केवाईसी का अद्यतन /आवधिक अद्यतन किया जाना - संशोधित अनुदेश
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आरबीआई/2025-26/53 12 जून, 2025 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/सीईओ महोदय/महोदया, केवाईसी का अद्यतन /आवधिक अद्यतन किया जाना - संशोधित अनुदेश कृपया 25 फरवरी, 2016 के मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर यथा-संशोधित) के पैराग्राफ 38 में दिए गए केवाईसी के अद्यतन/आवधिक अद्यतन पर अनुदेशों का संदर्भ लें। 2. रिज़र्व बैंक द्वारा डीबीटी और/अथवा छात्रवृत्ति राशि (डीबीटी/ईबीटी/छात्रवृत्ति लाभार्थियों) जमा करने की सुविधा हेतु सरकारी योजनाओं के अंतर्गत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी)/इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (ईबीटी) के लिए खोले गए खातों और पीएमजेडीवाई के तहत खोले गए खातों सहित केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के बड़ी संख्या में मामलें लंबित पाए गए हैं। 3. ग्राहकों की सुविधा के लिए प्रक्रिया को और अधिक आसान करने हेतु, केवाईसी का अद्यतन /आवधिक अद्यतन से संबंधित अनुदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)) (संशोधन) निदेश, 2025 के तहत संशोधित किया गया है, जिसका उद्देश्य अन्य बातों के साथ-साथ, बीसी को केवाईसी अद्यतन की प्रक्रिया में सुविधा प्रदान करने की अनुमति देना है। निष्क्रिय खातों और अदावी जमाराशियों से संबंधित इसी तरह के संशोधन 12 जून, 2025 के परिपत्र विवि.एसओजी(एलईजी).आरईसी/32/09.08.024/2025-26 के माध्यम से किए गए हैं। 4. इसके अलावा, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध शहरी शाखाओं में केवाईसी का आवधिक अद्यतन एवं जिन शाखाओं में केवाईसी के आवधिक अद्यतन संबंधी मामलें लंबित है उन शाखाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष कैंप सहित शिविर आयोजित करें और गहन अभियान चलाएं। बैंक भी 2 दिसंबर, 2024 के परिपत्र डीओएस.केंका.पीपीजी.एसईसी. 12/11.01.005/2024-25 में किए गए उल्लेख के अनुसार सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाकर ऐसे खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएं। 5. यह सूचित किया जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में, ग्राहक ऑनबोर्डिंग और ग्राहकों के केवाईसी अद्यतन/आवधिक अद्यतन से संबद्ध अनुदेशों को सरल बनाया गया है और मास्टर निदेश में इनकी विस्तृत जानकारी दी गई है। ऐसे निदेशों का संक्षिप्त संकलन सुलभ संदर्भ के लिए अनुबंध में संलग्न किया गया है। भवदीया, (उषा जानकीरामन) (परिपत्र संदर्भ. विवि.एएमएल.आरईसी.31/14.01.001/2025-26, दिनांक 12 जून 2025 केवाईसी के अद्यतन/आवधिक अद्यतन पर- संशोधित निदेश) मास्टर निदेश-अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 दिनांक 25 फरवरी, 2016 (समय-समय पर यथासंशोधित) बैंकों सहित विनियमित संस्थाओं (आरई) को निदेश देता है कि ग्राहकों का केवाईसी पहचानकर्ता खाता-आधारित संबंध स्थापित करने अथवा ग्राहकों की पहचान के सत्यापन हेतु पहला संदर्भ बिंदु होगा। तदनुसार, ग्राहक को ऑनबोर्डिंग करते समय आरई ग्राहक की सहमति से सीकेवाईसीआर से ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड ऑनलाइन डाउनलोड करेंगे, बगैर उसका/उसके वही रिकॉर्ड पुन: जमा करने की आवश्यकता के, जब तक कि सीकेवाईसीआर के पास उपलब्ध रिकॉर्ड में कोई बदलाव न हो। ग्राहक को ऑनबोर्ड और केवाईसी के अद्यतन/आवधिक अद्यतन करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और यह नीचे दिए जा रहे हैं: ए. ग्राहक को ऑनबोर्ड करने के लिए आमने-सामने की विधि
बी. ग्राहको की अप्रत्यक्ष ऑनबोर्डिंग (एनएफटीएफ) की विधि
डी. केवाईसी के अद्यतन और आवधिक अद्यतन की सरलीकृत प्रक्रिया
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