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फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग

उत्तर: इस संबंध में रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘निदेश- फेमा 1999 के तहत उल्लंघनों का शमन’ का संदर्भ लिया जा सकता है।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को हमारे दिनांक 4 मई 2009 के परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.102/06.04.01/2008-09 के द्वारा सूचित किया गया है कि वे अपने बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित एक गैर-विवेकाधीन एकमुश्त निपटान योजना की व्यवस्था करें। बैंकों को यह भी सूचित किया गया है कि वे अपनी ओटीएस नीतियों का पर्याप्त रूप से प्रचार करें।

उत्‍तर: ई₹ की ऑफ़लाइन सुविधा उपयोगकर्ता को सीमित या बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले स्थानों पर लेनदेन करने में सक्षम बनाती है। इससे भौतिक नकदी के लाभों को प्रतिबिंबित करने की अपेक्षा है, जिससे यह दूरस्थ क्षेत्रों में उपयोग के लिए एक विश्वसनीय समाधान बन सकता है। वर्तमान में, विभिन्न समाधानों का अन्वेषण किया जा रहा है। एक समाधान इंटरनेट के बिना लेनदेन की सुविधा देता है परंतु इसमे दूरसंचार कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है, जबकि दूसरा समाधान एनएफसी संचार का लाभ उठाते हुए लेनदेन का परीक्षण कर रहा है।

हाँ, शिकायतकर्ता के अधिकृत प्रतिनिधि (अधिवक्ता के अतिरिक्त) के माध्यम से शिकायत दर्ज की जा सकती है। ऐसी शिकायतें योजना में निर्धारित प्रपत्र में अधिकार-पत्र के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए {जिसमें प्रतिनिधि का विवरण अर्थात् नाम, पता, मोबाइल नंबर (सूचना प्राप्त करने के लिए अनिवार्य) और ई-मेल हो}।

उत्तर: संदर्भ अवधि की शुरुआत में विदेश में रखे गए कुल राशि का मतलब वह बकाया राशि होगा जो संदर्भ अवधि की शुरुआत अर्थात अप्रैल 2024 - मार्च 2025 (अप्रैल 01, 2024 को संदर्भित) की शुरुआत में विदेश से (किए गए निर्यात के लिए) प्राप्त की जानी है। यह प्राप्य खातों (निर्यात के लिए) का प्रारंभिक शेष है।

उत्तर: बैंकों / डबल्यूएलए ऑपरेटरों को एटीएम परिसर में संबंधित अधिकारी (अधिकारियों) के नाम और संपर्क नंबर / टोल फ्री नंबर / हेल्प डेस्क नंबर प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।

उत्तर. वी-सीआईपी चेहरे की पहचान और ग्राहक की उचित तत्परता के साथ ग्राहक पहचान की एक वैकल्पिक विधि है जो आरई को एक अधिकृत आरई अधिकारी और ग्राहक के बीच डिजिटल, सुरक्षित, लाइव, सूचित और सहमति-आधारित और लाइव ऑडियो-विजुअल बातचीत के माध्यम से ग्राहक की पहचान की जानकारी प्राप्त और सत्यापित करने की अनुमति देती है ताकि सीडीडी उद्देश्य के लिए आवश्यक पहचान जानकारी प्राप्त की जा सके। वी-सीआईपी से आरई की शाखा में प्रत्यक्ष जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है लेकिन इसे आमने-सामने की सीआईपी के समान ही माना जाता है। सहयोगी वी-सीआईपी की भी अनुमति है, जब बैंक ग्राहक के स्तर पर ही प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कारोबार प्रतिनिधि (बीसी) की मदद लेते हैं।

उत्तर: नहीं।

उत्तर : जी नहीं।

परीक्षण चरण की अवधि संबंधित पीआर के सैंडबॉक्स रूपरेखा के अनुसार होगी।

उत्तर. हां, एक 'पूर्ण-केवाईसी' पीपीआई से प्रति धारक ₹10,000/- प्रति माह की सीमा के भीतर निधि अंतरण की अनुमति है। तथापि, पीपीआई धारक द्वारा लाभार्थी के 'पूर्व-पंजीकृत' होने पर प्रति लाभार्थी ₹2,00,000/- प्रति माह तक की बढ़ी हुई सीमा का लाभ उठाया जा सकता है। तथापि, पीपीआई जारीकर्ता पीपीआई धारक के जोखिम प्रोफाइल, अन्य परिचालनगत जोखिमों आदि को ध्यान में रखते हुए एक न्यूनतम सीमा निर्धारित कर सकता है।

बैंकों को बीएसबीडीए खोलते समय ऐसे ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड, एटीएम पिन और उससे जुड़े जोखिम के बारे में जानकारी देनी चाहिए। तथापि, यदि ग्राहक एटीएम डेबिट कार्ड न रखना

चाहता हो तो बैंकों को ऐसे ग्राहकों को जबरन एटीएम डेबिट कार्ड देने की आवश्‍यकता नहीं है। तथापि, यदि ग्राहक एटीएम डेबिट कार्ड रखना चाहता हो तो बैंक अपने अन्‍य ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड और पिन सौंपने के लिए अपनाई जा रही पद्धति अपनाते हुए सुरक्षित सुपुर्दगी चैनलों के माध्‍यम से बीएसबीडीए ग्राहकों को वह उपलब्‍ध कराए।

Ans : The advantages of ECS Debit to customers are many and include,

  • ECS Debit mandates will take care of automatic debit to customer accounts on the due dates without customers having to visit bank branches / collection centres of utility service providers etc.

  • Customers need not keep track of due date for payments.

  • The debits to customer accounts would be monitored by the ECS Users, and the customers alerted accordingly.

  • Cost effective.

