माल/सॉफ्टवेयर/सेवाओं का निर्यात – निर्यात आगम राशि की वसूली एवं प्रत्यावर्तन की अवधि-विशेष आर्थिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठित निर्यातकों, ईओयू, ईएचटीपी, एसटीपी एवं बीटीपी में स्थित इकाइयों सहित निर्यातकों के लिए - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल/सॉफ्टवेयर/सेवाओं का निर्यात – निर्यात आगम राशि की वसूली एवं प्रत्यावर्तन की अवधि-विशेष आर्थिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठित निर्यातकों, ईओयू, ईएचटीपी, एसटीपी एवं बीटीपी में स्थित इकाइयों सहित निर्यातकों के लिए
आर.बी.आई./2014-15/306 20 नवंबर, 2014 सभी श्रेणी-I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया / महोदय, माल/सॉफ्टवेयर/सेवाओं का निर्यात – निर्यात आगम राशि की वसूली एवं प्रत्यावर्तन की अवधि-विशेष आर्थिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठित निर्यातकों, ईओयू, ईएचटीपी, एसटीपी एवं बीटीपी में स्थित इकाइयों सहित निर्यातकों के लिए सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (ए.डी. श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान निर्यात के पूर्ण मूल्य की वसूली एवं भारत में प्रत्यावर्तन की अवधि निर्यात की तारीख से छह महीने की अवधि को बढ़ाकर बारह महीने किए जाने से संबंधित 20 नवंबर 2012 के परिपत्र ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 52 की ओर आकृष्ट किया जाता है। यह छूट 31 मार्च 2013 तक उपलब्ध थी। इसके पश्चात, 20 मई 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 105 के द्वारा उक्त अवधि को निर्यात की तारीख से बारह महीने को घटाकर नौ महीने किया गया था, जो 30 सितंबर 2013 तक लागू थी । इसके अलावा 1 अप्रैल 2002 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 35, 1 नवंबर 2004 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 25, एवं 11 जून 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 108, के द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठित निर्यातकों, ईओयू, ईएचटीपी, एसटीपी एवं बीटीपी में स्थित इकाइयों को अपने माल/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के निर्यात का पूर्ण मूल्य निर्यात की तारीख से वसूलने एवं भारत में प्रत्यावर्तित करने की अवधि को बारह महीने किया गया था । 2. अब भारत सरकार के परामर्श से इस मामले की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि अब से अगली सूचना तक निर्यात वसूली एवं प्रत्यावर्तन की अवधि विशेष आर्थिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठित निर्यातकों, ईओयू, ईएचटीपी, एसटीपी एवं बीटीपी में स्थित इकाइयों सहित सभी निर्यातकों के लिए निर्यात की तारीख से नौ माह होगी । 3. भारत के बाहर स्थापित गोदामों के लिए किए गए निर्यात की सम्पूर्ण वसूली एवं भारत में प्रत्यावर्तन अवधि संबंधी मौजूदा प्रावधानों को यथावत रखा गया है । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I के बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबन्धित घटकों एवं ग्राहकों को अवगत कराएं । 5. इस परिपत्र में निहित दिशा-निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) एवं 11(1) के तहत एवं अन्य किसी कानून के तहत अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं । भवदीय, (सी. डी. श्रीनिवासन) |