मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी विवरणियाँ (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2016 - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी विवरणियाँ (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2016
भारिबैं/गैबैंपवि/2016-17/47 29 सितंबर 2016 अधिसूचना मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी विवरणियाँ (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2016 भारतीय रिजर्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि ऋण प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिजर्व बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45के, 45एल और 45एम द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इसको समर्थ करने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और एनबीएफ़सी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियों पर मास्टर परिपत्र के अधिक्रमण मे मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी विवरणियाँ (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 (निदेश ही) जारी करता है। 1 लघु शीर्षक और प्रारंभ ए) इन निदेशों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी विवरणियाँ (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 का नाम दिया जाएगा। बी) ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। 1. सभी एनबीएफसी निर्धारित समय सीमा के भीतर विभिन्न विवरणियाँ दाखिल करने के लिए एक रिपोर्टिंग प्रणाली रखेगी । 2. वार्षिक खातों के लेखापरीक्षा को अंतिम रूप देने / पूरा न होने जैसे किसी भी कारण से विवरणी की प्रस्तुति में विलंब नहीं होना चाहिए। 3. विवरणियों का संकलन कंपनी के खाते बहियों में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर होना चाहिए। 4. विवरणियाँ एनबीएफसी के निदेशक मंडल द्वारा इस संबंध में विशेष रूप से अधिकृत अधिकारी द्वारा ऑन-लाइन दायर की जाएंगी। 5. एनबीएफसी इस निदेश में निर्धारित समय-सीमा में बैंक को विवरणियाँ जमा करने का कड़ाई से पालन करेंगी, अन्यथा एनबीएफसी भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अध्याय V के प्रावधानों के तहत निर्धारित दंड की कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। 6. यह सावधानी से नोट किया जाए कि यदि एनबीएफसी द्वारा प्रस्तुत जानकारी / विवरण गलत पाया जाता है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक इस मामले में गंभीर रुख अपनाएगा। अध्याय - III गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा बैंक को जमा स्वीकरण, विवेकपूर्ण मानदंडों का अनुपालन, एएलएम आदि पर विभिन्न विवरणियाँ जमा करनी होती है । एनबीएफसी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली ऐसी विवरणियों की सूची निम्नानुसार हैं: 1. एनबीएस -1 विवरणियाँ (जमा लेने वाली एनबीएफसी द्वारा वित्तीय संकेतकों पर) : मास्टर निदेश – गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण - जमा स्वीकार नहीं करने तथा जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 के संदर्भ में सभी एनबीएफसी जो जमा स्वीकार और धारण करती हैं, को तिमाही आधार पर एनबीएस -1 विवरणी जमा करना अपेक्षित है। उद्देश्य: - वित्तीय विवरणों को एकत्रित करने के लिए, जैसे परिसंपत्तियों और देयताओं के घटक, लाभ और हानि खाते, संवेदनशील क्षेत्रों को एक्सपोजर इत्यादि 2. एनबीएस -2 विवरणी (जमा लेने वाली एनबीएफसी द्वारा विवेकपूर्ण मानदंडों पर): मास्टर निदेश – गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण - गैर-जमा स्वीकारक और जमा स्वीकारक कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 के संदर्भ में सभी एनबीएफसी जो जमा स्वीकार और धारण करती हैं, को तिमाही आधार पर एनबीएस -2 विवरणी जमा करना अपेक्षित है। उद्देश्य: - विभिन्न विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुपालन, जैसे पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति वर्गीकरण, प्रावधान, निवल स्वाधिकृत निधि आदि पर विवरण एकत्रित करने के लिए 3. एनबीएस -3 विवरणी (जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी द्वारा चल आस्तियों पर): भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45 आईबी (2) के प्रावधानों के संदर्भ में, जमा स्वीकार/धारण करने वाली सभी एनबीएफसी को तिमाही आधार पर एनबीएस -3 विवरणी जमा करना अपेक्षित है। उद्देश्य: - चल आस्तियों (केंद्रीय / राज्य सरकार की प्रतिभूति, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक आदि में सावधि जमा) में सांविधिक निवेश का विवरण प्राप्त करना। 4. एनबीएस -4 विवरणी (ऐसी एनबीएफसी, जिनका पंजीकरण प्रमाणपत्र बैंक द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है, उनके द्वारा सार्वजनिक जमा की स्थिति पर) : जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा सार्वजनिक जमा को स्वीकार / धारण किया जाता है, उनके द्वारा वार्षिक आधार पर प्रस्तुत किया जाना है। उद्देश्य: - अस्वीकृत एनबीएफसी-डी की सार्वजनिक जमा राशि के पुनर्भुगतान की स्थिति जानने के लिए- इस विवरणी को मांगा जाता है। 5. आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) विवरणी (जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के लिए) : सार्वजनिक जमा स्वीकार/धारण करने वाली एनबीएफसी जोकि 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक परिसंपत्ति या 31 मार्च को नवीनतम लेखापरीक्षित तुलन पत्र के अनुसार 20 करोड़ या उससे अधिक सार्वजनिक जमा धारण करती हो (उनके परिसंपत्ति का आकार चाहे कितना भी हो) वैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा यह विवरणी प्रस्तुत किया जाना है। आस्ति-देयता प्रबंधन विवरणी की आवधिकता अर्ध-वार्षिक होगी। उद्देश्य: - आस्ति देयता बेमेल और ब्याज दर जोखिम एक्सपोज़र से संबंधित मसलों को हल करने के लिए प्रभावी जोखिम प्रबंधन हेतु समग्र प्रणाली के हिस्से के रूप में एएलएम प्रणाली जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के लिए प्रारंभ किया गया है। 6. एनडीएसआई 500 करोड़ विवरणी (महत्वपूर्ण वित्तीय पैरामीटर पर): मास्टर निदेश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण - जमा स्वीकार नहीं करने वाली और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 के संदर्भ में, सभी एनबीएफसी-एनडी-एसआई को त्रैमासिक आधार पर एनडीएसआई 500 करोड़ विवरणी जमा करना अपेक्षित है। उद्देश्य: - आस्ति और देयता, लाभ और हानि खाता, संवेदनशील क्षेत्रों में एक्सपोजर, ऋण का क्षेत्रवार वितरण आदि घटकों से संबंधित वित्तीय विवरण एकत्रित करना। 7. एनबीएस -7 (एनबीएफसी-एनडी-एसआई द्वारा विवेकपूर्ण मानदंडों पर) : मास्टर निदेश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण - जमा स्वीकार नहीं करने वाली और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 के संदर्भ में, सभी एनबीएफसी-एनडी-एसआई को त्रैमासिक आधार पर एनबीएस -7 विवरणी जमा करना अपेक्षित है। उद्देश्य: - पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति वर्गीकरण, प्रावधान, एनओएफ आदि विभिन्न विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुपालन पर विवरण एकत्रित करना। 8. आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) विवरणी (एनबीएफसी-एनडी-एसआई के लिए) : एनबीएफसी-एनडी-एसआई को विभिन्न अंतरालों पर कई विवरणियाँ जमा करनी होती हैं: ए. अल्पकालिक गतिशील चलनिधि का विवरण [एनबीएस-एएलएम1] - तिमाही उद्देश्य: - आस्ति देयता बेमेल और ब्याज दर जोखिम एक्सपोज़र से संबंधित मसलों को हल करने के लिए प्रभावी जोखिम प्रबंधन हेतु समग्र प्रणाली के हिस्से के रूप में एएलएम प्रणाली जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के लिए आवश्यक किया गया है। 