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निम्नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹24,000 करोड़ (अंकित मूल्य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है।
19 मार्च 2024 को आयोजित राज्य सरकार प्रतिभूतियों की नीलामी का परिणाम निम्नानुसार है: (राशि ₹ करोड़ में) असम 2034 छत्तीसगढ़ 2032 छत्तीसगढ़ 2033 छत्तीसगढ़ 2034 अधिसूचित राशि 1000 1000 1000 1000 अवधि 10 8 9 10
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ और 'बड़े ऋण पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,31,80,000/- (एक करोड़ इकतीस लाख अस्सी हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा डीसीबी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63,60,000/- (तिरसठ लाख साठ हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 15 मार्च 2024 को मुंबई में भारतीय रिज़र्व बैंक लोकपालों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का विषय "उपभोक्ताओं की सुरक्षा - मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं का निर्माण" था। सम्मेलन में प्रमुख बैंकों, एनबीएफसी, गैर-बैंक भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों, एनपीसीआई से विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक और सीईओ, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आरबीआई लोकपालों और उप आरबीआई लोकपालों ने भाग लिया। श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने मासिक बुलेटिन का मार्च 2024 अंक आज जारी किया। बुलेटिन में चार भाषण, तीन आलेख, वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। तीन आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. महामारी-प्रेरित नीति प्रोत्साहन और मुद्रास्फीति: सीमा-पारीय परिप्रेक्ष्य ; III. भारत के प्रमुख आर्थिक संकेतकों में मौसमीपन । I. अर्थव्यवस्था की स्थिति कतिपय आघात-सहनीय अर्थव्यवस्थाओं की संवृद्धि धीमी होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो गई है तथा उच्च आवृत्ति संकेतक आने वाले समय में और अधिक समतलता की ओर इशारा कर रहे हैं। भारत में, 2023-24 की तीसरी तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि छह-तिमाही के उच्चतम स्तर पर थी, जो मजबूत गति, मजबूत अप्रत्यक्ष करों और अल्प सब्सिडी द्वारा संचालित थी। संरचनात्मक मांग की उच्च दृश्यता और स्वस्थ कॉर्पोरेट और बैंक तुलन-पत्र आगे चलकर संवृद्धि को गति देने वाली शक्तियां होंगी। भले ही मूल मुद्रास्फीति में वैविध्यपूर्ण सौम्यता के कारण मुद्रास्फीति कम हो रही है, लघु आयाम वाले खाद्य मूल्य दबावों की बार-बार होने वाली घटनाएं हेडलाइन मुद्रास्फीति में 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर तेजी से गिरावट को रोकती हैं।
जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ मूल्य (₹)/ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष) 1 असम 1000 1000 7.47 10 2 छत्तीसगढ़ 1000 1000 7.46 8 1000 1000 7.47 9 1000 1000 7.47 10 3 गोवा 100 100 7.47 10 4 हरियाणा 2000 2000 7.45 11 5 जम्मू और कश्मीर 200 200 7.47 20 6 कर्नाटक 2000 2000 7.45 11 2000 2000 7.45 13 2000 2000 7.46 14
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार @ मात्रा ( एक चरण ) भारित औसत दर सीमा क ओवरनाइट खंड (I+II+III+ IV) 5,35,523.536.564.00- 6.90 I. मांग मुद्रा 11,528.746.555.00- 6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,54,216.05
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज फरवरी 2024 माह के लिए स्वचालित मार्ग और अनुमोदन मार्ग दोनों के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश पर आंकड़े जारी किए है।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 0.00 - - I. मांग मुद्रा 0.00 - - II. ट्राइपार्टी रेपो 0.00 - - III. बाज़ार रेपो 0.00 - - IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 19, 2024