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सित॰ 29, 2020
अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्‍य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्‍य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
सित॰ 28, 2020
सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
सित॰ 08, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्‍यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्‍यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
सित॰ 07, 2020
कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट
7 सितंबर 2020 कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक ने 7 अगस्त 2020 को श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी जो 'कोविड- 19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' के तहत समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के लिए अनुशंसा कर सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट 4 सितंबर 2020 को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की, जिसे आरबीआई वेबसाइट पर रखा जा
7 सितंबर 2020 कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक ने 7 अगस्त 2020 को श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी जो 'कोविड- 19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' के तहत समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के लिए अनुशंसा कर सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट 4 सितंबर 2020 को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की, जिसे आरबीआई वेबसाइट पर रखा जा
अग॰ 31, 2020
रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की
31 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की 25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा। 2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिं
31 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की 25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा। 2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिं
अग॰ 31, 2020
रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - निदेश की अवधि का विस्तार
31 अगस्त 2020 रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - निदेश की अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्‍यम से 22 फरवरी 2013 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और अंतिम बार वैधता का समय 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी
31 अगस्त 2020 रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - निदेश की अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्‍यम से 22 फरवरी 2013 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और अंतिम बार वैधता का समय 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी
अग॰ 20, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 4 से 6 अगस्त 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
20 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति की 4 से 6 अगस्त 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चौबीसवीं बैठक 04 से 06 अगस्त 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. चेतन घाटे, प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान; डॉ. पामी दुआ, भूतपूर्व निदेशक, दिल्ली अर्थशास्त्र स्कूल; डॉ. रविन्द्र एच. ढोलकिया, भूतपूर्व
20 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति की 4 से 6 अगस्त 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चौबीसवीं बैठक 04 से 06 अगस्त 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. चेतन घाटे, प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान; डॉ. पामी दुआ, भूतपूर्व निदेशक, दिल्ली अर्थशास्त्र स्कूल; डॉ. रविन्द्र एच. ढोलकिया, भूतपूर्व
अग॰ 07, 2020
रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की
6 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की 6 अगस्त 2020 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2019 को जारी दबावग्रस्त आस्ति के समाधान संबंधी विवेकपूर्ण ढांचे के तहत विशेष विंडो के रूप में 'Covid19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' की घोषणा की है। समाधान ढांचे में अन्य बातों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी शामिल है, ताकि समाधान योजनाओं म
6 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की 6 अगस्त 2020 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2019 को जारी दबावग्रस्त आस्ति के समाधान संबंधी विवेकपूर्ण ढांचे के तहत विशेष विंडो के रूप में 'Covid19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' की घोषणा की है। समाधान ढांचे में अन्य बातों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी शामिल है, ताकि समाधान योजनाओं म
अग॰ 06, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
06 अगस्त 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य वित्तीय बाजारों और अन्य हितधारकों के लिए चलनिधि समर्थन को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है; ऋण क्षेत्र को मजबूत करते हुए COVID-19 व्यवधानों के कारण वित्तीय दवाब को और कम करना; ऋण के प्रवाह में सुधार; डिजिटल भुगतान को मजबूत करना; चेक भुगतान में ग्राहक सुरक्षा की बढ़ोतरी; और एक नवाचार हब क माध्यम से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर वित्तीय क्षेत्र में नवाचारों की सु
06 अगस्त 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य वित्तीय बाजारों और अन्य हितधारकों के लिए चलनिधि समर्थन को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है; ऋण क्षेत्र को मजबूत करते हुए COVID-19 व्यवधानों के कारण वित्तीय दवाब को और कम करना; ऋण के प्रवाह में सुधार; डिजिटल भुगतान को मजबूत करना; चेक भुगतान में ग्राहक सुरक्षा की बढ़ोतरी; और एक नवाचार हब क माध्यम से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर वित्तीय क्षेत्र में नवाचारों की सु
अग॰ 06, 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 6 अगस्त 2020
06 अगस्त 2020 गवर्नर का वक्तव्य – 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति ने अपने तत्वावधान में 24 वीं बार नए मौद्रिक नीति ढांचे के तहत अपने परिचालन के चार वर्ष पूर्ण करते हुए 2020-21 की दूसरी बैठक के लिए 4, 5 और 6 अगस्त को बैठक आयोजित की। एमपीसी ने घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों के बीच विस्तार किया और भारत और दुनिया के लिए समग्र दृष्टिकोण पर उनके प्रभाव को बढ़ाया। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से 4 प्रतिशत की पॉलिसी रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के लिए वोट कि
06 अगस्त 2020 गवर्नर का वक्तव्य – 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति ने अपने तत्वावधान में 24 वीं बार नए मौद्रिक नीति ढांचे के तहत अपने परिचालन के चार वर्ष पूर्ण करते हुए 2020-21 की दूसरी बैठक के लिए 4, 5 और 6 अगस्त को बैठक आयोजित की। एमपीसी ने घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों के बीच विस्तार किया और भारत और दुनिया के लिए समग्र दृष्टिकोण पर उनके प्रभाव को बढ़ाया। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से 4 प्रतिशत की पॉलिसी रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के लिए वोट कि
अग॰ 06, 2020
दिन की समाप्ति पर एलएएफ परिचालन के लिए स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रारंभ की गई
