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सरकारी क्षेत्र के बैंकों के सांविधिक केन्द्रीय तथा शाखा लेखा परीक्षकों को वर्ष  2012-13 से देय पारिश्रमिक

बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी.08/08.92.001/2012-13

25 जून 2013

सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
तथा भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों के प्रबंध निदेशक

महोदय

सरकारी क्षेत्र के बैंकों के सांविधिक केन्द्रीय तथा शाखा
लेखा परीक्षकों को वर्ष  2012-13 से देय पारिश्रमिक

कृपया उपर्युक्त विषय पर हमारे परिपत्रों 06 जून 2007 के बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी. 08/08.92.001 /2006-07, 25 जुलाई 2007 के बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी.03/08.92. 001/2007-08, 20 दिसंबर 2007 के बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी.07/ 08.92.001/2007-08 और 31 दिसंबर 2009 के बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी.09/ 08.92.001/2009-10 में निहित अनुदेश देखें। यह निर्णय किया गया है कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों के सांविधिक केन्द्रीय तथा शाखा लेखा-परीक्षकों को देय पारिश्रमिक को वर्ष 2012-13 से संशोधित किया जाए ।

ए.    बैंक के केन्द्रीय लेखा-परीक्षा के लिए पारिश्रमिक

अब तक की तरह, पारिश्रमिक निश्चित किये जाने के लिए लेखा परीक्षकों के कार्य के जो विशिष्ट क्षेत्र हिसाब में लिये जाने हैं, वे निम्नानुसार  बने रहेंगे ।

(क) शाखाओं की विवरणियों की संवीक्षा (स्क्रूटिनी) तथा उन्हें शामिल करना ।
(ख) एक लेखा यूनिट के रूप में प्रधान/केन्द्रीय कार्यालय की लेखा परीक्षा ।

उपर्युक्त (क) के संबंध में सांविधिक केंद्रीय लेखा परीक्षकों को देय शुल्क, बैंक की उन सभी शाखाओं के लिए जो लेखा-परीक्षा की संदर्भ तिथि को मौजूद हों, 750/- रुपए नियत की गई है, चाहे वे शाखाएं लेखा परीक्षा के लिए ली गयीं हों अथवा नहीं ।

उपर्युक्त (ख) के संबंध में स्वीकार्य फीस निम्नानुसार होंगी –

बैंकों की श्रेणी
(कुल आस्तियों के आधार पर)

लेखा परीक्षा फीस की दर (रु.)

50000 करोड़ रुपये तक

706200/-

50000 करोड़ रुपये से अधिक तथा 100000 करोड़ रुपये तक

783200/-

100000 करोड़ रुपये से अधिक तथा 200000 करोड़ रुपये तक

842600/-

200000 करोड़ रुपये से अधिक तथा 500000 करोड़ रुपये तक

902000/-  

500000 करोड़ रुपये से अधिक

961400/-

टिप्पणी - उपर्युक्त ए (क) तथा ए (ख) के लिए प्राप्त कुल पारिश्रमिक को संबंधित बैंक के सभी केन्द्रीय सांविधिक लेखा परीक्षकों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा।

अब तक की तरह, किसी भी क्षेत्रीय, आंचलिक या प्रभागीय कार्यालयों या अन्य नियंत्रक कार्यालयों के संबंध में, जिस किसी नाम से वे जाने जाते हों, केन्द्रीय सांविधिक लेखा परीक्षकों को अलग से कोई भी फीस देय नहीं होगी ।  यदि बैंक उपर्युक्त कार्यालयों के लिए अलग से लेखा परीक्षक नियुक्त करना चाहता है, तो ऐसे लेखा परीक्षक हेतु भुगतान किया गया फीस अग्रिमों की मात्रा के आधार पर होना चाहिए।

बी.    बैंक की शाखा  लेखा परीक्षा  कार्य के लिए पारिश्रमिक

बैंक शाखा की श्रेणी
(अग्रिमों की मात्रा के आधार पर)

लेखा परीक्षा फीस की दरें (रु.)

