प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017’
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017’
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 मई 2025 के आदेश द्वारा दि अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अस्का, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 मई 2025 के आदेश द्वारा दि अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अस्का, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
The Reserve Bank of India (RBI) has, by an order dated May 09, 2025, imposed a monetary penalty of ₹1.00 lakh (Rupees One Lakh only) on The Shimoga District Co-operative Central Bank Ltd., Karnataka (the bank) for contravention of provisions of Section 20 read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 (BR Act). This penalty has been imposed in exercise of powers conferred on RBI under the provisions of Section 47A(1)(c) read with Sections 46(4)(i) and 56 of the BR Act.
The Reserve Bank of India (RBI) has, by an order dated May 09, 2025, imposed a monetary penalty of ₹1.00 lakh (Rupees One Lakh only) on The Shimoga District Co-operative Central Bank Ltd., Karnataka (the bank) for contravention of provisions of Section 20 read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 (BR Act). This penalty has been imposed in exercise of powers conferred on RBI under the provisions of Section 47A(1)(c) read with Sections 46(4)(i) and 56 of the BR Act.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता, बैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता, बैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम- सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’, ‘ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेनों में ग्राहकों की देयता सीमित करना’ तथा ‘बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता’
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम- सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’, ‘ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेनों में ग्राहकों की देयता सीमित करना’ तथा ‘बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता’
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मई 2025 के आदेश द्वारा जना समॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 12बी(5) के प्रावधान के उल्लंघन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मई 2025 के आदेश द्वारा जना समॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 12बी(5) के प्रावधान के उल्लंघन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि निकोलसन को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि निकोलसन को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री हरिहरेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरिहर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री हरिहरेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरिहर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री वारणा सहकारी बैंक लिमिटेड, वारणानगर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री वारणा सहकारी बैंक लिमिटेड, वारणानगर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि डेक्कन मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि डेक्कन मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि हिंदुस्थान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि हिंदुस्थान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा सिद्धेश्वर अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, सिल्लोड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि जमा करना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा सिद्धेश्वर अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, सिल्लोड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि जमा करना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा दि पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुसद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी’, ‘सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दरें’ संबंधी कतिपय निदेशों और ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा दि पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुसद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी’, ‘सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दरें’ संबंधी कतिपय निदेशों और ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 06, 2025