प्रेस प्रकाशनियां - बाह्य निवेश और परिचालन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज सितंबर 2024 के अंत के संदर्भ मेंविदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों के प्रबंधन संबंधी 43वीं छमाही रिपोर्टजारी की है।18 अक्तूबर 2024 तक विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों की स्थिति निम्नानुसार है:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज सितंबर 2024 के अंत के संदर्भ मेंविदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों के प्रबंधन संबंधी 43वीं छमाही रिपोर्टजारी की है।18 अक्तूबर 2024 तक विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों की स्थिति निम्नानुसार है:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 7 अक्तूबर 2024 को नई दिल्ली में सार्क मुद्रा स्वैप ढांचा 2024-27 के अंतर्गत मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) के साथ मुद्रा स्वैप करार किया। उक्त करार के अंतर्गत,एमएमए, भारतीय रिज़र्व बैंक से अमेरिकी डॉलर/यूरो स्वैप विंडो के अंतर्गत 400 मिलियन अमेरीकी डॉलर तथा आईएनआर स्वैप विंडो के अंतर्गत 30 बिलियन आईएनआर की वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र है। यह करार 18 जून 2027 तक वैध रहेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 7 अक्तूबर 2024 को नई दिल्ली में सार्क मुद्रा स्वैप ढांचा 2024-27 के अंतर्गत मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) के साथ मुद्रा स्वैप करार किया। उक्त करार के अंतर्गत,एमएमए, भारतीय रिज़र्व बैंक से अमेरिकी डॉलर/यूरो स्वैप विंडो के अंतर्गत 400 मिलियन अमेरीकी डॉलर तथा आईएनआर स्वैप विंडो के अंतर्गत 30 बिलियन आईएनआर की वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र है। यह करार 18 जून 2027 तक वैध रहेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की सहमति से 2024 से 2027 की अवधि के लिए सार्क देशों के लिए मुद्रा स्वैप व्यवस्था पर एक संशोधित ढांचा लागू करने का निर्णय लिया है। इस ढांचे के अंतर्गत, भारतीय रिज़र्व बैंक, सार्क केंद्रीय बैंकों, जो स्वैप सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं, के साथ द्विपक्षीय स्वैप करार करेगा। विदित हो है कि सार्क मुद्रा स्वैप सुविधा 15 नवंबर 2012 को परिचालन में आई थी, जिसका उद्देश्य सार्क देशों की अल्पकालिक विदेशी मुद्रा चलनिधि आवश्यकताओं या भुगतान संतुलन संकटों के लिए दीर्घकालिक व्यवस्था होने तक निधीयन की बैकस्टॉप सुविधा प्रदान करना था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की सहमति से 2024 से 2027 की अवधि के लिए सार्क देशों के लिए मुद्रा स्वैप व्यवस्था पर एक संशोधित ढांचा लागू करने का निर्णय लिया है। इस ढांचे के अंतर्गत, भारतीय रिज़र्व बैंक, सार्क केंद्रीय बैंकों, जो स्वैप सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं, के साथ द्विपक्षीय स्वैप करार करेगा। विदित हो है कि सार्क मुद्रा स्वैप सुविधा 15 नवंबर 2012 को परिचालन में आई थी, जिसका उद्देश्य सार्क देशों की अल्पकालिक विदेशी मुद्रा चलनिधि आवश्यकताओं या भुगतान संतुलन संकटों के लिए दीर्घकालिक व्यवस्था होने तक निधीयन की बैकस्टॉप सुविधा प्रदान करना था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मार्च 2024 के अंत के संदर्भ में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों के प्रबंधन संबंधी 42वीं छमाही रिपोर्ट जारी की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मार्च 2024 के अंत के संदर्भ में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों के प्रबंधन संबंधी 42वीं छमाही रिपोर्ट जारी की है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अक्तूबर 30, 2024