10 करोड़ तक

40250/-

10 करोड़ रुपये से अधिक तथा 20 करोड़ रुपये तक

57500/-

20 करोड़ रुपये से अधिक तथा 30 करोड़ रुपये तक

79350/-

30 करोड़ रुपये से अधिक तथा 50 करोड़ रुपये तक

120750/-

50 करोड़ रुपये से अधिक तथा 75 करोड़ रुपये तक

138000/-

75 करोड़ रुपये से अधिक तथा 125 करोड़ रुपये तक

182850/-

125 करोड़ रुपये से अधिक तथा 175 करोड़ रुपये तक

228850/-

175 करोड़ रुपये से अधिक तथा 300 करोड़ रुपये तक

287500/-

300 करोड़ रुपये से अधिक तथा 500 करोड़ रुपये तक

324300/-

500 करोड़ रुपये से अधिक तथा 1000 करोड़ रुपये तक

359950/-

10000 करोड़ रुपये से अधिक तथा 5000 करोड़ रुपये तक

395600/-

5000 करोड़ रुपये से अधिक

431250/-

बैंक के प्रमुख परिचालन कार्यालय (चाहे वह बैंक के प्रधान /केंद्रीय कार्यालय से संबद्ध हो या अलग यूनिट के रूप में कार्य करता हो), सीपीयू/एलपीयू/और अन्य केंद्रीयकृत हब्स जो किसी भी नाम से जाने जाते हों जिन्हें संबंधित वर्ष के दौरान सांविधिक शाखा लेखापरीक्षा के प्रयोजन हेतु लिया जाता है ताकि एक बैंक के 90% अग्रिमों को कवर किया जा सके, को किसी भी अन्य शाखा के समान माना जाए तथा उसकी लेखा-परीक्षा कार्य हेतु स्वीकार्य फीस उपर्युक्त अनुसूची के आधार पर होगी ।

उन शाखाओं के लिए, जहां कोई अग्रिम संविभाग नहीं है, जैसे कि सेवा शाखाएं, विशिष्ट शाखाएं आदि, या जो एनपीए वसूली के रूप में कार्य कर रही हैं, बैंकों को  बोर्ड की लेखा परीक्षा समिति के साथ परामर्श करके ऐसी शाखाओं के कारोबार की मात्रा को देखते हुए, अलग- अलग मामले के आधार पर संशोधित फीस, वर्तमान फीस इत्यादि का प्रस्ताव, भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करें।

सी. एल.एफ.ए. आर. के लिए फीस

एल.एफ.ए.आर. के लिए फीस निम्नानुसार है:

एल.एफ.ए. आर. के लिए फीस

  दर

प्रधान कार्यालय / नियंत्रक कार्यालय

मूल लेखा परीक्षा फीस का 25% (संवीक्षा तथा शाखा विवरणियों को शामिल करने की फीस को छोड़कर)

शाखाएं

संबंधित शाखा की लेखा-परीक्षा के लिए देय मूल लेखा-परीक्षा फीस का 10%

शाखाओ के थ्रेशोल्ड लिमिट के कट ऑफ पॉइंट के नीचे की शाखाओं हेतु सांविधिक लेखा परीक्षा शुरू करने वाली शाखाओं के संबंध में जैसा की समय-समय पर निर्धारित हो, जो प्रायः सांविधिक लेखा परीक्षा के अंतर्गत नहीं आती हों लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा संगामी लेखा परीक्षा के अंतर्गत आती हों और जहां एलएफ़एआर तथ एसबीए द्वारा पहले से ही किए गए स्पष्टीकरणों को संगामी लेखा परीक्षकों द्वारा प्रस्तुत करना अपेक्षित होता है, वहाँ संगामी लेखा परीक्षकों को भुगतान किए जाने वाले फीस उपर्युक्त निर्देशों के आधार पर किए जाएं।

प्रधान/नियंत्रक कार्यालयों तथा शाखाओं की एल.एफ.ए.आर. / कर लेखा-परीक्षा के लिए अलग से यात्रा भत्ता/विराम भत्ता देय नहीं होगा ।

डी.   अतिरिक्त प्रमाणीकरण के लिए फीस

यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विभिन्न परिपत्रें / दिशा-निर्देशों और भारतीय रिज़र्व बैंक की अपेक्षाओं के अनुसार समय-समय पर शामिल किसी अन्य वैधीकरण/प्रमाणीकरण के अंतर्गत किए जाने वाले निम्नलिखित प्रमाणीकरणों/वैधीकरण के लिए मूल लेखा-परीक्षा फीस की 12% की दर से अतिरिक्त पारिश्रमिक देय होगा :

