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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 मार्च 2025 के आदेश द्वारा दि जालना पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालना, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘स्वर्ण ऋण – एकबारगी चुकौती – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹0.75 लाख (पचहत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
कारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और प्रत्यय विषयक जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2025 के आदेश द्वारा दि को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, परालाखेमुंडी, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’
मार्च 2025 माह के दौरान प्राप्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा ब्याज दरों के आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 मार्च 2025 के आदेश द्वारा एनकेजीएसबी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों का प्रबंधन – शहरी सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹15.00 लाख (पंद्रह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
फरवरी 2025 माह के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्रवार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं। वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर देखें तो, खाद्येतर
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 21,392 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 21,392 कट ऑफ दर (%) 6.26 भारित औसत दर (%) 6.26 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत लागू नहीं
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,87,112.89 6.14 3.00-6.46 I. मांग मुद्रा 13,209.17 6.20 5.15-6.35 II. ट्राइपार्टी रेपो 4,14,106.80 6.10 5.60-6.26 III. बाज़ार रेपो 1,58,230.02 6.23 3.00-6.40 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,566.90 6.45 6.45-6.46
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत श्री महालक्ष्मी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, गोकक को दिनांक 26 सितंबर 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S4800/12-23-151/2024-2025 के माध्यम से 27 मार्च 2025 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 27 मार्च 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
दिनांक 6 फरवरी 2020 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के अनुच्छेद 1(x) के अनुसार, एकल प्राथमिक व्यापारियों (एसपीडी) को दिनांक 6 फरवरी 2020 के वर्तमान चलनिधि प्रबंधन ढांचे के अंतर्गत सभी एकदिवसीय चलनिधि प्रबंधन परिचालनों (सीमांत स्थायी सुविधा को छोड़कर) में भाग लेने की अनुमति दी गई थी। एसपीडी को मामला-दर-मामला आधार पर दीर्घावधि परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) परिचालनों और दैनिक वीआरआर जैसे अन्य परिचालनों में भी भाग लेने की अनुमति दी गई थी।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 02, 2025