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मास्टर परिपत्र

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जुल॰ 01, 2014
मास्टर परिपत्र - बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआई/2014-15/75 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 20/21.04.141/2014-15 1 जुलाई 2014 10 आषाढ़ 1936 (शक) सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड कृपया आप 1 जुलाई 2013 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.8/21.04.141/2013-2014 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों से संबंधित विषयों पर
आरबीआई/2014-15/75 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 20/21.04.141/2014-15 1 जुलाई 2014 10 आषाढ़ 1936 (शक) सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड कृपया आप 1 जुलाई 2013 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.8/21.04.141/2013-2014 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों से संबंधित विषयों पर
जुल॰ 01, 2014
Master Circular - Prudential Norms on Capital Adequacy - Basel I Framework
RBI/2014-15/76 DBOD.No.BP.BC.4/21.01.002/2014-15 July 1, 2014 All Local Area Banks Dear Sir, Master Circular - Prudential Norms on Capital Adequacy - Basel I Framework Please refer to the Master Circular No. DBOD.BP.BC.21/21.01.002/2013-14 dated July 1, 2013 consolidating instructions / guidelines issued till June 30, 2013 on matters relating to prudential norms on capital adequacy under Basel I framework. 2. The Master Circular has been suitably updated by incorporat
RBI/2014-15/76 DBOD.No.BP.BC.4/21.01.002/2014-15 July 1, 2014 All Local Area Banks Dear Sir, Master Circular - Prudential Norms on Capital Adequacy - Basel I Framework Please refer to the Master Circular No. DBOD.BP.BC.21/21.01.002/2013-14 dated July 1, 2013 consolidating instructions / guidelines issued till June 30, 2013 on matters relating to prudential norms on capital adequacy under Basel I framework. 2. The Master Circular has been suitably updated by incorporat
जुल॰ 01, 2014
बैंककारी वि‍नि‍यमन अधि‍नि‍यम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधि‍करण के संबंध में मास्टर परि‍पत्र
आरबीआई/2014-15 / 77 बैंपवि‍वि‍. सं. बीएपीडी.बीसी. 7/22.01.001/2014-15 1 जुलाई 2014 10 आषाढ़ 1935(शक) सभी वाणि‍ज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंककारी वि‍नि‍यमन अधि‍नि‍यम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधि‍करण के संबंध में मास्टर परि‍पत्र कृपया 1 जुलाई 2013 का मास्टर परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍. सं. बीएपीडी. बीसी. 18/22.01.001/2013-14 देखें जि‍समें 30 जून 2013 तक बैंकों को शाखा प्राधि‍करण पर जारी अनुदेशों /दि‍शानि‍र्देशों को समेकि‍त कि‍या गया है। उपर्युक्त मा
आरबीआई/2014-15 / 77 बैंपवि‍वि‍. सं. बीएपीडी.बीसी. 7/22.01.001/2014-15 1 जुलाई 2014 10 आषाढ़ 1935(शक) सभी वाणि‍ज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंककारी वि‍नि‍यमन अधि‍नि‍यम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधि‍करण के संबंध में मास्टर परि‍पत्र कृपया 1 जुलाई 2013 का मास्टर परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍. सं. बीएपीडी. बीसी. 18/22.01.001/2013-14 देखें जि‍समें 30 जून 2013 तक बैंकों को शाखा प्राधि‍करण पर जारी अनुदेशों /दि‍शानि‍र्देशों को समेकि‍त कि‍या गया है। उपर्युक्त मा
जुल॰ 01, 2014
मास्‍टर परिपत्र – प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण
भारिबैं/2014-15/95 ग्राआऋवि.केंका.प्लान.बीसी.10/04.09.01/2014-15 1 जुलाई 2014 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी [सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)] महोदय, मास्‍टर परिपत्र – प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में बैंकों को समय-समय पर कई दिशा-निर्देश / अनुदेश / निदेश जारी किए हैं । बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प
भारिबैं/2014-15/95 ग्राआऋवि.केंका.प्लान.बीसी.10/04.09.01/2014-15 1 जुलाई 2014 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी [सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)] महोदय, मास्‍टर परिपत्र – प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में बैंकों को समय-समय पर कई दिशा-निर्देश / अनुदेश / निदेश जारी किए हैं । बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प
जुल॰ 01, 2014
Master Circular - Guidelines for Issue of Certificates of Deposit
RBI/2014-15/99 IDMD.PCD. 05/14.01.03/2014-15 July 1, 2014 All market participants Dear Sir / Madam, Master Circular - Guidelines for Issue of Certificates of Deposit With a view to further widening the range of money market instruments and giving investors greater flexibility in deployment of their short-term surplus funds, Certificates of Deposit (CDs) were introduced in India in 1989. Guidelines for issue of CDs are presently governed by various directives issued by