A person coming into India from abroad can bring with him foreign exchange without any limit provided if foreign currency notes, or travellers cheques exceed US$ 10,000/- or its equivalent and/or the value of foreign currency exceeds US$ 5,000/- or its equivalent, it should be declared to the Customs Authorities at the Airport in the Currency Declaration Form (CDF), on arrival in India.
सभी ओआरसीपी वैल्‍यू को दिन में कभी भी संशोधित किया जा सकता हे, बशर्तें कि संबंधित संशोधन भावी आधार पर ही होंगे अर्थात् वे संशोधन एनडीएस-ओएम वेब पर पहले ही संपन्‍न सौदे को प्रभावित नहीं करेंगे। किसी प्राधिकृत जीएएच द्वारा दिया गया कोई भी आर्डर एनडीएम-ओएम में रूट करने से पहले प्रत्‍येक जीएएच को दी गई निधीयन/व्‍यापार सीमा के परिप्रेक्ष्‍य में वैलिडेट किया जाएगा। ऐसा कोई भी आदेश जो संबधित जीएएच तथा/या अलग-अलग जीएएच प्रयोक्‍ता के लिए निर्धारित वैल्‍यू का उल्‍लंघन करता है, वह एनडीएस-ओएम वेब द्वारा अस्‍वीकार कर दिया जाएगा। जो आदेश अपने पीएम द्वारा डीएएच के लिए निर्धारित ओआरसीपी वैल्‍यूऐशन पूरा करते हैं, वे एनडीएस-ओएम सिस्‍टम में शामिल कर लिए जाएंगे और उनका सौदा उसी प्रकार से किया जाएगा जैसा कि संबंधित नियमों, प्रथाओं तथा प्रक्रियाओं का पालन कर रहे अन्‍य आदेशों का किया जाता है। चूंकि जीएएच, पीएम के ही घटक हैं, इसलिए सौदे बिना किसी बाधा के वर्तमान बुनियादी सुविधाओं के तहत ही किए जा सकते हैं।

1 धारा–3 विदेशी मुद्रा में लेनदेन, आदि - इस अधिनियम, इसके तहत बनाए गए नियमों या विनियमों में अन्यथा रूप में दी गई अनुमति को छोड़कर, अथवा रिजर्व बैंक की सामान्य या विशेष अनुमति के बिना, कोई भी व्यक्ति- (ए) जो प्राधिकृत व्यक्ति नहीं है, उसके साथ विदेशी मुद्रा/ विदेशी प्रतिभूति संबंधी किसी प्रकार का लेनदेन अथवा अंतरण नहीं करेगा।
उत्तर. हां, यदि सिस्टम प्रदाता अधिनियम या विनियमों के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, उसके आदेशों/निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है या उन नियमों और शर्तों का उल्लंघन करता है जिसके तहत उसे प्राधिकरण दिया गया था, तो रिज़र्व बैंक को उसके द्वारा दिए गए प्राधिकरण को रद्द करने का अधिकार है। (पीएसएस अधिनियम 2007 की धारा 8)।
उ. बैंकिंग प्रणाली को ईसीएस डेबिट से बहुत से लाभ हैं जैसे:• कागजी प्रक्रियाओं से मुक्ति और ईसीएस डेबिट का विकल्प नहीं देने वाले ग्राहको को समाशोधन में प्रस्तुत कागजी लिखतों प्राप्त/ निगरानी करने एवं संचलन में देरी,-(गंतव्य बैंक शाखाओं के खाताधारक) के कारण नुकसान.• गंतव्य बैंक शाखाओं के लिए प्रसंस्करण और वापिसी कार्य में आसानी. गंतव्य बैंक शाखाओं को ग्राहकों से संबंधित मैंडेट की जांच करना है. उन्हें खाता विवरण जैसे नाम. खाता सं. आदि का मिलान करके ग्राहकों के खातों को डेबिट करना है. जहाँ पर विवरण मेल नही खाता, लिखत को वापस कर दिया जाए.• प्रायोजक बैंकों के लिए समाधान प्रक्रिया आसान.• लागत कम है.
A person coming into India from abroad can bring in with him Indian currency notes within the limits given below: a. upto Rs. 5,000 from any country other than Nepal or Bhutan, and b. any amount in denomination not exceeding Rs.100 from Nepal or Bhutan.

उत्तर: यदि एनईएफटी लेनदेन को बैच निपटान के दो घंटे के भीतर जमा या वापस नहीं किया जाता है, तो बैंक, इस संबंध में ग्राहक द्वारा दर्ज किए जाने वाले विशिष्ट दावे की प्रतीक्षा किए बिना वर्तमान आरबीआई एलएएफ रेपो रेट प्लस दो प्रतिशत देरी की अवधि के लिए / क्रेडिट या रिफंड की तारीख तक, जैसा भी मामला हो, तो बैंक प्रभावित ग्राहक को दंडात्मक ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है|

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II केवाईसी/ एएमएल/ सीएफटी अपेक्षाओं के अधीन निजी/ कारोबारी दौरे पर विदेश जाने वाले निवासियों को फॉरेक्स प्री-पेड कार्ड जारी कर सकते हैं। तथापि, फॉरेक्स प्री-पेड कार्डों का निपटान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के माध्यम से ही किया जाएगा ।
In the illustration of Question 14 above, where the auction was yield based, the cut off rate that emerged in the auction was 9.40 per cent; while the weighted average cut off rate was 9.36 per cent. At the weighted average rate of 9.36 per cent the price of the security works out to Rs.100.27. Therefore, under the Scheme, the investor will get the security at Rs.100.27. Hence, price payable for every Rs.100 (face value) is Rs. 100.27. Therefore, for securities worth Rs.10,000, he will have to pay (Price x Face value/100) = 100.27 x 10,000/100=Rs.10,270/-
The appellate authority may:dismiss the appeal; orallow the appeal and set aside the Award; orsend the matter to the Banking Ombudsman for fresh disposal in accordance with such directions as the appellate authority may consider necessary or proper; ormodify the Award and pass such directions as may be necessary to give effect to the modified award; orpass any other order as it may deem fit.
पुनर्निवेश जमाराशियां वे जमाराशियां हैं जहां ब्याज (जब कभी देय हो) का परिपक्वता अवधि तक उसी संविदागत दर से पुनर्निवेश किया जाता है जिसका परिपक्वता तारीख को मूल राशि के साथ आहरण किया जा सकता है। यह देशी जमाराशियों के लिए भी लागू है ?
  • आरबीआई की वर्तमान दिशानिर्देश के अनुसार, बैंक इन प्रतिभूतियों के सापेक्ष ऋणों पर ब्याज दर स्वयं निर्धारित कर सकता है, बशर्ते ऐसी ब्याज दर आधार दर पर या उससे ऊपर हो।

