मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र
जुलाई 01, 2005
प्रधान मंत्री रोजगार योजना(प्रमंरोयो)पर मास्टर परिपत्र
मास्टर परिपत्रग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 01 /09.04.01/2005-06 01 जुलाई 2005सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अतिरिक्त)महोदय,प्रधान मंत्री रोजगार योजना(प्रमंरोयो)पर मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रधान मंत्री रोजगार योजना के परिचालन के संबंध में बैंकों को समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किए हैं । योजना के वर्तमान दिशानिर्देशों/ अनुदेशों/ निदेशों को संकलित करते हुए एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया था और इसे 31 जुलाई 2004 के हमारेपरिपत्र भारिब
मास्टर परिपत्रग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 01 /09.04.01/2005-06 01 जुलाई 2005सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अतिरिक्त)महोदय,प्रधान मंत्री रोजगार योजना(प्रमंरोयो)पर मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रधान मंत्री रोजगार योजना के परिचालन के संबंध में बैंकों को समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किए हैं । योजना के वर्तमान दिशानिर्देशों/ अनुदेशों/ निदेशों को संकलित करते हुए एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया था और इसे 31 जुलाई 2004 के हमारेपरिपत्र भारिब
जुलाई 01, 2005
भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक संपदा विभाग भुवनेश्वर निविदा सं - 01/ 2005बैंक के कार्यालय भवन के लिए अनुमानत: 20.00 लाख रूपये की लागतवाले ठइंटेलिजेंट एनालोग एड्रेसेबुल फायर अलार्म सिस्टमटड की आपूति, उसके लगाये जाने, परीक्षण और चालू किये जाने के लिए, जिन्हें छह माह के भीतर पूरा किया जाना है, दो भागों (भाग घ् और भाग घ्घ्) में मुहरबंद निविदाएँ आमंत्रित की जाती हैं ।केवल वैसे प्रतिष्ठान ही निविदा प्रस्तुत करने के पात्र हैं जो तत्समान स्वरूप के कार्य करने के न्यूनतम 3 वर्षों का
भारतीय रिजर्व बैंक संपदा विभाग भुवनेश्वर निविदा सं - 01/ 2005बैंक के कार्यालय भवन के लिए अनुमानत: 20.00 लाख रूपये की लागतवाले ठइंटेलिजेंट एनालोग एड्रेसेबुल फायर अलार्म सिस्टमटड की आपूति, उसके लगाये जाने, परीक्षण और चालू किये जाने के लिए, जिन्हें छह माह के भीतर पूरा किया जाना है, दो भागों (भाग घ् और भाग घ्घ्) में मुहरबंद निविदाएँ आमंत्रित की जाती हैं ।केवल वैसे प्रतिष्ठान ही निविदा प्रस्तुत करने के पात्र हैं जो तत्समान स्वरूप के कार्य करने के न्यूनतम 3 वर्षों का
जुलाई 01, 2005
मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं
भारिबैं / 2005-2006 /35 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 6/05.04.02/2005-06 जुलाई 1, 2005अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यकारी अधिकारी डसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अतिरिक्त)महोदय,मास्टर परिपत्र - प्रावफ्तिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देश वफ्पया दिनांक 7 जनवरी 2005 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी.71/ 05.04.02/2005-06 देखें जिसमें प्रावफ्तिक आपदाओं से प्रभावित क्
भारिबैं / 2005-2006 /35 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 6/05.04.02/2005-06 जुलाई 1, 2005अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यकारी अधिकारी डसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अतिरिक्त)महोदय,मास्टर परिपत्र - प्रावफ्तिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देश वफ्पया दिनांक 7 जनवरी 2005 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी.71/ 05.04.02/2005-06 देखें जिसमें प्रावफ्तिक आपदाओं से प्रभावित क्
जुलाई 01, 2005
विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण - मास्टर परिपत्र
भारतीय रिजर्व बैंक /2005-2006/11 बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी) सं. 02 /04.02.02/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927(शक) सभी वाणिज्य बैंक मबेदय, विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण - मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 01 सितंबर 2004 का एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. औनिऋअ. सं. 35/04.02.02/2004-05 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध बे सकें । मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेशों को 1 जुलाई 2005 तक अद्
भारतीय रिजर्व बैंक /2005-2006/11 बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी) सं. 02 /04.02.02/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927(शक) सभी वाणिज्य बैंक मबेदय, विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण - मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 01 सितंबर 2004 का एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. औनिऋअ. सं. 35/04.02.02/2004-05 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध बे सकें । मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेशों को 1 जुलाई 2005 तक अद्
जुलाई 01, 2005
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2005-06/15 संदर्भ मौनीवि. सं. 270/07.01.279/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र आपको विदित है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा से संबंधित मामलों के संबंध में बैंकों के लिए समय-समय पर अनेक दिशा निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए उपर्युक्त व
