Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
8 जून 2022 गवर्नर का वक्तव्य दिनांक 4 मई 2022 के अपने वक्तव्य में, मैंने उल्लेख किया था कि जैसे-जैसे हम इस कठिन दौर से गुजरते हैं, नई वास्तविकताओं के प्रति संवेदनशील होना और उन्हें अपने विचारों में शामिल करना आवश्यक है। यूरोप में युद्ध जारी है और हम हर गुजरते दिन नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जो वर्तमान आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को और बढ़ा रहीं है। परिणामस्वरूप, भोजन, ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हुई हैं। विश्व के सभी देश दशकीय उच्च मुद्रास्फीति और निरंतर मांग-आ
8 जून 2022 गवर्नर का वक्तव्य दिनांक 4 मई 2022 के अपने वक्तव्य में, मैंने उल्लेख किया था कि जैसे-जैसे हम इस कठिन दौर से गुजरते हैं, नई वास्तविकताओं के प्रति संवेदनशील होना और उन्हें अपने विचारों में शामिल करना आवश्यक है। यूरोप में युद्ध जारी है और हम हर गुजरते दिन नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जो वर्तमान आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को और बढ़ा रहीं है। परिणामस्वरूप, भोजन, ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हुई हैं। विश्व के सभी देश दशकीय उच्च मुद्रास्फीति और निरंतर मांग-आ
4 मई 2022 गवर्नर का वक्तव्य 8 अप्रैल 2022 के अपने वक्तव्य में मैंने यूरोप में युद्ध के कारण हुए विवर्तनिक परिवर्तनों का उल्लेख किया था, जिसने वैश्विक संवृद्धि और मौद्रिक नीति के परिचालन के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की थीं। जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ रहा है और प्रतिबंध और जवाबी कार्रवाई तेज हो रही है, कमोडिटी और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, कमी, आपूर्ति अव्यवस्था और, सबसे चेतावनीपूर्वक, सतत और बढ़ रहे मुद्रास्फीति के दबाव हर गुजरते दिन के साथ और अधिक तीव्र होते जा रहे हैं।
4 मई 2022 गवर्नर का वक्तव्य 8 अप्रैल 2022 के अपने वक्तव्य में मैंने यूरोप में युद्ध के कारण हुए विवर्तनिक परिवर्तनों का उल्लेख किया था, जिसने वैश्विक संवृद्धि और मौद्रिक नीति के परिचालन के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की थीं। जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ रहा है और प्रतिबंध और जवाबी कार्रवाई तेज हो रही है, कमोडिटी और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, कमी, आपूर्ति अव्यवस्था और, सबसे चेतावनीपूर्वक, सतत और बढ़ रहे मुद्रास्फीति के दबाव हर गुजरते दिन के साथ और अधिक तीव्र होते जा रहे हैं।
8 अप्रैल 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 8 अप्रैल 2022 दो वर्ष पहले मार्च 2020 में, हमने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के हमले से लड़ने के लिए एक यात्रा शुरू की। उसके बाद की अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने अशांत स्थितियों में अपने मार्ग को सफलतापूर्वक प्रशस्त किया है। जबकि महामारी ने हमारी मानसिकता को डरा दिया है और हमारे लचीलेपन का परीक्षण किया है, हमने महामारी की तीन लहरों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए साहसिक, अपरंपरागत और दृढ़ उपाय
8 अप्रैल 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 8 अप्रैल 2022 दो वर्ष पहले मार्च 2020 में, हमने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के हमले से लड़ने के लिए एक यात्रा शुरू की। उसके बाद की अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने अशांत स्थितियों में अपने मार्ग को सफलतापूर्वक प्रशस्त किया है। जबकि महामारी ने हमारी मानसिकता को डरा दिया है और हमारे लचीलेपन का परीक्षण किया है, हमने महामारी की तीन लहरों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए साहसिक, अपरंपरागत और दृढ़ उपाय
8 अप्रैल 2022 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपाय; (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण; तथा (iii) भुगतान और निपटान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. स्थायी जमा सुविधा की शुरुआत वर्ष 2018 में, आरबीआई अधिनियम की संशोधित धारा 17 ने रिज़र्व बैंक को एक अतिरिक्त उपकरण-स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ), बिना किसी संपार्श्विक के चलनिधि को अवशोषित करने के लिए शुरू करने का अधिकार दिया। आरबीआई पर
8 अप्रैल 2022 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपाय; (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण; तथा (iii) भुगतान और निपटान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. स्थायी जमा सुविधा की शुरुआत वर्ष 2018 में, आरबीआई अधिनियम की संशोधित धारा 17 ने रिज़र्व बैंक को एक अतिरिक्त उपकरण-स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ), बिना किसी संपार्श्विक के चलनिधि को अवशोषित करने के लिए शुरू करने का अधिकार दिया। आरबीआई पर
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 29, 2025