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भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

2.1. बैंक द्वारा अपनी दैनिक आवश्यकताओं से अधिक नकदी रखने से उसे कुछ लाभ नहीं होता । सोने में निवेश से बहुत सी समस्याएँ होती हैं जैसे उसकी शुद्धता, मूल्यांकन, सुरक्षित अभिरक्षा इत्यादि । सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के निम्नलिखित लाभ हैं :-कूपन (ब्याज) के रूप में प्रतिफल मिलने के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों में अधिकतम सुरक्षा मिलती है क्योंकि उनमें ब्याज के भुगतान और मूल की चुकौती की सॉवेरन की प्रतिबद्धता होती है ।वे पुस्तक में प्रविष्टि के रूप में धारित की जा सकती हैं अर्थात डीमेट/क्रिप के रूप में, अत: उसके लिए सुरक्षित अभिरक्षा की आवश्यकता नहीं होती ।सरकारी प्रतिभूतियाँ 91 दिन से लेकर 30 वर्ष की लम्बी अवधि के लिए, जो भी बैंक की देयताओं के अनुरूप हों, उपलब्ध रहती हैं ।नकदी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए द्वितीयक बाजार में इन्हें आसानी से बेचा जा सकता है ।सरकारी प्रतिभूतियों का उपयोग रिपो बाजार से निधि उधार लेने के लिए संपाश्दिवक के रुप में प्रयोग में लाई जा सकती हैं ।सरकारी प्रतिभूतियों में ब्यापार के लिए समायोजन प्रणाली, जो सुपुर्दगी बनाम भुगतान (अ्vझ्) पर आधारित है, जो समायोजन की बहुत आसान, सुरक्षित और सक्षम प्रणाली है । अ्vझ् तंत्र विक्रेता द्वारा प्रतिभूतियों के अंतरण के साथ-साथ क्रेता से निधि का अंतरण सुनिश्चित करके समायोजन जोखिम कम करता है ।सरकारी प्रतिभूति मूल्य तरल और सक्रिय द्वितीयक बाजार के कारण आसानी से उपलब्ध होते हैं तथा एक पारदर्शी प्रसारतंत्र है ।बैंकों के अतिरिक्त, बीमा कंपनियों और अन्य बड़े निवेशकों, छोटे निवेशकों जैसे सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, भविष्य निधि से भी अपेक्षा की जाती है कि वे नीचे निर्दिष्ट किए अनुसार सरकारी प्रतिभूतियाँ धारण करें :-(क) प्राथमिक (शहरी सहकारी बैंक)2.2. बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 (जैसा कि वह सहकारी समितियों पर लागू है) में प्रावधान है कि प्रत्येक प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक किसी भी दिन की समाप्ति पर, अपनी मांग और मीयादी देयताओं के 25% से अनधिक तरल आस्तियों का अनुरक्षण करेगा (न्यूनतम नकदी प्रारक्षित अपेक्षाओं के अतिरिक्त) । ये तरल आस्तियाँ नकदी, सोने अथवा भाररहित सरकारी और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों के रूप में होनी चाहिए । इन्हें सामान्यतया सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) अपेक्षा कहा जाता है ।2.3. सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी एसएलआर धारिताओं का कुछ न्यूनतम स्तर सरकारी और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में निम्नानुसार निवेश करें :-(क) अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को अपनी एसएलआर अपेक्षा का 25 प्रतिशत सरकारी और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में धारण करना चाहिए ।(ख) गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को, जिनकी मांग और मीयादी देयताएँ 25 करोड रु. से अधिक हैं, अपनी एसएलआर अपेक्षाओं का 15% सरकारी और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में धारण करना चाहिए ।(ग) गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को, जिनकी मांग और मीयादी देयताएँ 25 करोड़ रु. से कम हैं, अपनी एसएलआर अपेक्षाओं का 10% सरकारी और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में धारण करना चाहिए ।(ख) ग्रामीण सहकारी बैंक2.4. बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 के अनुसार राज्य सहकारी बैंकों और जिला केद्रीय सहकारी बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे एसएलआर अपेक्षा के भाग के रूप में नकदी, सोने अथवा भाररहित प्रतिभूतियों में धारित करें जिनका मूल्य वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक न हो, अपनी मांग और मीयादी देयताओं के 25% से कम न हो । डीसीसीबी को अनुमति है कि वे अपने संबंधित शहरी सहकारी बैंक में एसएलआर की अपेक्षा को पूरा करने के लिए नकदी शेष का अनुरक्षण कर सकता है ।(ग) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक2.5. अप्रैल 2002 से सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी सारी एसएलआर का अनुरक्षण सरकारी और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में करें । वर्तमान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए एसएलआर अपेक्षा उनकी मांग और मीयादी देयताओं का 25% है ।2.6 वर्तमान में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपनी एसएलआर प्रतिभूतियों के संबंध में उनके दैनिक बाजार मूल्य से छूट प्रदान की गई है । तदनुसार, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को "परिपक्वता तक धारित" के अंतर्गत अपने पूरे निवेश संविभाग को वर्गीकृत करने तथा उन्हें उनके बही मूल्य पर मूल्यांकित करने की छूट दे दी गई है ।(घ) भविष्य निधि और अन्य संस्थाएँ2.7. केद्र सरकार की अपेक्षा के अनुसार गैर सरकारी भविष्य निधियों, पेंशन तथा उपदान निधियों को 24 जनवरी 2005 से अपनी क्रमिक आय का 40% केद्र और राज्य सरकार की प्रतिभूतियों तथा/अथवा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बौर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित गिल्ट निधि की यूनिटों तथा केद्र/राज्य सरकारों द्वारा पूर्णतया तथा बिना किसी शर्त के अन्य परक्राम्य लिखत में निवेश करना अपेक्षित है । तथापि, किसी एक गिल्ट निधि में न्यास का जोखिम किसी भी समय उसके कुल संविभाग के पाँच प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए । गैर सरकारी भविष्य निधियों के लिए निवेश दिशानिर्देशों में हाल ही में सुधार किया गया है जिसके अनुसार अप्रैल 2009 से निवेशयोग्य निधि के 55% तक निवेश केद्र सरकार की प्रतिभूतियों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों तथा गिल्ट निधि की यूनिटों में निवेश करने की अनुमति है ।