(i) एक वर्ष में भिन्न भिन्न महीनों में शुक्रवारों को छोड़कर 12 विषम तारीखों पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 के अधीन सांविधिक चलनिधि अनुपात की अपेक्षाओं का सत्यापन ।

(ii) इस आशय का प्रमाणपत्र कि बैंक (क) आस्ति वर्गीकरण (ख) आय निर्धारण (ग) प्रावधानीकरण से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहा है तथा इस आशय का भी प्रमाणपत्र कि बैंक ने निवेश लेनदेनों/कोषालय परिचालनों से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों का पालन किया है ।

(iii) बैंक के निवेशों (स्वयं के एवं पी.एम.एस. के अंतर्गत निवेश भी) के समाधान के संबंध में प्रमाणपत्र ।

(iv) बैंकों के द्वारा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुपालन से संबंधित प्रमाणपत्र ।

(v) उपयोग में न लाये गये बी.आर. फार्मों की अभिरक्षा के संबंध में प्रमाणपत्र ।

(vi) तुलन-पत्र से संबद्ध ‘लेखा-नोटो’ में बैंक द्वारा निर्धारित पूंजी पर्याप्तता अनुपात तथा ‘लेखा-नोटो’ में दर्शाये जाने वाले विभिन्न अन्य अनुपातों का अधिप्रमाणन।

(vii)   यदि बैंक विश्व बैंक से सहायता (पूंजी पुनर्निर्माण ऋण) लेता है तो ऋण संविभाग की समीक्षा से संबंधित प्रमाणपत्र।

(viii) निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम की मदों से संबंधित प्रमाणपत्र।

(ix) लेखा-परीक्षा की अवधि के दौरान बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की गयी सांविधिक चलनिधि अनुपात तथा आरक्षित नकदी निधि अनुपात की विवरणियों का सत्यापन तथा इसकी पुष्टि भारतीय रिज़र्व बैंक को और उस बैंक को करना, जिसकी लेखा-परीक्षा हुई है ।

(x) घोष समिति तथा आंतरिक नियंत्रणों पर कार्यकारी दल की सिफारिशों से संबंधित कार्यान्वयन के संबंध में बैंक द्वारा किये गये अनुपालन की स्थिति पर टिप्पणी।

(xi) भारत सरकार के अनुदेशों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण जमा अनुपात पर टिप्पणी।

(xii)   सांविधिक लेखा परीक्षा की अवधि के दौरान यदि संदेहास्पद धोखाधड़ी की कोई घटना हुई है तो मित्रा समिति की सिफारिशों के अनुसार उसकी सूचना देना ।

अतिरिक्त प्रमाणीकरणों के लिए अब तक कोई शुल्क देय नहीं है ।

ई.    भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अपेक्षित अतिरिक्त प्रमाणीकरणों की फीस

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड तथा अन्य विनियामकों द्वारा निर्धारित किए गए अतिरिक्त प्रमाणीकरणों/सत्यापनों के लिए शुल्क के संबंध में बैंक, बोर्ड की लेखा-परीक्षा समिति/ बोर्ड के परामर्श से निर्धारण कर सकते हैं ।

एफ.   समेकित वित्तीय विवरणों  की लेखा परीक्षा की फीस

इस प्रयोजन के लिए बैंक, तुलन पत्र में जिस सहयोगी/ सहायक संस्था के लेखे समेकित किए जाने हैं, उनके लिए प्रति सहयोगी/ सहायक संस्था अधिकतम 20,625/- रुपए मात्र अदा कर सकते हैं । यदि सहयोगी/सहायक संस्था कार्यरत नहीं है या निष्क्रिय है तो बैंक कम फीस देने के लिए स्वतंत्र हैं ।

जी.   तिमाही /छमाही सीमित समीक्षा के लिए फीस

वर्तमान में सांविधिक केंद्रीय लेखा परीक्षकों को तिमाही /छमाही सीमित समीक्षा के लिए मूल लेखा परीक्षा फीस के 20 % की दर से फीस अदा करना जारी रखा जा सकता है । यह स्पष्ट किया जाता है कि 2012-13 से देय संशोधित मूल लेखा परीक्षा फीस 30 जून 2013 को समाप्त तिमाही से सीमित समीक्षा के लिए फीस की गणना के लिए लागू होगी, और 30 जून / 30 सितंबर / 31 दिसंबर 2012 को समाप्त तिमाहियों के लिए की गई समीक्षा के लिए लागू नहीं होगी।

