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फ़र॰ 07, 2025
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 7 नवंबर 2024 के निदेश DOR.MON/D-68/12.23.283/2024-25 द्वारा 10 फरवरी 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 फरवरी 2025 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 7 नवंबर 2024 के निदेश DOR.MON/D-68/12.23.283/2024-25 द्वारा 10 फरवरी 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 फरवरी 2025 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

फ़र॰ 07, 2025
राज्य सरकार प्रतिभूतियों की नीलामी

निम्‍नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹18,319 करोड़ (अंकित मूल्‍य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है। क्र. सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) अवधि (वर्ष) नीलामी का प्रकार 1. बिहार 1000 12 प्रतिफल

निम्‍नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹18,319 करोड़ (अंकित मूल्‍य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है। क्र. सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) अवधि (वर्ष) नीलामी का प्रकार 1. बिहार 1000 12 प्रतिफल

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सिटीज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वास्को- दा- गामा, गोवा का टीजेएसबी सहकारी बैंक लिमिटेड के साथ स्वैच्छिक समामेलन को मंजूरी दी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सिटीज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वास्को- दा- गामा, गोवा का टीजेएसबी सहकारी बैंक लिमिटेड के साथ स्वैच्छिक समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 10 फरवरी 2025 (सोमवार) से लागू होगी। दि सिटीज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वास्को- दा- गामा, गोवा की सभी शाखाएँ 10 फरवरी 2025 से टीजेएसबी सहकारी बैंक लिमिटेड की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सिटीज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वास्को- दा- गामा, गोवा का टीजेएसबी सहकारी बैंक लिमिटेड के साथ स्वैच्छिक समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 10 फरवरी 2025 (सोमवार) से लागू होगी। दि सिटीज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वास्को- दा- गामा, गोवा की सभी शाखाएँ 10 फरवरी 2025 से टीजेएसबी सहकारी बैंक लिमिटेड की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पुणे कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र का पिंपरी चिंचवड़ सहकारी बैंक मर्यादित, पुणे, महाराष्ट्र के साथ स्वैच्छिक समामेलन को मंजूरी दी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पुणे कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सतारा (महाराष्ट्र) का पिंपरी चिंचवड़ सहकारी बैंक मर्यादित, पुणे (महाराष्ट्र) के साथ स्वैच्छिक समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 10 फरवरी 2025 (सोमवार) से लागू होगी। पुणे कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सतारा (महाराष्ट्र) की सभी शाखाएँ 10 फरवरी 2025 से पिंपरी चिंचवड़ सहकारी बैंक मर्यादित, पुणे (महाराष्ट्र) की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पुणे कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सतारा (महाराष्ट्र) का पिंपरी चिंचवड़ सहकारी बैंक मर्यादित, पुणे (महाराष्ट्र) के साथ स्वैच्छिक समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 10 फरवरी 2025 (सोमवार) से लागू होगी। पुणे कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सतारा (महाराष्ट्र) की सभी शाखाएँ 10 फरवरी 2025 से पिंपरी चिंचवड़ सहकारी बैंक मर्यादित, पुणे (महाराष्ट्र) की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।

फ़र॰ 07, 2025
91 दिवसीय, 182 दिवसीय और 364 दिवसीय खज़ाना बिलों की नीलामी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की: क्रम सं. खज़ाना बिल अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) नीलामी की तारीख निपटान की तारीख 1 91 दिवसीय 12,000 12 फरवरी 2025 (बुधवार) 13 फरवरी 2025 (गुरुवार) 2 182 दिवसीय 8,000 3 364 दिवसीय 8,000 कुल 28,000

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की: क्रम सं. खज़ाना बिल अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) नीलामी की तारीख निपटान की तारीख 1 91 दिवसीय 12,000 12 फरवरी 2025 (बुधवार) 13 फरवरी 2025 (गुरुवार) 2 182 दिवसीय 8,000 3 364 दिवसीय 8,000 कुल 28,000

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने करूर वैश्य बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 फरवरी 2025 के आदेश द्वारा करूर वैश्य बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंक ऋण प्रदान करने के लिए ऋण प्रणाली’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹8.30 लाख (आठ लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम,

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 फरवरी 2025 के आदेश द्वारा करूर वैश्य बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंक ऋण प्रदान करने के लिए ऋण प्रणाली’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹8.30 लाख (आठ लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम,