  • अन्य जी-सेक की तरह, आईआईबी पर कूपन छमाही आधार पर भुगतान किए जाएंगे।
  • नियत कूपन दर, समायोजित मूलधन पर भुगतान किए जाएंगे।

उत्तर: खाते में केवल कार्यालय के व्यय हेतु सामान्य बेंकिंग चैनल के माध्यम से मुख्यालय से प्राप्त निधि और/ अथवा संविदा के अंतर्गत प्राप्य रुपया राशि, यदि कोई हो, जमा की जाएगी और अन्य कोई भी राशि रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना जमा नहीं की जानी चाहिए। उसी प्रकार इस खाते में कार्यालय के स्थानीय व्यय का वहन करने तथा परियोजना के समापन/ पूर्ति लंबित होने तक सविरामी विप्रेषणों को इस खाते में डेबिट किया जाए।

सविरामी विप्रेषणों के लिए एडी बैंक को लेनदेन की वास्तविकता से संतुष्ट होना चाहिए और निम्नलिखित दस्तावेजों की प्रस्तुति को सुनिश्चित करना चाहिए:

ए) लेखा-परीक्षक/ सनदी लेखाकार द्वारा इस आशय का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाए कि आयकर, आदि सहित भारत में शेष देयताओं के लिए पर्याप्त प्रावधान कर लिया गया है।

बी) पीओ से इस आशय का वचनपत्र कि इस विप्रेषण से भारत में परियोजना पूरी होने में कोई असर नहीं पड़ेगा एवं भारत में किसी भी तरह की देयता हेतु निधि कम पड़ने पर विदेश से आवक विप्रेषण मंगा कर इसे पूरा किया जाएगा।

उत्तर. यूनीक ट्रांजैक्शन रेफरेंस (यूटीआर) संख्या एक 22-कैरेक्टर कोड है जिसका उपयोग आरटीजीएस सिस्टम में लेनदेन की विशिष्ट पहचान के लिए किया जाता है।
जी हां, सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 और सरकारी प्रतिभूति विनियमन, 2007 के प्रावधानों के अनुसार नामांकन सुविधा उपलब्ध है। आवेदन पत्र के साथ नामांकन फार्म भी उपलब्ध है। नामांकन को रद्द/ परिवर्तित करने के मामले में अधिकृत बैंक के समक्ष अलग रूप का फॉर्म भरते हुए प्रस्तुत किया जाना है।

उत्तर

बैंकों द्वारा बीएसबीडीए खोलते समय ऐसे ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड, एटीएम पिन और इससे जुड़ी जोखिमों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। तथापि, यदि ग्राहक एटीएम डेबिट कार्ड नहीं रखना चाहता है तो बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर एटीएम डेबिट कार्ड थोपने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यदि ग्राहक एटीएम डेबिट कार्ड का विकल्प चुनते हैं, तो बैंकों द्वारा बीएसबीडीए धारकों को सुरक्षित वितरण चैनलों के माध्यम से उसी प्रक्रिया को अपनाते हुए प्रदान किया जाना चाहिए, जिसे वे अपने अन्य ग्राहकों को एटीएम डेबिट कार्ड और पिन की डिलीवरी के लिए अपनाते रहे हैं।

Yes, a company can make investment beyond the stipulated limit after exhausting the available limit by obtaining a specific permission from Reserve Bank under a block allocation

1 Semi-closed System PPIs: These PPIs are issued by banks (approved by RBI) and non-banks (authorized by RBI) for purchase of goods and services, including financial services, remittance facilities, etc., at a group of clearly identified merchant locations / establishments which have a specific contract with the issuer (or contract through a payment aggregator / payment gateway) to accept the PPIs as payment instruments. These instruments do not permit cash withdrawal, irrespective of whether they are issued by banks or non-banks.

एक विशिष्ट कार्यशील पूंजी ऋणदाता के लिए, जहां एक्सपोजर मीयादी ऋण के अलावा अन्य सुविधाओं के रूप में है, वहां समाधान योजना के कार्यान्वयन के बाद एक वर्ष के लिए कार्यशील पूंजी सुविधा के संतोषजनक प्रदर्शन2 के बाद प्रावधानों को वापस लिया जा सकता है।

कार्यशील पूंजी सीमा (कार्यशील पूंजी ऋण) के बकाया 'उधार घटक' के संबंध में, समाधान ढांचा 1.0 के पैराग्राफ 453 लागू होंगे, जो, निर्धारित शर्तों के अधीन, प्रत्येक चरण में अवशिष्ट/धारित ऋण के निर्धारित अनुपात के पुनर्भुगतान पर प्रावधानों के दो चरण के रिवर्सल के लिए प्रदान करता है।

नहीं । नामि‍ति (यों) को सभी अधि‍कार बने रहेंगे और ऐसी सरकारी प्रति‍भूति के बदले मे जारी प्रत्येक नई प्रति‍भूति जारी करते समय वह नामि‍ति बना रहेगा ।

उत्तर: दिनांक 30 जून 2014 के ए. पी. (डीआईआर) परिपत्र सं. 151 के अनुसार अनिवासियों को विप्रेषण की अनुमति देते समय स्रोत पर कर कटौती के संबंध में जिस क्रियाविधि का पालन करना है उस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक फेमा के अंतर्गत कोई अनुदेश जारी नहीं करेगा। एडी बैंकों के लिए कर संबंधी यथालागू क़ानूनों की अपेक्षाओं का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।

उत्तर: अधिक जानकारी आरबीआई द्वारा जारी निम्नलिखित परिपत्रों - DPSS.CO.PD No.1463/02.14.003/2018-19 दि. जनवरी 8, 2019, CO.DPSS.POLC.No.S-469/02-14-003/2021-22 दि. अगस्त 25, 2021 तथा CO.DPSS.POLC.No.S-516/02-14-003/2021-22 दि. सितंबर 07, 2021 में पाई जा सकती है।

At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.