RBI/2014-15/99 IDMD.PCD. 05/14.01.03/2014-15 July 1, 2014 All market participants Dear Sir / Madam, Master Circular - Guidelines for Issue of Certificates of Deposit With a view to further widening the range of money market instruments and giving investors greater flexibility in deployment of their short-term surplus funds, Certificates of Deposit (CDs) were introduced in India in 1989. Guidelines for issue of CDs are presently governed by various directives issued by
जुल॰ 01, 2014
मास्टर परिपत्र-धोखाधड़ी-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में धोखाधड़ी निरोधक निगरानी के लिए भावी दृष्टिकोण
भारिबैं/2014-15/44 गैबैंपवि.नीति प्रभा.कंपरि. सं.385/03.10.042/2014-15 1 जुलाई 2014 जमाराशियाँ स्वीकारने वाली सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित) तथा एनबीएफसी-एनडी-एसआई महोदय, मास्टर परिपत्र-धोखाधड़ी-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में धोखाधड़ी निरोधक निगरानी के लिए भावी दृष्टिकोण जैसा कि आप विदित है कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं. 283 जारी किया था, उसे अब 3
भारिबैं/2014-15/44 गैबैंपवि.नीति प्रभा.कंपरि. सं.385/03.10.042/2014-15 1 जुलाई 2014 जमाराशियाँ स्वीकारने वाली सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित) तथा एनबीएफसी-एनडी-एसआई महोदय, मास्टर परिपत्र-धोखाधड़ी-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में धोखाधड़ी निरोधक निगरानी के लिए भावी दृष्टिकोण जैसा कि आप विदित है कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं. 283 जारी किया था, उसे अब 3
जुल॰ 01, 2014
मास्टर परिपत्र – फेमा,1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउंडिंग
आरबीआई/2014-15/1 मास्टर परिपत्र सं. 9/2014-15 1 जुलाई 2014 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक तथा प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र – फेमा,1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउंडिंग विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउडिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके जरिये आवेदक फेमा, 1999 की धारा 13 (1) के तहत फेमा, 1999 के किसी प्रावधान के स्वीकृत उल्लंघन की कंपांउडिंग के लिए आवेदन कर सकता है। 2. यह मास्टर परिपत्र "फेमा, 1999 के तहत उल्लंघ
आरबीआई/2014-15/1 मास्टर परिपत्र सं. 9/2014-15 1 जुलाई 2014 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक तथा प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र – फेमा,1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउंडिंग विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउडिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके जरिये आवेदक फेमा, 1999 की धारा 13 (1) के तहत फेमा, 1999 के किसी प्रावधान के स्वीकृत उल्लंघन की कंपांउडिंग के लिए आवेदन कर सकता है। 2. यह मास्टर परिपत्र "फेमा, 1999 के तहत उल्लंघ
जुल॰ 01, 2014
मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों (WOS) में प्रत्यक्ष निवेश
भारिबैं/2014-15/2 मास्टर परिपत्र सं. 11/2014-15 01 जुलाई 2014 (4 जुलाई 2014 तक अद्यतन) सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों (WOS) में प्रत्यक्ष निवेश समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 (19 नवंबर 2004 का जीएसआर 757 (E) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 के
भारिबैं/2014-15/2 मास्टर परिपत्र सं. 11/2014-15 01 जुलाई 2014 (4 जुलाई 2014 तक अद्यतन) सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं/कंपनियों (WOS) में प्रत्यक्ष निवेश समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 (19 नवंबर 2004 का जीएसआर 757 (E) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 के
जुल॰ 01, 2014
मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार
आरबीआई/2014-15/3 मास्टर परिपत्र सं.12/2014 -15 1 जुलाई 2014 (21 नवंबर 2014 तक अद्यतन) सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अ
आरबीआई/2014-15/3 मास्टर परिपत्र सं.12/2014 -15 1 जुलाई 2014 (21 नवंबर 2014 तक अद्यतन) सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अ
जुल॰ 01, 2014
माल और सेवाओं के आयात के संबंध में मास्टर परिपत्र
भारिबैंक/2014-15/4 मास्टर परिपत्र सं.13/2014-15 1 जुलाई 2014 (30 अप्रैल 2015 तक अद्यतन) सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया /महोदय, माल और सेवाओं के आयात के संबंध में मास्टर परिपत्र भारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381(ई) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता) नियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र मे
भारिबैंक/2014-15/4 मास्टर परिपत्र सं.13/2014-15 1 जुलाई 2014 (30 अप्रैल 2015 तक अद्यतन) सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया /महोदय, माल और सेवाओं के आयात के संबंध में मास्टर परिपत्र भारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381(ई) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता) नियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र मे

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 19, 2024

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