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मई 22, 2020
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 20 से 22 मई 2020
22 मई 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 20 से 22 मई 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (22 मई 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.40 प्रतिशत से 40 आधार अंक कम करके तत्काल प्रभाव से 4.0 प्रतिशत कर दिया जाए; तदनुसार, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.65 प्रतिशत से घटकर 4.25 प्रतिशत हो गई; और एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती
22 मई 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 20 से 22 मई 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (22 मई 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.40 प्रतिशत से 40 आधार अंक कम करके तत्काल प्रभाव से 4.0 प्रतिशत कर दिया जाए; तदनुसार, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.65 प्रतिशत से घटकर 4.25 प्रतिशत हो गई; और एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती
मई 22, 2020
विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधित वक्तव्य - 22 मई 2020
22 मई 2020 विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधित वक्तव्य - 22 मई 2020 यह वक्तव्य बाजारों और बाजार सहभागियों के कामकाज में सुधार; निर्यात और आयात को बढ़ावा देने के उपाय; COVID-19 व्यवधानों के कारण वित्तीय दबाव को कम करने के लिए ऋण सेवा पर राहत प्रदान करने और कार्यशील पूंजी तक पहुंच में सुधार; और राज्य सरकारों को हो रही वित्तीय कठिनाइयों को कम करने हेतु विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है। I. बाजार की कार्यप्रणाली में सुधार के उपाय इन उप
22 मई 2020 विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधित वक्तव्य - 22 मई 2020 यह वक्तव्य बाजारों और बाजार सहभागियों के कामकाज में सुधार; निर्यात और आयात को बढ़ावा देने के उपाय; COVID-19 व्यवधानों के कारण वित्तीय दबाव को कम करने के लिए ऋण सेवा पर राहत प्रदान करने और कार्यशील पूंजी तक पहुंच में सुधार; और राज्य सरकारों को हो रही वित्तीय कठिनाइयों को कम करने हेतु विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है। I. बाजार की कार्यप्रणाली में सुधार के उपाय इन उप
मई 08, 2020
पहली छमाही की शेष अवधि के लिए विपणन योग्य दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम हेतु संशोधित कैलेंडर (11 मई-30 सितंबर 2020)
08 मई 2020 पहली छमाही की शेष अवधि के लिए विपणन योग्य दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम हेतु संशोधित कैलेंडर (11 मई-30 सितंबर 2020) केंद्र सरकार की नकद स्थिति और आवश्यकताओं की समीक्षा करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार ने, वित्त वर्ष 2020-21 (11 मई- 30 सितंबर 2020) की पहली छमाही की शेष अवधि के लिए सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम के लिए सांकेतिक कैलेंडर को संशोधित करने का निर्णय लिया है। संशोधित निर्गम कैलेंडर निम्नानुसार है। भारत सरकार क
08 मई 2020 पहली छमाही की शेष अवधि के लिए विपणन योग्य दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम हेतु संशोधित कैलेंडर (11 मई-30 सितंबर 2020) केंद्र सरकार की नकद स्थिति और आवश्यकताओं की समीक्षा करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार ने, वित्त वर्ष 2020-21 (11 मई- 30 सितंबर 2020) की पहली छमाही की शेष अवधि के लिए सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गम के लिए सांकेतिक कैलेंडर को संशोधित करने का निर्णय लिया है। संशोधित निर्गम कैलेंडर निम्नानुसार है। भारत सरकार क
मई 01, 2020
शिवजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को जारी निदेश - अवधि का विस्तार
1 मई 2020 शिवजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को जारी निदेश - अवधि का विस्तार शिवजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के (दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19) के माध्‍यम से दिनांक 4 मई 2019 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा
1 मई 2020 शिवजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को जारी निदेश - अवधि का विस्तार शिवजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के (दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19) के माध्‍यम से दिनांक 4 मई 2019 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा
अप्रैल 30, 2020
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्धारित दर प्रतिवर्ती रेपो और एमएसएफ़ विंडो बढ़ाया
30 अप्रैल 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्धारित दर प्रतिवर्ती रेपो और एमएसएफ़ विंडो बढ़ाया रिज़र्व बैंक ने 30 मार्च की प्रेस प्रकाशनी 2019-2020/2147 के माध्यम से निर्धारित दर प्रतिवर्ती रेपो और एमएसएफ़ परिचालनों की समयावधि बढ़ाई। COVID-19 के कारण जारी व्यवधानों के मद्देनजर, अगली सूचना तक संशोधित समय को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/2295
30 अप्रैल 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्धारित दर प्रतिवर्ती रेपो और एमएसएफ़ विंडो बढ़ाया रिज़र्व बैंक ने 30 मार्च की प्रेस प्रकाशनी 2019-2020/2147 के माध्यम से निर्धारित दर प्रतिवर्ती रेपो और एमएसएफ़ परिचालनों की समयावधि बढ़ाई। COVID-19 के कारण जारी व्यवधानों के मद्देनजर, अगली सूचना तक संशोधित समय को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/2295
अप्रैल 30, 2020
रिज़र्व बैंक ने ट्रंकेटेड बाजार कार्य समय का विस्तार किया