निर्गमों की तारीख से दो दिन पहले संबंधित श्रृंखला की स्‍वर्ण दर रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्‍ध करायी जाएगी।

हां, बैंक एमएसई उद्यमियों को निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करते हैं:

(i) ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई)

ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) की पहल पर, पूरे देश में विभिन्न बैंकों द्वारा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) स्थापित किए गए हैं। इन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों का प्रबंधन बैंकों द्वारा भारत सरकार और राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से किया जाता है। निरंतर बदलते वैश्विक बाजार में मौजूदा उद्यमियों को प्रतिस्पर्धी होने में मदद करने के लिए आरएसईटीआई विभिन्न छोटी अवधि (अधिमानतः 1 से 6 सप्ताह तक) के कौशल उन्नयन कार्यक्रम आयोजित करते हैं। आरएसईटीआई यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके द्वारा प्रशिक्षित उम्मीदवारों की एक सूची क्षेत्र की सभी बैंक शाखाओं को भेजी जाए और सरकार द्वारा प्रायोजित किसी भी योजना या प्रत्यक्ष ऋण के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु उनके साथ समन्वय किया जाए।

(ii) वित्तीय साक्षरता और परामर्श सहायता:

बैंकों को सूचित किया गया है कि वे या तो अपनी शाखाओं में अलग से विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करें, या उनके तुलनात्मक लाभ के अनुसार उनके द्वारा स्थापित वित्तीय साक्षरता केंद्रों (एफएलसी) में इस कार्य को सीधे तौर पर एकीकृत करें। इन एफएलसी के माध्यम से, बैंक एमएसई उद्यमियों को वित्तीय साक्षरता, परिचालन कौशल, जिसमें लेखांकन और वित्त, व्यवसाय योजना आदि शामिल हैं, के संबंध में सहायता प्रदान करते हैं (दिनांक 1 अगस्त 2012 परिपत्र ग्राआऋवि.एमएसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.20/06.02.31/2012-13 को देखें)।

साथ ही, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) द्वारा संचालित वित्तीय साक्षरता केंद्रों को दिनांक 02 मार्च 2017 के हमारे परिपत्र विसविवि.एफएलसी.बीसी.सं.22/12.01.018/2016-17 द्वारा लक्ष्य विशिष्ट वित्तीय साक्षरता शिविर, जिसमें पहचाने गए लक्षित समूहों में से एक एमएसई है, आयोजित करने हेतु सूचित किया गया है।

उत्‍तर: प्रोग्रामेबिलिटी विशेषता प्रायोजक इकाई (सरकार / कॉर्पोरेट) या उपयोगकर्ता को यह सुनिश्चित करने की अनुमति देती है कि सीबीडीसी वॉलेट में उपलब्ध राशि का उपयोग किसी विशिष्ट, निर्दिष्ट उद्देश्य के लिए ही किया जाए। इसे समाप्ति तिथि, भौगोलिक स्थान, मर्चेंट श्रेणी कोड, मर्चेंट वीपीए आदि जैसे विभिन्न मापदंडों पर प्रोग्राम किया जा सकता है। वर्तमान में, प्रोग्रामेबिलिटी का उपयोग प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं, ब्याज अनुदान योजना, ऋण, परिभाषित उद्देश्यों के लिए कर्मचारी भत्ते जैसे क्षेत्रों में इसके संभावित उपयोग मामलों की पहचान और अन्वेषण किया जा रहा है।

उत्तर: 'विदेश में रखी गई राशि' वह बकाया राशि है जो कंपनी द्वारा अभी तक आयातकों से प्राप्त की जानी है अर्थात कंपनी द्वारा किए गए निर्यात के लिए भुगतान न की गई राशि। Q-7(v) विदेश में रखी गई राशि में परिवर्तन है जो कि क्लोजिंग बैलेंस माइनस ओपनिंग बैलेंस के बराबर है। सन्दर्भ अवधि 2024-25 के लिए अप्रैल 01, 2024 को प्रारंभिक शेष और मार्च 2025 के अंत में अंतिम शेष।

निवारण की गति कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे मामले की जटिलता, आरई द्वारा दस्तावेजों को समय पर प्रस्तुत करना, ओम्बड्समैन कार्यालयों में शिकायतों की मात्रा आदि।

हालांकि, नई प्रणाली के तहत, सीएमएस शिकायतकर्ता और आरई को तत्काल सूचनाएं भेजता है और दोनों पक्षों के लिए सभी शिकायत संबंधी संचार के लिए एकल बिंदु संदर्भ के रूप में कार्य करता है, जिससे अनुचित देरी को रोका जा सकता है। अन्य सभी बातें समान रहने पर, सभी विवरणों के साथ सीधे सीएमएस पर दर्ज की गई शिकायतों का तेजी से निवारण होता है।

उत्‍तर: असफल एटीएम लेनदेन के मामले में, बैंकों को अधिकतम टी+5 कैलेंडर दिनों (जहां 'टी' लेनदेन का दिन है) के भीतर ग्राहक के खाते को फिर से जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।

उत्तर: नहीं, चेहरे पर विशिष्ट हाव-भाव जैसे पलकें झपकाना, मुस्कुराना, भौंहें चढ़ाना आदि जीवंतता (लाइवनेस) जांच के लिए अनिवार्य नहीं हैं। आरई को जीवंतता जांच के दौरान ग्राहक की विशेष आवश्यकता, यदि कोई हो, का उचित संज्ञान लेना आवश्यक है।

उत्तर: व्यापारिक साझेदार देश के प्रतिनिधि बैंक के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते में होने वाले लेनदेन की रिपोर्टिंग के लिए भारत में स्थित एडी बैंक जिम्मेदार होगा।

उत्तर: जी हाँ। जीएमएस के अंतर्गत बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों के संपार्श्विक पर रुपी ऋण का लाभ लिया जा सकता है।

आईओआरएस के तहत सफल परीक्षण के पश्चात, संस्था अपने उत्पाद को बाज़ार में लॉन्च करने से पहले आवश्यक प्राधिकरण और विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए संबंधित पीआर और एआर से संपर्क कर सकती है। संबंधित विनियामकों के निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होंगे। आईओआरएस से सफलतापूर्वक निकास करने वाले उत्पाद को व्यापक रूप से अपनाने के लिए संबंधित विनियामक द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रकाशित किया जाएगा।

