Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
8 अक्टूबर 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपायों; (ii) भुगतान और निपटान प्रणाली; (iii) ऋण प्रबंधन; और (iv) वित्तीय समावेशन और ग्राहक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है । I. चलनिधि उपाय 1. लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के लिए मांग पर विशेष दीर्घावधि रेपो परिचालन (एसएलटीआरओ) लघु वित्त बैंक (एसएफबी) व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को अंतिम ऋण प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। रेपो दर
8 अक्टूबर 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपायों; (ii) भुगतान और निपटान प्रणाली; (iii) ऋण प्रबंधन; और (iv) वित्तीय समावेशन और ग्राहक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है । I. चलनिधि उपाय 1. लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के लिए मांग पर विशेष दीर्घावधि रेपो परिचालन (एसएलटीआरओ) लघु वित्त बैंक (एसएफबी) व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को अंतिम ऋण प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। रेपो दर
8 अक्तूबर 2021 गवर्नर का वक्तव्य : 8 अक्तूबर 2021 महामारी की शुरुआत के बाद से यह मेरा बारहवां वक्तव्य है। इनमें से दो वक्तव्य मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) चक्र से बाहर थे - एक अप्रैल 2020 में कोविड-19 संकट के प्रकोप पर और दूसरा मई 2021 में दूसरी लहर के चरम पर। इसके अलावा, दो अवसरों पर – मार्च और मई 2020 – एमपीसी की बैठक को अर्थव्यवस्था को महामारी के कहर से बचाने के लिए पूर्वक्रीत कार्य करने के लिए आगे बढ़ाना पड़ा। इस अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने अद्वितीय संकट से निपट
8 अक्तूबर 2021 गवर्नर का वक्तव्य : 8 अक्तूबर 2021 महामारी की शुरुआत के बाद से यह मेरा बारहवां वक्तव्य है। इनमें से दो वक्तव्य मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) चक्र से बाहर थे - एक अप्रैल 2020 में कोविड-19 संकट के प्रकोप पर और दूसरा मई 2021 में दूसरी लहर के चरम पर। इसके अलावा, दो अवसरों पर – मार्च और मई 2020 – एमपीसी की बैठक को अर्थव्यवस्था को महामारी के कहर से बचाने के लिए पूर्वक्रीत कार्य करने के लिए आगे बढ़ाना पड़ा। इस अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने अद्वितीय संकट से निपट
6 अगस्त 2021 गवर्नर का वक्तव्य : 6 अगस्त 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 4, 5 और 6 अगस्त 2021 को हुई। उभरती घरेलू और वैश्विक समष्टि आर्थिक तथा वित्तीय स्थितियों एवं संभावनाओं के आकलन के आधार पर, एमपीसी ने नीति रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया। एमपीसी ने 5 - 1 के बहुमत से यह भी निर्णय लिया कि यह सुनिश्चित करते हुए कि मुद्रास्फीति भविष्य में लक्ष्य के भीतर बनी रहे, एमपीसी ने टिकाऊ आधार पर संवृद्धि को बनाए रखने एवं अर्थव्यव
6 अगस्त 2021 गवर्नर का वक्तव्य : 6 अगस्त 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 4, 5 और 6 अगस्त 2021 को हुई। उभरती घरेलू और वैश्विक समष्टि आर्थिक तथा वित्तीय स्थितियों एवं संभावनाओं के आकलन के आधार पर, एमपीसी ने नीति रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया। एमपीसी ने 5 - 1 के बहुमत से यह भी निर्णय लिया कि यह सुनिश्चित करते हुए कि मुद्रास्फीति भविष्य में लक्ष्य के भीतर बनी रहे, एमपीसी ने टिकाऊ आधार पर संवृद्धि को बनाए रखने एवं अर्थव्यव
4 जून 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 4 जून 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 2, 3 और 4 जून 2021 को बैठक की और उभरती समष्टिआर्थिक और वित्तीय स्थितियों के साथ-साथ महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव का आकलन किया। अपने आकलन के आधार पर, एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखते हुए यथास्थिति बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से मत दिया। एमपीसी ने यह सुनिश्चित करते हुए कि मुद्रास्फीति भविष्य में लक्ष्य के भीतर बनी रहे, एमपीसी ने टिकाऊ आधार पर संवृद्धि को बनाए रखने एवं अर्थव
4 जून 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 4 जून 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 2, 3 और 4 जून 2021 को बैठक की और उभरती समष्टिआर्थिक और वित्तीय स्थितियों के साथ-साथ महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव का आकलन किया। अपने आकलन के आधार पर, एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखते हुए यथास्थिति बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से मत दिया। एमपीसी ने यह सुनिश्चित करते हुए कि मुद्रास्फीति भविष्य में लक्ष्य के भीतर बनी रहे, एमपीसी ने टिकाऊ आधार पर संवृद्धि को बनाए रखने एवं अर्थव
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 02, 2025