9. सांविधिक लेखा परीक्षक प्रमाण पत्र (एसएसी) : प्रत्येक एनबीएफसी प्रत्येक वर्ष अपने सांविधिक लेखा परीक्षक से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगी कि यह गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था के व्यवसाय में कारोबार करती है जिसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45-आईए के तहत जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र रखना आवश्यकता है। लेखापरीक्षकों से जानकारी प्राप्त करने के तरीके में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए, एसएसी का एकसमान स्वरूप निर्धारित किया गया है। एनबीएफसी को कॉसमॉस में वांछित जानकारी भरना होगा। इसके बाद, एसएसी को स्कैन कर "अपलोड रिपोर्ट" मेनू के तहत कॉसमॉस में अपलोड करने की आवश्यकता है। एसएसी का प्रारूप अनुबंध 1 में दिया गया है। उद्देश्य: निरंतर विनियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए। 10. शाखा सूचना विवरणी (एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी-एसआई के लिए) : एनबीएफसी-एनडी-एसआई और जमा स्वीकार/धारण करने वाली एनबीएफसी द्वारा त्रैमासिक आधार पर प्रस्तुत करना। उद्देश्य: एनबीएफसी की पहुँच और भौगोलिक फैलाव की जानकारी इकट्ठा करने के लिए 11. एफडीआई मानदंडों के अनुपालन संबंधी प्रमाण पत्र: विदेशी प्रत्यक्ष निवेश वाली एनबीएफसी को एफडीआई के मौजूदा नियमों और शर्तों के साथ अनुपालन के लिए अपने सांविधिक लेखापरीक्षक से अर्ध-वार्षिक आधार पर एक प्रमाण पत्र उस क्षेत्रीय कार्यालय में प्रस्तुत करना आवश्यकता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है । उद्देश्य: निर्धारित न्यूनतम पूंजीकरण मानदंडों के अनुपालन और इसकी गतिविधियों को फेमा के तहत निर्धारित गतिविधियों तक ही सीमित रखा जा रहा है अथवा नहीं संबंधी जानकारी एकत्र करने के लिए। 12. विदेशी निवेश विवरणी: विदेशी निवेश करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (जमा स्वीकार करने वाली और जमा स्वीकार नहीं करने वाली दोनों) त्रैमासिक आधार पर विदेशी निवेश विवरणी उस क्षेत्रीय कार्यालय को, जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी के पंजीकृत कार्यालय स्थित हैं और सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग (डीएसआईएम), केंद्रीय कार्यालय, मुम्बई को प्रस्तुत करेगी। विदेशी निवेश विवरणियों का प्रारूप अनुलग्नक 2 में दिया गया है। उपर्युक्त के अलावा, सांविधिक लेखा परीक्षकों से वार्षिक प्रमाणपत्र बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को एनबीएफसी द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा जो यह प्रमाणित करता है कि उसने मास्टर निदेश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण - जमा स्वीकार नहीं करने वाली और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 में निर्धारित सभी शर्तों का पूरी तरह से अनुपालन किया है । उद्देश्य: एनबीएफसी द्वारा विदेशी निवेश संबंधी विवरण प्राप्त करने के लिए 13. एआरसी विवरणी: बैंक के साथ पंजीकृत परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों द्वारा त्रैमासिक आधार पर प्रस्तुत किया जाना है। उद्देश्य: वित्तीय मापदंडों और विभिन्न परिचालनात्मक विवरणों जैसे कि संपत्ति (एनपीए) अधिग्रहण, अधिग्रहण लागत, उनकी वसूली स्थिति आदि संबंधी आंकड़े इकट्ठा करना। 