Residents are free to carry the foreign exchange purchased from an authorised dealer or money changer in accordance with the Rules. They are, however, allowed to carry foreign exchange in the form of currency notes/coins upto USD 2,000 or its equivalent only. Balance amount can be carried in the form of traveller’s cheque or banker/s draft. (In this connection please see item No.9).
उत्तर. पीपीआई जारीकर्ता 'पूर्ण-केवाईसी' पीपीआई धारकों को पीपीआई को बंद करने और इस प्रकार के पीपीआई की लागू सीमा के अनुसार शेष राशि को बैंक खाते में अंतरित करने का विकल्प देंगे। इस प्रयोजन के लिए, जारीकर्ता पीपीआई जारी करते समय धारक को पूर्व-निर्दिष्ट बैंक खाते अथवा अन्य पीपीआई का विवरण प्रदान करने का विकल्प प्रदान करेगा, जिसमें पीपीआई में उपलब्ध शेष राशि को पीपीआई के बंद होने, पीपीआई की वैधता अवधि की समाप्ति आदि की स्थिति में अंतरित किया जाएगा। बंद होने के समय, कोई धारक एक बैंक खाता निर्दिष्ट कर सकता है जो पहले दिए गए पूर्व-निर्दिष्ट खाते से अलग है।

Ans : User institutions enjoy many benefits from the ECS Debit Scheme like,

  • Savings on administrative machinery and costs of collecting the cheques from customers, presenting in clearing, monitoring their realisation and reconciliation.

  • Better cash management because of realisation / recovery of dues on due dates promptly and efficiently.

  • Avoids chances of loss / theft of instruments in transit, likelihood of fraudulent access to the paper instruments and encashment thereof.

  • Realisation of payments on a uniform date instead of fragmented receipts spread over many days.

  • Cost effective.

उत्तर: आप आरटीजीएस सहायता केंद्र / आरबीआई के संपर्क बिंदु rtgsmumbai@rbi.org.in पर संपर्क कर सकते हैं।

वेब आधारित सुविधा जीएएच (गिल्‍ड एकाउंट होल्‍डर) द्वारा बिक्री और खरीद करने की सुविधा देने वाला एक प्‍लेटफार्म मात्र है। अपने संबंधित जीएएच द्वारा की गई सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए पीएम(प्राइमरी मेंबर) का उत्‍त्‍रदायित्‍व बना रहेगा और इसमें उनके द्वारा लेन-देन की गई प्रति‍भूतियों और निधियों का दायित्‍व शामिल रहेगा। दूसरे शब्‍दों में, जीएएच के सफल आर्डरों का निपटान उसी प्रकार होता रहेगा जिस प्रकार इस समय हो रहा है। तथापि, पीएम को सिस्‍टम में अपने जोखिम को नियंत्रण में रखने के लिए फंडिंग की सीमा तय करना आवश्‍यक होगा। प्री-फंडिंग के लिए अलग से कोई सीमा तय नहीं की गई है। फंडिंग सीमा इस प्रकार की कार्यप्रणाली है जो जीएएच द्वारा दिए गए आर्डर, उनके बीच आपसी सहमति से हुए समझौते में यथा उल्‍लाखित शर्तों के अनुसार, के संबंध में पीएम को कुल कीमत के रूप में एक सीमा तय करने की सुविधा देती है।
उत्तर. पीड़ित आवेदक या पीड़ित सिस्टम प्रदाता उस तारीख से 30 दिनों के भीतर केंद्र सरकार से अपील कर सकता है, जिस दिन उसे मना करने या रद्द करने का आदेश दिया गया हो (पीएसएस अधिनियम, 2007 की धारा 9)।

उत्‍तर: विप्रेषक द्वारा अपने आवेदन/निर्देश में लिखे/दिए गए खाता संख्‍या को क्रेडिट दिया जाता है। लाभार्थी के खाते में क्रेडिट केवल खाता संख्या के आधार पर जारी किया जाता है। ग्राहक को सही खाता संख्या लिखने की जिम्मेदारी है। प्रवर्तक/प्रेषक को एनईएफटी प्रेषण निर्देश/आवेदन में लाभार्थी का सही खाता संख्या प्रदान करने में उचित सावधानी बरतनी चाहिए।

Residents are free to carry the foreign exchange purchased from an authorised dealer or money changer in accordance with the Rules. They are, however, allowed to carry foreign exchange in the form of currency notes/coins upto USD 2,000 or its equivalent only. Balance amount can be carried in the form of traveller’s cheque or banker/s draft. (In this connection please see item No.9).
उ. हाँ. ईसीएस डेबिट किसी ग्राहक द्वारा जारी किए गए चेक समान है. ग्राहक को गंतव्य बैंक शाखा के अपने खाते में पर्याप्त धन रखना होता है जिससे ईसीएस डेबिट अनुदेशों को प्रस्तुत किये जाने पर उसकी वसूली सुनिश्चित की जा सके. मैंडेट को वापस लेने अथवा बंद करने की आवश्यकता होने पर ग्राहक को ईसीएस उपयोगकर्ता संस्था को समय रहते नोटिस देना होगा जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहक द्वारा वापस/ बंद किये गये मैंडेट के ईसीएस डेबिट संबंधी विवरण को इनपुट फाइल में शामिल नहीं किया गया है. ग्राहक द्वारा मैंडेट को वापस/ बंद की प्रविधि को ईसीएस डेबिट प्रक्रियागत दिशानिदेशों में शामिल किया गया है
हाँ, विदेशी मुद्रा प्री-पेड कार्डों का उपयोग भारत में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्थित शुल्क मुक्त दुकानों पर उसी तरह किया जा सकता है जैसे विदेशी मुद्रा नोटों/यात्री चेकों का ।
Since the bank/PD has to make payment on the date of issue itself , in case payment is made by the client after date of issue of the security, the consideration amount payable by the client to the bank or the PD would include accrued interest. For example, if for security 9.40% GOI 2015, the payment is made three days after the date of issue, the accrued interest component will amount to 9.40/100x3/360x10,000 = Rs.7.83Hence, if the security price is Rs.100.27, the total amount payable by the investor for acquiring securities worth Rs.10,000 after three days will be Rs. 10, 270 + Rs. 7.83 = Rs.10, 277. 83 (if not rounded off) .
बैंक अपने विवेक से अतिदेय एफ सी एन आर (बी) खाता जमाराशियां अथवा उसके एक हिस्से को नवीकृत कर सकते हैं बशर्ते परिपक्वता की तारीख से नवीकरण की तारीख (दोनों दिन सम्मिलित) तक की अतिदेय अवधि 14 दिन से अधिक न हो और इस तरह नवीकृत की गयी जमाराशि पर देय ब्याज दर नवीकरण अवधि के लिए उचित ब्याज दर वह होगी जो परिपक्वता तारीख को अथवा उस तारीख को जब जमाकर्ता नवीकरण चाहता हो प्रचलित हो, दोनों में से जो कम हो। अतिदेय जमाराशियों के मामले में जहां अतिदेय अवधि 14 दिन से अधिक हो वहां जमाराशियों का जब नवीकरण मांगा गया हो उस तारीख को प्रचलित ब्याज दर से नवीकरण किया जा सकता है। यदि जमाकर्ता समग्र अतिदेय जमाराशि अथवा उसका एक हिस्सा नयी एफ सी एन आर (बी) जमाराशि के रूप में रखता है तो बैंक नयी मीयादी जमाराशि के रूप में इस तरह रखी राशि पर अतिदेय अवधि के लिए स्वयं ब्याज निर्धारित कर सकते हैं ? यदि नवीकरण के बाद उक्त योजना के अंतर्गत न्यूनतम निर्दिष्ट अवधि की समाप्ति के पहले उक्त जमाराशि का आहरण किया जाता हे तो बैंक अतिदेय अवधि के लिए इस तरह दिया गया ब्याज वसूल करने के लिए स्वतंत्र हैं ।
Yes, market purchases together with capitalisation of exports or other entitlements is restricted up to 100% of the net worth of the investing company for investment proposed to be made under the automatic route.
Residents are free to carry the foreign exchange purchased from an authorised dealer or money changer in accordance with the Rules. In addition, they can also carry up to US$ 2,000, if already held by them (see item13 above) in accordance with the Regulations.
  • 15 मई 2013 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में निर्दिष्ट के अनुसार, आईआईबी 4 जून 2013 को शुरू हुआ और 2013-14 के दौरान प्रत्येक माह के अंतिम मंगलवार को उक्त जारी किया। इसमे जून 2013 का अंतिम मंगलवार भी शामिल होगा।

