प्रेस प्रकाशनी - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनी
मई 18, 2022
मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 मई 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त
18 मई 2022 मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 मई 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेडबी के तहत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पैंतीसवीं बैठक 2 और 4 मई 2022 के दौरान उभरती मुद्रास्फीति-वृद्धि की गतिशीलता के पुनर्मूल्यांकन और 6-8 अप्रैल 2022 की बैठक के बाद के गतिविधियों के प्रभाव के लिए एक ऑफ-साइकिल बैठक के रूप में आयोजित की गई थी। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. श
18 मई 2022 मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 मई 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेडबी के तहत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पैंतीसवीं बैठक 2 और 4 मई 2022 के दौरान उभरती मुद्रास्फीति-वृद्धि की गतिशीलता के पुनर्मूल्यांकन और 6-8 अप्रैल 2022 की बैठक के बाद के गतिविधियों के प्रभाव के लिए एक ऑफ-साइकिल बैठक के रूप में आयोजित की गई थी। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. श
मई 04, 2022
गवर्नर का वक्तव्य
4 मई 2022 गवर्नर का वक्तव्य 8 अप्रैल 2022 के अपने वक्तव्य में मैंने यूरोप में युद्ध के कारण हुए विवर्तनिक परिवर्तनों का उल्लेख किया था, जिसने वैश्विक संवृद्धि और मौद्रिक नीति के परिचालन के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की थीं। जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ रहा है और प्रतिबंध और जवाबी कार्रवाई तेज हो रही है, कमोडिटी और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, कमी, आपूर्ति अव्यवस्था और, सबसे चेतावनीपूर्वक, सतत और बढ़ रहे मुद्रास्फीति के दबाव हर गुजरते दिन के साथ और अधिक तीव्र होते जा रहे हैं।
4 मई 2022 गवर्नर का वक्तव्य 8 अप्रैल 2022 के अपने वक्तव्य में मैंने यूरोप में युद्ध के कारण हुए विवर्तनिक परिवर्तनों का उल्लेख किया था, जिसने वैश्विक संवृद्धि और मौद्रिक नीति के परिचालन के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की थीं। जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ रहा है और प्रतिबंध और जवाबी कार्रवाई तेज हो रही है, कमोडिटी और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, कमी, आपूर्ति अव्यवस्था और, सबसे चेतावनीपूर्वक, सतत और बढ़ रहे मुद्रास्फीति के दबाव हर गुजरते दिन के साथ और अधिक तीव्र होते जा रहे हैं।
मई 04, 2022
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2022-23 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2 और 4 मई 2022
4 मई 2022 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2022-23 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2 और 4 मई 2022 वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 मई 2022) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 4.15 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.65 प्
4 मई 2022 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2022-23 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2 और 4 मई 2022 वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 मई 2022) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 4.15 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.65 प्
अप्रैल 30, 2022
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दि कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना
30 अप्रैल 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दि कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I./डी-9/12.22.111/2016-17 के माध्यम से दि कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 30 मार्च 2017 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता को 30 अप्र
30 अप्रैल 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दि कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I./डी-9/12.22.111/2016-17 के माध्यम से दि कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 30 मार्च 2017 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता को 30 अप्र
अप्रैल 29, 2022
वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ)
29 अप्रैल 2022 वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ) भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ) जारी किया। रिपोर्ट का विषय "रिवाइव एंड रिकन्सट्रक्ट" है, जो कि कोविड के पश्चात टिकाऊ बहाली को पोषित करने और मध्यम अवधि में प्रवृत्ति संवृद्धि को बढ़ाने के संदर्भ में है। रिपोर्ट योगदानकर्ताओं के विचारों को परिलक्षित करती है न कि रिज़र्व बैंक के विचारों को। मुख्य बातें रिपोर्ट में प्रस्तावित सुधारों का ब्लूप्
29 अप्रैल 2022 वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ) भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट (आरसीएफ) जारी किया। रिपोर्ट का विषय "रिवाइव एंड रिकन्सट्रक्ट" है, जो कि कोविड के पश्चात टिकाऊ बहाली को पोषित करने और मध्यम अवधि में प्रवृत्ति संवृद्धि को बढ़ाने के संदर्भ में है। रिपोर्ट योगदानकर्ताओं के विचारों को परिलक्षित करती है न कि रिज़र्व बैंक के विचारों को। मुख्य बातें रिपोर्ट में प्रस्तावित सुधारों का ब्लूप्
