी भी तरह से एनबीएफसी द्वारा इंड-एएस के कार्यान्वयन पर मौजूदा दिशानिर्देशों में हस्तक्षेप नहीं करता है। 3. परिपत्र के पैराग्राफ 10 में प्रावधान है कि अनर्जक आस्ति के रूप में वर्गीकृत ऋण खातों को उधारकर्ता द्वारा ब्याज और मूलधन की संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान किए जाने पर ही 'मानक' परिसंपत्ति के रूप में उन्नयित किया जा सकता है। इस प्रावधान को लागू करने के लिए आवश्यक प्रणालियां स्थापित करने के लिए एनबीएफसी(यों) को 30 सितंबर, 2022 तक का समय दिया जा रहा है। परिपत्र के अन्य सभी निर्देश उसमें निर्दिष्ट समय-सीमा के अनुसार लागू होंगे। भवदीय (मनोरंजन मिश्रा) 1 11 सितंबर 2013 का परिपत्र सं. डीबीएस.निदे.ऑसमॉस.संख्या 3327/33.01.001/2013-14 (एससीबी) |