दिनांक 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाए गए कारोबारी प्रतिबंध

पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बैंक खाते

नहीं। 15 मार्च 2024 के बाद आप पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अपने खाते में धनराशि जमा नहीं कर पाएंगे। ब्याज, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप-इन या रिफंड के अलावा किसी भी क्रेडिट या जमाराशि को जमा करने की अनुमति नहीं।

समझौता निपटान और तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालने (राइट-ऑफ) के लिए रूपरेखा

ए. इरादतन कर्ज़ न चुकाने और धोखाधड़ी के मामलों में समझौता निपटान

नहीं। क्रमशः, धोखाधड़ी पर दिनांक 1 जुलाई 2016 को जारी मास्टर दिशानिर्देश और दिनांक 1 जुलाई 2015 के इरादतन चूककर्ताओं पर जारी मास्टर परिपत्र के अनुसार, वर्तमान में धोखाधड़ी अथवा इरादतन चूककर्ताओं के रूप में वर्गीकृत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे और उक्त दिशानिर्देश उन सभी मामलों पर लागू होंगे जहां बैंक ऐसे उधारकर्ताओं के साथ समझौता निपटान करते हैं।

ऐसे दंडात्मक प्रावधानों में अन्य बातों के साथ-साथ यह भी शामिल है कि इरादतन चूककर्ता के रूप में सूचीबद्ध उधारकर्ताओं को किसी भी बैंक/वित्तीय संस्था द्वारा कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए और ऐसी कंपनियों (उनके उद्यमियों/प्रमोटरों सहित) को इरादतन चूककर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए नए उद्यम स्थापित करने के लिए संस्थागत वित्त से वंचित कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत उधारकर्ताओं को धोखाधड़ी की गई राशि के पूर्ण भुगतान की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए बैंक वित्त प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाना चाहिए।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं

उत्तर: प्रश्न 1 में उल्लिखित मानदंड का अनुपालन करने वाली इकाईयों को अनिवार्य रूप से प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई तक इकाई के लेखापरीक्षित/अलेखा-परीक्षित खातों के आधार पर फेमा 1999 के तहत एफ़एलए रिटर्न जमा करना आवश्यक है।

देशी जमा

I . देशी जमा

बैंक बचत बैंक खातों पर तिमाही या उससे लंबी अवधि के अंतराल पर ब्याज दे सकते हैं।

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण

सर्वेक्षण लॉन्च का विवरण

उत्तर: आरबीआई हर साल जून के महीने में एफसीएस सर्वेक्षण शुरू करता है और अंतिम दो वित्तीय वर्ष में मार्च-अंत संदर्भ तिथि के रूप में होते हैं।

विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))

रुपया आहरण व्यवस्था(आरडीए)

ये ऐसी कंपनियां तथा वित्तीय संस्थाएं हैं जिन्हें विप्रेषकों से निधियों की सोर्सिंग के लिए प्रेषक देश के सक्षम प्राधिकरण द्वारा लाइसेन्सिकृत तथा विनियमित किया जाता है।