14. एनबीएस-8 विवरण (₹ 100 करोड़ और ₹ 500 करोड़ के बीच संपत्ति आकार वाली एनबीएफसी द्वारा वित्तीय संकेतक संबंधी): ₹ 100 करोड़ से लेकर ₹ 500 करोड़ तक की संपत्ति आकार वाली एनबीएफसी (जमा स्वीकार नहीं करने वाली) द्वारा वार्षिक आधार पर प्रस्तुत किया जाएगा। उद्देश्य: - प्रोफ़ाइल संबंधी जानकारी और वित्तीय विवरणों अर्थात आस्ति और देयता, लाभ और हानि खाते, संवेदनशील क्षेत्रों में एक्सपोज़र, शाखा संबंधी सूचना आदि के आकड़े इकट्ठा करना 15. एनबीएस-9 विवरणियाँ (₹ 100 करोड़ के नीचे संपत्ति का आकार वाली एनबीएफसी द्वारा वित्तीय संकेतकों पर): ₹ 100 करोड़ से कम आस्ति आकार वाली एनबीएफसी (जमा स्वीकार नहीं करने वाली) द्वारा वार्षिक आधार पर प्रस्तुत किया जाना है। उद्देश्य: - प्रोफ़ाइल संबंधी जानकारी और वित्तीय विवरणों अर्थात आस्ति और देयता, लाभ और हानि खाते, संवेदनशील क्षेत्रों में एक्सपोज़र, शाखा संबंधी सूचना आदि के आकड़े इकट्ठा करना 16. एनबीएस -1 ए और एनबीएस -3 ए विवरणी (आरएनबीसी द्वारा वित्तीय संकेतकों से संबंधित) तिमाही आधार पर अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियों (आरएनबीसी) द्वारा प्रस्तुत किए जाने के लिए उद्देश्य: - वित्तीय विवरणों अर्थात आस्ति और देयता, लाभ और हानि खाते, संवेदनशील क्षेत्रों में एक्सपोजर, चल आस्तियों में वैधानिक निवेश आदि संबंधी आकड़े इकट्ठा करना 17. सीआरआईएलसी और एसएमए -2 विवरणी (बड़े खातों पर दबाव की जल्दी पहचान संबंधी) सभी एनबीएफसी-एनडी-एसआई, एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-फैक्टर्स को एक्सबीआरएल एप्लिकेशन (https://125.18.33.234/orfsxbrl/customer/index.jsp) के माध्यम से सीआरआईएलसी विवरणी त्रैमासिक आधार पर ऑनलाइन रिपोर्ट करना आवश्यक है। डेटा में उन सभी उधारकर्ताओं पर क्रेडिट जानकारी शामिल है जिनके पास निधि-आधारित और गैर-निधि आधारित कुल निवेश 5 करोड़ और उससे अधिक है तथा उधारकर्ता की स्थिति एसएमए की है। ध्यान दें कि 'शून्य' विवरणी प्रस्तुत करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, संबंधित एनबीएफसी को सभी एसएमए -2 खातों को (मास्टर निदेश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण - जमा स्वीकार नहीं करने वाली और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 में परिभाषित किए अनुसार) उस शुक्रवार को रिपोर्ट करने की आवश्यकता है जिस सप्ताह में सर्वप्रथम संबंधित खाता एसएमए -2 श्रेणी में आया है। यदि शुक्रवार को छुट्टी है, तो वे सप्ताह के पूर्ववर्ती कार्य दिवस पर इसे रिपोर्ट करेंगे। उद्देश्य: वित्तीय दबाव की जल्दी पहचान करना, समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाना और ऋणदाताओं के लिए उचित वसूली की सुविधा प्रदान करना। 18. ब्याज दर वायदा लेनदेन पर विवरण अपने अंतर्निहित एक्सपोज़र्स को हेजिंग के लिए आईआरएफ एक्सचेंजों में भाग लेने वाली एनबीएफसी को अनुबंध 3 में दिए गए प्रारूप में गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय में अर्ध वार्षिक विवरण छमाही की समाप्ति के एक माह के भीतर प्रस्तुत करना होगा, जिनके अधिकार क्षेत्र में उनकी कंपनी पंजीकृत है। उद्देश्य: ब्याज दर फ्यूचर मार्केट में एनबीएफसी की भागीदारी की सीमा जानने के लिए। नोट: बैंक ने बैंक की वेबसाइट https://cosmos.rbi.org.in पर विवरणियों जैसे, एनबीएस -1, एनबीएस -2, एनबीएस -3, एनबीएस 1 ए, एनबीएस 3 ए, एनबीएस -7, एनबीएस -8, एनबीएस-9, एएलएम विवरणी, शाखा सूचना विवरणी, एससीआरसी विवरणी, सांविधिक लेखा परीक्षक प्रमाण पत्र के प्रारूप प्रदर्शित किए है। संबंधित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कॉसमॉस एप्लीकेशन द्वारा निर्दिष्ट विवरणियाँ ऑनलाइन प्रस्तुत करना आवश्यक है। एनबीएफसी-डी -> जमा स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी); एनबीएफसी-एनडी-> जमा स्वीकार नहीं करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां एनबीएफसी-एनडी-एसआई – ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) जो सार्वजनिक जमा स्वीकार/धारण नहीं कर रही हैं और जिनकी परिसंपत्ति का आकार ₹ 500 करोड़ और उससे अधिक है (इसे प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण एनबीएफसी या संक्षेप में एनबीएफसी-एनडी-एसआई भी कहा जाता है) आरएनबीसी - > अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियां एनबीएफसी की अलग-अलग श्रेणियों के लिए विवरणियों का विवरण और उनकी आवधिकता निम्नलिखित तालिका में समेकित की गई है। ए. एनबीएफसी-डी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ: -