6 अगस्त 2020 दिन की समाप्ति पर एलएएफ परिचालन के लिए स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रारंभ की गई COVID-19 के कारण होने वाले व्यवधानों के संबंध में मानव संसाधन परिनियोजन का अनुकूलन करने और पात्र एलएएफ / एमएसएफ प्रतिभागियों को अपने दिन की समाप्ति पर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) शेष के प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए, रिज़र्व बैंक ने अपने ई-कुबेर सिस्टम में वैकल्पिक स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया ह
6 अगस्त 2020 दिन की समाप्ति पर एलएएफ परिचालन के लिए स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रारंभ की गई COVID-19 के कारण होने वाले व्यवधानों के संबंध में मानव संसाधन परिनियोजन का अनुकूलन करने और पात्र एलएएफ / एमएसएफ प्रतिभागियों को अपने दिन की समाप्ति पर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) शेष के प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए, रिज़र्व बैंक ने अपने ई-कुबेर सिस्टम में वैकल्पिक स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया ह
अग॰ 06, 2020
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए
06 अगस्त 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीएसएस) – जुलाई 2020 परिवार मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) – जुलाई 2020 विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2019-20 की चौथी तिमाही 2020-21 की पहली तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर व्यावसायिक प
06 अगस्त 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीएसएस) – जुलाई 2020 परिवार मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) – जुलाई 2020 विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2019-20 की चौथी तिमाही 2020-21 की पहली तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर व्यावसायिक प
अग॰ 06, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 अगस्त 2020
06 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (6 अगस्त 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
06 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (6 अगस्त 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
अग॰ 01, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत निदेश – शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र
1 अगस्त 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत निदेश – शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र को दिनांक 18 मई 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-6/12.22.351/2017-18 के माध्‍यम से दिनांक 19 मई 2018 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 21 मई 2020 के नि
1 अगस्त 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत निदेश – शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र को दिनांक 18 मई 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-6/12.22.351/2017-18 के माध्‍यम से दिनांक 19 मई 2018 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 21 मई 2020 के नि
जुल॰ 30, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्‍यम से 31 अगस्त 2016 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 18 मार्च
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्‍यम से 31 अगस्त 2016 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 18 मार्च
जुल॰ 30, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-9/12.22.111/2016-17 के माध्‍यम से 30 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेशों की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिना
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-9/12.22.111/2016-17 के माध्‍यम से 30 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेशों की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिना
जुल॰ 15, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
15 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्‍यम से 17 अप्रैल 2018 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था जिसकी वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 07
15 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्‍यम से 17 अप्रैल 2018 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था जिसकी वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 07
जुल॰ 01, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव. बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
01 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव. बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 04 जनवरी 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-06/12.22.311/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 05 जनवरी 2019 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 01 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOR.
01 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव. बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 04 जनवरी 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-06/12.22.311/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 05 जनवरी 2019 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 01 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOR.
जून 23, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र - जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा में वृद्धि
19 जून 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र - जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा में वृद्धि यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को जमाकर्ताओं की सुरक्षा के हित में दिनांक 4 जनवरी 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-6/12.22.311/2018-19 द्वारा 5 जनवरी 2019 को कारोबारी समय की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ प
19 जून 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र - जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा में वृद्धि यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को जमाकर्ताओं की सुरक्षा के हित में दिनांक 4 जनवरी 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-6/12.22.311/2018-19 द्वारा 5 जनवरी 2019 को कारोबारी समय की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ प
जून 22, 2020
रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के सुरक्षित उपयोग पर जनता के सदस्यों को सतर्क किया
22 जून 2020 रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के सुरक्षित उपयोग पर जनता के सदस्यों को सतर्क किया डिजिटल लेनदेन की सुरक्षितता उनके उपयोगकर्ताओं के लिए सर्वोपरि महत्व की है। रिजर्व बैंक ने बैंक के प्रमुख कार्यक्रम "आरबीआई कहता है" के माध्यम से प्रिंट और दृक – श्राव्य माध्यमों में लगातार और सक्रिय रूप से डिजिटल जागरूकता अभियान चलाकर इसे सुनिश्चित करने के लिए कई तंत्रों को स्थापित किया है। हाल के दिनों में धोखेबाजों द्वारा इन उपयोगकर्ताओं को कथित रूप से केवाईसी आवश्यकताओं को
22 जून 2020 रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के सुरक्षित उपयोग पर जनता के सदस्यों को सतर्क किया डिजिटल लेनदेन की सुरक्षितता उनके उपयोगकर्ताओं के लिए सर्वोपरि महत्व की है। रिजर्व बैंक ने बैंक के प्रमुख कार्यक्रम "आरबीआई कहता है" के माध्यम से प्रिंट और दृक – श्राव्य माध्यमों में लगातार और सक्रिय रूप से डिजिटल जागरूकता अभियान चलाकर इसे सुनिश्चित करने के लिए कई तंत्रों को स्थापित किया है। हाल के दिनों में धोखेबाजों द्वारा इन उपयोगकर्ताओं को कथित रूप से केवाईसी आवश्यकताओं को

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