भारिबैं/2005-06/15 संदर्भ मौनीवि. सं. 270/07.01.279/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र आपको विदित है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा से संबंधित मामलों के संबंध में बैंकों के लिए समय-समय पर अनेक दिशा निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए उपर्युक्त व
जुलाई 01, 2005
मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँ
भारिबैं / 2005-06 /2 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 106/09.09.01/2005-061.7.2005सभी वाणिज्य बैंकमहोदय,मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँ भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएं देने के संबंध में समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों के पास वर्तमान अनुदेश एक साथ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी वर्तमान दिशानिदेशों/अनुदेशों/निदेशों को शामिल करते हुए ए
भारिबैं / 2005-06 /2 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 106/09.09.01/2005-061.7.2005सभी वाणिज्य बैंकमहोदय,मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँ भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएं देने के संबंध में समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों के पास वर्तमान अनुदेश एक साथ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी वर्तमान दिशानिदेशों/अनुदेशों/निदेशों को शामिल करते हुए ए
जुलाई 01, 2005
मास्टर परिपत्र - रुपया निर्यात ऋण
आरबीआइ /2005-2006/10 संदर्भ: बैंपविवि. डीआईआर. सं. 1/04.02.02/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी वाणिज्य बैंक मबेदय, मास्टर परिपत्र - रुपया निर्यात ऋण जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 12 अगस्त 2004 के पत्र संदर्भ : बैंपविवि. औनिऋक. सं. 27/04.02.02/2004-05 द्वारा एक मास्टर परिपत्र जारी किया था ताकि सभी वर्तमान अनुदेश बैंकों को एक ही जगह प्राप्त बे सकें । मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेशों को 1 जुलाई 2005 तक अद्यतन बना दिया ग
आरबीआइ /2005-2006/10 संदर्भ: बैंपविवि. डीआईआर. सं. 1/04.02.02/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी वाणिज्य बैंक मबेदय, मास्टर परिपत्र - रुपया निर्यात ऋण जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 12 अगस्त 2004 के पत्र संदर्भ : बैंपविवि. औनिऋक. सं. 27/04.02.02/2004-05 द्वारा एक मास्टर परिपत्र जारी किया था ताकि सभी वर्तमान अनुदेश बैंकों को एक ही जगह प्राप्त बे सकें । मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेशों को 1 जुलाई 2005 तक अद्यतन बना दिया ग
जुलाई 01, 2005
मास्टर परिपत्र - निर्यात ऋण - ग्राहक सेवा, निर्यात ऋण दिए जाने से संबंधित प्रािया का सरलीकरण और रिपोर्ट भेजने संबंधी अपेक्षाएँ
आरबीआई /2005-2006/12 बैंपविवि. डीआईआर. (निऋ.) सं. 3 /04.02.02/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी वाणिज्य बैंक प्रिय मबेदय,मास्टर परिपत्र - निर्यात ऋण - ग्राहक सेवा, निर्यात ऋण दिए जाने से संबंधित प्रक्रिया का सरलीकरण और रिपोर्ट भेजने संबंधी अपेक्षाएँ जैसा कि आप को ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 10 अगस्त 2004 के पत्र संदर्भ औनिऋअ. सं. 24/04.02.02/2004-05 द्वारा एक मास्टर परिपत्र जारी किया था ताकि सभी वर्तमान अनुदेश बैंकों को एक ही जग
आरबीआई /2005-2006/12 बैंपविवि. डीआईआर. (निऋ.) सं. 3 /04.02.02/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी वाणिज्य बैंक प्रिय मबेदय,मास्टर परिपत्र - निर्यात ऋण - ग्राहक सेवा, निर्यात ऋण दिए जाने से संबंधित प्रक्रिया का सरलीकरण और रिपोर्ट भेजने संबंधी अपेक्षाएँ जैसा कि आप को ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 10 अगस्त 2004 के पत्र संदर्भ औनिऋअ. सं. 24/04.02.02/2004-05 द्वारा एक मास्टर परिपत्र जारी किया था ताकि सभी वर्तमान अनुदेश बैंकों को एक ही जग
जुलाई 01, 2005
मास्टर परिपत्र - आवास वित्त
आरबीआई /2005-2006/13 संदर्भ: बैंपविवि. डीआईआर.(एचएसजी) सं.0 4/08.12.01/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी वाणिज्य बैंक मबेदय, मास्टर परिपत्र - आवास वित्त वफ्पया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 12 अगस्त 2004 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. औविऋअ. सं. 26/08.12.01/2004-2005 देखें । आज तक उक्त विषय पर जारी किए गए सभी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में शामिल करके इसे अद्यतन बना दिया गया है। भवदीय(पी. विजय भास्कर)मुख्य मबप्रबंधकआवास वित्त से संबंधित मास्टर परिपत्र प्रस्त
आरबीआई /2005-2006/13 संदर्भ: बैंपविवि. डीआईआर.(एचएसजी) सं.0 4/08.12.01/2005-06 1 जुलाई 2005 10 आषाढ़ 1927 (शक) सभी वाणिज्य बैंक मबेदय, मास्टर परिपत्र - आवास वित्त वफ्पया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 12 अगस्त 2004 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. औविऋअ. सं. 26/08.12.01/2004-2005 देखें । आज तक उक्त विषय पर जारी किए गए सभी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में शामिल करके इसे अद्यतन बना दिया गया है। भवदीय(पी. विजय भास्कर)मुख्य मबप्रबंधकआवास वित्त से संबंधित मास्टर परिपत्र प्रस्त
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 18, 2024
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022