प्रेस प्रकाशनी - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनी
16 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, बाबरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, बाबरा, गुजरात (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26 ए (2) और 'निदेशकों, रिश्तेदारों, फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम, 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'सहकारी बैंक - जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि में पात्र राशि अंतरित नहीं की, (ii) एक ऐसे व्यक्ति को ऋण सुविधा स्वीकृत की जहां बैंक के निदेशकों में से एक का रिश्तेदार गारंटीकर्ता था, (iii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, (iv) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर पार्टी एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, और (v) बैंक में दावा न किए गए अवधि के लिए परिपक्व अदत्त मीयादी जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान नहीं किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों और निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बीआर अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1120
16 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, बाबरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, बाबरा, गुजरात (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26 ए (2) और 'निदेशकों, रिश्तेदारों, फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम, 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'सहकारी बैंक - जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि में पात्र राशि अंतरित नहीं की, (ii) एक ऐसे व्यक्ति को ऋण सुविधा स्वीकृत की जहां बैंक के निदेशकों में से एक का रिश्तेदार गारंटीकर्ता था, (iii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, (iv) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर पार्टी एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, और (v) बैंक में दावा न किए गए अवधि के लिए परिपक्व अदत्त मीयादी जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान नहीं किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों और निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बीआर अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1120
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा दि संतरागाछी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा दि संतरागाछी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
6 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विद्यासागर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा विद्यासागर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आवास वित्त’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा किसी एकल उधारकर्ता को दिए जाने वाले आवास ऋण की मात्रा की सीमा संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुपालन में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1067
6 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विद्यासागर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा विद्यासागर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आवास वित्त’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा किसी एकल उधारकर्ता को दिए जाने वाले आवास ऋण की मात्रा की सीमा संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुपालन में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1067
6 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कर्णावती को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि कर्णावती को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम - ज़मानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों' और 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
6 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कर्णावती को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि कर्णावती को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम - ज़मानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों' और 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा दि गणदेवी पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नवसारी, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा दि गणदेवी पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नवसारी, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोधरा, जिला पंचमहल, गुजरात
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोधरा, जिला पंचमहल, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'न्यासों और संस्थाओं को दान जहां निदेशक, उनके रिश्तेदार पद पर हैं या हित रखते हैं' और 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम- जमानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक- स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.50 लाख (तीन लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) एक न्यास, जिसमें बैंक का एक निदेशक न्यासी था, को दान दिया और (ii) ऐसे ऋण स्वीकृत किए, जिनमें बैंक के निदेशकों के रिश्तेदार गारंटीकर्ता थे। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1030
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोधरा, जिला पंचमहल, गुजरात
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोधरा, जिला पंचमहल, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'न्यासों और संस्थाओं को दान जहां निदेशक, उनके रिश्तेदार पद पर हैं या हित रखते हैं' और 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम- जमानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक- स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.50 लाख (तीन लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) एक न्यास, जिसमें बैंक का एक निदेशक न्यासी था, को दान दिया और (ii) ऐसे ऋण स्वीकृत किए, जिनमें बैंक के निदेशकों के रिश्तेदार गारंटीकर्ता थे। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1030
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मणिनगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा मणिनगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'सहकारी बैंक - जमाराशि पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मणिनगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा मणिनगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'सहकारी बैंक - जमाराशि पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सर्वोदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मोदसा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि सर्वोदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मोदसा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम- जमानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक- स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'जमाराशियों पर ब्याज दर- निदेश 2016' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सर्वोदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मोदसा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि सर्वोदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मोदसा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम- जमानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक- स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'जमाराशियों पर ब्याज दर- निदेश 2016' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने धानेरा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धानेरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा धानेरा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धानेरा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम, 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम- जमानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक- स्पष्टीकरण' और 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.50 लाख (छह लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) अपने निदेशकों/ उनके रिश्तेदारों और साथ ही, जिसमें उनके रिश्तेदार गारंटीकर्ता थे, को ऋण सुविधाएं स्वीकृत कीं (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, और (iii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर-पार्टी एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1033
3 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने धानेरा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धानेरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा धानेरा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धानेरा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम, 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम- जमानतदार/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक- स्पष्टीकरण' और 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.50 लाख (छह लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) अपने निदेशकों/ उनके रिश्तेदारों और साथ ही, जिसमें उनके रिश्तेदार गारंटीकर्ता थे, को ऋण सुविधाएं स्वीकृत कीं (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, और (iii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर-पार्टी एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1033
21 सितंबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सिटीजन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि सिटीजन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू (बैंक) पर 'पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों तथा 'एक्सपोजर मानदंड एवं सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक’ के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
21 सितंबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सिटीजन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि सिटीजन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू (बैंक) पर 'पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों तथा 'एक्सपोजर मानदंड एवं सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक’ के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 29, 2025