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडरल बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 फरवरी 2025 के आदेश द्वारा फेडरल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹27.30 लाख (सत्ताईस लाख तीस हजार रूपये मात्र)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 फरवरी 2025 के आदेश द्वारा फेडरल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹27.30 लाख (सत्ताईस लाख तीस हजार रूपये मात्र)

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीद की घोषणा की

दिनांक 27 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/2013 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, रिज़र्व बैंक 13 फरवरी 2025 को ₹20,000 करोड़ की समग्र राशि के लिए ओएमओ खरीद का आयोजन करेगा।

दिनांक 27 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/2013 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, रिज़र्व बैंक 13 फरवरी 2025 को ₹20,000 करोड़ की समग्र राशि के लिए ओएमओ खरीद का आयोजन करेगा।

फ़र॰ 07, 2025
दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी

दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।

दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– जनवरी 2025 ii) परि‍वारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– जनवरी 2025 iii) विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2024-25 की दुसरी तिमाही iv) 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– जनवरी 2025 ii) परि‍वारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– जनवरी 2025 iii) विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2024-25 की दुसरी तिमाही iv) 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण

फ़र॰ 07, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक – देयताएं और आस्तियां* (₹ करोड़) मद 2024 2025 घट-बढ़ 2 फरवरी 24 जनवरी 31 जनवरी सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार - 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 22237 20495 19332 -1163 -2905 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है। 

1. भारतीय रिज़र्व बैंक – देयताएं और आस्तियां* (₹ करोड़) मद 2024 2025 घट-बढ़ 2 फरवरी 24 जनवरी 31 जनवरी सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार - 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 22237 20495 19332 -1163 -2905 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है। 

फ़र॰ 07, 2025
7 फरवरी 2025 को आयोजित 56-दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी का परिणाम

अवधि 56-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,08,702 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 50,010 कट ऑफ दर (%) 6.31 भारित औसत दर (%) 6.35 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 89.08

अवधि 56-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,08,702 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 50,010 कट ऑफ दर (%) 6.31 भारित औसत दर (%) 6.35 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 89.08

फ़र॰ 07, 2025
सरकारी स्टॉक – नीलामी का पूर्ण परिणाम

नीलामी का परिणाम 6.92% जीएस 2039 7.09% जीएस 2054 I. अधिसूचित राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 210 170 (ii) राशि ₹ 26570.500 करोड़ ₹ 22296.500 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्‍य / प्रतिफल 100.57 100.56

नीलामी का परिणाम 6.92% जीएस 2039 7.09% जीएस 2054 I. अधिसूचित राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 210 170 (ii) राशि ₹ 26570.500 करोड़ ₹ 22296.500 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्‍य / प्रतिफल 100.57 100.56

फ़र॰ 07, 2025
सरकारी स्टॉक – नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

6.92% जीएस 2039 7.09% जीएस 2054 I. अधिसूचित राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य (₹) / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 100.57/6.8565% 100.56/7.0445% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य

6.92% जीएस 2039 7.09% जीएस 2054 I. अधिसूचित राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य (₹) / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 100.57/6.8565% 100.56/7.0445% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹12,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य

फ़र॰ 07, 2025
7 फरवरी 2025 को आयोजित दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी का परिणाम

अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013

अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 1,33,013

फ़र॰ 07, 2025
दिनांक 7 फरवरी 2025 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 7 फरवरी 2025  को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:       

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 7 फरवरी 2025  को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:       

फ़र॰ 07, 2025
रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाजारों के व्यापार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा’ पर कार्य दल

7 फरवरी 2025 के ‘विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य ’ के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाज़ारों में व्यापार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा करने के लिए एक कार्य दल के गठन की घोषणा की।

7 फरवरी 2025 के ‘विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य ’ के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाज़ारों में व्यापार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा करने के लिए एक कार्य दल के गठन की घोषणा की।