उत्तर

हाँ। हमारे दिनांक 11 अक्टूबर 2006 के परिपत्र संख्या आरपीसीडी. सीओ. आरएफ. बीसी. 28/07.40.06/2006-07 और दिनांक 13 अक्टूबर 2006 के परिपत्र संख्या आरपीसीडी. सीओ. आरआरबी. बीसी. सं. 29/03.05.28-ए/2006-07 में निहित निर्देशों के अनुसार बीएसबीडीए धारकों को पासबुक की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जानी चाहिए।

नहीं, बांड बही खाते अंतरणीय नहीं है।
  • बाज़ार उधारी के रूप में जारी सरकारी प्रतिभूतियों को प्रयोज्य वर्तमान कराधान, इन प्रतिभूतियों को लागू होगी।

उत्तर: हाँ।

ऋण देने वाली संस्थाएं समाधान योजना के कार्यान्वयन के समय अवशिष्ट ऋण पर प्रावधान करेगी, जैसा कि संबंधित समाधान ढांचे में निर्धारित किया गया है। इन प्रावधानों को तब तक बनाए रखने की आवश्यकता है, जब तक कि उन्हें संबंधित समाधान ढांचे में निहित शर्तो के अनुसार वापस लिया जाए। पुनर्भुगतान या अतिरिक्त राशि के वितरण के कारण बकाया राशि में हुये परिवर्तन से प्रावधानों मे कोई बदलाव नहीं आएगा।

जी हां, बीएसबीडीए धारकों को दिनांक 16 अक्तूबर 2006 का परिपत्र सं शबैवि.बीपीडी(पीसीबी)सं.15/09. 39.000/2006-07 में निहित अनुदेशों के अनुसार मुफ्त में पासबुक सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।

हां । सरकारी प्रति‍भूति धारक कि‍सी को भी नामि‍त कर सकता है बशर्ते कि‍ वह एक व्यक्ति के या संस्था वि‍शेष के रूप मे हो और वि‍शि‍ष्ट सरकारी ऋण अधि‍सूचना के अनुसार उस ऋण मे नि‍वेश करने के लि‍ए पात्र हो ।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.
बॉण्‍ड की मीयाद पूरी हो जाने पर जितने ग्राम के स्‍वर्ण लिए भारतीय रुपये में आपने निवेश किया था उतनी मात्रा के लिए प्रचलित बाजार भाव पर आपको चुकौती राशि प्राप्‍त होगी। बॉण्ड मूल्य भारतीय रुपये में होगा और वह चुकौती से पहले के तीन कार्य दिवसों के इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले स्वर्ण के साधारण औसत बंद मूल्‍य पर आधारित होगा।

उत्तर: एलएलपी एक निगमित निकाय है और वह अपने साझेदारों से अलग विधिक संस्था है। अतः यदि उक्त एलएलपी उसके लाभ हेतु उच्चतर अध्ययन कर रहें साझेदारों के शिक्षा व्यय का वहन कर रही है तो वह व्यय व्यक्तिगत साझेदारों की एलआरएस सीमा के बाहर होगा और उसे एलएलपी द्वारा किसी सीमा के बिना किए गए अवशिष्ट चालू खाता लेनदेन समझा जाएगा।


ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। इसके आधार पर की गई कार्रवाइयों और / या निर्णयों के लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। स्पष्टीकरण या व्याख्या के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।

उत्‍तर: वर्तमान में, 15 बैंक सीबीडीसी वॉलेट प्रदान कर रहे हैं। ऐप डाउनलोड करने के लिए नाम और लिंक नीचे उल्लिखित हैं।

पायलट बैंक ऐप का नाम एंड्रॉयड आईओएस
भारतीय स्टेट बैंक ई-रूपी बाय एसबीआई एंड्रॉयड आईओएस
आईसीआईसीआई बैंक डिजिटल रूपी बाई आईसीआईसीआई बैंक एंड्रॉयड आईओएस
आईडीएफ़सी फ़र्स्ट बैंक आईडीएफ़सी फ़र्स्ट बैंक डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
येस बैंक येस बैंक डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
एचडीएफ़सी बैंक एचडीएफ़सी बैंक डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल रूपी बाई यूबीआई एंड्रॉयड आईओएस
बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
कोटक महिंद्रा बैंक डिजिटल रूपी बाई कोटक बैंक एंड्रॉयड आईओएस
केनरा बैंक केनरा डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
एक्सिस बैंक एक्सिस मोबाइल डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
इंडसइंड बैंक डिजिटल रूपी बाई इंडसइंड बैंक एंड्रॉयड आईओएस
पंजाब नेशनल बैंक पीएनबी डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
फेडरल बैंक फेडरल बैंक डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
कर्नाटक बैंक कर्नाटक बैंक डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस
इंडियन बैंक इंडियन बैंक डिजिटल रूपी एंड्रॉयड आईओएस