30 अप्रैल 2020 रिज़र्व बैंक ने ट्रंकेटेड बाजार कार्य समय का विस्तार किया मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में लॉकडाउन के विस्तार या सीमित तरीके से प्रतिबंधों में ढील की संभावना है। परिचालन संबंधी अव्यवस्थाओं और स्वास्थ्य जोखिमों के बढ़ते स्तर को देखते हुए, आवागमन पर निरंतर प्रतिबंध लगाने, घर से कार्य करने की व्यवस्थाओं और व्यावसायिक निरंतरता की योजनाओं के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि संशोधित कारोबार समय अर्थात्, रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाजारों के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 2
30 अप्रैल 2020 रिज़र्व बैंक ने ट्रंकेटेड बाजार कार्य समय का विस्तार किया मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में लॉकडाउन के विस्तार या सीमित तरीके से प्रतिबंधों में ढील की संभावना है। परिचालन संबंधी अव्यवस्थाओं और स्वास्थ्य जोखिमों के बढ़ते स्तर को देखते हुए, आवागमन पर निरंतर प्रतिबंध लगाने, घर से कार्य करने की व्यवस्थाओं और व्यावसायिक निरंतरता की योजनाओं के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि संशोधित कारोबार समय अर्थात्, रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित बाजारों के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 2
अप्रैल 29, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
29 अप्रैल 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-3/12.22.163/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 29 अक्टूबर 2018 की कारोबार समाप्ति से छ: माह के लिए निदेशाधीन रखा गया था तथा ये निदेश समीक्षाधीन थे। पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 16 अक्
29 अप्रैल 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-3/12.22.163/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 29 अक्टूबर 2018 की कारोबार समाप्ति से छ: माह के लिए निदेशाधीन रखा गया था तथा ये निदेश समीक्षाधीन थे। पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 16 अक्
अप्रैल 28, 2020
रिज़र्व बैंक के कर्मचारियों ने PM CARES फंड में 7.30 करोड़ रुपये का योगदान दिया
28 अप्रैल 2020 रिज़र्व बैंक के कर्मचारियों ने PM CARES फंड में 7.30 करोड़ रुपये का योगदान दिया COVID-19 महामारी और सामान्य आर्थिक गतिविधि में संबंधित अव्यवस्था ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और उनकी आजीविका के साधनों को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए, जैसे कि COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न हुआ है, भारत सरकार ने विभिन्न स्रोतों से योगदान प्राप्त करने के लिए एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्
28 अप्रैल 2020 रिज़र्व बैंक के कर्मचारियों ने PM CARES फंड में 7.30 करोड़ रुपये का योगदान दिया COVID-19 महामारी और सामान्य आर्थिक गतिविधि में संबंधित अव्यवस्था ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और उनकी आजीविका के साधनों को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए, जैसे कि COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न हुआ है, भारत सरकार ने विभिन्न स्रोतों से योगदान प्राप्त करने के लिए एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्
अप्रैल 27, 2020
रिज़र्व बैंक ने म्युचुअल फंड (एसएलएफ-एमएफ) के लिए 50,000 करोड़ की विशेष चलनिधि सुविधा की घोषणा की
27 अप्रैल 2020 रिज़र्व बैंक ने म्युचुअल फंड (एसएलएफ-एमएफ) के लिए ₹ 50,000 करोड़ की विशेष चलनिधि सुविधा की घोषणा की सीओवीआईडी-19 की प्रतिक्रिया में पूंजी बाजारों में भारी अस्थिरता ने म्यूचुअल फंड (एमएफ) पर चलनिधि का दबाव डाला है, जिसके मद्देनजर कुछ ऋण एमएफ पर समापन संबंधी मोचन दबाव और इसके संभावित संक्रामक प्रभाव तेज हो गए हैं। हालाँकि, दबाव इस स्तर पर उच्च जोखिम वाले ऋण एमएफ खण्ड तक ही सीमित है; अधिकतर उद्योग में तरलता बनी रही है। 2. रिज़र्व बैंक ने कहा है कि वह सतर्क ह
27 अप्रैल 2020 रिज़र्व बैंक ने म्युचुअल फंड (एसएलएफ-एमएफ) के लिए ₹ 50,000 करोड़ की विशेष चलनिधि सुविधा की घोषणा की सीओवीआईडी-19 की प्रतिक्रिया में पूंजी बाजारों में भारी अस्थिरता ने म्यूचुअल फंड (एमएफ) पर चलनिधि का दबाव डाला है, जिसके मद्देनजर कुछ ऋण एमएफ पर समापन संबंधी मोचन दबाव और इसके संभावित संक्रामक प्रभाव तेज हो गए हैं। हालाँकि, दबाव इस स्तर पर उच्च जोखिम वाले ऋण एमएफ खण्ड तक ही सीमित है; अधिकतर उद्योग में तरलता बनी रही है। 2. रिज़र्व बैंक ने कहा है कि वह सतर्क ह
अप्रैल 20, 2020
वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से सितंबर 2020) की पहली छमाही के शेष समय के लिए भारत सरकार की डब्ल्यूएमए सीमा की समीक्षा
20 अप्रैल 2020 वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से सितंबर 2020) की पहली छमाही के शेष समय के लिए भारत सरकार की डब्ल्यूएमए सीमा की समीक्षा COVID-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से सितंबर 2020) की पहली छमाही के शेष समय के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) की सीमा को संशोधित कर ₹ 2,00,000 करोड़ किया जाएगा। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 20
20 अप्रैल 2020 वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से सितंबर 2020) की पहली छमाही के शेष समय के लिए भारत सरकार की डब्ल्यूएमए सीमा की समीक्षा COVID-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से सितंबर 2020) की पहली छमाही के शेष समय के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) की सीमा को संशोधित कर ₹ 2,00,000 करोड़ किया जाएगा। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 20

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 31, 2024