फ़र॰ 07, 2025
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ारों; (ii) साइबर सुरक्षा; और (iii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. वित्तीय बाज़ार 1. सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की शुरुआत पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक, बाजार सहभागियों को उनके ब्याज दर जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए उपलब्ध ब्याज दर डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) उत्पादों के समूह का विस्तार कर रहा है। ब्याज दर स्वैप के अलावा, ब्याज दर ऑप्शन, ब्याज दर फ्यूचर्स, ब्याज दर स्वैप्शन, वायदा दर करार आदि जैसे उत्पाद बाजार सहभागियों के लिए उपलब्ध हैं। हमें बाजार के अधिक विकास को सक्षम करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की अनुमति देने की आवश्यकता के बारे में प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ारों; (ii) साइबर सुरक्षा; और (iii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. वित्तीय बाज़ार 1. सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की शुरुआत पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक, बाजार सहभागियों को उनके ब्याज दर जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए उपलब्ध ब्याज दर डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) उत्पादों के समूह का विस्तार कर रहा है। ब्याज दर स्वैप के अलावा, ब्याज दर ऑप्शन, ब्याज दर फ्यूचर्स, ब्याज दर स्वैप्शन, वायदा दर करार आदि जैसे उत्पाद बाजार सहभागियों के लिए उपलब्ध हैं। हमें बाजार के अधिक विकास को सक्षम करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की अनुमति देने की आवश्यकता के बारे में प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।

फ़र॰ 07, 2025
गवर्नर का वक्तव्य: 7 फरवरी 2025

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक इस महीने की 5, 6 और 7 तारीख को संपन्न हुई। आपको यह विदित हैं कि एमपीसी की बैठक के पश्चात गवर्नर के वक्तव्य में न केवल नीतिगत दर और रुख के संबंध में एमपीसी का संकल्प शामिल होता है, बल्कि अन्य घोषणाएं और उपाय भी शामिल होते हैं, जिनका मौद्रिक और विनियामक नीतियों पर असर पड़ता है। एमपीसी का संकल्प निश्चित रूप से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की रुचि का विषय है, क्योंकि यह देश के लगभग सभी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। यह संकल्प एमपीसी के औचित्य और विचार प्रक्रिया को भी परिलक्षित करता है, और यह व्यवसायों, अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों और वित्त जगत के लिए प्रासंगिक होता है। एमपीसी से संबंधित इन घोषणाओं के अलावा, गवर्नर का वक्तव्य रिज़र्व बैंक के लिए अपनी प्राथमिकताओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है, जिस पर वह चाहता है कि विनियमित संस्थाएं अपना ध्यान केंद्रित करें। यह हितधारकों के लिए समस्या और चुनौतियों के क्षेत्रों को इंगित करने का अवसर है, जिस पर वे अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। यह रिज़र्व बैंक के लिए महत्वपूर्ण रुचिकर क्षेत्रों पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर है। मैं विस्तृत वक्तव्य की इस प्रथा को जारी रखूँगा।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक इस महीने की 5, 6 और 7 तारीख को संपन्न हुई। आपको यह विदित हैं कि एमपीसी की बैठक के पश्चात गवर्नर के वक्तव्य में न केवल नीतिगत दर और रुख के संबंध में एमपीसी का संकल्प शामिल होता है, बल्कि अन्य घोषणाएं और उपाय भी शामिल होते हैं, जिनका मौद्रिक और विनियामक नीतियों पर असर पड़ता है। एमपीसी का संकल्प निश्चित रूप से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की रुचि का विषय है, क्योंकि यह देश के लगभग सभी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। यह संकल्प एमपीसी के औचित्य और विचार प्रक्रिया को भी परिलक्षित करता है, और यह व्यवसायों, अर्थशास्त्रियों, शिक्षाविदों और वित्त जगत के लिए प्रासंगिक होता है। एमपीसी से संबंधित इन घोषणाओं के अलावा, गवर्नर का वक्तव्य रिज़र्व बैंक के लिए अपनी प्राथमिकताओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है, जिस पर वह चाहता है कि विनियमित संस्थाएं अपना ध्यान केंद्रित करें। यह हितधारकों के लिए समस्या और चुनौतियों के क्षेत्रों को इंगित करने का अवसर है, जिस पर वे अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। यह रिज़र्व बैंक के लिए महत्वपूर्ण रुचिकर क्षेत्रों पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर है। मैं विस्तृत वक्तव्य की इस प्रथा को जारी रखूँगा।

फ़र॰ 07, 2025
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2024-25 मौद्रिक नीति समिति का संकल्प 5 से 7 फरवरी 2025

मौद्रिक नीति निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 53वीं बैठक 5 से 7 फरवरी 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए। वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि: • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत किया जाए; परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.00 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 प्रतिशत समायोजित हो जाएगी;

मौद्रिक नीति निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 53वीं बैठक 5 से 7 फरवरी 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए। वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि: • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत किया जाए; परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.00 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 प्रतिशत समायोजित हो जाएगी;

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 04, 2025