नहीं, आरई के ग्राहक के लिए आरबी-आइओएस, 2021 के तहत शिकायत दर्ज करने या उसका समाधान करने के लिए कोई प्रभार या शुल्क नहीं है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता को आरबीआई ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज करने के लिए किसी तृतीय-पक्ष एजेंसी से संपर्क करने या किसी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। शिकायतकर्ता प्रश्न 16 में उल्लिखित किसी भी तरीके से स्वयं या प्रतिनिधि के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

उत्तर: हां, यह संदर्भ अवधि के दौरान वास्तव में प्राप्त (वसूली) राशि है जिसमें विदेशों में सहायक कंपनियों/सहयोगियों की बिलिंग शामिल है।

उत्तर. हां, कार्ड जारी करने वाले बैंक को विफल एटीएम लेनदेन की तारीख से 5 कैलेंडर दिनों के बाद ग्राहक की राशि को फिर से जमा करने में देरी के लिए 100/- रुपये प्रति दिन का मुआवजा देना होगा। ग्राहक द्वारा किए गए किसी भी दावे के बिना मुआवजा ग्राहक के खाते में जमा किया जाना है।

उत्तर: चूंकि लेन-देन भारतीय रुपये में निपटाए जाएंगे, अतः यह भारतीय निर्यातकों और आयातकों के लिए विनिमय दर जोखिम को कम करेगा।

उत्तर. वी-सीआईपी का उपयोग निम्नलिखित प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है:
(ए) नए व्यक्तिगत ग्राहक को शामिल करने, स्वामित्व फर्म के मामले में स्वामी, वैध इकाई ग्राहकों के मामले में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और लाभकारी स्वामी के मामले में सीडीडी का कार्य करना;
(बी) आधार ओटीपी आधारित ई-केवाईसी अधिप्रमाणन का उपयोग करके अप्रत्यक्ष मोड में खोले गए मौजूदा खाते को परिवर्तित करने के लिए; और
(सी) पात्र ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड के अद्यतन/आवधिक अद्यतन के लिए।

उत्तर: जी हाँ।

आईओआरएस के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को निम्नलिखित लिंक के माध्यम से देखा जा सकता है: - FinTech

उत्तर. बैंक द्वारा जारी पीपीआई के मामले में, एटीएम, पीओएस उपकरणों, बीसी आदि पर नकद आहरण की अनुमति है। तथापि, पीओएस उपकरणों पर नकद निकासी सभी स्थानों पर (टियर 1 से 6 केंद्र) ₹10,000/- की समग्र मासिक सीमा के भीतर प्रति लेनदेन ₹2,000/- की सीमा के अधीन है।
बीएसबीडीए खोलते समय ग्राहक से लिखित रूप में सहमति ली जाए कि उसका मौजूदा गैर बीएसबीडीए बचत बैंक खाता बीएसबीडीए खोलने से 30 दिनों के भीतर बंद किया जाएगा तथा बैंक ऐसे खाते 30 दिनों के बाद बंद करने के लिए स्‍वतंत्र हैं।

Ans : The banking system has many benefits from ECS Debit such as –

  • Freedom from paper handling and the resultant disadvantages of handling, receiving and monitoring paper instruments presented in clearing.

  • Ease of processing and return for the destination bank branches. Destination bank branches can debit the customers’ accounts after matching the account number of the customer in their database and due verification of existence of valid mandate and its particulars. With core banking systems in place and straight-through-processing, this process can be completed with minimal manual intervention.

  • Smooth process of reconciliation for the sponsor banks.

  • Cost effective.
A person resident in India is free to send (export) any gift article of value not exceeding Rs. 1,00,000 provided export of that item is not prohibited under the extant EXIM Policy.
एनडीएस-ओएम वेब मॉड्यूल पर केंद्र सरकार की सभी प्रतिभूतियों, राज्‍य सरकार की प्रतिभूतियों और ट्रेज़री बिलों की ट्रेडिंग की जा सकती है। एनडीएस-ओएम वेब मॉड्यूल पर संपूर्ण सूची उपलब्‍ध है।
उ. हाँ. संबंधित ग्राहक और ईसीएस उपयोगकर्ता इन पहलुओं को तय करता है. मैंडेट में डेबिटकी जाने वाली राशि की सीमा दी जा सकती है, इसमें डेबिट के उद्देश्य तथा वैधता अवधि को निर्दिष्ट कर सकते हैं.
A person coming into India from abroad can bring with him foreign exchange without any limit. However, if the aggregate value of the foreign exchange in the form of currency notes, bank notes or travellers cheques brought in exceeds USD 10,000/- or its equivalent and/or the value of foreign currency exceeds USD 5,000/- or its equivalent, it should be declared to the Customs Authorities at the Airport in the Currency Declaration Form (CDF), on arrival in India.

बैंक ऑफ पापुआ न्यू गिनी द्वारा अपनी वेबसाइट www.bankpng.gov.pg जारी सार्वजनिक सूचना (https://www.bankpng.gov.pg/wp-content/uploads/2014/08/Full-page_-potrait_Paper-Bank-Notes2.pdf) के अनुसार 30 जून 2012 को पापुआ न्यू गिनी के कागजी बैंकनोट वैध मुद्रा नहीं रहे और पापुआ न्यू गिनी में केवल पॉलीमर बैंकनोट ही वैध मुद्रा हैं। इसके अलावा, बैंक ऑफ पापुआ न्यू गिनी ने बैंक नोटों की निम्नलिखित श्रृंखलाओं की जानकारी भी दी है जो उनके द्वारा कभी जारी ही नहीं किए गए थे (और यूरोप में एक रिसाइकलर को बेचे गए थे) और इसलिए पापुआ न्यू गिनी में वे वैध मुद्रा नहीं हैं:

मूल्यवर्ग प्रीफिक्स क्रमांक
निम्न उच्च
K2 ABJ - AJS 000001 003000
K10 AC - AY 030000 031000
NBP- NES 160000 173000
K20 BPNG 0000001 3000000
K50 HTT - HUU 080000 090000
K100 BPNG 0000001 6000000

(बैंक ऑफ पापुआ न्यू गिनी से प्राप्त अनुराध पर प्रकाशित)

The non competitive bidders will pay the weighted average price which will emerge in the auction.For example, on December 5, 2001 RBI held a price based auction of an existing security 10.71% GOI 2016 maturing on 19 April, 2016. The cut off price emerged in the auction was Rs. 121.92. The weighted average price was Rs. 121.99. Thus the non competitive bidders will pay the weighted average price of Rs. 121.99. In addition, they have to pay accrued interest as indicated below.
  • नियत दर परंपरागत बॉन्ड के मामले में, आईआईबी को प्रतिफल आधारित के माध्यम से निर्गम किया जाएगा और उसके बाद पुननिर्गम मूल्य आधारित नीलामी के माध्यम से होगा।

उत्तर. हां, पीएसएस अधिनियम, 2007 की धारा 7 प्राधिकरण प्रदान करते समय प्राधिकरण शुल्क एकत्र करने के लिए रिजर्व बैंक को अधिकार देती है। यह आवेदक को भुगतान प्रणाली के उचित संचालन के लिए सुरक्षा जमा राशि प्रस्तुत करने के लिए भी कह सकता है। प्राधिकरण शुल्क और सुरक्षा जमा की मात्रा रिज़र्व बैंक द्वारा तय की जा सकती है।
नहीं, विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाता योजना के अंतर्गत रुपयों में दिये गये ऋणों पर लागू ब्याज दर संबंधी शर्तें विदेशी मुद्रा में अंकित ऋणों पर लागू नहीं हैं । वे भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा जारी अनुदेशों से नियंत्रित होते हैं ?
Net worth means paid-up capital and free-reserves of the Indian company.

इस संदर्भ में प्रश्नों को ई-मेल में भेजा जा सकता है।

उत्तर

बीएसबीडीए खोलते समय ग्राहकों की लिखित में सहमति प्राप्त की जानी चाहिए कि उनके मौजूदा गैर-बीएसबीडीए बचत बैंक खाते बीएसबीडीए खोलने के 30 दिनों के बाद बंद कर दिए जाएंगे और बैंक 30 दिनों के बाद ऐसे खातों को बंद करने के लिए स्वतंत्र हैं।

  • भारत सरकार की प्रतिभूतियों को लागू वर्तमान कराधान इन प्रतिभूतियों को भी लागू होगी।

  • आयकर अधिनियम 1961 के खंड 193 के उप-खंड (iv) के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य सरकार के किसी भी प्रतिभूति पर किसी भी ब्याज पर कोई कर की कटौती नहीं की जाएगी, बशर्ते कि इस खंड में निहित कुछ भी वित्तीय वर्ष के दौरान 8% बचत (कर योग्य) बांड, 2003 पर देय दस हजार रुपये से अधिक ब्याज पर लागू नहीं होगा।

  • उक्त खंड के अनुसार, आईआईएनएसएस-सी पर भुगतान योग्य किसी ब्याज से भी टीडीएस की कटौती नहीं की जाएगी, जब तक सरकार से अन्यथा संदर्भित न हो।

उत्तर: जहां कहीं बीओ अथवा पीओ को फेमा के अंतर्गत यथालागू दिशानिर्देशों के भीतर भारत के बाहर निधियाँ विप्रेषित करनी हो, वहाँ यह आवश्यक नहीं है कि वे नामित श्रेणी-I बैंक के माध्यम से ही करें बल्कि वे नामित एडी श्रेणी-I बैंक से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की शर्त के अधीन अपनी पसंद के किसी भी एडी श्रेणी-I बैंक के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। विप्रेषण कॅश/ टॉम/ स्पॉट आधार पर निपटाए जाने वाले लेनदेन के लिए ही होंगे। विप्रेषण बैंकिंग चैनल के माध्यम से निम्न दो में से किसी एक पद्धति से होगा:

(1) नामित श्रेणी-I बैंक भारतीय रुपये में समतुल्य राशि को लेनदेन का कार्य करने वाले बैंक को अंतरित करेगा। लेनदेन करने वाला बैंक उक्त राशि बीओ/ पीओ के मूल कार्यालय को स्विफ्ट के माध्यम से प्रेषित करेगा। तथापि लेनदेन करने वाले बैंक को केवाईसी अनुपालन तथा आवश्यक प्रलेखन सुनिश्चित करना होगा। उसे यूआईएन संख्या, लाभार्थी तथा विप्रेषण संबंधी ब्यौरे सहित स्विफ्ट संदेश को नामित एडी श्रेणी-I बैंक के साथ साझा करना होगा।

(2) नामित श्रेणी-I बैंक भारतीय रुपये में समतुल्य राशि को लेनदेन करने वाले बैंक को अंतरित करेगा। लेनदेन करने वाला बैंक नामित श्रेणी-I बैंक के नॉस्ट्रो खाते में जमा करेगा और वह उक्त राशि को अंतिम लाभार्थी को प्रेषित करेगा।

हां । संस्था /न्यास को अपने नामि‍ति के रुप में नामांकन द्वारा सरकारी प्रति‍भूति के भुगतान प्राप्त करने के लिए पात्र बना सकता है बशर्ते कि ऐसी संस्था / न्यास वि‍शेष सरकारी ऋण अधि‍सूचना के अनुसार उस विशिष्ट ऋण मे नि‍वेश करने के लि‍ए पात्र है ।
At the time of making applications, the Promoters/Promoter Group will have to furnish a road map and methodologies they would adopt to comply with all the requirements of the corporate structure indicated in para 2 (C)(ii) and (iii) of the guidelines and realign the business between the entities to be held under the NOFHC [para 2(C)(iv) of the guidelines] within a period of 18 months. After the ‘in-principle approval’ is accorded by RBI for setting up of the bank, the actual setting up of NOFHC and the bank, re-organization of the Promoter Group entities to bring the regulated financial services entities under the NOFHC as well as realignment of business among the entities under the NOFHC have to be completed within a period of 18 months from the date of in-principle approval or before commencement of banking business, whichever is earlier.

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