समीक्षा प्रक्रिया में सहायता करने वाले समवर्ती लेखा परीक्षकों को 5 जून 2003 के हमारे परिपत्र बैंपर्यवि.एआरएस.बीसी.17/08.91.001/2002-03 में सूचित उचित टोकन फीस अदा करना जारी रहेगा ।

एच.   यात्रा एवं विराम भत्ता तथा दैनिक वाहन प्रभार की प्रतिपूर्ति

1. सांविधिक लेखा परीक्षकों को प्रतिपूर्ति किए जाने वाले आवास व भोजन व्यवस्था प्रभारों, यात्रा भते तथा दैनिक वाहन प्रभार के भुगतान हेतु, बैंकों को लेखापरीक्षकों के साथ परस्पर सहमति में एक किफ़ायती रूप में इसका निर्णय करने की समझ क्षमता प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, किसी भी परिस्थिति में उक्त दर संबंधित उच्चतर सीमा हेतु आईबीए द्वारा निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उच्चतर सीमाओं का निर्णय लेने के उद्देश्य हेतु संबंध अधिकारियों की श्रेणियाँ नीचे दी गयी है:

लेखा-परीक्षा अधिकारी की श्रेणी

बैंक अधिकारियों का स्केल और पदनाम (आइबीए  के अनुसार)

साझेदार / स्वामी

VII - महाप्रबंधक

योग्यता प्राप्त सहायक

III  - वरिष्ठ प्रबंधक

गैर योग्यता प्राप्त सहायक

I – अधिकारीयों

2. यात्रा, विराम भत्ता तथा दैनिक वाहन प्रभारों की प्रतिपूर्ति के संबंध में निम्नलिखित प्रेक्षणों का ध्यान रखा जाए:

(i) जहां कहीं भी बैंकों के आगन्तुक गृह या आगन्तुक अधिकारी फ्लैट हों, उनका उपयोग लेखा परीक्षकों की जरूरतों के लिए किया जा सकता है ।

(ii) इस संबंध में बैंकों को बिलों के सत्यापन के लिए आवश्यक ब्योरे मांगने चाहिए तथा केन्द्रीय सांविधिक लेखा परीक्षकों एवं शाखा लेखा-परीक्षक भी वास्तविक व्यय के सत्यापन हेतु ऐसे ब्योरे प्रस्तुत करेंगे ।

(iii) यदि सांविधिक लेखा-परीक्षकों के मुख्यालय बैंक के प्रधान/केन्द्रीय कार्यालय से भिन्न स्थान पर हों, किन्तु जहां बैंक का प्रधान/केन्द्रीय कार्यालय हो, उसी स्थान पर उनका कार्यालय हो तो, यात्रा भत्ता/विराम भत्ता, यदि कोई हो, तो वह केन्द्रीय लेखा-परीक्षा के लिए नाममात्र होना चाहिए । तथापि, लेखा-परीक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए फर्म के भागीदारों को आवश्यकता पड़ने पर बैंक के प्रधान/केन्द्रीय कार्यालय का दौरा करने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए ।

(iv) जहां बैंक की शाखाएं/कार्यालय हैं यदि उसी स्थान पर सांविधिक लेखा-परीक्षकों या शाखा लेखा-परीक्षकों के कार्यालय हैं, तो उन्हें यात्रा भत्ते/विराम भत्ते की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी । तथापि, पैराग्राफ एच (ग) में सुझाए अनुसार स्थानीय वाहन भत्ते की प्रतिपूर्ति की जाएगी ।

(v) यात्रा भत्ता/विराम भत्ता न्यूनतम होना चाहिए ।

(vi) यदि लेखा-परीक्षाकों तथा बैंक के बीच उनके बिलों के निपटान को लेकर कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो ऐसे मामले में बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/प्रबंध निदेशक का निर्णय अंतिम होगा । अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक निदेशक/प्रबंध निदेशक को स्वयं इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि विशिष्ट लेखा-परीक्षक द्वारा वस्तुत: व्यय किया गया है तथा दावें को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर निपटाया है ।

कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।

भवदीय,

(आर. के. पण्डा)
महाप्रबंधक

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