रिटेल डायरेक्ट योजना

योजना संबन्धित प्रश्न

आरडीजी खाता खोलने से व्यक्ति प्राथमिक बाज़ार (नीलामी) के साथ ही साथ द्वितीयक बाज़ार में भी सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदा/बेचा जा सकता है। रिटेल निवेशक के लिए, सरकारी प्रतिभूति दीर्घावधि निवेश के लिए एक विकल्प है। रिटेल निवेशकों के लाभ निम्न है:

i. जी-सेक जोखिम मुक्त है: घरेलू बाजार के संदर्भ में जी-सेक जोखिम मुक्त है और कोई क्रेडिट जोखिम नहीं है।

ii. जी-सेक लंबी अवधि के लिए उचित प्रतिफल देता है। जी-सेक प्रतिफल वक्र 40 साल तक के लिए है। सरकार द्वारा यील्ड वक्र पर विभिन्न बिंदुओं पर प्रतिभूतियां जारी करने के साथ, जी-सेक उन बचतकर्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प प्रदान करता है जिन्हें लंबी अवधि के लिए कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों की आवश्यकता होती है।

iii. जी-सेक पूंजीगत लाभ की संभावना प्रदान करता है: चूंकि बांड मूल्य और ब्याज दर के बीच एक विपरीत संबंध है, इसलिए ब्याज दरों में नरमी आने पर पूंजीगत लाभ की संभावना है। हालांकि बाज़ार जोखिम के लिए सतर्क होना चाहिए जो ब्याज दर के विपरीत होने पर हानि में बदल सकता है।

iv. जी-सेक में उचित तरलता होती है: जी-सेक में उचित तरलता होती है और एनडीएस-ओम पर लेनदेन किया जा सकता है। रिटेल डायरेक्ट पोर्टल की शुरुआत के साथ, खुदरा निवेशक अब प्राथमिक और माध्यमिक बाजार में आसानी से भाग ले सकते हैं।

v. जी-सेक पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद: सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश पोर्टफोलियो विविधीकरण में मदद करेगा और फलस्वरूप खुदरा निवेशकों के लिए जोखिम को कम करेगा।

vi. रिटेल डायरेक्ट योजना के अंतर्गत शून्य प्रभार: रिटेल डायरेक्ट खाता पूरी तरह से नि: शुल्क है और इसमें कोई मध्यस्थ शामिल नहीं है। यह व्यक्तिगत निवेशकों के लिए उन शुल्कों के संदर्भ में समग्र लेनदेन शुल्क को कम करेगा जो उन्हें अन्यथा एग्रीगेटर के माध्यम से निवेश करने या म्यूचुअल फंड के माध्यम से अप्रत्यक्ष एक्सपोजर लेने के लिए भुगतान करने की आवश्यकता होती है।

लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)

उत्तर: टीएलटीआरओ योजना के तहत, बैंकों को टीएलटीआरओ के तहत उधार ली गई राशि का निवेश प्राथमिक / द्वितीयक बाजार से प्रतिभूतियों (अर्थात, 26 मार्च 2020 तक निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में उनके लंबित विवरण से अधिक और अतिरिक्त) के नए अधिग्रहण में करना होगा। यद्यपि, टीएलटीआरओ योजना में भागीदारी से बैंक के मौजूदा निवेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और बैंक वर्तमान नियामकों / आंतरिक दिशा-निर्देशों के संदर्भ में अपने एएफएस / एचएफटी पोर्टफोलियो का संचालन जारी रख सकते हैं।

आवास ऋण

बैंक द्वारा आपके आवास ऋण की पात्रता तय करते समय आपकी भुगतान क्षमता का आकलन किया जाएगा। चुकौती क्षमता आपकी मासिक प्रयोज्य (डिस्पोजेबल) / अधिशेष आय पर आधारित है, (जो बदले में कुल मासिक आय / अधिशेष घटा मासिक व्यय जैसे कारकों पर आधारित है) और अन्य कारक जैसे पति या पत्नी की आय, संपत्ति, देनदारियां, आय की स्थिरता इत्यादि। बैंक की मुख्य चिंता यह सुनिश्चित करना है कि आप आराम से समय पर ऋण का भुगतान करें और अंतिम उपयोग सुनिश्चित करें। मासिक प्रयोज्य आय जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक राशि आप ऋण के लिए पात्र होंगे। आमतौर पर एक बैंक यह मानता है कि आपकी मासिक प्रयोज्य/अतिरिक्त आय का लगभग 55-60% ऋण चुकाने के लिए उपलब्ध है। हालांकि, कुछ बैंक किसी व्यक्ति की सकल आय के आधार पर ईएमआई भुगतान के लिए उपलब्ध आय की गणना करते हैं, न कि उसकी प्रयोज्य आय पर।

ऋण की राशि ऋण की अवधि और ब्याज की दर पर भी निर्भर करती है क्योंकि ये चर (प्रभावित करने वाली वस्तुएँ)आपके मासिक व्यय/बहिर्प्रवाह को निर्धारित करते हैं जो बदले में आपकी प्रयोज्य आय पर निर्भर करता है। बैंक आम तौर पर आवास ऋण आवेदकों के लिए ऊपरी आयु सीमा तय करते हैं।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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