बी. एनबीएफसी-एनडी-एसआई द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ : -
सी. एनबीएफसी-एआरसी द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विवरण: -
डी. एनबीएफसी-एनडी द्वारा जमा किए जाने वाले विवरण - 100 करोड़ रूपए से ₹ 500 करोड़ संपत्ति का आकार
ई. एनबीएफसी-एनडी द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले विवरणियों का ब्योरा- 100 करोड़ के नीचे संपत्ति का आकार
एफ. आरएनबीसी द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विवरणियों का विवरण
जी. संबंधित एनबीएफसी द्वारा अन्य विवरणियाँ
अध्याय IV 1. प्रत्येक विविध गैर-बैंकिंग कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि को एक लेखा-परीक्षित तुलन-पत्र और उस वर्ष के संबंध में कंपनी द्वारा सामान्य बैठक में पारित किया गया लेखापरीक्षित लाभ और हानि खाते को निदेशक मंडल की रिपोर्ट के साथ रिजर्व बैंक को ऐसी बैठक के पंद्रह दिनों के भीतर प्रस्तुत करेगी जोकि कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) की धारा 217 (1) के संदर्भ में ऐसी बैठक में कंपनी के समक्ष रखी गई थी। 2. उपरोक्त पैराग्राफ के प्रावधानों के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, प्रत्येक विविध गैर-बैंकिंग कंपनी [जमाराशि धारण करने या स्वीकार करने वाली] दिए गए प्रारूप में रिज़र्व बैंक को विनिर्दिष्ट जानकारी एक वार्षिक विवरणी में प्रस्तुत करेंगे। विवरणी का प्रारूप /en/web/rbi/forms पर उपलब्ध है। 3. (i) प्रत्येक विविध गैर-बैंकिंग कंपनी, इन दिशानिर्देशों के प्रभावी होने से या एक व्यवसाय के प्रारंभ से, जो भी बाद में हो, रिज़र्व बैंक को एक लिखित विवरण प्रस्तुत करेगी, जिसमें एक सूची होगी : - (ए) इसके प्रमुख अधिकारियों के नाम और आधिकारिक पदनाम; (बी) कंपनी के निदेशकों के नाम और आवासीय पते; तथा (सी) उप पैरा (1) में निर्दिष्ट विवरणियाँ कंपनी की ओर से हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत अधिकारियों का नमूना हस्ताक्षर, (ii) इस उप-पैरा के खंड (i) में उल्लिखित सूची में कोई भी बदलाव ऐसे परिवर्तन की घटना से एक माह के भीतर रिज़र्व बैंक को सूचित किया जाए। 4. इन निर्देशों के अनुसरण में रिज़र्व बैंक को जमा या प्रस्तुत करने के लिए जरूरी कोई बैलेंस शीट, विवरणियाँ या सूचना रिज़र्व बैंक [गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग] के उस क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत अथवा जमा की जाएगी जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है। इन निदेश के प्रावधानों को प्रभावी करने के प्रयोजन के लिए, बैंक, यदि आवश्यक समझता है, तो इसमे शामिल किसी भी बात के साथ-साथ बैंक द्वारा दिए गए निदेशों के किसी प्रावधान की व्याख्या के संबंध में आवश्यक स्पष्टीकरण जारी कर सकता है जो अंतिम और सभी संबंधित पक्षों पर बाध्यकारी होगा । इन निदेशों का उल्लंघन अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई को आमंत्रित करेगा। इसके अलावा, ये प्रावधान तत्समय प्रवृत्त किसी भी अन्य कानूनों, नियमों, विनियमों या निदेश के प्रावधानों के अलावा होंगे और उन्हें न्यूनप्रभावी नहीं करेंगे । 1. इन निदेशों के जारी करने पर, बैंक द्वारा जारी किए गए परिशिष्ट में उल्लिखित परिपत्र में निहित अनुदेश / दिशानिर्देश निरस्त कर दिए गए। 2. उक्त उल्लिखित परिपत्र के तहत दिए गए सभी अनुमोदन /स्वीकरण, इन निदेशों के अनुसार दिए गए माने जाएंगे। 3. सभी निरस्त परिपत्रों के बारे में यह माना जाएगा कि वे इन निदेशों के प्रभाव में आने से पहले प्रभाव में थे। मास्टर निदेश जारी करने के साथ निरस्त परिपत्र या उसके हिस्से की सूची।
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