अप्रैल 22, 2022
मौद्रिक नीति समिति की 6 से 8 अप्रैल 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त
22 अप्रैल 2022 मौद्रिक नीति समिति की 6 से 8 अप्रैल 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चौंतीसवीं बैठक 6 से 8 अप्रैल 2022 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिड़े, माननीय वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, इंदिरा गांध
22 अप्रैल 2022 मौद्रिक नीति समिति की 6 से 8 अप्रैल 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चौंतीसवीं बैठक 6 से 8 अप्रैल 2022 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिड़े, माननीय वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, इंदिरा गांध
अप्रैल 08, 2022
गवर्नर का वक्तव्य: 8 अप्रैल 2022
8 अप्रैल 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 8 अप्रैल 2022 दो वर्ष पहले मार्च 2020 में, हमने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के हमले से लड़ने के लिए एक यात्रा शुरू की। उसके बाद की अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने अशांत स्थितियों में अपने मार्ग को सफलतापूर्वक प्रशस्त किया है। जबकि महामारी ने हमारी मानसिकता को डरा दिया है और हमारे लचीलेपन का परीक्षण किया है, हमने महामारी की तीन लहरों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए साहसिक, अपरंपरागत और दृढ़ उपाय
8 अप्रैल 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 8 अप्रैल 2022 दो वर्ष पहले मार्च 2020 में, हमने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के हमले से लड़ने के लिए एक यात्रा शुरू की। उसके बाद की अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने अशांत स्थितियों में अपने मार्ग को सफलतापूर्वक प्रशस्त किया है। जबकि महामारी ने हमारी मानसिकता को डरा दिया है और हमारे लचीलेपन का परीक्षण किया है, हमने महामारी की तीन लहरों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए साहसिक, अपरंपरागत और दृढ़ उपाय
फ़रवरी 24, 2022
मौद्रिक नीति समिति की 8 से 10 फरवरी 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त
24 फरवरी 2022 मौद्रिक नीति समिति की 8 से 10 फरवरी 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तैंतीसवीं बैठक 8 से 10 फरवरी 2022 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिड़े, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टी
24 फरवरी 2022 मौद्रिक नीति समिति की 8 से 10 फरवरी 2022 के दौरान हुई बैठक का कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तैंतीसवीं बैठक 8 से 10 फरवरी 2022 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिड़े, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टी
फ़रवरी 10, 2022
गवर्नर का वक्तव्य: 10 फरवरी 2022
10 फरवरी 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 10 फरवरी 2022 मेरा यह कथन है कि, महामारी ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बना लिया है। कमी के संकेतों के बावजूद, कई देशों में दैनिक संक्रमणों की रिकॉर्ड संख्या और परिणामी रोकथाम के उपाय आर्थिक गतिविधियों की गति को प्रभावित कर रहे हैं, विशेष रूप से संपर्क-गहन क्षेत्रों में, यहां तक कि आपूर्ति में व्यवधान जारी है और प्रतिबंधित कार्यबल की भागीदारी श्रम बाजारों को सख्त करती है। कई देशों में मुद्रास्फीति बहु-दशक के उच्च स्तर पर
10 फरवरी 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 10 फरवरी 2022 मेरा यह कथन है कि, महामारी ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बना लिया है। कमी के संकेतों के बावजूद, कई देशों में दैनिक संक्रमणों की रिकॉर्ड संख्या और परिणामी रोकथाम के उपाय आर्थिक गतिविधियों की गति को प्रभावित कर रहे हैं, विशेष रूप से संपर्क-गहन क्षेत्रों में, यहां तक कि आपूर्ति में व्यवधान जारी है और प्रतिबंधित कार्यबल की भागीदारी श्रम बाजारों को सख्त करती है। कई देशों में मुद्रास्फीति बहु-दशक के उच्च स्तर पर
फ़रवरी 10, 2022
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
10 फरवरी 2022 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपाय; (ii) वित्तीय बाज़ार; (iii) भुगतान और निपटान प्रणाली तथा; (iv) विनियमन और पर्यवेक्षण से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है । I. चलनिधि उपाय 1. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ₹50,000 करोड़ की मीयादी चलनिधि सुविधा की अवधि को बढ़ाना 5 मई 2021 को, देश में कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए तत्काल चलनिधि के
10 फरवरी 2022 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपाय; (ii) वित्तीय बाज़ार; (iii) भुगतान और निपटान प्रणाली तथा; (iv) विनियमन और पर्यवेक्षण से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है । I. चलनिधि उपाय 1. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ₹50,000 करोड़ की मीयादी चलनिधि सुविधा की अवधि को बढ़ाना 5 मई 2021 को, देश में कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए तत्काल चलनिधि के
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